आपदा के तहत अति संवेदनशील प्रभावितों को पुनर्वास की सीएम से मिली मंजूरी

चार जिलों में आपदा के दृष्टिगत अत्यधिक संवेदनशील प्रभावित परिवारों को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सुरक्षित स्थानों पर विस्थापन और पुनर्वास की अनुमति दी है। इसके लिए आपदा प्रबंधन की ओर से भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार मानक मदों के अनुसार धनराशि भी जारी करने की मंजूरी दी है।

टिहरी जिले के अत्यधिक संवेदनशील ग्राम बेथाण नामे तोक के चार प्रभावित परिवारों के विस्थापन-पुनर्वास नीति के तहत विस्थापित करने के राज्य स्तरीय पुनर्वास समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। इसके तहत चार परिवारों को नए स्थान पर पुनर्वास किया जाना है। इन परिवारों के भवन निर्माण, गौशाला निर्माण और विस्थापन भत्ता के लिए मुख्यमंत्री ने 17 लाख की धनराशि की संस्तुति की है। इनमें से दो परिवार वर्तमान में संयुक्त रूप से एक ही मकान में रहते हैं लेकिन विस्थापन में इन्हें अलग-अलग पुनर्वास की सुविधा मिलेगी।

बागेश्वर जिले के तहसील कपकोट के अंतर्गत अत्यधिक संवेदनशील ग्राम मल्लादेश के चार परिवारों के आवासीय भवनों को खतरा उत्पन्न होने के कारण पुनर्वास किए जाने के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री ने अनुमोदित कर दिया है। जिलाधिकारी बागेश्वर की ओर से 2018 की बरसात के दौरान इन परिवारों के मकान अतिवृष्टि और भूस्खलन के कारण अत्यधिक संवेदनशील की श्रेणी में आ गए थे। पुनर्वास नीति,2011 के अनुसार शासन को भेजे प्रस्ताव पर राज्य पुनर्वास समिति की बैठक में मुहर लग चुकी है।

चमोली जिले के तहसील थराली के आपदा प्रभावित अति संवेदनशील ग्राम फल्दिया गांव के 12 परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर पुनर्वासित किए जाने के लिए 51 लाख की धनराशि के प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री ने सहमति दी है। इसमें पुनर्वास नीति के तहत मानक मदों के अनुसार प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख रुपए, गौसाला निर्माण के लिए 15 हजार तथा विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए की संस्तुति की गई है।

चमोली जिले के ही तहसील गैरसैंण के आपदाग्रस्त ग्राम सनेड लगा जिनगोडा के प्रभावित परिवार के पुनर्वास के प्रस्ताव को भी उचित पाया गया। राज्य आपदा पुनर्वासन समिति की बैठक में पहले ही इस पर अनुमोदन दिया गया है। मुख्यमंत्री ने भी इस प्रस्ताव को सहमति देते हुए प्रभावित परिवार को सुरक्षित स्थान पर विस्थापित करने की संस्तुति दी है।

उत्तरकाशी के तहसील डूंडा के अत्यंत संवेदनशील ग्राम अस्तल के 30 प्रभावित परिवारों को अन्यत्र सुरक्षित स्थान पर विस्थापित किए जाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 1 करोड़ 25 लाख 10 हजार की राशि के प्रस्ताव पर सहमति दी है। पुनर्वास नीति के तहत प्रति परिवार भवन निर्माण के लिए 4 लाख, गौशाला निर्माण के लिए 15 हजार और विस्थापन भत्ता 10 हजार रुपए दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की के सहयोग से भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के संचालन पर होने वाले व्यय के लिए 45 लाख जारी करने पर सहमति दी है। मुख्यमंत्री की सहमति के बाद आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सचिव एस.ए. मुरूगेशन की ओर से इसका जीओ भी जारी कर दिया गया है।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के माध्यम से यह प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजा गया था। राज्य में भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र के क्रियान्वयन के लिए भारतीय प्रौद्योगिक संस्थान रुड़की द्वारा 15 भूकंप सेंसर लगाए गए थे। जो वर्तमान में खराब हो गए हैं। इन्हें बदलने के लिए 45 लाख का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसमें यह साफ किया गया है कि इस धनराशि का गलत उपयोग होने पर निदेशक आईआईटी रुड़की का उत्तरदायित्व होगा।

राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय के लिए 56 लाख रूपए स्वीकृत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत जनपद हरिद्वार में जिला महिला चिकित्सालय में 200 शैयायुक्त मातृ एवं शिशु वार्ड के निर्माण कार्य के लिये प्रथम किस्त के रूप में 07 करोड़ की धनराशि की स्वीकृति प्रदान की है। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राजकीय महाविद्यालयों में ई-ग्रंथालय की स्थापना के लिये प्रथम किस्त के रूप में 56 लाख रूपये की स्वीकृति प्रदान की है।

मुख्यमंत्री ने विकासखण्ड भटवाड़ी के अन्तर्गत राजकीय इण्टर कालेज मुस्टिक सौड़ में बहुउदेश्यीय भवन के निर्माण हेतु 10 लाख की धनराशि स्वीकृत करने के साथ ही देहरादून से मसूरी ट्रैकिंग मार्ग के विकास व सौन्दर्यीकरण हेतु 75.90 लाख की वित्तीय स्वीकृति प्रदान करने के साथ ही 30 लाख अवमुक्त किये जाने की स्वीकृति प्रदान की है।

इसके साथ ही जनपद पौड़ी के विकासखण्ड कोट के ग्राम घिड़ी में 02 कक्षों के विश्राम गृह का निर्माण कार्य हेतु 24.63 लाख, विधानसभा क्षेत्र कलियर के वट वृक्ष शहीद स्मारक जहां स्वतंत्रता संग्राम सेनानी को फांसी दी गयी थी, उक्त शहीद स्मारक का सौन्दर्यीकरण किये जाने हेतु 15.55 लाख की स्वीकृति प्रदान की गई है। पर्यटन विभाग के अन्तर्गत जनपद उत्तरकाशी में 34 नग अस्थाई फ्लैक्सी शौचालयों व मूत्रालयों का निर्माण व मरम्मत हेतु 18.98 लाख की वित्तीय स्वीकृति भी मुख्यमंत्री ने प्रदान की है।

राज्य सरकार माफिया तंत्र से मुक्ति के लिए संकल्पबद्धः सीएम

हमें भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने की जरूरत है। माफिया तंत्रों जो अवैध रूप से प्रदेश के अन्दर घुसने का प्रयास करते हैं, चाहे नशा माफिया हो, खनन माफिया हो, वन माफिया हो इनके खिलाफ एक होकर हमें लड़ना है। राज्य सरकार माफिया तंत्र से मुक्ति के लिए संकल्पबद्ध है। सरदार बल्लभ भाई पटेल का जीवन हमें प्रेरणा और बल देगा। यह बात मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन में राष्ट्रीय एकता दिवस के अवसर पर रैति परेड में प्रतिभाग के दौरान कही।

उन्होंने परेड का निरीक्षण किया व राष्ट्रीय एकता की शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री ने पोखरी थाना को सर्वश्रेष्ठ थाना चयनित होने पर ट्रॉफी एवं एक लाख रूपये का चेक देकर सम्मानित किया। पुलिस के अधिकारियों को अग्निशमन के क्षेत्र में विशिष्ट पदक तथा सेवा पदक, उत्कृष्ट विवेचना एवं उत्कृष्ट अनावरण के पदकों से सम्मानित किया।

उन्होंने कहा कि सरदार बल्लभ भाई पटेल ने देश की आजादी के लिए लंबा संघर्ष किया। आजादी के बाद उन्होंने मजबूत इच्छा शक्ति से देश की रियासतों को मुख्यधारा से जोड़ने का कार्य किया। किसी भी देश, राज्य एवं बल की मजबूती के लिए एकता होना सबसे जरूरी है। समाज की शक्ति एकता से ही बढ़ती है। सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने समाज के हर वर्ग के समान विकास के लिए प्रयास किये। उन्होंने प्रशासनिक तंत्र और पुलिस को मजबूती देने का कार्य किया। कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से सरदार वल्लभ भाई पटेल के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का सपना साकार हो रहा है।

इस अवसर पर सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी, विधायक हरबंस कपूर, गणेश जोशी, खजान दास, मुन्ना सिंह चैहान, मेयर सुनील उनियाल गामा, नरेश बंसल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।

माटी कला के लिए प्रदेश में खुलने प्रशिक्षण केंद्र, मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीनें दी जाएंगी

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मोथरावाला रोड, स्थित माटी कला बोर्ड कार्यालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारी कला के लिए विद्युत चालित चाक वितरित किये। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि माटी कला के लिए प्रदेश में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोला जायेगा। माटी कला बोर्ड को मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीने दी जायेंगी। उन्होंने कहा कि मिट्टी के कार्यों से जुड़े शिल्पकारों का एक डाटा बेस बनना चाहिए। ऐसे स्थान चिन्हित किये जाय जहां पर इस शिल्प पर आधारित कार्य अधिक हो रहे हैं एवं मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए उपयुक्त मिट्टी वाले स्थानों को चिन्हित करना जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि तकनीक के साथ इस शिल्प को कैसे और उभारा जा सकता है, इस दिशा में प्रयासों की जरूरत है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक के कार्यों के महत्व को जानती है। हमें अपनी विशेषज्ञता वाले कार्यों से अपनी पहचान को बढ़ाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बढ़ी है। त्योहारों का सीजन और उसके बाद हरिद्वार कुंभ में मिट्टी के उपकरणों की डिमांड बहुत तेजी से बढ़ेगी। बाजार की मांग के हिसाब से पूर्ति की व्यवस्था हो। उन्होंने कहा कि सरकारी कार्यालयों में भी मिट्टी के उपकरणों एवं गमलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।

विधायक विनोद चमोली ने कहा कि माटी के कार्य से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मेलों में माटी कला बोर्ड के स्टॉल लगने चाहिए। जिससे इस कार्य से जुड़े लोगों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिलेगी।

माटी कला बोर्ड के उपाध्यक्ष शोभाराम प्रजापति ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा जो भी जन कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं, सभी योजनाओं में गरीबों के हितों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। उन्होंने मिट्टी के कार्य से जुड़े लोगों की प्रमुख समस्याओं के बारे में जानकारी दी।

उत्तराखंड में फिल्म सिटी बनाने में अभिनेत्री भाग्यश्री ने जताई इच्छा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुख्यमंत्री आवास में फिल्म अभिनेत्री भाग्यश्री एवं उनके पति हिमालय दासानी ने भेंट की। उन्होंने उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी के क्षेत्र में कार्य करने की इच्छा जताई। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्मी हस्तियों का रूझान बढ़ा है। राज्य में युवाओं को फिल्म के क्षेत्र में विभिन्न प्रशिक्षण दिये जाय तो युवा इस क्षेत्र में अच्छा करियर बना सकते हैं। उन्होंने कहा कि फिल्म क्षेत्र के साथ ही आर्गेनिक उत्पादों के क्षेत्र में भी उत्तराखण्ड में काफी सम्भावनाएं हैं। उत्तराखण्ड में ऑर्गनिक नेचर को बढ़ावा देना जरूरी है। ऑर्गेनिक उत्पादों की डिमांड बहुत अधिक है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनाने के लिए भूमि तलाशी जा रही है। फिल्म सिटी के लिए भूमि अधिक चाहिए एवं इसके लिए स्थान भी एयरपोर्ट से कम दूरी पर तलाशने के प्रयास किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड के युवाओं को सही दिशा देने की जरूरत है। यदि उन्हें यहां पर फिल्म के क्षेत्र में प्रशिक्षण मिलता है, तो वे इस क्षेत्र में अच्छा भविष्य बना सकते हैं। उत्तराखण्ड में फिल्म सिटी बनने से लोगों की आर्थिकी में भी सुधार होगा। इस अवसर पर विधायक गोपाल रावत, सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, मुख्यमंत्री के विशेष सचिव डॉ. पराग मधुकर धकाते, अपर सचिव आशीष चैहान आदि मौजूद रहे।