कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएंः सीएस

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु की अध्यक्षता में सचिवालय में मुख्यमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना 2023- 24 के तहत् राज्य स्तरीय अनुमोदन समिति की बैठक आयोजित हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि कृषि और बागवानी के क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराने को असीम संभावनाएं हैं। कृषि और बागवानी के क्षेत्र में अधिक से अधिक योजनाओं का लाभ कृषकों को उपलब्ध कराने हेतु सम्बन्धित विभाग सक्रिय भूमिका निभाएं।

मुख्य सचिव ने प्रदेश में फार्म मशीनरी बैंकों की सफलता को देखते हुए योजना से प्रदेश को परिपूर्ण किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष कम से कम 50 करोड़ का बजट का प्रावधान किया जाए, ताकि अगले 5 वर्षों में प्रदेश को सैचुरेट किया जा सके। उन्होंने फार्म मशीनरी बैंकों की जिम्मेदारी स्वयं सहायता समूहों के साथ-साथ सहकारी समितियों (पैक्स) को भी दिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने प्रदेश में पावर टिलर और पावर वीडर की मांग को देखते हुए इसके लिए भी बजट बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता के लिए नियोजन विभाग में सूचीबद्ध एजेंसियों द्वारा थर्ड पार्टी मूल्यांकन अनिवार्य रूप से करवाया जाए।

इस अवसर पर सचिव डॉ. बी. वी. आर. सी. पुरुषोत्तम एवं विनोद कुमार सुमन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कंट्रोल रूम से जनवद वार प्रत्येक दिन की आपदा के नुकसान का आंकलन करेंः गणेश जोशी

प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि एवं कृषक कल्याण विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की गई।
बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को दिशा निर्देश देते हुए कहा कि किसान हमारा अन्नदाता है और भारी बारिश से किसान को हुए नुकसान की भरपाई करना सरकार की जिम्मेदारी है। मंत्री ने कृषि सचिव तथा कृषि महानिदेशक को 27 जुलाई को प्रभावित क्षेत्र में कैंप करने और विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री ने निदेशालय स्तर के अधिकारियों को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए गढ़वाल मंडल में उत्तरकाशी के पुरोला तथा कुमाऊं मंडल के नैनीताल के प्रभावित क्षेत्र में राजस्व की टीम के साथ सर्वेक्षण कर रिपोर्ट प्रेषित करने के भी निर्देश दिए। बैठक में मंत्री ने निदेशालय स्तर पर स्थापित कंट्रोल रूम के माध्यम से जनपद वार प्रत्येक दिन की आपदा के नुकसान का आंकलन किया जाए।
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि आपदा के मानकों के पुनरीक्षण करने पर विचार करते हुए भू-राजस्व, सिंचाई, विद्युत बिल को माफ करना एवं राज्य स्तर पर टॉपअप आदि के माध्यम से किसानों को स्पेशल पैकेज के ज़रिए सहायता की जाएगी। उन्होंने कहा हरिद्वार जनपद के आपदा प्रभावित में कुछ जगह पर यह देखा गया कि सिडकुल और शुगर मिल का केमिकल से कृषि को बहुत ज्यादा क्षति हुई है। इस संबंध में मंत्री ने डीएम हरिद्वार को पॉल्यूशन विभाग से जांच कराने के निर्देश दिए गए। मंत्री ने कहा किसानों को फलसों के बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित किया जाए, फसल बीमा का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार के भी निर्देश दिए।
बैठक में अधिकारियों द्वारा यह भी अवगत कराया गया कि अब तक प्रदेश में सेब की पेटियों की मांग 5.10 लाख आई हैं, इसके सापेक्ष विभाग द्वारा अबतक 2.20 लाख की आपूर्ति की जा चुकी है।
इस अवसर पर कृषि सचिव दीपेंद्र चौधरी, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाकर विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के दिए निर्देश

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के कृषि अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

बैठक में कृषि मंत्री जोशी ने किसान सम्मान निधि में जिन किसानों की ईकेवाईसी होनी शेष है उनकी जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए। कृषि मंत्री जोशी ने जिला कृषि अधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से वार्ता कर किसानों की ईकेवाईसी संबंधित औपचारिकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग से आ रही दिक्कतों को एक सप्ताह के भीतर दूर करने के सख्त निर्देश दिए। मंत्री ने किसान सम्मान निधि में राजस्व विभाग से आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए अपर सचिव को प्रदेश के सभी डीएम को पत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने सभी जिले के कृषि अधिकारियों को जिलाधिकारी के संपर्क में रहने और पटवारी को शामिल कर राजस्व से आ रही समस्या को शीघ्र समाधान करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद यह ज्ञात हुआ कि तहसील स्तर पर सत्यापन के कार्य न हो पाने से किसानों को दिक़्क़त हो रही है। मंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियो को निर्देशित किया कि न्यायपंचायत स्तर के कर्मचारियों को गाँव-गाँव जाकर किसान सम्मान निधि के पात्र व्यक्तियों का सत्यापन करे।

मंत्री जोशी ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान निधि में अब तक 84ः किसान ईकेवाईसी की औपचारिकताएं पूर्ण कर चुके हैं। मंत्री ने कहा पिछले वर्ष सेल्फ रजिस्ट्रेशन में 1 लाख 43 हजार 266 केस पेंडिंग थे, जो अब मात्र 32 हजार केस पेंडिंग है। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि राजस्व विभाग की सक्रियता से अब 1 सप्ताह के भीतर सभी कार्य पूर्ण कर दिए जायेंगे।

मंत्री जोशी ने कहा कि जहां देश के प्रधानमंत्री किसानों की चिंता कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद किसानों की की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूर्ण करने के लिये प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा मैं कृषि मंत्री होने के नाते लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहा हूं और जो शेष कार्य है और वह शीघ्र ही पूर्ण कर लिए जाएंगे।

बैठक में अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक केसी पाठक सहित सभी जिलो के मुख्य कृषि अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने पर मोटा अनाज उत्पादन करने वाले किसानों को मिलेगा बड़ा लाभ

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारत सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दिये जाने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भारत सरकार का आभार व्यक्त किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मोटे अनाज (मण्डुआ) के 0.096 लाख मीट्रिक टन की प्रोक्योरमेंट की अनुमति मिलने से राज्य में मिलेट (मोटा अनाज) उत्पादन करने वाले किसानों को बडा लाभ मिलेगा। मण्डुवा, पौष्टिकता से भरपूर होता है। किसानों से खरीद कर मिड डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और लोगों को उपलब्ध कराया जा सकेगा। इससे राज्य के किसानों की आय में बढोतरी तो होगी ही साथ ही स्कूलो के बच्चों और ज़रूरतमंदों को पोष्टिक आहार भी मिलेगा।

गौरतलब है कि राज्य सरकार ने इसी महीने भारत सरकार के सार्वजनिक वितरण मंत्रालय को फसल वर्ष 2022-23 के मोटे अनाज के प्रोक्योरमेंट के लिए प्लान प्रेषित किया गया था। भारत सरकार ने उत्तराखण्ड के प्रोक्योरमेंट प्लान को स्वीकार करते हुए मोटे अनाज के 0.096 लाख मीट्रिक टन के प्रोक्योरमेंट की अनुमति दी है। यह प्रोक्योरमेंट भली भांति हो, इसके लिए खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग, मंडी परिषद, सहकारी समितियों, महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग को आपसी समन्वय से काम करने के निर्देश दिये गये हैं। इसमें जिलाधिकारियों की विशेष भूमिका रहेगी। मण्डुवा के प्रोक्योरमेंट की यह अनुमति फसल वर्ष 2022-23 के लिए दी गई है। मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3574 रुपये प्रति कुंतल निर्धारित है। यह राज्य सरकार द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों के कृषकों की आमदनी बढ़ाने हेतु अभिनव प्रयास सिद्ध होगा। प्रथम चरण में राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में पायलेट योजना के अन्तर्गत जनपद अल्मोड़ा एवं पौड़ी के कृषकों से निर्धारित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर मण्डुवा खरीद योजना लागू की जायेगी। क्रय किये गये मण्डुवा को प्रथम चरण में राज्य के मैदानी जनपद ऊधमसिंहनगर, हरिद्वार एवं देहरादून तथा नैनीताल जनपद के मैदानी क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्तर्गत वितरित किया जायेगा।

इस योजना से उक्त जनपदों के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लगभग 8 लाख परिवार लाभान्वित होगें जिनको प्रतिमाह / प्रतिकार्ड 01 कि०ग्रा० मण्डुवा निःशुल्क वितरित किया जायेगा। राज्य के पर्वतीय जनपदों में मण्डुवा का क्रय सहकारिता विभाग द्वारा जनपद अल्मोड़ा में संचालित 20 क्रय केन्द्रों एवं जनपद पौड़ी में 11 क्रय केन्द्रों पर क्रय कर खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग द्वारा इसका वितरण पात्र लाभार्थियों को सुनिश्चित किया जायेगा। प्रथम चरण में 9600 मी०टन मण्डुवा क्रय किये जाने की कार्ययोजना को क्रियान्वित किया जा रहा है। इस योजना के क्रियान्वयन में सरकार पर लगभग 45.00 करोड़ व्ययभार आयेगा।

सीएम ने दिए 25 हजार लोगों को कृषि के विभिन्न प्रयोजनों हेतु 03-03 लाख तक के ऋण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने बन्नू स्कूल रेस कोर्स देहरादून में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण कृषि ऋण योजनान्तर्गत 03 लाख रूपये तक के वृहद ऋण वितरण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। यह कार्यक्रम आज प्रदेश के सभी 95 विकासखण्डों एवं अन्य पांच स्थानों पर भी आयोजित किया गया। इस योजना के तहत 25 हजार लोगों को कृषि एवं कृषि यंत्रों, मत्स्य पालन, जड़ी-बूटी उत्पादन, मुर्गी पालन कुक्कुट पालन, मौन पालन आदि प्रयोजनों हेतु ऋण वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने मुख्य कार्यक्रम में शुभारम्भ के अवसर पर 11 लाभार्थियों को 03-03 लाख का चेक वितरण किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने खेती और बागवानी के क्षेत्र में सराहनीय कार्यों के लिए पद्मश्री प्राप्तकर्ता प्रेमचन्द्र शर्मा को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, मदन कौशिक, सुबोध उनियाल, डॉ. हरक सिंह रावत, यशपाल आर्य, अरविन्द पाण्डेय, राज्य मंत्री रेखा आर्या, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश एवं संबधित क्षेत्रों के विधायकगण उपस्थित रहे।

किसानों की आर्थिकी में सुधार के लिए राज्य सरकार कर रही है अनेक प्रयास
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के आर्थिकी में सुधार के लिए अनेक प्रयास कर रही है। सरकार की किसानों के प्रति आत्मीय भाव एवं सेवा करने के लिए हमेशा तत्पर रही है। देश और प्रदेश के विकास के लिए जवानों और किसानों का सम्मान बहुत जरूरी है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में जो 03 कृषि सुधार कानून लाये गये हैं। इससे किसानों को आने वाले समय में बहुत फायदा होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने एम.एस. स्वामीनाथन की सिफारिशों को धरातल पर लाने का कार्य किया है। किसानों को डेढ़ गुना एमएसपी दी जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि रूड़की से दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना की शुरूआत की गई थी। इस योजना के अच्छे परिणाम मिले इसलिये इस योजना को आगे विस्तारित किया गया है। उन्होंने कहा कि किसान ईमानदारी की रोटी खाता है, किसानों को जो ऋण दिया गया था, उसका 60 प्रतिशत वापस लौटा चुके हैं।

ग्रामीण आर्थिकी को सुधारने के लिए बनाये जा रहे हैं ग्रोथ सेंटर
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जब तक किसान एवं गांवों में लोगों को आय का अर्जन नहीं होगा, तब तक बाजार की स्थिति नहीं सुधर सकती। ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों की आर्थिकी को बढ़ाने के लिए अलग-अलग थीम पर ग्रोथ सेंटर बनाये जा रहे हैं। अभी तक 107 ग्रोथ सेंटर स्वीकृत हो चुके हैं। आज ये ग्रोथ सेंटर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ाने में कारगर साबित हो रहे हैं। प्रदेश की सभी न्यया पंचायतों तक इन ग्रोथ सेंटर को विस्तारित किया जायेगा।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना- राज्य में स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग 150 प्रकृति के कार्य शामिल हैं। इस योजना के तहत 25 प्रतिशत की सब्सिडी दी जा रही है। चीड़ की पत्तियों से बिजली एवं ब्रेकेट बनाने का कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना- मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना के तहत 25-25 किलोवाट के सोलर के प्रोजक्ट लगाने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया है। इससे बिजली खरीदने का कार्य राज्य सरकार करेगी। इसका मूल्य भी 4.50 प्रति यूनिट रूपये निर्धारित किया गया है।

देहरादून में बनाया जा रहा है पंचम धाम सैन्यधाम
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि देहरादून में पंचमधाम के रूप में सैन्यधाम बनाया जा रहा है। हमारे शहीद सैनिकों के घरों की मिट्टी और शिला इस सैन्यधाम में लायी जायेगी। हमारा प्रयास होगा कि सैन्यधाम में लोगों को प्रेरित करने वाली अनेक स्मृतियां हों। राज्य सरकार द्वारा विभिन्न युद्धों व सीमान्त झडपों तथा आन्तरिक सुरक्षा में शहीद हुये सैनिकों व अर्द्ध सैनिक बलों की विधवाओंध्आश्रितों को एकमुश्त 10 लाख रूपये के अनुदान को बढ़ाकर 15 लाख रूपये किया गया है। सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीद जवानों के आश्रित को उनकी योग्यता के अनुसार राज्य सरकार की सेवा में सेवायोजित करने की व्यवस्था की गई है।

राज्य में पिछले पौने चार साल में रिकॉर्ड सड़के बनाई गई-
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि जितनी सड़के राज्य में शुरूआती 17 साल में बनी लगभग उतनी सड़के पिछले 03 साल एवं 10 माह में बनाये हैं। निर्धारित समय से पूर्व फ्लाई ओवर और सड़के बनाने का कार्य राज्य में पूरा किया गया। उत्तराखण्ड को विकास के पथ पर ले जाने के लिए राज्य सरकार कृत संकल्प है।

केंद्र सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से देश प्रगति के पथ पर अग्रसर-
पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहार वाजपेयी ने सर्वशिक्षा अभियान से देश में शिक्षा के अधिकार की अलख जगाई। हर गांव सड़क से जुड़े इसके लिए उन्होंने पीएमजीएसवाई की शुरूआत की। आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जन-धन खातों, उज्जवला योजना, हर घर नल एवं शुद्ध जल, हर घर शौचालय तथा अटल आयुष्मान भारत जैसी अनेक जन कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से देश को प्रगति के पथ पर ले जा रहे हैं।

इस अवसर पर सहकारिता एवं उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, विधायक विनोद चमोली, हरवंश कपूर, गणेश जोशी, खजानदास, मुन्ना सिंह चैहान, सहदेव पुण्डीर, उमेश शर्मा काऊ, एंग्लो इण्डियन विधायक जार्ज आईवन ग्रेगरी मैन, मेयर सुनील उनियाल गामा, सचिव सहकारिता आर मीनाक्षी सुंदरम आदि उपस्थित थे।

चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में बनेगा, सीएम ने दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज मुख्यमंत्री आवास में चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित हुई। बोर्ड बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिए कि चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में स्थापित किया जाए। उन्होंने जिलाधिकारी चमोली को इसके लिए जमीन तलाशने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि किसानों को बाजार उपलब्ध कराने हेतु राज्य में 04 नई फैक्ट्रियाँ स्थापित की जाएं। साथ ही, चाय बागानों से उत्पादित हरी पत्तियों के न्यूनतम विक्रय मूल्य को निर्धारित करने हेतु एक समिति भी गठित की जाए। यह समिति प्रत्येक वर्ष हेतु न्यूनतम विक्रय मूल्य निर्धारित करेगी। उन्होंने कहा कि न्यूनतम विक्रय मूल्य फार्मगेट मूल्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टी-गार्डन विकसित करने में चाय विशेषज्ञ अवश्य रखा जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड द्वारा टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को सौंप दिया जाए। इसके लिए अगले एक माह में एक व्यवहारिक मॉडल तैयार करते हुए कार्ययोजना तैयार की जाए। इस मॉडल को तैयार करने में काश्तकारों के सुझावों को भी शामिल किया जाना चाहिए। टी-गार्डन विकसित कर काश्तकारों को दिए जाने के बाद उन्हें तकनीकी विशेषज्ञता भी उपलब्ध करायी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में जो निजी चाय फैक्ट्रियाँ किसी भी कारण से बंद हैं, उन्हें चलाने हेतु प्रयास किए जाएं। यदि निजी फैक्ट्रियों के मालिक इन्हें चलाने में सक्षम नहीं हैं तो, बोर्ड द्वारा इन्हें चलाए जाने हेतु प्रयास किए जा जाएं। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और उन्हें आजीविका का साधन मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि चाय विकास बोर्ड की बैठक, वर्ष में 04 बार आयोजित की जाए। इससे बोर्ड और किसानों की समस्याओं से अवगत होने के अधिक अवसर बनेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लगातार प्रदेश के किसानों की आर्थिकी को मजबूत करने के प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में टी-गार्डन, पर्यटन के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए टी-टूरिज्म पर भी फोकस करने के निर्देश दिए।

बोर्ड बैठक में अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान तक विभिन्न स्थानों कुल 1387 हैक्टेयर क्षेत्रफल पर चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। उत्तराखण्ड चाय विकास बोर्ड द्वारा वर्तमान में उत्तराखण्ड के 09 पर्वतीय जनपदों (बागेश्वर, चम्पावत, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, चमोली, रुद्रप्रयाग, पौड़ी, टिहरी) के 28 विकास खण्डों में स्वयं संचालित योजना, स्पेशल कम्पोनन्ट प्लान, मनरेगा के अन्तर्गत चाय विकास कार्यक्रम संचालित कर 1387 हैक्टेयर भूमि में 3,882 काश्तकारध्राजकीयध्गैर राजकीय भूमि को लीज पर लेकर सफलतापूर्वक चाय प्लान्टेशन किया जा चुका है। जिसमें अनुमानित 4,000 श्रमिक कार्यनियोजित किये गये हैं जिसमें 70 प्रतिशत महिलाओं की भागीदारी हैं।

वर्तमान में बोर्ड द्वारा निर्मित की जा रही चाय को उत्तराखण्ड टी ब्राण्ड नेम से रजिस्स्ट करते हुए बिक्री किया जा रहा है। वर्तमान में बोर्ड द्वारा जैविक-अजैविक आर्थोडोक्स ब्लैक व ग्रीन टी तैयार कर, स्थानीय स्तर पर स्वयं के शो-रूम, दुकानदारों य पोस्टल सेवा एवं कोलकाता ऑक्सन हाउस के माध्यम से बिक्री की जा रही है, चाय की बिक्री बढ़ाने व अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हेतु शासन स्तर से शासकीय कैन्टीनों, व अन्य संस्थानों को चाय की मांग बोर्ड को उपलब्ध कराने हेतु आदेश निर्गत किये जा चुके है।

इस अवसर पर उद्यान मंत्री सुबोध उनियाल, उपाध्यक्ष चाय विकास बोर्ड गोविन्द सिंह पिल्खवाल, अपर मुख्य सचिव मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनन्द वर्धन एवं सचिव उद्यान हरबंस सिंह चुघ आदि उपस्थित थे।

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