दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में मुख्यमंत्री ने की यूक्रेन से लौटे छात्रों से मुलाकात

यूक्रेन में फंसे भारतीयों की स्वदेश वापसी के लिए ऑपरेशन गंगा जारी है। इस बीच उत्तराखंड के भी कई छात्र अपने वतन लौट गए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज दिल्ली के उत्तराखंड सदन में राज्य के छात्रों से मुलाकात की औऱ उनकी कुशलक्षेम पूछी।

मुख्यमंत्री ने वापस आए छात्रों की कुशलक्षेम पूछी और राज्य के अन्य लोगों जो यूक्रेन में फंसे उनके बारे में भी जानकारी जुटाई। फंसे उत्तराखण्ड विद्यार्थियों के सम्बन्ध में जानकारी ली। उत्तराखंड सरकार ने दिल्ली और मुंबई में यूक्रेन से लौटने वाले उत्तराकंड के लोगों के लिए हेल्प डेस्क बनाया है। सभी आगन्तुकों के लिए ठहरने एवं खाने की व्यवस्था की गई है, दिल्ली से अपने गन्तव्य तक लाने की व्यवस्था भी राज्य की ओर से की गई है।

उत्तराखंड के 148 छात्र अब तक यूक्रेन से वापस आ चुके हैं। जबकि करीब डेढ़ सौ को अभी भी वापसी का इंतजार है। इनमें से भी करीब 50 छात्र युद्धग्रस्त यूक्रेन के अलग अलग शहरों में फंसे हैं।
इस अवसर पर स्थानिक आयुक्त पर स्थानिक आयुक्त डॉ. बी.वी.आर पुरूषोत्तम, अपर स्थानिक आयुक्त अजय मिश्रा, उत्तराखण्ड सदन के मुख्य व्यवस्थाधिकारी रंजन मिश्रा उपस्थित थे।

दिल्ली स्थित उत्तराखण्ड सदन में बड़ी तादाद में पहुंचे उत्तराखण्ड मूल के लोग, सीएम का किया स्वागत

उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार दिल्ली पहुंचे तीरथ सिंह रावत का उत्तराखण्ड सदन में भव्य स्वागत हुआ। बड़ी संख्या में सदन में मौजूद उत्तराखण्ड मूल के लोगों ने मुख्यमंत्री का फूल-मालाओं से स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार जनभवनाओं के अनुरूप कार्य करेगी। जनता जो चाहेगी वही किया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दिशा-निर्देशन में उत्तराखण्ड का चहुमुंखी विकास किया जाएगा।

उत्तराखण्ड के प्रति प्रधानमंत्री के अपार लगाव की बदौलत ही यहां चारधाम ऑल वैदर रोड, ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल प्रोजेक्ट्, केदारनाथ-बदरीनाथ धाम पुनर्निर्माण समेत तमाम परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। उत्तराखण्ड विकास के नए आयाम छू रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें मुख्यमंत्री बने अभी एक सप्ताह का ही समय हुआ है। इस दौरान उन्होंने जनभावनाओं के अनुरूप फैसले लिये। सबसे पहले कोरोनाकाल में जिन 4500 लोगों पर महामारी एक्ट के तहत मकदमे दर्ज किए गए थे, उन मुकदमों को सरकार ने वापस लिया। इनमें से अधिकांश मुकदमे उन लोगों पर दर्ज थे जो कारोनाकाल में जरूरतमंदों की मद्द में लगे हुए थे। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरणों की मनमानी से पहाड़ी क्षेत्र के लोग त्रस्त थे। हमारी सरकार ने देर लगाए बगैर पहाड़ी जिलों में प्राधिकारणों का अस्तित्व समाप्त कर दिया है। कुंभ स्नान के लिए देश-विदेश के सभी श्रद्धालुओं को कुंभ स्नान के लिए हरिद्वार आंमंत्रित किया गया है। कुम्भ मेले के लिए केन्द्र सरकार की गाइडलाइन का ध्यान रखा जाएगा परंतु अनावश्यक रोक टोक नहीं होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना के प्रभाव से घर लौटे प्रवासी उत्तराखण्डियों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं। उन्हें स्वरोजगार शुरू करने के लिए ब्याज रहित ऋण मुहैया करवाया जा रहा है। उनकी हर समस्या का समाधान सरकार करेगी। उन्होंने उत्तराखण्ड मूल के लोगों से आग्रह किया कि वे भी उत्तराखण्ड राज्य के विकास और जनकल्याण में अपना योगदान दें। इस मौके पर नैनीताल के सांसद अजय भट्ट, कैबिनेट मंत्री अरविन्द पाण्डेय, पूर्व सांसद बलराज पासी आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद का हुआ उद्धाटन

नई दिल्ली स्थित उत्त्तराखण्ड सदन में नवस्थापित “हिमाद्रि एम्पोरियम” का उद्घाटन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा किया गया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि एम्पोरियम का उद्देश्य उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों का विकास, विपणन एवं विक्रय है। इस एम्पोरियम की स्थापना से सदन में आने वाले अतिथि एवं आगंतुक उत्त्तराखण्ड के विभिन्न उत्पादों से परिचित हो सकेंगे। आत्मनिर्भर भारत के लिए शिल्पकारों और बुनकरों को प्रोत्साहित करना जरूरी है। हमारी पूरी कोशिश है कि उत्तराखंड के हथकरघा एवं हस्तशिल्प उत्पादों को अच्छी कीमत और मार्केट मिल सके। ऑनलाइन मार्केटिंग पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उद्योग विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद राज्य के शिल्प उत्पादों के विकास, संरक्षण एवं संवर्धन के क्षेत्र में कार्य करती है। परिषद द्वारा राज्य के बुनकरों व शिल्पियों के कौशल एवं उनके उत्पादों के डिजाइन, गुणवत्ता एवं बाजार की मांग के अनुरूप विकास हेतु विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों, मेलों, कार्यशालाओं आदि के आयोजन व प्रतिभाग द्वारा प्रयास किए जाते रहे हैं।

परिषद द्वारा राज्य के उत्कृष्ट शिल्प उत्पादों का हिमाद्रि ब्रांड के अंतर्गत इस हेतु स्थापित विभिन्न एंपोरियमों के माध्यम से विपणन किया जा रहा है। इसी क्रम में नई दिल्ली स्थित उत्तराखंड सदन में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड के शिल्प उत्पादों के प्रदर्शन एवं विपणन हेतु हिमाद्रि एंपोरियम स्थापित किया गया है। उल्लेखनीय है कि इसके साथ-साथ उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पटेल नगर स्थित जिला उद्योग केंद्र परिसर में भी इसी वर्ष नए हिमाद्री एंपोरियम का शुभारंभ किया जाएगा। जनपद देहरादून स्थित दून हाट, जनपद पिथौरागढ़ के बिण, जनपद चमोली के भीमतल्ला एवं जनपद उधम सिंह नगर के काशीपुर स्थित रूरल हाटों के माध्यम से भी राज्य के हथकरघा एवं हस्तशिल्प एवं लघु उद्यम उत्पादों के विपणन एवं प्रदर्शन हेतु स्थापित किये जा रहे है जिससे कि विभिन्न प्रांतों से उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों एवं आगंतुकों को राज्य के उत्पादों से परिचित होने का अवसर प्राप्त हो सके। कोविड-19 में उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत परिषद द्वारा अमेजन के माध्यम से राज्य के बुनकरों तथा शिल्पियों के उत्पादों का ऑनलाइन विपणन का कार्य भी काफी समय से सफलतापूर्वक किया जा रहा है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सलाहकार डॉ राकेश कुमार, डॉ पराग मधुकर धकाते, विशेष सचिव मुख्यमंत्री, डॉ0 मेहरबान सिंह बिष्ट, अपर सचिव मुख्यमंत्री, ईला गिरी, अपर स्थानिक आयुक्त, सुधीर चन्द्र नौटियाल, निदेशक उद्योग, रंजन मिश्रा वरिष्ठ व्यवस्था अधिकारी, केसी चमोली नोडल अधिकारी उद्योग आदि उपस्थित थे।

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