वायरल वीडियो के पीछे की कहानी, क्या इसमें सच्चाई है!

सोशल मीडिया में मुख्यमंत्री का एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हुआ। इस वीडियो में मुख्यमंत्री यह कहते दिख रहे हैं कि पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है। ऐसे ही पशुओं में गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन छोड़ता है। यह भी कहा जाता है कि यदि किसी को सांस की तकलीफ है तो गाय की मालिश करने से यह तकलीफ दूर हो जाती है। वीडियों में कहा गया कि टीबी जैसी बीमारी भी गाय के संपर्क में आने से दूर हो जाती है। गाय के गोबर और गौमूत्र में काफी ताकत है। शरीर के विभिन्न हिस्सों जैसे स्किन, हार्ट व किडनी आदि के लिए ये काफी फायदेमंद हैं।
सोशल मीडिया में इस वीडियो के वायरल होने के बाद इस पर तरह-तरह की टिप्पणियां की जा रही हैं। वहीं, मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि वीडियो को एडिटिंग करके वायरल किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय चैनल पर प्रसारित हो रहे एक कार्यक्रम को देखकर और पर्वतीय क्षेत्रों में चलने वाली मान्यताओं के आधार पर कहा था, जिस पर विवाद जैसी कोई बात नही है।

चलिए हम मुख्यमंत्री के की बातों की पड़ताल करते है कि क्या ऐसा होता है या नही…

पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है …
पीपल का पेड़ शुष्क वातावरण में पनपता है और इसके लिए उसकी देह में पर्याप्त तैयारियां हैं. पेड़-पौधों की सतह पर स्टोमेटा नामक नन्हे छिद्र होते हैं जिनसे गैसों और जल-वाष्प का लेन-देन होता है. सूखे गर्म माहौल में पेड़ का पानी न निचुड़ जाए, इसलिए पीपल दिन में अपेक्षाकृत अपने स्टोमेटा बन्द करके रखता है। इससे दिन में पानी की कमी से वह लड़ पाता है। बिल्कुल. लेकिन इसका नुकसान यह है कि फिर दिन में प्रकाश-संश्लेषण के लिए कार्बन डाई ऑक्साइड उसकी पत्तियों में कैसे प्रवेश करे? स्टोमेटा तो बन्द हैं. तो फिर प्रकाश-संश्लेषण कैसे हो? ग्लूकोज कैसे बने? तो पीपल व उसके जैसे कई पेड़-पौधे रात को अपने स्टोमेटा खोलते हैं और हवा से कार्बन-डायऑक्साइड बटोरते हैं. उससे मैलेट नामक एक रसायन बनाकर रख लेते हैं. ताकि फिर आगे दिन में जब सूरज चमके और प्रकाश मिले, तो प्रकाश-संश्लेषण में सीधे वायुमण्डलीय कार्बन डाई ऑक्साइड की जगह इस मैलेट का प्रयोग कर सकें। यानी पीपल का पेड़ रात को भी कार्बन डाई ऑक्साइड-शोषक है। इस लिए इसे अधिक आक्सीजन देने वाला पेड़ कहा जाता है।


इस लिंक को पढ़िए …http://dahd.nic.in/related-links/chapter-v-part-2
इस लिंक को पढ़िए …https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4566776/

गाय एकमात्र ऐसा पशु है जो ऑक्सीजन छोड़ता है और गाय से जुड़े अन्य तथ्य…
वैज्ञानिक शोधों से पता चला है कि गाय में जितनी सकारात्मक ऊर्जा होती है उतनी किसी अन्य प्राणी में नहीं। गाय की पीठ पर रीढ़ की हड्डी में स्थित सूर्यकेतु स्नायु हानिकारक विकिरण को रोककर वातावरण को स्वच्छ बनाते हैं। यह पर्यावरण के लिए लाभदायक है। इसी लिए वैज्ञानिक कहते हैं कि गाय एकमात्र ऐसा प्राणी है, जो ऑक्सीजन ग्रहण करता है और ऑक्सीजन ही छोड़ता है, जबकि मनुष्य सहित सभी प्राणी ऑक्सीजन लेते और कार्बन डाई ऑक्साइड छोड़ते हैं। पेड़-पौधे इसका ठीक उल्टा करते हैं।

हमारे देश में धार्मिक मान्यताओं का विशेष महत्व हैं। जिसकी समय-समय पर वैज्ञानिकों और डाॅक्टरों ने भी पड़ताल की है। इस लिए शायद मुख्यमंत्री ने पीपल और गाय के मुद्दें पर सकारात्मक टिप्पणी की। मुख्यमंत्री कार्यालय की मानें तो मुख्यमंत्री की सकारात्मक टिप्पणी का कुछ लोगों ने जानबूझकर मजाक बनाने का कार्य किया है। उनका कहना है कि एक तरफ तो मीडिया उत्तराखंड को देवभूमि कहता है लेकिन जब हिन्दु संस्कृति और सभ्यता की बात की जाती है तो उसका मजाक बनाना शुरु कर दिया जाता है। बरहाल हमारी पड़ताल में मुख्यमंत्री ने वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं की ओर से मिले संकेतों पर ही बात कही है। अब आप लोगों को निर्धारण करना है कि धर्म और वैज्ञानिक सोच में किस तरह तालमेल बिठाया जाएं।

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