खुलासाः डेंटल कॉलेज के अंदर किडनी का अवैध कारोबार

उत्तरांचल डेन्टल कॉलेज लालतप्पड डोईवाला के अन्दर स्थित गंगोत्री चौरिटेबल हॉस्पिटल में किडनी निकालने का अवैध करोबार किया जा रहा हैं। इस सूचना पर विश्वास कर जानकारी ली गई तो पता चला की 4 व्यक्ति किडनी निकलवाकर हरिद्वार के रास्ते दिल्ली जा रहे है। सूचना पर देहरादून पुलिस व हरिद्वार पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा गाडी न0 यू0ए0 08 टीए 5119 इनोवा को सप्तऋषि चौकी के पास रोक दिया गया। जिसमें दो महिला व दो पुरूष मौजूद मिले और एक अन्य वाहन चालक था। मौजूदा व्यक्ति ने अपना नाम भाव जी भाई पुत्र श्री टापू भाई ठाकुर निवासी प्रजापति कलामू ग्राम सिन्धाली, थाना मोहोदा, जिला खेडा गुजरात, उम्र 48 वर्ष, शेखताज अली पुत्र शेख मुशरफ अली निवासी 62 वासुदेव पुर, कन्चा रोड 128 बेहाजा दक्षिण परगना वैस्ट बंगाल, उम्र 28 वर्ष, सुसामा बेनर्जी पत्नी दिपुल बैनर्जी निवासी हल्दर औबजान पारा शहजादा पुर जोय नगर दक्षिण 24 परगना, उम्र 42 वर्ष , कृष्णा दास पत्नी विश्वजीत दास निवासी पौजावड पोस्ट राम सुन्दरपुर जिला प्रमूव मेहन्दीपुर, प0 बंगाल, उम्र 32 वर्ष व चालक ने अपना नाम दीपक कुमार पुत्र बीरबल सिंह निवासी इब्राहिमपूर, थाना पथरी जिला हरिद्वार, बताया। उक्त लोगो से पूछताछ करने पर भाव जी भाई के द्वारा बताया की एक व्यक्ति जावेद खान पुत्र सरवर खान निवासी ए 2 रूम नव 603 ग्रीन पार्क सोसाइटी, एस0जी0 स्कूल एस0बी0 रोड, सन्ताकुज मुम्बई हमको गंगोत्री चेरिटेबल हस्पिटल लालतप्पड लेकर आया था और हमको एक किडनी के बदले 3 लाख रु0 देने का वादा किया था। पहले हस्पिटल में कृष्णा दास व शेखताज अली की किडनी निकाली गयी। फिर मेरा व सुसामा का नंबर था लेकिन जब जावेद खान के द्वारा पैसे नहीं दिये गये तो मैंने और सुसामा ने किडनी देने से मना कर दिया और हल्ला मचाना शुरू कर दिया। इस पर अस्पताल वालो ने हम चारों को जावेद खान के साथ दिल्ली रवाना कर दिया। रास्ते में पुलिस द्वारा हमे पकड लिया लेकिन आप लोगों के देखते ही जावेद गाडी से उतर कर भाग गया। फरार अभियुक्त जावेद खान को पुलिरा द्वारा पकड लिया गया है। सम्बन्धित घटनाक्रम में प्रकाश में आये डॉ0 अमित रावत फरार है, जिसकी तलाश हेतु पुलिस द्वारा संभावित स्थानों पर दबिश दी जा रही है। घटना स्थल से ओमान के टिकट मिले है, जिससे प्रतीत होता है कि सम्भवत किडनी की खरीद फरोख्त अन्तराष्ट्रीय स्तर पर भी की जा रही है। पुलिस द्वारा घटना स्थल पर स्वास्थ्य विभाग व एफ0एस0एल0 की टीमों के साथ मिलकर जांच की जा रही है तथा अस्पताल व अन्य स्टाफ की प्रकरण में संलिप्तता की जांच भी की जा रही है।

जांच में आया एक और चौका देने वाला सच! शासन व प्रशासन मौन

बलात्कारी बाबा गुरमीत राम रहीम को लेकर रोज चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। इसी दौरान राम रहीम और प्रशासन के बीच मिलीभगत की नई मिसाल सामने आई है। खबर मिली है कि राम रहीम अपने सिरसा डेरे में माही सिनेमा हॉल भी चलाता है। इसके दस्तावेजों की जांच से पता चला कि यह थियेटर 10 वर्षों से बिना लाइसेंस के ही चल रहा था। इस दौरान राज्य सरकार ने गुरमीत की सिर्फ पहली फिल्म से मनोरंजन कर वसूला, जबकि इसके बाद की सभी फिल्में टैक्स फ्री चलती रही।
माही थियेटर को लेकर इस खुलासे के बाद जिले के मनोरंजन कर अधिकारियों की भी जबान पर ताला लगा हुआ है। इस बीच कोर्ट कमिश्नर के साथ प्रशासनिक अधिकारियों की मीटिंग में तय हुआ कि गुरमीत राम रहीम के डेरे की तमाम जमीनों से जुड़ा 30 साल पहले तक का रिकॉर्ड खंगाला जाएगा। राम रहीम पर जितनी रफ्तार से जांच का दायरा बढ़ रहा है, उसी रफ्तार से राम रहीम की मायावी दुनिया में चल रही काली करतूतों पर से पर्दा उठता जा रहा है। सर्च टीम का दस्ता गुफा की मिस्ट्री सुलझा रहा है। बाबा की जिस इमारत में पुलिस की टीम पहुंची, उसमें दो सुरंगों का सच सामने आया है।
पुलिस डेरा मुख्यालय में तलाशी के दूसरे दिन बाबा राम रहीम के कमरे में जांच पड़ताल कर रही थी। चंद मिनट की पड़ताल हुई और बाबा के कमरे का राज खुलने लगा। बाबा के खिलाफ ठोस सबूत जमा करने के लिए पुलिस ने चप्पे चप्पे की तलाशी ली। तभी अचानक एक दरवाजा खुला और सामने एक सुरंग नजर आया। इस सुरंग की शुरुआत बाबा के कमरे से होती थी और साध्वियों का कमरा उस गुफा के आखिरी छोर पर था। आरोप है कि बलात्कारी बाबा गुफाओं के द्वार से साध्वियों के कमरों में जाकर अश्लील लीलाएं रचता था।
ऊपरी गुफा से ही एके 47 के मैगजीन का कवर भी बरामद हुआ है। साथ ही लगातार दूसरे दिन छापेमारी में गुफाओं में मौजूद विस्फोटक का भी पता चला। पुलिस आश्रम को खंगाल रही थी तब विस्फोटकों की बड़ी खेप बरामद हुयी। इसके अलावा सैकड़ों जोड़े जूते, डिजाइनर कपड़े और टोपियां मिली हैं। जांच में सामने आया कि बाबा राम रहीम अपने आश्रम में पटाखों की अवैध फैक्ट्री चला रहा था। उसमें इन विस्फोटकों का इस्तेमाल किया जा रहा था।
डेरे की तलाशी के दौरान सर्च टीम को पांच बच्चे मिले, जिनमें दो नाबालिग हैं। पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है। वहीं तलाशी में टीम को एक वॉकी-टॉकी सेट भी मिला है। 800 एकड़ में फैले डेरा परिसर को तलाशी अभियान के लिए दस जोनों में बांटा गया है और हर जोन का संचालन एक वरिष्ठ अधिकारी कर रहे हैं।

रहस्यमयी तरीके से हुयी रिटायर्ड साइंटिस्ट की मौत

दिल्ली के डेसू कॉलोनी में एक रिटायर्ड साइंटिस्ट की लाश मिलने से सनसनी मच गई। उनका शव घर से सड़ी-गली हालत में मिला। पुलिस का मानना है कि 8 से 10 दिन पहले उनकी मौत हुई है। साइंटिस्ट के भाई-बहन शव के साथ घर में रह रहे थे। उन्होंने किसी को इस बारे में नहीं बताया था।
मृतक साइंटिस्ट का नाम यशवीर सूद (64 साल) था। पूसा इंस्टीट्यूट में न्यूक्लियर साइंस डिपार्टमेंट में वह प्रिंसिपल साइंटिस्ट थे। पुलिस ने बताया कि फील्ड ऑफिसर सोनू को डेसू कॉलोनी के बी-1 क्वॉर्टर से काफी तेज दुर्गंध आई। किसी अनहोनी की आशंका के चलते उन्होंने फौरन पुलिस को इसकी सूचना दी।
दुर्गंध इतनी तेज थी कि पुलिस ने घर में घुसने से पहले खिड़की का कुछ हिस्सा तोड़कर स्प्रे किया और फिर पुलिसकर्मी घर के अंदर दाखिल हुए। इस दौरान सूद की बहन कमला ने पुलिस के अंदर घुसने का विरोध किया। सूद का शव कमरे में बेड पर पड़ा था। शव पर से खाल गायब हो चुकी थी। शव को शायद कीड़े-मकोड़े ने भी खाया हो।
घर के अंदर बहुत गंदगी थी। ऐसा लग रहा था कि महीनों से घर की सफाई नहीं हुई है। पुलिस ने बताया कि सूद की बड़ी बहन कमला और छोटा भाई हरीश मानसिक रूप से कमजोर हैं। पुलिस सूद के अन्य परिजनों के बारे में पता लगा रही है।
बताते चलें कि सूद 31 मार्च, 2015 को इंस्टीट्यूट से रिटायर हुए थे। इसके बाद तीनों भाई-बहन कुछ समय तक पूसा कैंपस के ई-54 में रहे थे। बाद में उन्हें डेसू कॉलोनी में एक जर्जर से कमरे में शिफ्ट करा दिया गया था। इसी कमरे में यशवीर सूद की लाश मिली।

पुलिस के आ गए अच्छे दिन, अब साइकिल से रखेगी नजर!

अब लैला-मजनुओं की खैर नहीं! जी हां ऋषिकेश क्षेत्राधिकारी मंजूनाथ टीसी ने इन लैला-मझनुओं के साथ असामाजिक तत्वों पर काबू पाने के लिये एक नया रास्ता निकाला है। अब पुलिस गंगा नदी के किनारे स्थित आस्था पथ में दो शिफ्टों में गश्त लगाते नजर आयेगी। इससे एक तरफ आस्था पथ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से निजात मिलेगी वहीं दूसरी ओर अश्लील हरकत करने वालों पर शिकंजा भी कसा जा सकेगा। इस नए तरह के ऑपरेशन में रूटीन में महिला और पुरुष कांस्टेबल गश्त करेंगे।
आपको बता दें कि आस्था पथ में आए दिन असमाजिक तत्वों द्वारा आस्था पथ की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा रहा था। जिससे वहां लगी ग्रिल तक गायब हो गयी। आस्था पथ में अभी तक लैला-मझनुओं को दिन-दहाड़े अश्लील हरकत करते हुए भी देखा जा सकता था। इतना ही नहीं यहां शराबियों व नसेड़ियों का अड्डा भी बन चुका था। यहां अक्सर कॉलेज चुनावों के समय छात्रों द्वारा हुड़दंगियां करने की शिकायत पुलिस को लगातार मिल रही थी। आस्थापथ पर सुबह और शाम को घूमने वालों की भीड़ रहती है। लोग अक्सर मनचलों पर नकेल कसने की मांग उठा रहे थे। लोगों ने बताया के अक्सर यहां शाम को शराबी पहुंच जाते हैं। कई बार युवक-युवतियों के जोड़े भी अश्लील हरकतें करते देखे गए हैं। इससे लोगों को दिक्कत होती है। इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए पुलिस ने आस्थापथ पर साइकिल से गश्त करने का प्लान तैयार किया।
कोतवाल प्रवीण सिंह कोश्यारी ने त्रिवेणीघाट स्थित आस्थापथ पर साइकिल गश्त का हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। बताया कि साइकिल गश्त में एक महिला और एक पुरुष कांस्टेबल दो पाली में डयूटी करेंगे। पहली पाली सुबह 8 से दोपहर 2 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से रात 8 बजे तक रहेगी। सूचना के आदान-प्रदान के लिए गश्त दल को अत्याधुनिक उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं। सहायक पुलिस अधीक्षक मंजूनाथ टीसी ने आस्थापथ पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद रखने के लिए साइकिल गश्त का निर्णय लिया है, इस पर अमल करते हुए यह व्यवस्था शुरू की गई है। पुलिस की इस पहल पर क्षेत्रवासियों ने हर्ष जताया।

मुंबई धमाके में अबू को उम्रकैद, 24 साल लगे जजमेंट आने में

मुंबई सीरियल ब्लास्ट केस में अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इसके साथ ही विशेष टाडा अदालत ने उसके साथी करीमुल्लाह शेख को भी उम्रकैद की सजा देते हुए 2 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। एक अन्य दोषी मुस्तफा दोसा का दिल का दौरा पड़ने से पहले ही मौत हो चुकी है। मुंबई विस्फोट के 24 साल बाद अदालत ने अबू सलेम सहित छह लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि एक आरोपी को दोषमुक्त कर दिया था।
12 मार्च 1993 में मुंबई में सीरियल ब्लास्ट हुए थे। जिसमें 257 लोगों की मौत हो गई थी और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस हमले में दोषी पाए गए आरोपियों में पुर्तगाल से 2005 में प्रत्यर्पित कर लाया गया माफिया डॉन अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, मोहम्मद ताहिर मर्चेट, करीमुल्लाह खान, रियाज सिद्दीकी और फिरोज अब्दुल राशिद खान शामिल हैं। मुस्तफा को संयुक्त अरब अमीरात से प्रत्यर्पित कर लाया गया था, जिसकी हाल ही में मौत हो गई है।
एक अन्य प्रमुख आरोपी अब्दुल कयूम को सभी आरोपों से मुक्त कर दिया गया था। फिल्म स्टार संजय दत्त के घर हथियार और गोला-बारूद पहुंचाने में कयूम ने सलेम का साथ दिया था। कयूम को 13 फरवरी, 2007 को गिरफ्तार किया गया था। मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक सलेम पर हथियार और गोलाबारूद सहित एके-47 राइफल और हथगोला आपूर्ति का आरोप था, जिसका विस्फोट में इस्तेमाल किया गया था। इसे गुजरात से मुंबई लाया गया था।
बाबरी मस्जिद के बदले किया सीरियल ब्लास्ट
आरोप है कि ये विस्फोट 6 दिसंबर, 1992 के बाबरी मस्जिद विध्वंस के बदले के तौर पर किया गया था। विध्वंस के बाद मुंबई में दिसंबर 1992 और जनवरी 1993 में दो चरणों में खूनी सांप्रदायिक दंगे हुए थे। अभियोजनन पक्ष ने कहा था कि दाऊद गिरोह के सदस्यों ने अपने स्थानीय गुंडों टाइगर मेनन, दोसा भाइयों के साथ मिलकर मुंबई में आतंकी कृत्य की साजिश रची थी। इसके लिए दोसा के साथ टाइगर, छोटा शकील ने प्रशिक्षण शिविर आयोजित किए थे।

अचानक कटी गायें बहकर आयी, लोगों में आक्रोश

बिहार के मुरलीगंज प्रखंड में स्थित पकिलपार नहर में अचानक कटी हुई गायें बहकर आने लगीं। जब एक साथ दो सौ के करीब कटी गायें बहकर आती दिखीं तो लोगों को बड़ी आपदा की आशंका हुई। लोग अपना काम काज छोड़कर नहर की तरफ दौड़े। करीब 200 से अधिक मरी हुई गायें के साथ बहकर आईं उसके बाद लगातार गायों के बहकर आने का सिलसिला जारी है। जानकारी मिली है कि पांच सौ से ज्यादा गायें बहकर आयी हैं। घटना से लोगों में आक्रोश भी देखा जा रहा है। नहर के किनारे लोगों की काफी भीड़ लग गई है। ग्रामीणों में गौ हत्या को लेकर आक्रोश पनप रहा हैं। मौके पर एसडीओ संजय निराला, एएसपी राजेश कुमार, बीडीओ ललन कुमार चौधरी , थानाध्यक्ष राजेश कुमार दल बल के साथ पहुंच चुके हैं और लोगों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन इतनी संख्या में कटी गायों को देखकर लोगों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है। गाय को निकालने पहुंचे जेसीबी को लोगों ने लौटा दिया है।

बदला लेने का यह कैसा तरीका? अधिक पढ़े

बदले की आग में जल रहे एक इंसान ने हैवान बनकर ऐसी वारदात को अंजाम दे डाला जिसे सुनकर किसी का भी सिर शर्म से झुक जायेगा। तीन साल की खुद की बेटी के साथ दुष्कर्म करने वाले को सबक सिखाने के लिए उसने अपने दो साथियों की मदद से आरोपित की नाबालिग बहन का अपहरण कर सामूहिक दुष्कर्म की घिनौनी घटना को अंजाम दे डाला। पुलिस मुख्घ्य आरोपी को हिरासत में लेकर उसके साथियों की तलाश में ताबड़तोड़ छापे मार रही है।
सलेमपुर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में छह महीने पहले एक युवक ने तीन साल की बच्ची के साथ रेप कर दिया था। तब पुलिस ने पिता की तहरीर पर केस दर्ज कर आरोपित युवक को जेल भेज दिया था। लेकिन तीन साल की बेटी के साथ दुष्कर्म के बाद से उसका पिता प्रतिशोध की आग में जल रहा था। उसने दुष्कर्म को अंजाम देने वाले युवक को सबक सिखाने के नाम पर खुद एक और कुकर्म की साजिश रच डाली।
वह रेप के आरोपित युवक की नाबालिग बहन पर नजर रखने लगा। 28 अगस्त की शाम शौच के लिए खेत की ओर गई किशोरी को नशीला पदार्थ सुंघा कर बेहोश कर दिया। इसके बाद दो अन्य लोगों की मदद से वह उसे लेकर गोरखपुर चला गया। गोरखपुर में उन तीनों ने मिलकर किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया। दरिंदो ने 29 अगस्त की भोर में अर्द्धबेहोशी की हालत में किशोरी को गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर छोड़ दिया। वहां जीआरपी ने किशोरी को उठाया। पूछताछ में किशोरी से उसके गांव का पता चलने पर जीआरपी ने उसे सलेमपुर भिजवा दिया। घर पहुंची किशोरी ने अपने परिवार के सदस्यों को रो-रोकर अपने साथ हुई दरिंदगी की पूरी कहानी बता दी। इसके बाद किशोरी की मां ने थाने पर तहरीर दी और पुलिस ने मुख्घ्य आरोपी को हिरासत में ले लिया। कोतवाल विजय सिंह गौर ने दावा किया कि अन्य आरोपियों को भी जल्द ही पकड़ लिया जायेगा।

7वर्ष पूर्व पत्नी के टुकड़े करने वाले पति का क्या हुआ, अधिक पढ़े

देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में कोर्ट ने हत्यारे पति को उम्रकैद की सजा सुनाई हैं। साथ ही उस पर 10 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। साल 2010 में अनुपमा की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारे पति ने लाश के कई टुकड़े कर उसे फ्रीजर में छिपा दिया था। लगभग 7 साल बाद अदालत ने अपना फैसला सुनाया है।
दिल दहला देने वाला यह मामला उत्तराखंड की राजधानी देहरादून का है। बहुचर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड में गुरुवार को जज ने अपना फैसला सुनाते हुए हत्यारे पति राजेश गुलाटी को दोषी करार दिया और शुक्रवार को उसे उम्रकैद की सजा सुना दी। राजेश को आईपीसी की धारा 302, हत्या और 201, सबूत मिटाने के आरोपों के तहत दोषी करार दिया गया।
अदालत में अंतिम तथ्य पेश करने के दौरान बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि राजेश गुलाटी पर हत्या की धारा नहीं बनती, क्योंकि इस केस में कोई प्रत्यक्ष गवाह नहीं है। जबकि अभियोजन पक्ष ने कहा कि लाश के टुकड़े राजेश के फ्लैट से मिले थे। ऐसे में अपने आप साबित होता है कि आरोपित ने ही हत्या की है।
बताते चलें कि कत्ल की यह सनसनीखेज वारदात कैंट कोतवाली क्षेत्र के प्रकाशनगर में 11 दिसंबर, 2010 को सामने आई थी। पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर राजेश गुलाटी यहां एक मकान में पत्नी अनुपमा और दो बच्चों के साथ रहता था। अनुपमा 17 अक्टूबर, 2010 को अचानक लापता हो गई थी। बच्चों द्वारा मां के बारे में पूछे जाने पर राजेश उन्हें दो महीने तक टालता रहा। 11 दिसंबर को अनुपमा का भाई राजेश के घर पहुंचा तो उसे घर में घुसने नहीं दिया गया। जिसके बाद उसने पुलिस को इसकी सूचना दी। घर की तलाशी के दौरान पुलिस को राजेश के घर में रखे डीप फ्रीजर से अनुपमा की लाश के टुकड़े मिले। राजेश ने अनुपमा की लाश के 72 टुकड़े किए थे। इन टुकड़ों को वह धीरे-धीरे मसूरी के जंगलों में ठिकाने लगा रहा था। पति-पत्नी के बीच अक्सर होने वाला मामूली झगड़ा कब मारपीट में तब्दील हुआ और कब इसने खूनी बदले की शक्ल अख्तियार कर ली, पता ही नहीं चला। अनुपमा जल्लाद पति के इसी गुस्से का शिकार हुई थी।

बाबा के वकील सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में जाने की तैयारी!

रेप केस में दोषी डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह के लिए सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने सजा का ऐलान कर दिया है। उसे दो अलग-अगल मामलों में बीस साल की सजा सुनाई गई है। सजा पर बहस पूरी होने के बाद राम रहीम जज के सामने रहम की भीख मांगने लगा। इस केस की सुनवाई के लिए रोहतक जेल के अंदर कोर्ट रूम बनाया गया था। बलात्कारी बाबा राम रहीम को सीबीआई कोर्ट द्वारा बीस साल की सजा दिए जाने पर लोग अपनी खुशी तो जता रहे हैं लेकिन वो ये भी चाह रहे हैं कि उसे फांसी की सजा दी जाती तो ज्यादा बेहतर होता। खुद बलात्कारी राम रहीम के वकील ने बताया, ‘हम पूरे फैसले को विस्तार से पढ़ेंगे और हाईकोर्ट में अपील करेंगे। कोर्ट राम रहीम को अलग-अलग मामलों में दस-दस साल की सजा सुनाई है। 30 लाख का जुर्माना लगाया है। राम रहीम को कुल बीस साल की सजा दी गई है जो उन्हें लगातार नहीं काटनी होगी।’ बलात्कारी बाबा के वकील एसके नरवाना ने आगे बताया कि राम रहीम को धारा 376 और 506 के तहत ये सजा सुनाई गई है।

वीडीओ वायरल, हम बुरी सोच नही रखते
ऐसे में बलात्कारी बाबा राम रहीम का एक पुराना वीडियो वायरल हो रहा है। जिसे फेसबुक पर एक यूजर्स ने शेयर किया है। वीडियो शेयर किए जाने के बाद से ही इस चंद घंटों में 64 हजार लोग देख चुके हैं। जबकि दो हजार से ज्यादा लोगों ने वीडियो को शेयर किया है। वीडियो में राम रहीम से रिपोर्टर द्वारा एक सवाल पूछा गया है। रिपोर्टर पूछते हैं कि बाबा आप सभी काम करते हो। आप डांस करते हो। गाना गाते हो। वो कौन सी चीज है जो आप नहीं करते हैं? जिसका जवाब देते हुए राम रहीम ने कहा, ‘बस हम बुरी सोच कभी नहीं रखते हैं और बुरा काम कभी नहीं करते। बाकि हर काम कर लेते हैं।’ वहीं वीडियो पर कई यूजर्स ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। हर्षवीर सिंह लिखते हैं, ‘ जहां पूरी राजनीति एक बाबा के चरणों मे नतमस्तक हैं वहां आप जैसे वीर आईपीएस का ये कटाक्ष काबिल ए तारीफ हैं।’ राम लिखते हैं, ‘मेरा बस चले तो ऐसे बाबाओं को बीच सड़क पर लटकाकर गोली मार दूं।’ विजय लिखते हैं, ‘आम लोगों का अंधविश्वास ही इन बाबा लोगो को प्रोत्साहन देता है। और एक दिन कोई भी बाबा इसका फायदा उठाकर मानवता को शर्मासर करने वाले कार्य को अंजाम देता है।’

घसीट कर ले गए कोर्ट रुम से बाहर
रोहतक जेल में 20 साल की कैद की सजा सुनाए जाने के बाद भी बलात्कारी बाबा कोर्ट रूम से बाहर नहीं जा रहा था। वो लगातार जज जगदीप सिंह से रहम की भीख मांग रहा था। वो बार-बार जज के सामने हाथ जोड़कर गिड़गिड़ा रहा था, मुझे माफ कर दो, गलती हो गई लेकिन जज का दिल नहीं पसीजा। इसके बाद गुरमीत राम रहीम सिंह कोर्ट रूम में ही बैठकर रोने लगा। इससे पहले उसने बीमारी का भी बहाना बनाया मगर कोर्ट रूम में पहुंची मेडिकल टीम ने जांच कर उसे मेडिकली फिट करार दे दिया। इसके बाद पुलिस के जवान उसे घसीटते हुए जेल के बैरक तक ले गए, जहां वो पिछले दो दिनों से कैदी नंबर 1997 बनकर रह रहा है। राम रहीम के वकील ने जज से गुजारिश की कि राम रहीम समाजसेवी हैं, इसलिए उन्हें माफी दी जाय। बचाव पक्ष के वकील ने कोर्ट को यह भी दलील दी कि बाबा ने स्वास्थ्य शिविर लगवाए, रक्त दान कैम्प लगवाए हैं। इस पर जज ने कहा, लगवाए होंगे और किए होंगे सामाजिक काम लेकिन उन्होंने बलात्कार भी किया है, इसलिए उन्हें सजा भी मिलेगी। इससे पहले जज ने दोनों पक्षों को अपनी-अपनी बात रखने के लिए 10-10 मिनट का वक्त दिया। सीबीआई के वकील ने मामले में अधिकतम सजा देने की मांग करते हुए राम रहीम को उम्रकैद देने की मांग की थी।

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