गुजरात पोत से नशे की सबसे बड़ी खेप पकड़ी

भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने गुजरात तट के निकट एक व्यापारिक पोत से करीब 3,500 करोड़ रुपये की कीमत की 1,500 किलोग्राम हेरोइन जब्त की है जो नशीले पदार्थों की अब तक मिली सबसे बड़ी खेपों में से एक है। रक्षा प्रवक्ता ने आज यह जानकारी दी। एक रक्षा प्रवक्ता ने आज बताया कि आईसीजी, खुफिया ब्यूरो, पुलिस, सीमा शुल्क, नौसेना तथा अन्य एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं। रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी अभिषेक मतिमान ने एक बयान जारी कर कहा, ‘‘ भारतीय तटरक्षक बल के पोत ‘समुद्र पावक’ ने गुजरात के तट के निकट एक व्यापारिक पोत का पीछा किया और उसको पकड़ा जिस पर से करीब 3,500 करोड़ रुपये की कीमत की तकरीबन 1,500 किलोग्राम हेराइन मिली।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘खुफिया सूचना के आधार पर कल करीब 12 बजे पोत को पकड़ा गया। यह नशीले पदार्थ की अब तक की सबसे बड़ी खेप है।’’ उन्होंने बताया कि जब्ती के बारे में और जानकारियों का इंतजार है क्योंकि पोत अभी समुद्र में है। पोरबंदर विशेष अभियान समूह के एक अधिकारी ने बताया कि आईसीजी ने नशीले पदार्थ की खेप के संबंध में आज शाम करीब चार बजे एक बैठक बुलाई है।

एनआरआइ कोटे से पुराने नोट बदल रहे दो लोग गिरफ्तार

एनआरआइ कोटे से पुरानी करेंसी बदलने की फिराक में घूम रहे दो आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 79 लाख 45 हजार रुपये की पुरानी करेंसी के नोट बरामद हुए। पुलिस ने दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर कोर्ट में पेश कर दिया।
आज एएसपी आफिस पर बांसफोड़ान चौकी इंचार्ज जसविंदर सिंह ने खुलासा करते हुए बताया कि बीते शाम पुलिस गश्त पर थी। इस दौरान पुलिस को सूचना मिली कि दो युवक पंत पार्क में पुरानी करेंसी को नई करेंसी से बदलने के लिए किसी का इंतजार कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने एक टीम गठित कर आरोपियों को पकड़ने के लिए लग गई।
सूचना पर पुलिस ने पंत पार्क से दोनों आरोपियों को पकड़ लिया। तलाशी में उनके पास से बैग में 79 लाख 45 हजार रुपये की पुरानी करेंसी के नोट बरामद हुए। बरामद हुई रकम में 55 लाख रुपये पांच सौ के नोट व 24 लाख 45 हजार रुपये एक हजार के नोट थे। पूछताछ में आरोपियों ने अपना नाम जसविंदर सिंह उर्फ पप्पू पुत्र जोरा सिंह निवासी ग्राम गिरधई आइटीआइ व परमजीत सिंह उर्फ सोनू पुत्र गुरमीत सिंह निवासी मालवा फार्म जसपुर-खुर्द, आइटीआइ बताया। आरोपियों ने बताया कि नोटबंदी के समय उन्होंने कमीशन पर पुराने नोट बदले थे।

साइबर ठगी के मामले में महिला साथी गिरफ्तार

97 दूनवासियों के बैंक खातों में सेंध लगाकर की गई लाखों रुपये की साइबर ठगी में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने आरोपी साइबर ठगों की महिला साथी को भी गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी गैंग में अहम भूमिका थी। गिरोह के लिए रुपयों से लेकर गाड़ी तक का इंतजाम यही महिला करती थी। उसके कब्जे से पुलिस ने 2.32 लाख रुपये, चार एटीएम कार्ड, दो चेक बुक, एक पासबुक और हरियाणा नंबर की स्कॉपियो के कागजात बरामद किए हैं।
इस प्रकरण में यह पहली गिरफ्तारी है। आरोपी महिला की पहचान अनिल कुमारी पुत्री दया सिंह निवासी सोनीपत हरियाणा के रूप में हुई। उसे सेक्टर तीन रोहतक स्थित एक घर से गिरफ्तार किया गया। महिला के साथियों की तलाश में पुलिस की दबिश जारी है। एसएसपी एसटीएफ रिधिम अग्रवाल और एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि आरोपी महिला को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
गौरतलब है कि देहरादून में जुलाई के पहले सप्ताह में साइबर ठगी की घटना सामने आई थी। शातिर ठगों ने एसबीआइ के एटीएम में स्कीमर डिवाइस लगाकर विभिन्न बैंकों के खाताधारकों के एटीएम कार्ड के क्लोन तैयार किए और इसके बाद इन खातों से करीब तीस लाख रुपये निकाल लिए। मोबाइल पर रुपये निकासी का मैसेज आने पर खाताधारकों को इसका पता चला। 14 जुलाई से ये मामले सामने आने लगे। अभी तक 97 लोग इस संबंध में मामला दर्ज करा चुके हैं और करीब 30 लाख रुपये निकाले जाने का पता चला है। ठगों ने एक से आठ जुलाई के बीच एटीएम कार्डों की क्लोनिंग की थी।

काफी पहले हो गई थी आरोपियों की पहचान
राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित की थी, जिसके निर्देशन में एसटीएफ और विभिन्न थानों की पुलिस ठगों तक पहुंचने की कड़ियां जोड़ रही थी। दून-दिल्ली से लेकर जयपुर तक के सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस को महत्वपूर्ण कड़ियां हाथ लगी। इसके बाद दून के होटलों और धर्मशालाओं में इस दौरान रुके लोगों के बारे में जानकारी जुटाकर आरोपी साइबर ठगों की पहचान की गई। 10 दिन की मैराथन कसरत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों झज्जर (हरियाणा) निवासी रामबीर, सुदेश और जगमोहन की पहचान कर ली थी। हालांकि, इनकी गिरफ्तारी अब तक नहीं हो सकी है। वहीं सोमवार तक पुलिस ने खातों से उड़ाई रकम का भी पता लगा लिया। शातिरों ने रकम झज्जर में कैलाशो देवी नामक महिला के खाते में जमा कराई थी। इस खाते में 34 लाख रुपये जमा हैं। पुलिस ने इस खाते को 24 जुलाई को फ्रीज करा दिया था।
पुलिस ने बताया कि अनिल कुमारी, रामबीर की बेहद करीबी है। वह दोनों दिल्ली में लिव इन रिलेशनशिप में रहते थे। रामबीर के साथ अनिल कई बार दिल्ली, जयपुर और हिमाचल प्रदेश गई। बाद में रामबीर ने उसे गैंग में शामिल कर लिया और कुछ दिनों में ही वह गैंग की अहम सदस्य बन गई। वह गैंग के सदस्यों के लिए गाड़ी, रहने की व्यवस्था, सिम कार्ड आदि सभी जरूरी चीजें और सामान उपलब्ध कराती थी। ठगी के रुपयों का सेटेलमेंट भी अनिल ही करती थी।

अन्य राज्यों में भी दे चुके हैं घटना को अंजाम
पुलिस ने बताया कि यह गैंग दून ही नहीं बल्कि दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, जयपुर समेत कई स्थानों में भी इस तरह की घटनाओं को अंजाम दे चुका है। गैंग के सदस्य ऐसी एटीएम मशीनों को निशाना बनाते हैं, जहां गार्ड न हो। एटीएम में घुसते ही यह कैमरा खराब करते और फिर स्कीमिंग डिवाइस (स्कीमर) लगा देते थे। इससे पहले वह आसपास के एटीएम को ग्लू या अन्य तरीकों से खराब कर देते, जिससे लोग डिवाइस लगे एटीएम से निकासी करें। एटीएम की क्लोनिंग करने के बाद यह गिरोह अन्य राज्यों में जाकर रुपये निकालता था। ठगी के रुपयों से ये लोग या तो जमीन खरीदते या गाड़ियां और फ्लैट।

हाईकोर्ट के आदेश, सार्वजनिक स्थानों में नही ले जा सकेंगे हथियार

हर्ष फायरिंग मामले में नैनीताल हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए राज्य में शादी समारोह, धार्मिक आयोजन, सार्वजनिक सभाओं व शैक्षिक संस्थानों में हथियार ले जाने पर पाबंदी लगा दी है। इतना ही नहीं, अदालत ने शस्त्र लाइसेंस जारी करने के संबंध में भी दिशा-निर्देश दिए हैं। इनका अनुपालन कराने के लिए जिला पुलिस प्रमुखों को जवाबदेह बनाया गया है।
हर्ष फायरिंग में दो लोगों की मौत के मामले में निचली अदालत से हुई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दोषी की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने यह आदेश दिए। बागेश्वर निवासी धर्म सिंह ने गांव के ही भगवान सिंह के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था। आरोप था कि उसके शादी समारोह में हर्ष फायरिंग के दौरान चार लोगों को गोली लग गई थी। इनमें से दो की उपचार के दौरान मौत हो गई थी।
इस मामले में निचली अदालत ने 12 जुलाई, 2013 को भगवान सिंह को हत्या में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी, जबकि शस्त्र अधिनियम में बरी कर दिया था। भगवान सिंह ने सजा के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
वरिष्ठ न्यायाधीश राजीव शर्मा व न्यायाधीश शरद कुमार शर्मा की खंडपीठ ने इस पर सुनवाई करते हुए अभियुक्त की अपील को गुणदोष के आधार पर खारिज कर दिया, साथ ही हर्ष फायरिंग को लेकर सख्त दिशा-निर्देश भी जारी किए।
अदालत ने अपने आदेशों में कहा है कि 21 साल से कम आयु वालों को शस्त्र लाइसेंस जारी न किए जाएं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि जिस व्यक्ति को हिंसा व अन्य मामलों में सजा हो चुकी हो, उसे पांच साल तक शस्त्र लाइसेंस देने पर विचार ही न किया जाए। अदालत ने शांति व्यवस्था के दौरान पुलिस की ओर से पाबंद किए गए व्यक्तियों को भी लाइसेंस जारी न करने को कहा है।

आंतकवादियों को जरुरत का सामान मुहैया कराते थे हुर्रियत के नेता

एनआइए द्वारा छापेमारी के दौरान हिज्बुल मुजाहिद्दीन और लश्कर ए तैयबा के लेटरहेड बरामद हुए जिससे यह खुलासा होता है कि घाटी में टेरर फंडिंग एक नहीं दोनों ओर से होता रहा है।
हुर्रियत अधिकारियों को आतंकवादी अपने एटीएम के तौर पर उपयोग कर रहे हैं। यहां तक कि पैसे के लिए ये अलगाववादियों को धमकी तक देते थे और एनआइए को मिले दस्घ्तावेज से पता चलता है कि समय-समय पर लश्कर और हिज्बुल मुजाहिद्दीन अलगाववादियों को फंड पहुंचाते रहते हैं।
घाटी में सक्रिय लश्कर और हिज्बुल के स्थानीय कमांडर अपने बीमार साथियों के इलाज और अन्य कारणों से हुर्रियत अलगाववादियों से धन की मांग करते हैं। यहां तक कि हजारों-लाखों रुपये के अलावा मोबाइल फोन की भी मांग होती है। एनआइए ने हुर्रियत के कई सदस्यों को हिरासत में लिया हुआ है, इन पर पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन से आर्थिक समर्थन हासिल कर तनाव फैलाने का आरोप है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार, मोहम्मद अमीन भट्ट द्वारा लिखे गए पत्र में तहरीक-ए-हुर्रियत प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी के करीबी अयान अकबर खांडे से 5 लाख रुपयों की मांग की। जम्मू-कश्मीर हिज्बुल मुजाहिद्दीन के लेटरहेड पर लिखी इस चिट्ठी में लिखा था, नोटबंदी के कारण आर्थिक संकट के हालातों से निपटने के लिए तुरंत 5 लाख रुपयों की जरूरत है। पत्र के अंत में धमकी भी दी गयी है जिसमें खांडे को कहा गया है कि 4 दिनों के अंदर पैसे भेज दें नहीं तो अंजाम के लिए तैयार रहें, जो परिवार तक जा सकता है। खांडे उन 7 अलगाववादियों में से एक है, जिन्हें सोमवार को एनआइए ने गिरफ्तार किया।
नोटबंदी के बाद उर्दू में लिखे गए खत में भी कुछ ऐसी ही बातें लिखी थीं। हिज्बुल के लेटरहेट वाले इस खत में लिखा था, हमें इस समय पैसों की सख्त जरूरत है क्योंकि सुरक्षा और नोटबंदी के कारणों से हमें बाहर से पैसे नहीं मिल रहे। 30 फरवरी को आपके पैसे लौटा दिए जाएंगे। इंशाअल्लाह हम 4 दिनों तक आपका इंतजार करेंगे। अगर आप कुछ नहीं करते तो अपने और अपने परिवार के अंजाम के आप खुद जिम्मेदार होंगे।

मानहानि के मामले में कोर्ट ने लगाया सीएम पर जुर्माना

दिल्ली उच्च न्यायालय ने वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि के दूसरे मामले में जवाब दाखिल नहीं करने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। इससे पहले केजरीवाल को बड़ा झटका तब लगा जब इस केस में उनका बचाव कर रहे जाने-माने वकील राम जेठमलानी ने आप संयोजक पर झूठ बोलने का आरोप लगाते हुए आगे पैरवी करने से साफ इनकार कर दिया।
यही नहीं आज सुनवाई से पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने केजरीवाल को निर्देश दिया कि वह अपने और आम आदमी पार्टी के पांच अन्य नेताओं के खिलाफ दर्ज मानहानि के मुकदमे में जिरह के दौरान केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली से अपमानजनक सवाल नहीं करे।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने कहा कि मुख्यमंत्री को गरिमापूर्ण तरीके से और कानून के अनुसार भाजपा के वरिष्ठ नेता जेटली से जिरह करनी चाहिए। अदालत ने कहा कि गरिमा बनाए रखनी होगी, क्योंकि जिरह की आड़ में किसी व्यक्ति से अपमानजनक और अभद्र भाषा में बात नहीं होनी चाहिए। बहरहाल, न्यायालय ने केजरीवाल के खिलाफ कोई आदेश पारित नहीं किया।
अदालत ने केजरीवाल की उस दलील पर गौर किया कि उन्होंने वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी को जेटली के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के निर्देश नहीं दिए थे। अदालत जेटली की उस अर्जी पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें मांग की गई है कि मानहानि के मुकदमे में व्यवस्थित और उचित तरीके से बयान दर्ज कराए जाए।
मानहानि के मुकदमे में केजरीवाल के अलावा राघव चड्ढा, कुमार विश्वास, आशुतोष, संजय सिंह और दीपक वाजपेयी आरोपी बनाए गए है। उन्होंने भाजपा नेता जेटली पर आरोप लगाए थे कि वर्ष 2000 से 2013 के बीच डीडीसीए के अध्यक्ष पद पर रहते हुए उन्होंने भ्रष्टाचार किया। जेटली ने इन आरोपों से इनकार किया है।

फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की आज से जांच शुरु

देहरादून।
प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों पर गाज गिरने वाली है। फर्जी शिक्षकों के खिलाफ हो रही जांच में एसआईटी सोमवार से दस्तावेजों की जांच करने जा रही है। बता दें फर्जी शिक्षकों की ढेड़ सौ शिकायतें अबतक दर्ज हो चुकी हैं। वहीं अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति को हाई कोर्ट ने हरी झंडी दिखा दी है। जिसके मुताबिक स्कूलों में एलटी कैडर के पदों पर गेस्ट टीचर की नियुक्ति होगी। बता दें विभाग में अभी भी 1600 पद एलटी ग्रेड के रिक्त पड़े हुए हैं।
वहीं, प्रदेश में फर्जी प्रमाण पत्र के जरिए शिक्षक की नौकरी पाने वालों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। इस मामले में आज से एसआईटी विधिवत जांच शुरू करने जा रही है। इसके लिए एसआइटी की टीमों को विभिन्न जिलों में भेज दिया गया है।
गौरतलब है कि प्रदेश के अशासकीय स्कूलों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति पाने का मामला उजागर होने के बाद सरकार ने इसकी जांच एसआइटी से कराने का निर्णय लिया। वहीं जांच का जिम्मा मिलने के बाद फर्जी शिक्षकों के बारे में जानकारी मांगी थी। जिस पर एसआईटी को अबतक करीब सवा सौ से अधिक शिकायतें मिल चुकी हैं।

अब हमारे देश के नागरिक पाकिस्तानी देशभक्ति गीत कर रहे शेयर

मसूरी में एक कश्मीरी व्यापारी ने सोशल मीडिया में पाकिस्तानी देशभक्ति गीत शेयर कर दिया। इसकी भनक लगते ही भाजपा कार्यकर्ता भड़क गए। उन्होंने कोतवाली में जमकर हंगामा किया और आरोपी व्यापारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। जबकि आरोपी व्यापारी का कहना है कि उसका एकाउंट हैक हो गया था। जिसके बाद किसी अनजान ने यह हरकत की है।
कुलड़ी बाजार के एक कश्मीरी व्यापारी ने पाकिस्तानी गीत को अपने फेसबुक एकाउंट से शेयर कर दिया। इस गीत को एक बच्चे ने गाया है और यह पाकिस्तानी देशभक्ति गीत है। बुधवार को इसकी जानकारी भाजपा कार्यकर्ताओं को मिली तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। भाजपाई कोतवाली पहुंच गए और कार्रवाई की मांग करने लगे। शिकायत करने वालों में भाजपा मंडलाध्यक्ष मोहन पेटवाल, कुशाल राणा, त्रिलोक राणा, रजत अग्रवाल, संदीप साहनी, गजेंद्र, धर्मपाल पंवार आदि शामिल रहे।
उधर, कश्मीरी व्यापारी मंजूर अहमद का कहना है कि उनका फेसबुक एकाउंट हैक हो गया था, जिसके बाद किसी ने यह हरकत की है। भाजपा युवा मोर्चा अध्यक्ष राकेश रावत ने बताया कि इस मामले की लिखित शिकायत पुलिस से की गई है। मामले की जांच साइबर सेल से कराने की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक राजीव रौथाण ने बताया कि भाजपा की ओर से शिकायत मिली है। जिसके आधार पर मामले की जांच की जा रही है।

रेलवे पुलिस को ट्रैक पर करनी पड़ रही ड्यूटी

कांवड़ियों के दोपहिया वाहनों की भीड़ से हरिद्वार-ऋषिकेश हाईवे पर वाहनों के पहिए जाम हो गए हैं। हाईवे पर गाड़ियों का संचालन ठप है। हाईवे जाम होने पर कुछ कांवड़ियों ने रेलवे ट्रैक पर बाइकें दौड़ा दी। इसस वजह से रायवाला-हरिद्वार के बीच ट्रेनों का संचालन कॉसन पर किया गया। इस वजह से कई ट्रेनें लेट हुईं।
हाईवे जाम होने पर रोडवेज की बसें अड्डे पर ही खड़ी रही। ऋषिकेश में डाक कांवड़ियों के सैलाब से यातायात व्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। भीड़ बढ़ने पर हरिद्वार-ऋषिकेश के बीच वाहनों का संचालन ठप हो गया है। हालात इतने खराब हैं कि जिसे जिधर जगह मिली दोपहिया वाहन लेकर निकल रहा है। कांवड़ियों ने मोतीचूर रेलवे स्टेशन से रायवाला स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर कब्जा कर उस पर बाइकें दौड़ा दी।
श्यामपुर रेलवे फाटक बंद होने पर भी कांवड़िए बाइक लेकर टैक पर ही चलने लगे। ट्रैक पर कांवड़ियों की बाइकें चलने पर रेलवे सुरक्षा बल के जवान मौके पर पहुंचे और ट्रैक से कांवड़ियों को जाने से रोका गया। ट्रैक पर रेलवे कर्मियां की तैनाती कर दिनभर ट्रेनें कॉसन पर चलीं। इससे ट्रेनें देरी से अपने गंतव्य तक पहुंची। पांच घंटे तक हाईवे जाम होने से पुलिस जवानों की कतारें लगवा वाहन निकलवाए। लोकल वाहन न चलने से लोग पैदल ही अपने घरों को निकले। एसडीएम हरगिरी ने बताया कि दोपहिया में सवार कांवड़ियों की भीड़ बढ़ने एवं डाक कांवड़ियों के वाहनों से दिक्कत आ रही है। शुक्रवार से स्थिति सामान्य हो जाएगी।

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