ठेकेदार महासंघ ऋषिकेश ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोला

ई-टेंडर के विरोध में ठेकेदार महासंघ ऋषिकेश ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। एकजुट हुए ठेकेदारों ने त्रिवेणीघाट पर स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय में तालाबंदी करते हुए धरना-प्रदर्शन किया। आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने ई-टेंडर लागू कर छोटे ठेकेदारों को बेरोजगार बना दिया है।
सोमवार को ठेकेदार महासंघ ऋषिकेश के अध्यक्ष संजय पोखरियाल के नेतृत्व में तीर्थनगरी ऋषिकेश और आसपास के क्षेत्र के ठेकेदार लोनिवि तिराहा पर एकत्रित हुए। यहां से ई-टेंडर के विरोध में नारेबाजी करते हुए त्रिवेणीघाट परिसर स्थित सिंचाई विभाग के कार्यालय पहुंचे। यहां उग्र प्रदर्शन करते हुए कार्यालय से कर्मियों को बाहर किया और एसडीओ के कक्ष में ताला जड़ दिया। कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन के दौरान आक्रोशित ठेकेदारों ने आरोप लगाया कि प्रदेश सरकार छोटे ठेकेदारों का आर्थिक उत्पीड़न कर रही है। ई-टेंडर के लागू होने से छोटे ठेकेदार बेरोजगार हो गए हैं। बताया कि ई-टेंडर में 2 करोड़ से नीचे का काम नहीं है, ऐसे में डी श्रेणी के ठेकेदारों को विभागों में काम नहीं मिल रहा, इससे रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। कोरोना संकट में डी श्रेणी के ठेकेदार पहले ही आर्थिक तंगी झेल रहे हैं। अब इस ई-टेंडर ने सब कुछ चौपट कर दिया है। एक स्वर में कहा कि ई-टेंडर प्रक्रिया को जल्द वापस नहीं लिया तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान राज्यपाल को ज्ञापन भी प्रेषित किया। धरना प्रदर्शन में महासंघ सचिव भगवती सेमवाल, घृपाल सिंह बगियाल, महेश चौहान, नरेश बिष्ट, रमेश रांगड़, हर्षपति सेमवाल, कमलेश डंगवाल, विक्की पंवार, प्रताप सिंह पोखरियाल, खुशीराम रतूड़ी, सुखदेव शर्मा, बालेश्वर, देव सिंह दुमोगा, सर्वेश रावत आदि मौजूद रहे।

गन्ने की अगेती प्रजाति का मूल्य 355 रू प्रति कुन्तल

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा सोमवार को सितारगंज में लम्बे समय से बन्द पड़ी किसान सहकारी चीनी मिल्स लि के पेराई सत्र का विधिवत पटला पूजन व कनवेयर में गन्ना डालकर शुभारम्भ किया गया। साथ ही सरकडा के गन्ना किसान प्रकट सिंह व तरसेम सिंह को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर उन्होने गन्ने की अगेती प्रजाति का मूल्य 355 रू प्रति कुन्तल तथा सामान्य प्रजाति का मूल्य 345 रू प्रति कुन्तल किये जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर किसानों को बधाई देते हुए कहा कि आज सितारगंज के लिए ऐतिहासिक दिन है। सितारगंज किसान सहकारी चीनी मिल के पेराई सत्र के शुभारम्भ से विकास का नया अध्याय शुरू हो रहा है। भविष्य में इस चीनी मिल से बिजली व एथेनॉल का उत्पादन भी किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार व केन्द्र सरकार हमेशा किसानों को आधुनिक व सम्पन्न बनाये जाने हेतु कार्यरत है। हम हमेशा किसानो के साथ थे और भविष्य में भी किसानो के साथ खडे रहेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री को उत्तराखण्ड की विशेष चिंता रहती है, जल्द ही उत्तराखण्ड में दूसरा एम्स खुलने जा रहा है ताकि लोगो एम्स की तरह सारी चिकित्सा सुविधाएं मिल सके। उन्होने कहा केन्द्र सरकार के सहयोग से किच्छा से खटीमा रेल लाईन व टनकपुर से बागेश्वर रेल लाईन की मंजूरी मिल गई है साथ ही जमरानी बांध परियोजना भी स्वीकृत हो चुकी है। उन्होने बताया कि भौगोलिक स्थिति को देखते हुए पहाडी और मैदानी किसानों के लिए अलग-अलग कृषि योजनाएं बनाई जा रही है। प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ग, हर क्षेत्र के लिए योजनाएं बनाई जा रही है। 2025 तक उत्तराखण्ड को देश का सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाया जायेगा इसके लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। अभी तक 400 से अधिक फैसले लिए है, जिनका शासनादेश भी जारी हो चुका है। उन्होने बताया आशा, आंगनबाडी, उपनल, राज्य आंदोलनकारी, ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत, भोजन माताओं, पी.आर.डी. जवानों आदि की मांगो पर विचार कर इनका मानदेय बढाया गया। उन्होने कहा जिनकी मांगे छूट गई है, उनको भी शीघ्र पूरा किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई खेल नीति के अन्तर्गत ऐसे खिलाडी जिसमे योग्यता और क्षमता है, उनका सारा खर्च प्रदेश सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। उन्होने बताया महामारी में जो बच्चे अनाथ हो चुक है उन्हे वात्सल्य योजना के अन्तर्गत 3000 रू प्रतिमाह की राशि दी जा रही है तथा शिक्षा का खर्च प्रदेश सरकार द्वारा किया जा रहा है। नवजात बच्चों की माताओं को जरूरी सामान की महालक्ष्मी किट दी जा रही है। रोजगार के लिए सिंगल विंडो सिस्टम शुरू किया है तथा रोजगार मेलों का आयोजन किया जा रहा है ताकि बेरोजगारों को रोजगार के लिए भटकना न पडे। नई खनन नीति बनाने के लिए पब्लिक डोमेंन के माध्यम से लोगो के सुझाव मांगे गए है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने बंगाली समुदाय के नमो शुद्र के कारपस फंड तथा संत केसर सिंह छात्रवृति के कारपस फंड को 2 करोड से बढाकर 4 करोड किये जाने की भी घोषणा की।
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने बताया कि लम्बे समय से बन्द पड़ी इस चीनी मिल को चलाने का संकल्प प्रदेश सरकार ने लिया था वो संकल्प आज पूरा हुआ। उन्होने कहा हमारी सरकार किसानों के साथ है। उन्होने बताया इस चीनी मिल के खुलने से सितारगंज, नानकमत्ता व खटीमा के गन्ना किसानों को फायदा होगा। उन्होने बताया प्रदेश सरकार ने गन्ना का भुगतान समय से किया है और आगे भी समय से किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि विगत वर्षों में सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू0 317 प्रति कुण्टल था तथा अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू० 327 प्रति कुण्टल था। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के अनुसार अब सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू0 345 प्रति कुण्टल तथा अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य रू० 355 प्रति कुण्टल हो गया है, जो उत्तर प्रदेश की तुलना में 5/- रू० प्रति कुण्टल अधिक है। गत वर्षाे में क्रय केंद्रों से गन्ना खरीद पर 11 रुपये प्रति कुंटल का गन्ना भाड़ा किसानों को चुकाना पड़ता था जो आज की घोषणा के 9.50 रुपये मात्र प्रति कुंटल देना होगा।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद करते हुए क्षेत्रीय विधायक सौरभ बहुगुणा ने किसानों को बधाई दी। उन्होने कहा सितारगंज, नानकमत्ता व खटीमा के लिए आज बहुत शुभ दिन है। उन्होने कहा इस चीनी मिल को भविष्य में और आधुनिक बनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने क्षेत्र के किसानो की भावनाओं का ख्याल रखा। उन्होने कहा जो भी कार्य सम्भव है वे कार्य किये जा रहे है।
इस अवसर पर जिलाधिकारी रंजना राजगुरू, एसएसपी दलीप सिंह कुॅवर, मुख्य विकास अधिकारी आशीष भटगाई, अपर जिलाधिकारी जयभारत सिंह, जीएम चीनी मिल आरके सेठ, उप जिलाधिकारी तुषार सैनी आदि उपथित रहे।

कल सिंचाई विभाग के कार्यालय का घेराव करेंगे छोटे ठेकेदार

श्री सत्यनारायण मंदिर परिसर में स्थानीय ठेकेदारों ने बैठक की। बैठक में ई टेंडरिंग को लेकर विरोध जताया गया। साथ ही संजय पोखरियाल को ठेकेदारी यूनियन का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया। बताया गया कि अन्य पदाधिकारियों का चयन अध्यक्ष द्वारा किया जाएगा।
रविवार को हुई बैठक में ई टेंडरिंग का विरोध किया गया। नवनियुक्त कार्यकारी अध्यक्ष संजय पोखरियाल ने कहा कि संगठन छोटे ठेकेदारों के हितों की रक्षा करेगा। वहीं, सोमवार को ऋषिकेश में सिंचाई विभाग के कार्यालय का घेराव किया जाएगा। उन्होंने गौहारीमाफी में तटबंधों के निर्माण का कार्य स्थानीय ठेकेदारों को देने की मांग की है। मौके पर हर्ष पति सेमवाल, प्रताप पोखरियाल, भगवती प्रसाद सेमवाल, हुकुम चंद रमोला, चंदन सिंह, गोविंद सजवाण, कैलाशमनी रतूड़ी, पदम सिंह बगियाल, विजयपाल राणा आदि उपस्थित रहे।

सीएम आवास में आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड @ 25 समिट ’बोधिसत्व’ का आयोजन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड @ 25 समिट बोधिसत्व में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजयराघवन, पद्मभूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन मंच पर उपस्थित थे।

प्रधानमंत्री के विजन पर किया जा रहा उत्तराखण्ड का विकासः सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2025 तक उत्तराखण्ड को विजन दिया है। इस विजन को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। बोधिसत्व कार्यक्रम के माध्यम से समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है। 2025 तक उत्तराखण्ड को हर क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए सरकार द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं।

विकास और प्रकृति में संतुलन आवश्यक
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास प्राकृतिक संपदा है। इस प्राकृतिक संपदा के सदुपयोग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। हिमालय को बचाने एवं प्रकृति के साथ संतुलन के लिए सभी को आगे आना होगा। प्राकृतिक संपदाओं एवं अन्य स्रोतों से राज्य की आय बढ़ाने की दिशा में भी विशेष प्रयास किये जा रहे हैं।

केन्द्र सरकार से मिल रहा पूरा सहयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य होने के नाते यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। किसी भी चुनौती से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार का राज्य को हर संभव सहयोग मिलता रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है। उत्तराखण्ड के विकास की यात्रा सबकी सामूहिक यात्रा है। राज्य के विकास के लिए जो भी जन सुझाव प्राप्त होंगे उन सुझावों पर पूरा विचार किया जायेगा। प्रदेश के समग्र विकास के लिए अंतिम पंक्ति पर खड़े लोगों को ध्यान में रखते हुए योजनाएं बनाई जा रही हैं।

नीति आयोग उपाध्यक्ष ने कहा हाई वैल्यू एग्रीकल्चर और प्राकृतिक खेती पर फोकस हो
नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने कहा कि उत्तराखण्ड अभी युवा राज्य है। उत्तराखण्ड के पास अनेक प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। उत्तराखण्ड के बहुमुखी विकास के लिए नये सिरे सोचना होगा। सभी वर्गों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड को शिक्षा का हब बनाना होगा। माध्यमिक शिक्षा का हब तो उत्तराखण्ड है, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में और प्रयास करने होंगे। उत्तराखण्ड में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में अनेक संभावनाएं हैं। पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण की दिशा में प्रयासों की जरूरत है। हाई वैल्यू एग्रीकल्चर के क्षेत्र में प्रयास करने होंगे। एरोमैटिक एवं मेडिसनल प्लांट, फ्लोरीकल्चर, हॉर्टीकल्चर के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अपार संभावनाएं है। उन्होंने सुझाव दिया कि इसके लिए गोष्ठी का आयोजन किया जाए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में विशेष प्रयास होने चाहिए। उत्तराखण्ड में महिलाएं लगनशील हैं। महिलाओं को अधिक से अधिक प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाय। उत्तराखण्ड को स्वयं प्राकृतिक खेती की ओर जुटना चाहिए। नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में और प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने सुझाव दिये कि उत्तराखण्ड में जितने भी साइंटिफिक इंस्टीट्यूशन हैं, वे मिलकर विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करें। हमारा प्रयास होना चाहिए कि अगले दस सालों में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय तीन से चार गुना बढ़ सके। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द राज्य के विकास के लिए नया ब्लू प्रिंट बनाकर दिया जायेगा।

साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरीः डॉ के विजनराघवन
केन्द्र सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार डॉ. के. विजयराघवन ने कहा कि उत्तराखण्ड के पास हिमालय के रूप में बड़ी संपदा है। हिमालय देश एवं दुनिया को प्रभावित करता है। हिमालय को सस्टनेबल तरीके से प्रोटक्ट करना एवं इसके लिए डैवलपमेंट के कार्य करना एक बड़ा कार्य है। इसमें अनेक सांइंटिफिक इंस्टीट्यूट काफी कार्य कर चुके हैं। इसके लिए साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरी है।

हिमालय के प्रति सबकी जिम्मेदारीः डॉ अनिल जोशी
पद्म भूषण डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि बोधिसत्व के माध्यम से राज्य के समग्र विकास के लिए मुख्यमंत्री द्वारा सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। हिमालयी राज्यों को आपस में लगातार चिंतन एवं मंथन करने की जरूरत है। हिमालय सबका है, इसके प्रति सबकी भागीदारी होनी चाहिए। प्रदेश के विकास के लिए अपनी कमजोरी एवं ताकत का नये सिरे से विश्लेषण करना जरूरी है।

अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन ने कहा कि भौगोलिक विषमताओं के बावजूद भी इन्फ्रास्ट्रक्चर में राज्य ने कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उत्तराखण्ड में कई क्षेत्रों में मजबूतियां भी हैं, तो कुछ क्षेत्रों में चुनौती भी हैं। हिमालय, गंगा, जलवायु एवं शांतप्रिय समाज यहां की मजबूती हैं। रोजगार, कनेक्टिविटी, पलायन को रोकना, आपदा एवं बोर्डर ऐरिया से संबंधित मामले राज्य के समक्ष चुनौतियां भी हैं। आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड बनाने के लिए इन चुनौतियों को कम करने के लिए राज्य में प्रयास किये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री द्वारा लोगों से संवाद कर सुझाव लिये जा रहे हैं।

इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, नीति आयोग से डॉ. नीलम पटेल, सचिव नियोजन बीवीआरसी पुरूषोत्तम, मुख्यमंत्री के चीफ कॉर्डिनेटर दुर्गेश पंत, शासन से प्रमुख सचिव, सचिव, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, विभिन्न संस्थानों के निदेशक एवं गणमान्य उपस्थित थे।

सीएम ने दिया टास्क, 15 दिसम्बर तक स्वरोजगार योजनाओं में लक्ष्य पूरा करें

जिलाधिकारी प्रत्येक सप्ताह विभिन्न योजनाओं के तहत दिये जाने वाले लोन की समीक्षा करें।
केन्द्र एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
लोन के लिए अनावश्यक आपत्ति लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए।
जिला स्तरीय अधिकारियों एवं बैंकर्स द्वारा कैंप लगाकर जन समस्याओं का समाधान किया जाए।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति बैठक ली
मुख्यमंत्री ने मंगलवार को सचिवालय में स्वरोजगार योजनाओं की प्रगति बैठक लेते हुए अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस वर्ष विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन देने का लक्ष्य रखा गया है, उस लक्ष्य को 15 दिसम्बर 2021 तक पूर्ण किया जाय। संबंधित विभागीय अधिकारी एवं बैंकर्स आपसी समन्वय स्थापित कर हर हाल में लक्ष्य पूर्ण करें। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन दिये जा रहे हैं, उनकी प्रत्येक सप्ताह प्रगति समीक्षा की जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं की विभिन्न माध्यमों से लोगों को जानकारी दी जाए। विभिन्न योजनाओं के तहत जो लोन दिये जा रहे हैं, उनकी आम जन को जानकारी हो। इसके लिए जिलाधिकारियों एवं बैंक के अधिकारियों द्वारा अभियान चलाया जाय। एक ही जगह पर लोगों की लोन की समस्या का समाधान हो, जिला स्तरीय अधिकारी एवं बैंक के अधिकारी कैंपों के माध्यम से जन समस्याओं का समाधान करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि 15 दिसम्बर 2021 तक निर्धारित लक्ष्य पूर्ण करने के साथ ही जिन योजनाओं में अधिक आवेदन प्राप्त हो रहे हैं, लक्ष्य से अधिक लोन स्वीकृत करने के लिए प्रयास किये जाए। अनावश्यक आपत्तियां लगाने वालों पर सख्त कार्रवाई भी की जाय। बैंकों द्वारा आवेदन प्राप्त होने के एक सप्ताह के अन्दर लोन की सम्पूर्ण कार्यवाही की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि योजनाओं का लाभ लोगों को समय पर मिले। अनावश्यक रूप से कार्यालयों के चक्कर न लगाना पड़े।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत बढ़ाये गये लक्ष्य को भी समय पर पूर्ण कर लें। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन स्वीकृति की स्थिति पर निगरानी के लिए जिलाधिकारी निरन्तर बैंकर्स के साथ समन्वय स्थापित करें। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एनआरएलएम, वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली स्वरोजगार योजना, होम स्टे, स्पेशल कम्पोनेंट प्लान, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, एन.यू.एल.एम, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन प्रोग्राम, स्टैण्ड अप इण्डिया, पीएम स्वनिधि, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की प्रगति की समीक्षा की।
बैठक में अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव एल. फैनई, सचिव अमित नेगी, शैलेश बगोली, एस. ए. मुरूगेशन, राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति के वरिष्ठ अधिकारी, वर्चुअल माध्यम से सभी जिलाधिकारी एवं बैंकर्स उपस्थित थे।

श्रमिकों की मांगों को खरोला ने दिया समर्थन

कांगेस के प्रदेश महासचिव राजपाल खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि आज ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत तहसील परिसर के समीप में अखिल भारतीय सर्वजन श्रमिक कल्याण समिति द्वारा विगत 4 दिन से चल रहे 10 सूत्रीय मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन को समर्थन दिया और उपजिलाधिकारी महोदय को 10 सूत्रीय मांगो का ज्ञापन प्रेषित किया।
इस अवसर पर खरोला ने कहा सरकार की उदासीनता व क्षेत्रीय विधायक की निष्क्रियता के चलते ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के श्रमिक आंदोलन पर बाध्य हो गए हैं। खरोला ने कहा कि देश में मजदूर विरोधी नीतियां सरकार बना रही है। नए-नए कानून बना दिए जाते हैं, जिनका फायदा कंपनी प्रबंधन उठा रही हैं। श्रमिक संगठन सुधारीकरण के नाम पर बनाए गए कानूनों का विरोध करती रही है, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है।
खरोला ने कहा कि ऋषिकेश क्षेत्र के श्रमिकों की पिछले 3 वर्षों से कोई सुनवाई नहीं हो रही है। सरकार के द्वारा दी जाने वाली सभी सुविधाओं से वंचित हैं जिस कारण श्रमिकों को अत्यधिक समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
खरोला ने जानकारी देते हुए बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के समय जो तमाम सुविधाएं सरकार द्वारा चिन्हित श्रमिकों को दी जा रही थी। वह सभी सुविधाएं आज सिर्फ कागजों में ही दिखाई दे रही है। कहीं पर भी श्रमिकों को वह सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जिनके वे हकदार हैं।
खरोला ने कहा कि पिछले 3 वर्षों से श्रमिक के लिए साइकिल, बच्चों की शादी के लिए आर्थिक मदद, टूल किट, मृतक आश्रितों को आर्थिक मदद आदि तमाम सुविधाएं ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंदर बंद पड़ी हुई है इसी लिए श्रमिक मजदूर आंदोलन को बाध्य हो गए हैं।
खरोला ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने आज तक श्रमिक संगठनों से श्रम कानूनों में किए जाने वाले संशोधनों के बारे में बातचीत तक भी नहीं की है। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि शीघ्र ही श्रमिकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया तो श्रमिक संगठन के साथ कांग्रेस को बड़ा आंदोलन को बाध्य होना पड़ेगा।
इस दौरान प्रेम नाथ राव, फूलमती देवी, गुड्डन देवी, आशा भंडारी, हरेंद्र प्रसाद, मिंटू, पदम, अशोक, मिंटू आदि लोग उपस्थित रहे।

जयेन्द्र रमोला ने सरकार पर बेरोजगारों को ठगने के आरोप लगाये

कैम्पा व नमामी गंगे के तहत वन विभाग में रखे गये वन सुरक्षा श्रमिक अपनी नौकरी को ठेकेदारी में समाहित किये जाने व मासिक आय में कमी किये जाने की समस्याओं को लेकर एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला से मिले।
इस अवसर पर जयेन्द्र रमोला ने कहा कि वन सुरक्षा श्रमिकों द्वारा पता चला कि वन श्रमिक जो कि कैम्पा व नमामी गंगे योजना के अन्तर्गत वन विभाग में कार्य कर रहे हैं उनके हितों पर वन विभाग द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। जहां सरकार रोज़गार देने की बात करती हैं, वहीं सरकार वर्षों से कार्यरत वन श्रमिकों को ठेकेदार के हवाले कर व उनकी मासिक आय में कटौती कर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं जो कि न्यायोचित नहीं है। कहीं ना कहीं वन विभाग द्वारा वन सुरक्षा श्रमिकों का उत्पीडन कर उनको नौकरी से हटाने की संभावना है। विभाग में राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित के अन्तर्गत दैनिक वेतन श्रमिक व न्यायालयों के आदेशों के आच्छादित श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। पारिश्रमिक के अन्तर्गत विभिन्न आउटसोर्स संस्थाओं जैसे उपनल, ग्लोबल, उज्जवल आदि के माध्यम से रखे गए आउसोर्स श्रमिकों की पारिश्रमिकी का भुगतान किया जाता है। वन सुरक्षा श्रमिक की पहले न्यूनतम आय 8200 प्रति माह हुआ करती थी जिसमे 4 दिन का अवकास हुआ करता था। लेकिन भाजपा सरकार द्वारा जो वन विभाग की बागडोर निजी कंपनी को सौप दिए जाने से बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बदलाव की वजह से इन कर्मियों की मासिक आय 8000 से भी और कम हो गयी है। सभी प्रभावित वन विभाग के सुरक्षा श्रमिक बहुत मुश्किल से कार्य करते है, अपनी जान को जोखिम में डालकर जैसे ज़हरीले सांपो को पकड़ना, बाघ, हाथी एवं अन्य जंगली जानवरों को खदेड़ना का कार्य करते हैं, उन वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पूर्ण रूप से अन्याय किया जा रहा है।
रमोला ने कहा कि हम इस दुर्व्यवहार का विरोध करते है और कांग्रेस पार्टी इससे प्रभावित कर्मियों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में अपने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर इस समस्या को प्रदेश स्तर पर उठायेंगे और वन सुरक्षा श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।
मौक़े पर भगवती प्रसाद चमोली, रवि थापा, हरकेश सिंह, देवेंद्र, करन, संतराम, सुरेंद्र, लवीश, हरिराम, भोपाल, रमेश, उत्तम सिंह, बलवीर, तारा चंद, धर्म सिंह, प्रेम, पिंकी, खेमचंद, रोहित, पंकज, प्रमोद, सुनील, प्रीति नेगी व अवशेष नेगी मौजूद थे।

स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को रानीपोखरी में ‘उत्तरा’ स्टेट एम्पोरियम एवं ग्रामीण हाट बाजार के पुनरोद्धार कार्य का लोकार्पण किया। जिसमें 161.47 लाख की लागत से उत्तरा स्टेट इम्पोरियम निर्माण, 138 लाख की लागत से ग्रामीण हाट बाजार का पुनरुद्धार कार्य का लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महिला स्वयं सहायता समूह सशक्तिकरण योजना के अन्तर्गत समूहों को अनुदान राशि के चेक भी वितरित किये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘उत्तरा’ स्टेट एम्पोरियम के निर्माण से लोगों को अपने स्थानीय उत्पादों के लिए बाजार मिल गया है। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। इससे जहां लोगों की अजीविका में वृद्धि होगी, वहीं उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं को सशक्त एवं स्वावलंबी बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा दिया जा रहा है। समाज के सर्वांगीण विकास के लिए पुरूषों के साथ महिलाओं को भी आर्थिक रूप से सशक्त होना जरूरी है। कोरोना काल में हमारी बहनों को कार्य करने में अनेक बाधाएं आई। उनकी समस्याओं को कम करने के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वयं सहायता समूहों एवं संगठनों को 119 करोड़ रूपये का राहत पैकेज दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि ग्रामसभा डांडी में झीलवाला नहर को भूमिगत एवं सड़क का निर्माण कार्य किया जायेगा। घमण्डपुर-जीवनवाला के मध्य पुल का निर्माण किया जायेगा। सौड़ा सिरोली में आन्तरिक सड़कों का निर्माण किया जायेगा। प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र थानो का उच्चीकरण किया जायेगा। ग्राम पंचायत कुडियाल में प्रकाश पंत मार्ग से थानों भोगपुर तक 2 किमी मार्ग का निर्माण किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने क्षेत्रान्तर्गत धमेन्द्र रावत के पोल्ट्री फार्म में आग लगने से हुई क्षति का आकलन कर उपजिलाधिकारी रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिये।
कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा महिला सशक्तिकरण की दिशा में सराहनीय प्रयास किये जा रहे हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों एवं संगठनों से जुड़ी माताओं एवं बहनों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने के प्रयास किये जा रहे हैं। कोरोना काल में हर क्षेत्र में लोगों को राहत देने के प्रयास किये गये हैं।

विशेषज्ञों ने पांच तकनीकी सत्र के माध्यम से किसानों को दी जानकारी

उत्तराखंड के पहले तीन दिवसीय अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में दूसरे दिन पांच तकनीकी सत्र संपन्न हुए। जिसमें देशी-विदेशी वक्ताओं व विभिन्न शोध संस्थाओं, विश्वविद्यालयों के वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों ने प्रतिभाग कर मसाला एवं सब्जी की विभिन्न प्रजातियों के उत्पादन, प्रसंस्करण व पैकेजिंग में नवीनतम तकनीकी के सम्बन्ध में अपने अनुभवों को साझा किया।
दूसरे दिन का प्रथम सत्र आलोक गुप्ता अध्यक्ष, सुरभि फाउन्डेशन नई दिल्ली एवं रिर्पाेटियर डॉ. सुरेश राम उपनिदेशक श्री हेमवती नन्दन सहायक विकास अधिकारी की अध्यक्षता में हुआ। इसमें निदेशक आईसीएआर-एनआरसीएसएस अजमेर डॉ एसएन सक्सैना, निदेशक आईसीएआर-सीआईपीएचटी लुधियाना डॉ नचिकेत आदि ने मूल्यवर्धन तकनीक, बाजार व्यवस्था पर जानकारी दी। द्वितीय सत्र उत्तराखंड उद्यान विभाग के निदेशक डॉ एचएस बवेजा की अध्यक्षता में हुआ। इसमें न्यूयार्क से आई सलाहकार अदिति चौहान, सचिन अवस्थाी आदि ने भाग की खेती और उसके औषधीय उपयोगों के बारे में जानकारी दी। तृतीय सत्र में विदेशी वक्ताओं(रूस, आस्ट्रिया, अमेरिका, सिंगापुर आदि) ने वर्चुअल माध्यम से प्रतिभाग किया। इसमें उन्होंने मसालों और सब्जियों के उत्पादन को बढ़ावा देने के विषय पर चर्चा की। चतुर्थ सत्र में वक्ताओं ने विभिन्न प्रकार के प्रयोगों के माध्यम से डिजिटल उपयोगिता के बारे में बताया। अंतिम सत्र पर्यावरण विज्ञान की प्रोफेसर डॉ परमिन्द्र कौर की अध्यक्षता में हुआ। इसमें वक्ताओं, संबंधित विभागीय अधिकारियों और कृषकों ने कृषि विषय पर सामूहिक रूप विचार-विमर्श किया गया। किसानों को सब्जी एवं मसालों के उत्पादन में आ रही कठिनाईयों का समाधान करते हुए सत्र का समापन किया गया। मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष विनोद कुकरेती, क्रेजी फेडरेशन अध्यक्ष मनीष डिमरी, सभासद मनोज बिष्ट, सफाई निरीक्षक भूपेंद्र सिंह पंवार उत्तराखंड उद्यान विभाग के समस्त अधिकारी, प्रगतिशील कास्तकार, उद्यमी उपस्थित रहे।

पालिका ने लगाई खाद की स्टॉल
अंतराष्ट्रीय मसाला एवं सब्जी महोत्सव में नगर पालिका परिषद मुनिकीरेती-ढालवाला की ओर से जैविक खाद के पैकेटों की स्टॉल लगाई गई है। अधिशासी अधिकारी बीपी भट्ट ने बताया कि इस खाद को घरों से निकलने वाले जैविक कूड़ें फलों, सब्जियों आदि से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया इस खाद को घरों में खेतों, गमले आदि में आसानी से प्रयोग किया जा सकता है। उचित मूल्य पर यह पालिका के काउंटर से प्राप्त की जा सकती है।

सीएस ने रोजगार संबंधी प्रमुख योजनाओं की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने शुक्रवार को सचिवालय में प्रधानमंत्री इम्प्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम एवं मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि सभी जिलाधिकारी इन योजनाओं के लिए विशेष अभियान चलाएं ताकि अधिक से अधिक लोग इन महत्वपूर्ण योजनाओं का लाभ उठा सकें। उन्होंने बैंकों को भी निर्देश दिए कि निर्धारित टारगेट को पूर्ण करने के लिए 15 दिसंबर तक आवेदन को स्वीकृत करने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि जिन आवेदनों को छोटी-छोटी त्रुटियां दूर करके स्वीकृत किया जा सकता है, ऐसे आवेदनों में विशेष फोकस किया जाए, ताकि रिजेक्शन कम से कम हो।
मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए कि एप्लीकेशन की स्क्रूटिनी के लिए एक ऐसा मैकेनिज्म तैयार करें ताकि क्वालिटी एप्लीकेशन बैंकों तक जाएंगी, इससे भी आवेदनों का रिजेक्शन कम से कम होगा। उन्होंने उद्योग मित्र बैठकों को लगातार आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि मैदानी क्षेत्रों में प्रत्येक माह एवं पर्वतीय जनपदों ने प्रत्येक 2 माह में उद्योग मित्र बैठक आयोजित की जाए। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की समस्या के लिए टाइम बाउंड सॉल्यूशन किए जाने की आवश्यकता है, तभी किसी योजना का अधिक से अधिक लाभ अर्जित किया जा सकेगा। उन्होंने अधिकारियों को उद्योगों को स्थापित करने हेतु लैंड बैंक बनाए जाने के भी निर्देश दिए। कहा कि हमें सॉल्यूशन फाइंडर की भूमिका निभानी है, तभी किसी समस्या का हल निकाला जा सकेगा।
मुख्य सचिव ने बैंकों से भी कहा कि जिन योजनाओं के लिए बैंक लोन चुकाने का समय 15 साल निर्धारित किया गया है, बहुत से बैंक उन योजनाओं के लिए 5 से 7 साल के लिए ही ऋण दे रहे हैं। उन्होंने बैंकों को निर्देश दिए कि निर्धारित समय सीमा के लिए ही ऋण दिया जाए, तभी आवेदक योजनाओं का लाभ लेने को प्रोत्साहित होंगे। उन्होंने कहा कि इन सभी योजनाओं का मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी को कम करना है। हमारा टारगेट अधिक से अधिक बेरोजगारों को इन योजनाओं का लाभ दिलाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है।
इस अवसर पर सचिव अमित नेगी, महानिदेशक उद्योग रोहित मीणा सहित सभी जनपदों के जिलाधिकारियों सहित बैंकों के सम्बन्धित उच्चाधिकारी भी उपस्थित रहे।

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