मिड डे मिल का नाम अब पीएम पोषण, केन्द्र सरकार 1.30 लाख करोड़ करेगी खर्च

स्कूली बच्चों को पर्याप्त पोषण मुहैया कराने में जुटी केंद्र सरकार ने आज एक बड़ा फैसला लिया। इसके तहत स्कूली बच्चों से जुड़ी करीब 26 साल पुरानी मिड-डे मील स्कीम के नाम को बदलकर पीएम पोषण (प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण) करने का एलान किया गया है। इसका मतलब है कि केन्द्र सरकार अब भोजन देने के साथ ही बच्चों को सेहतमंद भी बनाएगी। पूरी स्कीम में कई अहम बदलावों को भी मंजूरी दी गई है। अगले पांच साल में स्कीम पर करीब 1.30 लाख करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में बुधवार को हुई आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) की बैठक में मिड-डे मील स्कीम में बदलाव को यह मंजूरी दी गई। इस पूरी योजना का लाभ देशभर के करीब 12 करोड़ स्कूली बच्चों और करीब 11 लाख स्कूलों को मिलेगा। पीएम पोषण के नाम से यह स्कीम इसी वित्तीय वर्ष से लागू होगी।
स्कूली बच्चों को मध्यान्ह भोजन मुहैया कराने के लिए मिड-डे मील स्कीम की यह शुरुआत वर्ष 1995 में की गई थी। तब से यह स्कीम लगातार संचालित है और सरकार की लोकप्रिय स्कीमों में शुमार है। इस पूरे बदलाव के पीछे जो अहम वजह बताई जा रही है, उनमें स्कीम के मौजूदा नाम और स्वरूप में फोकस सिर्फ भोजन पर था, जबकि सरकार का फोकस स्कूली बच्चों को अब पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराने पर है जो नई स्कीम से स्पष्ट हो रहा है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने बुधवार को सीसीईए की मंजूरी के बाद योजना में किए गए बदलावों को साझा किया और कहा कि इसमें पारदर्शिता पर जोर दिया गया है। स्कूलों को पैसा अब सीधे डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के जरिये भेजा जाएगा। साथ ही पोषण युक्त भोजन देने में प्रत्येक जिले को यह छूट भी दी जाएगी कि वह स्थानीय स्तर पर उपयुक्त पोषण युक्त खाद्यान्न या फिर मोटे आनाज को स्कूली बच्चों के खाने में शामिल कर सके।
वहीं, पीएम पोषण के दायरे में अब प्री-प्राइमरी के बच्चे भी शामिल होंगे। यानी उन्हें भी स्कूलों में अब पोषण युक्त भोजन मिलेगा। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति आने के बाद ही प्री-प्राइमरी को स्कूली शिक्षा में जोड़ा गया है। स्कूलों में इसके लिए बाल वाटिका खोलने का प्रस्ताव है। एक सवाल के जवाब में प्रधान ने कहा कि अगले दो से तीन साल में सभी स्कूलों में बाल वाटिका खुल जाएंगी।
पोषण मुहिम में सरकार ने स्कूली बच्चों के बीच आपसी जुड़ाव बढ़ाने के लिए तिथि भोजन की पहल को भी तेजी से आगे बढ़ाने का फैसला लिया है। इसमें स्कूली बच्चों को महीने में कम से कम एक दिन या विशेष अवसरों पर घर से खाने का एक और टिफिन लाना होगा जो वे आस-पास के किसी दूसरे स्कूल में जाकर बच्चों को खिलाएंगे। साथ ही उसके साथ अपना टिफिन भी खाएंगे।
यह स्कीम सीबीएसई स्कूलों में शुरू की जा चुकी है। साथ ही यह स्वैच्छिक है। जो बच्चे चाहें, इस मुहिम में शामिल हो सकते हैं। नई स्कीम में स्कूलों में शुरू हुई पोषण बगीचे (न्यूट्रिशन गार्डन) की मुहिम को रफ्तार देने पर भी जोर दिया गया है, जिसमें ताजी सब्जियां आदि उगाई जाती हैं।

अब नई एसओपी में दिये गये समय के अनुसार खुलेंगे स्कूल

उत्तराखंड में स्कूलों के खोलने और बन्द करने को लेकर नई समय सारणी निर्धारित कर दी गई है। सरकार ने इसके लिए एसओपी भी जारी की है। अब प्रदेश के समस्त स्कूल नए निर्देश के अनुसार खुलेंगे और बन्द होंगे। इसका सख्ती से पालन करना होगा।
एसओपी के अनुसार, राज्य में अब सभी विद्यालयों का संचालन गर्मियों में एक अप्रैल से 30 सितम्बर तक प्रातः 8.00 बजे से लेकर अपराहन 1.00 बजे तक होगा। वही शीतकाल में एक अक्टूबर से 31 मार्च तक प्रातः 9 बजकर 30 मिनट से अपराहन 3 बजकर 30 मिनट तक की समय सीमा निर्धारित की गई है।

आजादी का अमृत महोत्सव में जनभागीदारी अभियान का पालिका मुनिकीरेती ने किया आयोजन

नगर पालिका परिषद मुनीकीरेती-ढालवाला ने ’आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत पालिका सभागार में नगर क्षेत्र के स्कूलों के विद्यार्थियों के माध्यम से जनभागीदारी अभियान के अर्न्तगत कला एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का आयोजन किया। जिसमें पालिका द्वारा छात्र-छात्राओं को स्वच्छ गंगा, नमामि गंगे एवं सोर्स सेग्रिगेशन विषय पर आधारित कला एवं पेंटिंग प्रतियोगिता का विषय दिया गया। इस प्रतियोगिता में पालिका क्षेत्र के 10 स्कूलों के 85 छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का आयोजन अधिशासी अधिकारी बद्री प्रसाद भट्ट के द्वारा किया गया। अधिशासी अधिकारी ने छात्र-छात्राओं को नगर क्षेत्र को साफ रखने एवं स्वच्छ गंगा के सपने को साकार करने की अपील करते हुए संदेश प्रसारित करने का भी आग्रह किया गया।
इस दौरान पालिका के सभासद विनोद सकलानी, वीरेंद्र सिंह चौहान, अजय रमोला, रामकृष्ण पोखरियाल विद्या निकेतन जूनियर हाई स्कूल, वीरेंद्र दत्त कुड़ियाल लाल बहादुर शास्त्री स्कूल, काजल पूनम पब्लिक स्कूल, सुरेश स्वामी परमानंद स्कूल, विमला बड़ौला एसवीएम इंटर कॉलेज, रिचा मंडल मदर मैरी कल स्कूल, रश्मि बुटोला मदर मेडिकल, शालिनी शर्मा श्री पूनम पब्लिक स्कूल, आदि स्कूल के अध्यापक एवं पालिका से अनुराधा गोयल, भूपेंद्र पंवार, दीपक कुमार, सतेंद्र, मनोज आदि शामिल रहे।

ज्ञानवाणी चैनल से ऑनलाईन शिक्षा और सुलभ होगी-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में ज्ञानवाणी चैनल का वर्चुअल शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य में छात्र-छात्राओं को ऑनलाईन शिक्षण अधिगम से लगातार जोड़े रखने हेतु उत्तराखण्ड राज्य शिक्षा विभाग और जियो ने मिलकर नए ऑनलाईन एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी-1 और ज्ञानवाणी-2 का शुभारंभ एक अच्छा प्रयास है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाय कि बच्चों को ऑनलाइन शिक्षण के उद्देश्य से शुरू किए गए एजुकेशन चैनल ज्ञानवाणी का लाभ प्रदेश के सभी बच्चों को मिले। ज्ञानवाणी चौनल की सार्थकता तभी होगी जब समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्तियों तक इसका लाभ पहुंचे। उन्होंने कहा की बच्चों के शारीरिक एवं मानसिक विकास में स्कूलों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। कोरोना काल में ऑनलाइन शिक्षण के लिए अनेक सराहनीय प्रयास किए गए। स्कूलों में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी शैक्षणिक गतिविधियां चल रही है।
शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय ने कहा कि कोविड के दौरान ऑनलाइन शिक्षण का प्रचलन शुरू हुआ। आज ऑनलाइन माध्यम से अनेक शैक्षणिक गतिविधियां की जा रही है। उन्होंने सुझाव दिया कि ज्ञानवाणी चौनल के माध्यम से पीएम ई विद्या के कंटेंट को भी शामिल किया जाय। जो पूर्णतः एनसीईआरटी पाठ्यक्रम पर आधारित है।
शिक्षा सचिव राधिका झा ने कहा कि ऑफलाइन शिक्षण के साथ ही बच्चों को ऑनलाइन माध्यम से ही शैक्षणिक गतिविधियों से जोड़ने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ज्ञानवाणी-1 प्राथमिक कक्षाओं एवं ज्ञानवाणी-2 माध्यमिक कक्षाओं के लिए चलाया जा रहा है।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी जियो विशाल अग्रवाल ने कहा कि समग्र शिक्षा अभियान से जुड़े सभी एनजीओ भी शिक्षा विभाग के माध्यम से ज्ञानवाणी में कंटेंट का प्रसारण कर सकते हैं। उन्होंने बताया की जल्द ही धारचूला में जियो की 4जी कनेक्टिविटी शुरू की जाएगी।
इस अवसर पर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, मुख्य शिक्षा अधिकारी देहरादून डॉ. मुकुल सती, जियो के स्टेट कॉर्डिनेटर दीपक सिंह एवं वर्चुअल माध्यम से सभी मुख्य शिक्षाधिकारी एवं प्रधानाचार्य मौजूद थे।

एसबीएम इंटर कॉलेज में एनएसएस का स्थापना दिवस मनाया

श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज ऋषिकेश में राष्ट्रीय सेवा योजना की इकाई के द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना स्थापना दिवस धूमधाम के साथ मनाया गया। इसमें स्वयंसेवकों द्वारा पोस्टर बनाए गए, जिनमें स्वयंसेवियों ने समाज सेवा और देश प्रेम की भावना का संदेश दिया। इसके साथ ही स्थापना दिवस के उपलक्ष में सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी गई। विद्यालय में स्वच्छता अभियान चलाते हुए वृक्षारोपण कार्यक्रम भी चलाया।
इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य मेजर गोविंद सिंह रावत ने कहा कि एक स्वयंसेवी को अपने जीवन में सदैव निस्वार्थ सेवा भाव से कार्य करना चाहिए। कार्यक्रम अधिकारी जयकृत सिंह रावत ने कहा कि प्रत्येक समाजसेवी को पर्यावरण संरक्षण स्वच्छता और नशा उन्मूलन तथा रक्तदान आदि विषयों पर भी पूरी तरह से जिम्मेदार रहना चाहिए। कार्यक्रम में एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट लखविंदर सिंह, शिव प्रसाद बहुगुणा, नीलम जोशी, सुशीला बड़थ्वाल, रंजन अंथवाल, सुनीता सहित स्वयंसेवी उपस्थित रहे।

शिक्षक संघ प्रदेश में शिक्षा का अनुकूल वातावरण बनाने में बनें सहयोगी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षकों की समस्याओं के समाधान एवं शिक्षा व्यवस्था में किये जाने वाले सुधारात्मक कार्यों के प्रभावी क्रियान्वयन में शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों का भी सहयोग लिये जाने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने राजकीय शिक्षक संघ की समस्याओं के त्वरित समाधान पर बल देते हुए शिक्षक संगठनों से शिक्षा के गुणात्मक विकास में सहयोग की अपेक्षा की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे छात्रों को बेहतर शिक्षा मिले इस पर सभी को अपना सहयोग देना होगा। उन्होंने विद्यालयों में संस्कृत एवं योग के शिक्षकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बंधी कार्यवाही किये जाने की बात कही। प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाने में इससे मदद मिलेगी।
गुरुवार को सचिवालय में राजकीय शिक्षक संघ की लंबित मांगों के संबंध में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिक्षक संघ की मांगों पर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। शिक्षकों के पारम्परिक व अंतर मण्डलीय स्थानान्तरण सहित अन्य प्रकरणों को महानिदेशक शिक्षा के अधीन गठित प्रकोष्ठ द्वारा इस संबंध में शीघ्र निर्णय लेने, गम्भीर रूप से बीमार शिक्षकों की शिक्षक संघ की अनुशंसा पर स्थानान्तरण किये जाने, प्रधानाचार्यों की नियुक्ति संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाये जाने, यात्रा अवकाश की बहाली, शिक्षकों को सत्रांत का लाभ दिये जाने, वरिष्ठ व कनिष्ठ वेतन विसंगति का शासनादेश शीघ्र जारी करने, आयोग से चयनित प्रवक्ताओं की वरिष्ठता का निर्धारण करने के सम्बन्ध में शीघ्र कार्यवाही के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये।
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिये कि स्कूलों में संस्कृत एवं योगा के अध्यापकों की संविदा पर नियुक्ति सम्बन्धी प्रस्ताव भी तैयार किये जाए। उन्होंने शिक्षक संघ द्वारा वेतन विसंगति आदि से सम्बन्धित प्रकरणों को इस सम्बन्ध में गठित वेतन विसंगति समिति को संदर्भित करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ करने की संघ की मांग पर भी आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये हैं। न्यायालयों में जो प्रकरण लम्बित चल रहे हैं उनकी पैरवी के लिये विभाग में लीगल सेल को प्रभावी बनाये जाने के भी निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा एवं योगा को बढ़ावा देकर प्रदेश को सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक राजधानी बनाये जाने में भी मदद मिल सकेगी।
सचिव शिक्षा राधिका झा ने शिक्षक संघ की मांगों पर की जा रही कार्यवाही की जानकारी दी। राजकीय शिक्षक संघ के प्रान्तीय महामंत्री डॉ. सोहन सिंह माजिला ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए प्रदेश में शैक्षिक वातावरण की मजबूती की लिये सहयोग का आश्वासन दिया।
बैठक में महानिदेशक शिक्षा वंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी के साथ संघ के पदाधिकारी एवं अधिकारी उपस्थित थे।

शिक्षा के विकास और छात्रों के व्यापक हित में मुख्यमंत्री ने की कई घोषणायें

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा विभाग की समीक्षा की। उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिये जाने के निर्देश देने के साथ ही शिक्षा के विकास तथा छात्रों के व्यापक हित में प्रदेश में कक्षा 9 से 12 तक के सभी वर्गों के छात्रों को भी अगले वर्ष से निशुल्क पाठ्य पुस्तकें उपलब्ध कराये जाने की घोषणा की। उन्होंने अध्यापकों के स्थानान्तरण सम्बन्धी प्रकरणों के निस्तारण हेतु महानिदेशक शिक्षा के अधीन सेल का गठन कर प्रकरणों का निस्तारण करने, छात्रों को अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर शिक्षा प्रदान करने के लिए विद्यालयों में अंग्रेजी एवं कम्प्यूटर के गेस्ट टीचरों की व्यवस्था किये जाने, तथा राजकीय विद्यालयों के कक्षा 12 के 100 टॉपर्स को 5 साल तक उच्च शिक्षा की तैयारी के लिये छात्रवृत्ति प्रदान किये जाने की व्यवस्था की भी घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि छात्रों तथा शिक्षण व्यवस्था के व्यापक हित में सभी अधिकारी माह में एक दिन किसी स्कूल में स्वेच्छा से बच्चों को पढ़ाने का कार्यक्रम बनायें इससे विद्यालयों की अवस्थापना सुविधाओं की स्थिति की भी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। मुख्यमंत्री ने विद्यालयों में प्रधानाचार्यों के रिक्त पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी लाये जाने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक ही परिसर में संचालित विद्यालयों के एकीकरण के प्रस्तावों के निस्तारण के लिये महानिदेशक शिक्षा की अध्यक्षता में टास्क फोर्स गठित करने के भी निर्देश दिये। मैदानी क्षेत्र की कक्षा 9 की छात्राओं को साइकिल तथा पर्वतीय क्षेत्र की छात्राओं को 2850 रुपये की धनराशि के वितरण का प्रस्ताव भी शीघ्र तैयार करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षा महत्वपूर्ण विभाग है, प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये शिक्षकों तथा शिक्षा से जुड़े अधिकारियों से नई कार्य संस्कृति के साथ कार्य करने की अपेक्षा करते हुए कार्यों में तेजी लाने के लिये नियमों के सरलीकरण, समस्याओं का समाधान के साथ निस्तारण तथा सबकी संतुष्टि के मंत्र के साथ दायित्वों के निर्वहन के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा हमारे विद्यालयों में अधिक से अधिक बच्चे शिक्षा ग्रहण करें, हमें इसके लिये गंभीरता एवं सक्रियता से प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि हमारे देश के महानुभाव जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर साधारण से असाधारण की यात्रा करने के साथ जमीन से आसमान छूने का कार्य किया है वह सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों से पढ़कर निकले हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अध्यापकों को अच्छा वेतन व सुविधाएं मिलने के बावजूद शिक्षा में गुणात्मक सुधार की कमी रहने का यह प्रश्न हम सबके सामने है। इस दिशा में हम सबको चिंतन करना होगा। यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारी भी है। उन्होंने कहा कि हमें पूरे मनोयोग से शिक्षा की बेहतरी के लिये प्रयास करने होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों को माता-पिता संस्कारवान बनाते हैं तो उन्हें शिक्षित बनाने तथा उनके व्यक्तित्व निर्माण का कार्य शिक्षकों का होता है। शिक्षकों की देश का योग्य भावी नागरिक तैयार करने की भी जिम्मेदारी है। दूसरों को ज्ञान बांटना बड़ा पुण्य का कार्य है। हमारे द्वारा किये जाने वाले अच्छे कार्यों को ईश्वर भी देखते हैं।
बैठक में सचिव शिक्षा राधिका झा ने व्यापक प्रस्तुतीकरण के माध्यम से प्रदेश में विद्यालयी शिक्षा के प्रशासनिक व शैक्षिक ढांचे, भावी कार्य योजनाओं, वित्तीय स्थिति आदि की जानकारी दी।
इस अवसर पर विद्यालयी शिक्षा मंत्री अरविन्द पाण्डेय, मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. सन्धु, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक शिक्षा सीमा जौनसारी, निदेशक अकादमिक शिक्षा राकेश कुंवर सहित अन्य अधिकारी तथा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी जनपदों के मुख्य शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी आदि उपस्थित थे।

21 सितंबर से खुलेंगे प्राइमरी स्कूल

Primary school will open from September 21

उत्तराखंड प्राइमरी के बच्चे अब स्कूल जा सकेंगे। शिक्षा विभाग 21 सितंबर से प्राइमरी स्तर तक (primary school to open from 21 September) स्कूलों को खोलने जा रहा है।शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से चर्चा करने के बाद शिक्षा सचिव को ये आदेश दिए हैं।

आज शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने सीएम धामी से मुलाकात की तथा प्राइमरी स्कूलों को खोलने को लेकर चर्चा की। सीएम की सहमति के बाद शिक्षा मंत्री ने सचिव राधिका झा को 21 सितंबर से प्राइमरी स्कूल खोलने के निर्देश दिए। अब 21 सितंबर से पांचवीं तक के सरकारी और प्राइवेट स्कूल खुल जाएंगे। इसके लिए विभाग जल्द ही गाइडलाइन जारी करेगा।

स्कूल खोलने को लेकर सभी तरह की सावधानियां बरती जाएंगी। प्राइमरी के बच्चों के स्वास्थ्य का ध्यान रखते हुए कोई लापरवाही नहीं बरती जाएगी। इसके लिए विभाग उचित गाइडलाइन बना रहा है।

बच्चों में प्रतिभा का भंडार, उन्हें निखारने की जरुरत-प्रेमचन्द अग्रवाल

ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत हरिचंद्र गुप्ता आदर्श कन्या इंटर कॉलेज के प्रवेशोत्सव समारोह के दौरान उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचन्द अग्रवाल ने परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली मेधावी छात्राओं को सम्मानित किया। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हमारे बच्चों में अपार शक्तियों का भंडार है, दृढ़ संकल्प और मेहनत से दुनिया में छा सकते है। बच्चों में ढेर सारी प्रतिभाएं छिपी होती हैं, उनकी प्रतिभा को सामने लाने के अवसर मिलने चाहिए।
कार्यक्रम के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली छात्राओं को प्रशस्ति पत्र देकर एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। समारोह पर विद्यालय प्रबंधन सहित सभी छात्र-छात्राओं एवं अध्यापक गणों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए हिंदी दिवस की भी शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर इंटरमीडिएट में सर्वाेच्च अंक प्राप्त करने वाली गुनगुन दिवाकर, रवीना टंडन, काजल शर्मा एवं हाई स्कूल में सर्वाेच्च अंक प्राप्त करने वाली प्रिया प्रजापति, वैभवी दिवाकर, तनीषा अरोड़ा को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर छात्रों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए। विधानसभा अध्यक्ष ने 37 छात्राओं को अध्यक्ष विवेकाधीन कोष से सुंदर सांस्कृतिक प्रस्तुति देने के लिए प्रत्येक को दो- दो हज़ार रुपए देने की घोषणा की।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की पहचान उसकी संस्कृति से भी सुनिश्चित होती है, इसलिए अपने सांस्कृतिक मूल्यों को संजोए रखने के लिए हमें हर संभव प्रयास करने चाहिए। अग्रवाल ने छात्राओं से कहा कि हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर आगे बढ़ते रहना चाहिए, ताकि देश और प्रदेश की प्रगति के लिए कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ सके।उन्होंने कहा कि सभी बच्चे हमारे कल के कर्णधार हैं, अच्छा पढ़-लिखकर भारत के सहयोगी नागरिक बनें। उन्होंने अध्यापिकाओं से भी आह्वान किया कि पूर्ण निष्ठा और ईमानदारी से अपने कर्त्तव्य का निर्वहन करें।
इस अवसर पर पूर्व प्रधानाचार्य डीबीपीएस रावत, हरिचंद इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य पूनम शर्मा, भरत मंदिर इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य गोविंद सिंह रावत, पंजाब सिंध क्षेत्र के प्रधानाचार्य ललित मोहन शर्मा, रूबी सैनी, शशि प्रजापति, मंजू गिरी, नेहा शर्मा, पूनम बिष्ट, विनीता, संध्या गुप्ता, मोनिका चौहान, ऋषिकेश के मंडल अध्यक्ष दिनेश सती सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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