क्षेत्रीय विधायक ने भारी वर्षा के कारण जल मग्न हुए क्षेत्रों का प्रशासनिक टीम के साथ किया दौरा

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने भारी वर्षा के कारण जल मग्न हुए क्षेत्रों हनुमंतपुरम गली 7, 8, 9 तथा अमित ग्राम गुमानीवाला, हरिद्वार हाईवे, श्यामपुर हाट गली, गुलजार फार्म, शक्ति विहार कॉलोनी सहित घरों में आई दरारों, बहे खेतों, टूटे आंगन का प्रशासन की टीम के साथ दौरा किया। इस दौरान ड्रेनेज के स्थायी समाधान को लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए, जबकि एनएच के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सचिव लोनिवि को कड़े शब्दों में निर्देश दिए।
मंगलवार को डॉ अग्रवाल हनुमंतपुरम गली नंबर 7, 8, 9 में पहुंचे, यहां पानी की समस्या के स्थायी समाधान को नमामि गंगे के परियोजना निदेशक एसके वर्मा को दूरभाष पर निर्देश दिए। साथ ही मुख्य नगर आयुक्त को अतिशीघ्र पानी निकासी के निर्देश दिए। इस मौके पर पार्षद शिव कुमार गौतम, एकांत गोयल, बृजपाल राणा, रूपेश गुप्ता, माधवी गुप्ता, अमरीश गर्ग, विशाल कक्कड़, दीप शर्मा सहित स्थानीय लोग उपस्थित रहे।
इसके बाद डॉ अग्रवाल ने अमित ग्राम गुमानीवाला में जलभराव की स्थिति जानी उन्होंने मौके पर मौजूद रेंजर देवेंद्र सिंह पुंडीर को कड़े शब्दों में जंगल का पानी आबादी क्षेत्र में ना आने के लिए उचित समाधान करने के निर्देश दिए।
इस मौके पर उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा, तहसीलदार चमन सिंह, लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र कुमार, सिंचाई के अधिशासी अभियंता दिनेश उनियाल, सहायक अभियंता अनुभव नौटियाल, पार्षद वीरेंद्र रमोला, मानवेंद्र कंडारी, विजेंद्र मोंगा आदि उपस्थित रहे।
डॉ अग्रवाल ने इसके बाद हाईवे का दौरा किया यहां नालो के कम अधूरे पड़े होने के चलते मार्ग क्षतिग्रस्त होने पर एनएच अधिकारियों को फटकार लगाई। साथ ही सचिव लोनिवि पंकज पांडे को दूरभाष पर कड़े शब्दों में निर्देश भी दिए।

सर्वे करवाकर प्रभावितों को दें उचित मुआवजा
डॉ अग्रवाल ने उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा को जल भराव के कारण घरों में फंसे लोगों को भोजन, पानी तथा दैनिक उपभोग की वस्तुएं उपलब्ध कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस कड़ी में कोई भी व्यक्ति रह न जाए, इसका भी ध्यान रखा जाए। डॉ अग्रवाल ने कहा कि मेडिकल की टीम भेजी जाए। साथ ही पानी की निकासी होने पर पटवारी सर्वे करें। जिससे नुकसान की सही स्थिति का आकलन किया जा सके और प्रभावितों को उचित मुआवजा मिल सके।

सीएम ने राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र से प्रदेश में अतिवृष्टि से हुए नुकसान की ली जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली से वापस आते ही सचिवालय स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केन्द्र पहुंचकर प्रदेश में हो रही अतिवृष्टि एवं नुकसान की अधिकारियों से जानकारी ली। उन्होंने जिलाधिकारी टिहरी एवं पौड़ी से फोन पर वार्ता कर इन जनपदों में हुए नुकसान की जानकारी ली। मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि अगले दो दिनों में राज्य के अधिकांश जनपदों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान को दृष्टिगत रखते हुए जिला प्रशासन को अलर्ट मोड पर रखें एवं सभी सहयोगी संस्थाओं से निरन्तर समन्वय बनाये रखें। मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जनपदों में खाद्यान्न से संबंधित सभी वस्तुओं के साथ ही दवाओं की भी पर्याप्त उपलब्धता रखी जाएं। शासन के उच्चाधिकारियों एवं सचिव आपदा प्रबंधन को भी जिलाधिकारियों से निरन्तर समन्वय बनाये रखने के मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में बहुत लोग प्रभावित हुए हैं। कुछ लोगों ने अपने परिवार के लोगों को खोया है। काफी लोग बेघर हुए हैं। ऐसे लोगों के लिए जल्द ही एक योजना लाई जा रही है। बेघर हुए लोगों को पुनर्वास की व्यवस्था, उनके रोजगार के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी। जिन बच्चों ने इस आपदा में अपने माता-पिता को खो दिया है, उन बच्चों के लिए शिक्षा का इस योजना के तहत प्रबंध किया जायेगा। अतिवृष्टि के कारण प्रदेश में आपदा की स्थिति है। सड़कों, पुलों, मकानों, फसलों, बिजली एवं पानी की लाईनों का भी काफी नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में अतिवृष्टि से एक हजार करोड़ से भी अधिक की परिसम्पति का प्रदेश को नुकसान हुआ है। भारत सरकार की टीम ने राज्य में हो रहे नुकसान का प्रारंभिक रूप में सर्वे भी किया है। आपदा से हो रहे नुकसान का आकलन करने के लिए राज्य सरकार से भी भारत सरकार को पत्र भेजा रहा है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, सचिव शैलेश बगोली, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत सिन्हा, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी, राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण रिद्धिम अग्रवाल, अपर सचिव सविन बंसल एवं विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

जलभराव को लेकर कैबिनेट मंत्री अग्रवाल ने अधिकारियों को दिये निर्देश

क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डा. अग्रवाल ने ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में भारी बारिश के कारण शहरी क्षेत्र वीरपुर खुर्द, चंद्रेश्वर नगर, मनसा देवी फाटक, मीरा नगर, मालवीय नगर, बापू ग्राम, अमित ग्राम, शिवाजी नगर जबकि ग्रामीण क्षेत्र में श्यामपुर, गुमानीवाला, खदरी खड़क माफ, रायवाला, छिद्दरवाला, खैरी खुर्द, भट्टोवाला, विस्थापित कॉलोनी में हुए जलभराव की स्थिति को लेकर प्रशासन के साथ समीक्षा बैठक की। इस दौरान जलभराव की स्थिति जानते हुए आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही स्थानीय ग्रामीणों की समस्या जानते हुए भी मौके पर उप जिलाधिकारी, तहसीलदार को निर्देशित भी किया।
बैराज रोड़ स्थित कैंप कार्यालय में डा. अग्रवाल के समक्ष गुलजार फॉर्म खदरी और श्यामपुर के ग्रामीणों ने जलभराव से हुए नुकसान से अवगत कराया। डा. अग्रवाल ने मौके पर मौजूद उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा को निर्देशित किाय। उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम इन क्षेत्रों में जेसीबी लगाकर रूके हुए पानी का बहते हुए पानी की अवस्था में लाएं।
ग्रामीणों ने डा. अग्रवाल को ज्यादातर लोगों के बीमार होने की भी जानकारी दी। जिस पर डा. अग्रवाल ने उप जिलाधिकारी को तत्काल फॉगिंग करने, मेडिकल टीम भेजने के निर्देश दिए। इस दौरान डा. अग्रवाल ने ग्रामीणों को मौके पर आकर नुकसान का जायजा लेने का भी आश्वासन दिया।
इस मौके पर प्रधान प्रतिनिधि खदरी शांति प्रसाद थपलियाल, मंडल अध्यक्ष महिला मोर्चा श्यामपुर सोनी रावत, सबर सिंह बिष्ट, अनिल भट्ट, शिव प्रसाद गैरोला, हरि सिंह बिष्ट, नरेंद्र नेगी, वीर सिंह रावत, शंभु प्रसाद सेमवाल, अनिल नौटियाल, रविंद्र गैरोला, प्रवीन नौटियाल, दौलत राम बडोनी, ललित मोहन बडोनी, नरेश कुमार पाल आदि उपस्थित रहे।

गुमानीवाला में टूटी पुलिया पर तुरंत वैली ब्रिज लगाए लोनिविः डा. अग्रवाल
उप जिलाधिकारी योगेश मेहरा से समीक्षा बैठक के दौरान डा. अग्रवाल ने लोनिवि के अधिशासी अभियंता धीरेंद्र सिंह को दूरभाष पर निर्देश दिए। कहा कि गुमानीवाला में पुलिया टुटने पर वहां तुरंत वैली ब्रिज लगाया जाए। जिससे ग्रामीणों को दिक्कतें न पैदा हों।

रेंजर लगी फटकार, जंगल का पानी रोकने के मिले निर्देश
डा. अग्रवाल ने समीक्षा बैठक के दौरान रेंजर से भी वार्ता की। उन्होंने कहा कि रेंजर की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुए फटकार लगाई। कहा कि जंगल का पानी आबादी में न आए, इसके इंतजाम किए जाए।

आपदा के समय अवकाश लेने वाले कर्मचारी को करें सस्पेंड
डा. अग्रवाल ने समीक्षा के दौरान कहा कि आपदा के समय जो भी कर्मचारी अवकाश पर जा रहे हैं, उनका स्पष्टीकरण लेकर उचित कार्रवाई करते हुए सस्पेंड किया जाए।

यह निर्देश भी दिए
– एमएनए नगर क्षेत्र में ब्लीचिंग पाउडर, फॉगिंग करें।
– 24 घंटे अधिकारी व कर्मचारी अपना फोन ऑन रखें।
– यहां स्थिति सामान्य हुई है वहां का आंकलन कर मुआवजा जल्द दें।
– मेडिकल की टीम भेजकर स्वास्थ्य का परीक्षण कराएं
– भोजन के पैकेट भेंजें, जहां कच्चा राशन की आवश्यकता हो, वह भी उपलब्ध कराएं।

चार लाख की चोरी का पुलिस ने किया खुलासा, दो आरोपी दबोचे

कोतवाली पुलिस ने ज्वेलर्स के यहां चोरी करने वाले एक महिला व एक पुरुष को गिरफ्तार किया है। सरत सिंह पवार पुत्र बलबीर सिंह पवार निवासी प्रगति पुरम लक्कड़ घाट रोड श्यामपुर ऋषिकेश ने तहरीर देकर बताया कि उनकी लक्कड़ घाट रोड स्थित ज्वेलरी की दुकान में अज्ञात व्यक्तियों द्वारा लगभग चार लाख की ज्वेलरी चोरी कर दी गई थी।
पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर मनसा देवी फाटक के पास से एक महिला एवं एक पुरुष अभियुक्त को चोरी में प्रयुक्त कार के साथ गिरफ्तार किया है। अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम लोग ज्वेलरी की दुकान में सामान लेने के बहाने गहने आदि चोरी करते हैं ,उनके द्वारा कुछ दिन पहले भी श्यामपुर में एक दुकान से इसी तरह ज्वेलरी चोरी की गई थी आज हम इस ज्वेलरी को लेकर कहीं बेचने की फिराक में जा रहे थे, की उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया ।अभियुक्तगण की पहचान रोहित उर्फ नन्हे पुत्र राम सिंह निवासी आजाद नगर थाना गजरौला जिला अमरोहा उत्तर प्रदेश, सुनीता पत्नी राजकुमार निवासी अब्दुल्ला बाड़ा थाना बिलारी जिला मुरादाबाद उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है।
पुलिस टीम में प्रभारी निरीक्षक केआर पांडेय, वरिष्ठ उप निरीक्षक दर्शन प्रसाद काला, उप निरीक्षक जगत सिंह, चौकी प्रभारी श्यामपुर हेड कांस्टेबल अमित राणा, नीरज कुमार, शीशपाल, दुष्यंत, महिला कांस्टेबल कविता व एसओजी देहात टीम में उप निरीक्षक दीपक धारीवाल, प्रभारी एसओजी देहात, कांस्टेबल नवनीत, एसओजी देहात, महिला कांस्टेबल जमुना, एसओजी देहात शामिल थे ।

मुख्यमंत्री ने जिले के प्रभारी मंत्री और अपर मुख्य सचिव को घटना की मॉनिटरिंग के दिये निर्देश

उत्तरकाशी के तहसील भटवाड़ी अंतर्गत गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास यात्रियों की बस खाई में गिरने के मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थानीय प्रशासन को तेजी से राहत-बचाव कार्य चलाने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने जिले के प्रभारी मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल एवं अपर मुख्य सचिव से भी फोन पर वार्ता कर घटनास्थल पर चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, मेडिकल टीमों को मौके पर भेजा गया है। राहत एवं बचाव कार्यों के लिए आवश्यकता पड़ने पर देहरादून में हेलीकॉप्टर को तैयार रहने के लिए कहा गया है। गंगनानी में हुई इस घटना में कुछ लोगों के हताहत होने की सूचना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्माओं को अपने श्री चरणों मे स्थान प्रदान करें और शोकाकुल परिजनों को यह कष्ट सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उन्होंने सभी घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की है।
वहीं, प्रभारी मंत्री प्रेमचन्द अग्रवाल ने जिला प्रशासन से फोन पर वार्ता की और घटना की जानकारी जुटाई। घायलों को फोरन एबंुलेंस अथवा हवाई सेवा के माध्यम से एम्स में भर्ती कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से जिला प्रशासन को हर संभव मदद करने के निर्देश दिये गये है।

भारी वर्षा से लोगों को राहत दिलाने के लिए मंत्री का ग्राउंड सर्वे जारी

क्षेत्रीय विधायक व मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल लगातार आपदा प्रभावित क्षेत्रों में राहत पहुंचाने और पीड़ितों का हाल जानकर प्रशासन को सख्त निर्देश दे रहे है। बीते रोज देर शाम डा. अग्रवाल ने ग्रामीण क्षेत्रों में भारी वर्षा के बाद घरों में घुसे पानी की स्थिति जानी। लोगों की समस्या जानने के बाद डीएफओ को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही जिलाधिकारी देहरादून को आपदा मद से यहां राहत पहुंचाने के भी निर्देश दिए।
देर शाम डा. अग्रवाल गुमानीवाला चीनी गोदाम रोड पहुंचे। यहां स्थानीय नागरिकों के घरों में पानी घुसने की समस्या देखने को मिली। यहां पानी से भरे दून घाटी शिक्षण संस्थान उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का भी निरीक्षण किया। स्थानीय पार्षद वीरेंद्र रमोला ने बताया कि जंगल से पानी लोगों के घरों में प्रवेश कर रहा है।
इस पर डा. अग्रवाल ने मौके से ही डीएफओ को दूरभाष पर निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जंगल से आने वाले पानी को तुरंत रोका जाए। साथ ही जिलाधिकारी को भी दूरभाष पर इस संदर्भ में आपदा मद से फंड देने के निर्देश दिए। इस दौरान एसडीएम सौरभ असवाल, पार्षद वीरेंद्र रमोला, मानवेंद्र कंडारी, मोर सिंह रावत, विनोद सेमवाल, शीशपाल नेगी, शिवानंद जोशी, पीएस गौड़, चमन प्रकाश जोशी, लक्ष्मी सजवाण, विशालमणी भट्ट, नागेंद्र पोखरियाल आदि उपस्थित रहे।
इसके बाद डा. अग्रवाल ने मंशा देवी गुज्जर प्लाट का भी निरीक्षण किया। यहां भारी बारिश से रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया है। यहां स्थानीय पार्षद विजेंद्र मोंगा की देखरेख में जेसीबी की मदद से रास्ता खोला जा रहा है। डा. अग्रवाल ने यहां भी पानी की समस्या जंगल से आने पर डीएफओ को सख्त निर्देश दिए। इस मौके पर पार्षद विजेंद्र मोंगा, विजय जुगलान, विजया भट्ट आदि उपस्थित रहे।
इसके बाद गंगानगर में भी डा. अग्रवाल ने जलभराव की स्थिति जानी। यहां एमएनए ऋषिकेश को जलभराव को सोखने के लिए मशीन लगाने के निर्देश दिए। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष सुमित पंवार, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष माधवी गुप्ता, सुरेंद्र सिंह कैंतुरा, पार्षद शिव कुमार गौतम, पुष्पा मित्तल, गोपाल सती आदि स्थानीय लोग उपस्थित रहे।

आपदा से निपटने के लिए राज्य की नदियों का अध्ययन जरुरी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में पद्मभूषण एवं पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध पर्यावरणविद चण्डी प्रसाद भट्ट ने भेंट की। उन्होंने मुख्यमंत्री से हिमालय के पर्यावरणीय प्रभावों, आपदा की दृष्टि से चारधाम क्षेत्रों तथा अलकनंदा नदी के प्रवाह से होने वाली बाढ़ आदि की घटनाओं के रोकथाम के संबंध में चर्चा की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भट्ट की अपेक्षानुसार इसरो के साथ विभिन्न वैज्ञानिक संस्थानों द्वारा पूर्व में चारधाम क्षेत्रों गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ एवं बद्रीनाथ तथा अलकनंदा नदी के जलस्तर पर किये गये अध्ययन रिर्पाेटों पर आपदा प्रबंधन की दृष्टि से आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड पर्यावरणीय दृष्टि से अत्यंत संवेदनशील क्षेत्र हैं जिस वजह से हमे कई प्रकार की आपदाओं का सामना करना पड़ता है और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति एक चिंतनीय विषय है। जोशीमठ में भू धंसाव की समस्या हम सभी के लिये एक उदाहरण है। इस पर वैज्ञानिक दृष्टिकोण और वैज्ञानिक सुझाव भी आमंत्रित है। राज्य के सतत विकास के लिए समाज के हर क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के सुझावों के आधार पर ही आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के पास हिमालय के रूप में बड़ी संपदा है। हिमालय देश एवं दुनिया को प्रभावित करता है। हिमालय को सतत विकास की अवधारणा के साथ संरक्षित करने एवं इसको संवर्धित करना एक बड़ा कार्य है। इसमें अनेक सांइंटिफिक इंस्टीट्यूट काफी कार्य कर चुके हैं। इसके लिए साइंटिफिक डेवलपमेंट प्लान जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड हिमालयी राज्य होने के नाते यहां की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। आपदा की दृष्टि से उत्तराखण्ड संवेदनशील राज्य है। किसी भी चुनौती से निजात पाने के लिए केन्द्र सरकार का राज्य को हर संभव सहयोग मिलता रहा है। इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का आभार भी व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए सबका सहयोग जरूरी है।
पद्मश्री चण्डी प्रसाद भट्ट ने मुख्यमंत्री से हिमालय के पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिये अलग से विभाग बनाये जाने के लिये भारत सरकार से अनुरोध किये जाने की भी मुख्यमंत्री से अपेक्षा की।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी,विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार तथा महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी तथा ओमप्रकाश भट्ट भी उपस्थित रहे।

प्रभावित क्षेत्रों का सीएम कर रहे निरीक्षण

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को पौड़ी गढ़वाल जिले के यमकेश्वर ब्लॉक में भारी बारिश से प्रभावित क्षेत्र का हवाई निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत सिन्हा और पौड़ी के जिलाधिकारी आशीष चौहान को प्रभावित लोगों को जल्द से राहत और सहायता पहुंचाने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बारिश से उत्पन्न स्थिति को देखते हुए लगातार अलर्ट मोड में रहने की जरूरत है। कम से कम रिस्पॉन्स टाइम में प्रभावितों तक अधिकाधिक मदद पहुंचानी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में भारी बरसात के दृष्टिगत 15 अगस्त तक चाारधाम यात्रा स्थगित की गई है। चारधाम यात्रा मार्गों पर स्थिति की निरन्तर समीक्षा की जा रही है। उन्होंने सभी संबंधित अधिकारियों को विभिन्न स्थानों पर बाधित हुई सड़कों की आवश्यक मरम्मत करने के भी निर्देश दिये है। साथ ही विभिन्न स्थानों पर आपदा से प्रभावित हुए लोगों को तत्काल राहत पहुंचाने, जलभराव वाले क्षेत्रों में पानी की निकासी को दुरुस्त करने तथा उन स्थानों पर दवा आदि के छिड़काव पर ध्यान देने को कहा है। उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में आपदा से हुई विभिन्न प्रकार की क्षति का व्यापक रूप से आकलन करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारा पहला प्रयास है कि राज्य में मानसूनी बरसात से जो चीजें अस्त व्यस्त हुई है उनको सामान्य किया जाय तथा आपदा से प्रभावित हुए लोगों को आवश्यकता के अनुरूप त्वरित सहायता और राहत प्रदान की जाय।

प्रभावित क्षेत्रों में किये जा रहे बचाव कार्यों की सीएम ने लीं जानकारी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास में उच्चाधिकारियों की बैठक लेते हुए निर्देश दिये कि उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में हो रही अतिवृष्टि के दृष्टिगत सभी अलर्ट मोड पर रहें। उन्होंने अधिकारियों से अतिवृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों एवं वहां किए जा रहे राहत व बचाव कार्यों की जानकारी भी प्राप्त की। अतिवृष्टि के दृष्टिगत 2 दिनों के लिए चारधाम यात्रा भी स्थगित कर दी गई है। मुख्यमंत्री ने सभी श्रद्धालुओं से अपील की है कि मौसम के पूर्वानुमान को देखकर ही यात्रा करें।
मुख्यमंत्री ने अतिवृष्टि के कारण जनपद पौड़ी में हताहत हुए लोगों की आत्मा की शांति एवं शोकाकुल परिवारजनों को धैर्य प्रदान करने की ईश्वर से कामना की है। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें राहत एवं बचाव कार्य में लगी हुई हैं। मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को घायलों को शीघ्र उचित उपचार दिलवाने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि यह सुनिश्चित किया जाय कि अतिवृष्टि से प्रदेश में जहां भी नुकसान हो रहा है, प्रभावितों को मानकों के अनुसार मुआवजा राशि यथाशीघ्र मिल जाय। उन्होंने कहा कि अतिवृष्टि से प्रदेश में हुई क्षति का पूरा आंकलन किया जाए।
मुख्यमंत्री जिलाधिकारियों से भी अतिवृष्टि के कारण हुए नुकसान एवं राहत एवं बचाव कार्यों की तैयारी के संबंध में लगातार जानकारी ले रहे हैं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि जिला प्रशासन एवं राहत-बचाव में लगे सभी दलों को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रखा जाए।
बैठक में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, शैलेश बगोली, डॉ रंजीत सिन्हा, एडीजी ए.पी.अंशुमान, महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी एवं अपर सचिव जगदीश चन्द्र काण्डपाल उपस्थित रहे।

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