निजी परिवहन व्यवसाईयों की हुई बैठक, बोले यात्रा नहीं चली तो भुखमरी की स्थिति

उत्तराखंड परिवहन महासंघ की एक आवश्यक बैठक ऋषिकेश में आयोजित हुई। जिसमें आगामी चार धाम यात्रा के संबंध में सुझाव और विचार आमंत्रित किए गए। व्यवसाईयों ने कहा कि गत वर्ष की तरह ही इस वर्ष भी कोरोना के कारण यात्रा प्रभावित होने के आसार नजर आ रहे हैं। यदि इस वर्ष भी यात्रा का संचालन नहीं हो सका, तो परिवहन व्यवसाईयों के समक्ष भुखमरी की स्थिति पैदा होने वाली है। इसलिए जरूरी है कि सरकार को यात्रा के संबंध में ऐसी कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए जिससे प्रदेश का परिवहन व्यवसाय पटरी पर आ सके।

महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने कहा कि कोरोनावायरस के कारण परिवहन व्यवसायी पिछले वर्ष ही टूट चुका है यदि इस वर्ष भी यात्रा संचालित नहीं हो पाती है। तो परिवहन व्यवसाई आत्महत्या के कगार पर आ जाएगा। सरकार परिवहन व्यवसाई को जिंदगी पटरी पर लाने के लिए आर्थिक मदद करनी चाहिए। वाहन स्वामियों को कम से कम 2 वर्ष का टैक्स, परमिट फीस आदि को माफ कर देना चाहिए। टीजीएमओ के अध्यक्ष जितेंद्र सिंह नेगी और यातायात के उपाध्यक्ष नवीन चंद्र मौला ने कहा कि हमारी वाहनों के चालक व परिचालकों को कोरोना वारियर का दर्जा देना चाहिए।

गत वर्ष भी हमारे चालक भाइयों को कोरोना वारियर नहीं माना। जो करोना काल में यात्रियों को लाने ले जाने में लगे थे सरकार ने परिवहन निगम के चालक व परिचालकों को तो कोरोना वारियर माना परंतु निजी परिवहन व्यवसायियों को चालक परिचालकों को कोरोना वारियर का दर्जा नहीं दिया। टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष विजय पाल सिंह रावत द्वारा यह कहा गया कि अब समय आ गया है सरकार तक अपनी बातों को मजबूती से पंहुचाया जाए। इसके लिए संगठित तौर पर एक प्रतिनिधिमंडल तैयार किया जाए और भविष्य में यदि आंदोलन की जरूरत पड़ती है, तो संगठित तौर पर एक वृहद आंदोलन भी चलाया जाएगा।

बैठक में रूपकुंड परिवहन के अध्यक्ष भोपाल सिंह नेगी, ऑटो महासंघ के अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, जीप कमांडर यूनियन के अध्यक्ष बलवीर सिंह नेगी, बलबीर सिंह रोतेला, इनोवा टैक्सी यूनियन के अध्यक्ष हेमंत डंग, यातायात के संचालक दाताराम रतूड़ी, खिलानंद बेलवाल, दयाल सिंह भंडारी, परशुराम गौड़, हरीश नौटियाल, देवभूमि ऑटो यूनियन के अध्यक्ष राजेंद्र लांबा, प्रेमपाल सिंह बिष्ट, इनोवा टैक्सी मैक्सी के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण, पंकज वर्मा, योगेश उनियाल, जितेंद्र चैधरी, बेचान गुप्ता, मुकेश नेगी आदि शामिल रहे।

कोविड की जांच रिपोर्ट को अनिवार्य न करने पर पुनर्विचार करें सरकार

कोविड19 से सरकार की गाइडलाइन अब पर्यटकों के साथ लीज पर होटल चलाने वाले संचालकों के लिए मुसीबत बन गई है। दरअसल कोविड की जांच रिपोर्ट को अनिवार्य कर दिए जाने के कारण पर्यटक या तो अपनी बुकिंग को निरस्त कर रहे है, या फिर उन्हें बाॅर्डर पर रोक दिया जा रहा है। ऐसे में लीज पर होटल चला रहे संचालकों के समक्ष रोजगार का संकट पैदा हो गया है। यह बात आज लीज पर होटल चला रहे संचालकों ने प्रेसवार्ता ने की।

प्रेसवार्ता कर मंयक शर्मा ने कहा कि कोविड-19 के बढ़ रहे कहर की वजह से सरकार लगातार उत्तराखंड में प्रवेश करने वाले पर्यटकों के लिए प्रतिबंध लगा रही है। जिसकी वजह से उत्तराखंड का पर्यटन व्यवसाय पूरी तरीके से चैपट होता नजर आ रहा है। ऐसे में बेरोजगारी की लंबी कतार में खड़े हो रहे होटल संचालकों ने सरकार से पर्यटकों के उत्तराखंड आगमन को लेकर लगाए गए प्रतिबंध और सरकारी सुविधाओं में फिक्स चार्ज हटाने की मांग की है।

होटल मालिकों से लीज में राहत देने की बात भी कही है। बता दें कि इस संबंध में लीज होटल ऑनर्स एवं होटल कर्मचारी एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने पत्रकार वार्ता की। जिसमें उन्होंने मांग पूरी नहीं होने पर सरकार को आंदोलन का रास्ता चुनने की चेतावनी भी दी है। होटल संचालकों का साफ कहना है कि या तो सरकार पूर्ण रूप से लॉकडाउन लगा दे या फिर सारे प्रतिबंध हटा दें।
प्रेसवार्ता के दौरान अंकित, विकास, विद्यादत्त, अनूप, उत्तम सिंह कुंवर, तपन भंडारी आदि उपस्थित रहे।

निगम की वित्तीय सेहत सुधारने के लिए मेयर ने की वित्त सचिव से मुलाकात

नगर निगम ऋषिकेश की वित्तीय हालात को संवारने को लेकर आज मेयर अनिता ममगाईं ने वित्त सचिव अमित नेगी से भेंट की। इसके बाद मेयर शहरी विकास सचिव शैलेश बगोली से भी मिली और वित्तीय संकट की जानकारी दी। बताया कि नगर निगम को केंद्र और राज्य सरकार की मदद न मिले तो यह एक दिन भी अपने बुनियादी कार्यों को अंजाम नहीं दे पाएगा। वेतन तक के लाले पड़ जाएंगे।

उन्होंने राज्य वित्त आयोग से बेहद कम पैसा अवमुक्त होने की जानकारी देते हुए वित्त सचिव को अवगत कराया कि नगर पालिका से नगर निगम में अपग्रेड होने के बावजूद अभी तक निगम को राज्य वित्त आयोग से बहुत कम पैसा रिलीज किया जा रहा है जिसकी वजह से अधिकांश धनराशि निगम कर्मचारियों की सैलरी में ही खर्च हो जा रही है और इस वजह से निगम के निर्माण कार्य भी बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं।

मेयर ने बताया कि कुम्भ बजट के मामले में भी निगम को सिर्फ निराशा ही हाथ लगी है। बताया कि वित्त सचिव और शहरी विकास सचिव से हुई भेंटवार्ता बेहद सफल रही है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि नये वित्त सत्र अप्रैल-मई में नगर निगम को पैसा अवमुक्त करा दिया जायेगा। इसके बाद निश्चित ही निगम के रूके हुए निर्माण कार्यों को गति मिल जाएगी।

शिक्षक कोविड 19 से बच्चों की सुरक्षा में निभा सकते हैं अहम भूमिका

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ऋषिकेश की ओर से कोरोनाकाल में जनजागरुकता के उद्देश्य से निदेशक प्रो. रविकांत के निर्देशन में गठित कोविड19 कम्यूनिटी टास्क फोर्स सततरूप से कोरोना से प्रभावित एवं इसका दंश झेल चुके लोगों के लिए एक सहारा बना हुआ है। कोविड19 कम्यूनिटी टास्क फोर्स ने विभिन्न विद्यालयों का भ्रमण कर विद्यार्थियों से इस महामारी पर चर्चा की। इस दौरान बातचीत के दौरान पता चला है कि छात्र-छात्राएं अभी भी कोरोना के सदमे से उभर नहीं पाए हैं। बातचीत में यह भी सामने आया है कि इन दिनों बढ़ते हुए कोरानो के केस विद्यार्थियों के लिए चिंता का विषय बन गए हैं।

निदेशक प्रो. रवि कांत ने कहा कि इस महामारी से लड़ने के लिए कोविड 19 वैक्सीन कारगर साबित हो रही है, लिहाजा इसके संक्रमण से अब घबराने की आवश्यता नहीं है बल्कि सुरक्षा के लिहाज से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने, मास्क पहनने व कम से कम 40 सेकंड तक साबुन से अच्छी तरह से हाथ धोने आदि से दिनचार्य को सामान्य बनाया जा सकता है। उनका मानना है कि अभी खतरा टला नहीं है, मगर ऐसी स्थिति में घबराने की बजाए सूझबूझ से काम लेने की जरुरत है।
अध्ययनों से ज्ञात हुआ है कि देश में विद्यार्थी तीन स्तर पर हैं स्कूल, कॉलेज व विश्वविद्यालय लेवल। इन तीनों ही स्तर के विद्यार्थियों पर कोविड19 की वजह से मानसिक, शारीरिक व आर्थिक स्तर पर दुष्प्रभाव पड़ा है। इसमें मानसिकरूप से प्रभावित होने वाले बच्चे चिड़चिड़ापन, डिप्रेशन आदि से ग्रसित हैं व सामाजिक दूरी बढ़ने से उन्हें अकेले रहने की आदत हो गई है,जिसका दुष्प्रभाव उनके एकेडमिक लेवल पर पड़ रहा है। साथ ही कोविड के दौर में मोबाईल के माध्यम से अधिक कार्य करने से आंखों में ज्यादा जोर पड़ना, आंखों की दूसरी तकलीफें व थकावट आदि की समस्याएं भी बढ़ृी हैं। ऐसी स्थिति में इस सबसे घबराने की बजाए सूझबूझ से काम लेने की जरुरत है। अभिभावकों से आग्रह है ​कि बच्चों को हरसमय मोबाईल नहीं दें व उन्हें खेल और अन्य रचनात्मक गतिविधियों में शामिल होने के लिए भी प्रोत्साहित करें।
इस बाबत एम्स ऋषिकेश कम्यूनिटी टास्क फोर्स के नोडल ऑफिसर डा. संतोष कुमार ने कहा कि शिक्षकों को कोविड19 के खौफ के मद्देनजर छात्र छात्राओं में हो रहे मनोविकार एवं उनमें किसी भी प्रकार के शारीरिक व मानसिक बदलाव लक्षणों को पहचानने का प्रयास करना चाहिए। यथासंभव उनके प्रति आत्मियता व सहानुभूति के साथ साथ कुशल व्यवहार रखना चाहिए।
मुहिम के दौरान विभिन्न विद्यालयों के शिक्षकों व छात्रों से बातचीत में यह तथ्य भी सामने आए हैं कि कुछ बच्चों में कोविड महामारी के बाद से कुछ लक्षण उभरकर सामने आए हैं, जिनमें डर लगना, चिड़चिड़ापन, नींद नहीं आना आदि प्रमुखरूप से शामिल हैं, उन्होंने बताया कि इस तरह के लक्षणों से घबराने की आवश्यकता नहीं है। बल्कि ऐसे समय में अभिभावकों व शिक्षकों को समानरूप से बच्चों के प्रति सद्व्यहार अपनाना चाहिए।

मुख्यमंत्री व उच्च शिक्षा मंत्री से भेंट कर गढ़वाल महासभा उठाएगी उच्च शिक्षा का मुद्दा

ऋषिकेश में उच्च शिक्षा संस्थान खोलने को लेकर काफी लंबे समय से मांग उठ रही है। कई राजनीतिक पार्टियों ने इस पर राजनीति की। मगर, सिर्फ बयानबाजी के इस पर धरातलीय काम नहीं हो सके। अब गढ़वाल महासभा इसे पुनः मुख्यमंत्री और उच्च शिक्षा मंत्री के समक्ष उठाएगी।

महासभा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राजे सिंह नेगी ने कहा कि नये डिग्री कॉलेज के निर्माण को लेकर बड़ी बड़ी घोषणाएं भी की जा चुकी है लेकिन यह तमाम घोषणाएं सिर्फ हवाई साबित हुई है। न्याय पंचायत श्यामपुर में नया डिग्री कॉलेज खोले जाने की मांग लंबे समय से की जा रही है। अपने-अपने स्तर से ग्रामीणो, छात्र व कई सामाजिक संस्थाए इसके लिए संघर्षरत रही हैं। लगातार बढ़ रही छात्र संख्या और मेरिट की बाध्यता के चलते ऋषिकेश और डोईवाला महाविद्यालय में सभी विद्यार्थियों को प्रवेश नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में विद्यार्थियों को देहरादून या अन्य शहरों की तरफ जाना पड़ता है। छिद्दरवाला में कॉलेज खुलने से श्यामपुर न्याय पंचायत की 18 ग्राम सभा के छात्रों को लाभ मिलेगा और क्षेत्र की उच्च शिक्षा की जरूरत पूरी हो सकेगी।

उन्होंने कहा कि नया डिग्री कॉलेज जल्द खोला जाना बेहद जरूरी है। कहा कि जल्द महासभा का एक प्रतिनिधिमंडल उत्तराखंड के मुख्यमंत्री व उच्चशिक्षा मंत्री से भेंटवार्ता कर नये डिग्री कॉलेज की मांग को लेकर उन्हें ज्ञापन सौंपेगा।

ट्वीट कर सीएम तीरथ ने बताया खुद को कोरोना संक्रमित


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने अपने कोरोना पाॅजीटिव आने की जानकारी ट्वीटर हैंडल के जरिए दी है। कहा कि चिकित्सकों की निगरानी में उन्होंने खुद को आइसोलेट कर दिया है।

ट्वीट के जरिए उन्होंने कहा कि मेरी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। मैं ठीक हूं और मुझे कोई परेशानी नहीं है। डॉक्टर्स की निगरानी में मैंने स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। आप में से जो भी लोग गत कुछ दिनों में मेरे निकट संपर्क में आयें हैं, कृपया सावधानी बरतें और अपनी जांच करवाएं।

स्थान चयनित न होने पर सब्जी विक्रेताओं का धरना नगर निगम ऋषिकेश के खिलाफ जारी

फुटकर फल व सब्जी विक्रेता समिति के स्थान चयन को लेकर नगर निगम ऋषिकेश के विरुद्ध सब्जी विक्रेताओं का धरना दूसरे दिन भी जारी रहा।

समिति के संरक्षक आशुतोष शर्मा ने बताया कि कॉविड 19 के बाद से अधिकांश चयनित फल व सब्जी विक्रेता रोजगार विहीन है जिसके संदर्भ में नगर निगम ऋषिकेश द्वारा संवेदनहीन रवैया अपनाया हुआ है। जिससे इनके परिवार को अपनी आजीविका चलाना बहुत ही मुश्किल हो रहा है इसके विरोध स्वरूप कल 15 मार्च 2021 को सब्जी व फल विक्रेता सुबह 10 से 12 बजे तक चिता पर लेट कर आंदोलन करेंगे।

समिति के अध्यक्ष राजू गुप्ता ने बताया कि उन्होंने कई बार नगर निगम प्रशासन से उनके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की प्रार्थना की परंतु निगम प्रशासन द्वारा इनकी जायज मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

इस अवसर पर समर्थन देने वालों में सुरेंद्र कुलियाल वंदे मातरम, कैलाश चंद्र साहनी, सनी जायसवाल, सुभाष गुप्ता, गणेश गुप्ता, राधा कृष्ण, मनोज साहनी, शंकर साहनी, सुरेश साहनी, राजेश गुप्ता, अजय, देवेंद्र कुमार, हरिश्चंद्र, सोनू गुप्ता, मनोहर गुप्ता, दिनेश कुमार गुप्ता, राजेश कुमार, राम महेंद्र, विजय, ऋषि राम गोसाई, मनीष गुप्ता, मुन्ना, दीनानाथ राजभर, भरत साहनी, कीमत, विनोद, मनभोग गुप्ता, विनोद वर्मा आदि उपस्थित थे।

शिकायत पर संज्ञान न लिया तो करूंगा आंदोलनः पार्षद नगर निगम

नगर निगम ऋषिकेश पर एक विपक्ष के पार्षद ने सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने 24 घंटे के भीतर अपनी मांग पूरी न करने पर आंदोलन की चेतावनी दी।

पार्षद जगत सिंह नेगी ने नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वींरियाल को ज्ञापन दिया। बताया कि उनके वार्ड में दो बार आवासीय साइन बोर्ड लगाया गया। मगर दोनों ही बार उसे कुछ लोगों ने हटा दिया। पार्षद का आरोप है कि नगर निगम को इस संबंध में दो बार लिखित में अवगत कराया गया, इसके बावजूद निगम स्तर से कोई भी कार्यवाही नहीं की गई।

इस पर उन्होंने आज नगर निगम पर सत्ता पक्ष के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे के भीतर यदि उचित कार्रवाई नहीं की जाती है। तो वह विपक्षी दल के पार्षदों के साथ आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

ज्ञापन देने वालों में पार्षद मनीष शर्मा, राधा रमोला, भगवान सिंह पंवार, देवेंद्र कुमार प्रजापति, विजयलक्ष्मी शर्मा, राकेश सिंह मियां, पुष्पा मिश्रा, शकुंतला शर्मा आदि मौजूद रहे।

जेई को पानी की समस्या बताकर शिवाजीनगर की जनता ने की निस्तारण की मांग

शिवाजी नगर क्षेत्र के गली नंबर 34 में पानी की समस्या को लेकर काफी समय से लोग परेशान चल रहे हैं जिस कारण आज विभागीय जेई को मौके पर बुलाकर ज्ञापन देकर समस्या से अवगत करवाया और शीघ्र समाधान के लिये कहा गया।

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य जयेन्द्र रमोला ने कहा कि शिवाजी नगर में गली नंबर 34 में पानी की विकट समस्या है न ही यहाँ नल के कनेक्शन हैं न ही यहाँ सीवर लाइन है। यहाँ पर लोगों के घरों में हैंडपंप लगे हैं। जिनके पाइप की गहराई करीब 15 फिट है। कहा कि यहां का वर्ग निर्धन है। इसलिये लोग अधिक गहराई के समरसिवल व आरओ लगवाने में असमर्थ हैं। इस कारण यहॉं के लोगों सीवर युक्त पानी का सेवन करना पड़ रहा है जिसके कारण वे बीमार हो रहे हैं। गली में पानी की पाइप लाइन बिछाने को लेकर मौके पर पहुँचे जेई सूरज को ज्ञापन सौंपा गया।

जेई सूरज ने बताया कि यहाँ पर पैरी अर्बन योजना के तहत पानी के कनेक्शन दिये जा रहे हैं यह गली छूट गई है इसका संज्ञान लेकर शीघ्र गली में घरों में पानी के कनेक्शन दिये जायेंगे।
ज्ञापन सौंपने वालों में रवि गुप्ता, राजेश कुमार, गीता देवी, माया देवी, नीतू देवी, गौरव कुमार, अमित, राजेश वर्मा, शुभम, कृष्ण कुमार, अनुज सिंह, चमनलाल, शारदा देवी, आशा नेगी, मंशा देवी, सन्नी प्रजापति, जतिन्दर, देवेन्द्र राम, अनिता गुप्ता, विकास कुमार, आरती देवी, रानी कुमार, जितेन्द्र कुमार आदि मौजूद थे।

उत्तराखंड सीएम हेल्पलाइन 1905 पर अब तक हुआ 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने 23 फरवरी 2019 को जनता की सहूलियत के लिए सीएम हेल्पलाइन 1905 का शुभारम्भ किया था। जिसका मकसद यह था कि जनता को अपनी समस्याओं के समाधान के लिये दूर दराज के क्षेत्रों से मुख्यमंत्री कार्यालय या सचिवालय के चक्कर ना काटने पड़ें, जिससे जनता के समय और धन दोनों की बचत होगी तथा जनता घर बैठे ही सरकार तक विभागों की समस्या ऑनलाइन या फोन पर बता सकेगी।

सीएम हेल्पलाइन के सफलतापूर्वक 2 वर्ष पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने उत्तराखण्ड की जनता को बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन पर बेहतर कार्य और उत्कृष्ट प्रदर्शन वाले अधिकारियों को पुरस्कृत किया जाएगा।

सीएम हेल्पलाइन पर हिन्दी, गढ़वाली, कुमाउनी, पंजाबी, अंग्रजी किसी भी भाषा में समस्या दर्ज करा सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन सुशासन का जीता जागता उदाहरण है इससे सरकार और जनता के बीच सीधा संवाद स्थापित हुआ है और सरकार की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता बढी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं के त्वरित निस्तारण के लिय बनी सीएम हेल्पलाइन 1905 का उत्तराखंड की जनता अधिक से अधिक लाभ उठाये। सीएम हेल्पलाइन पर किसी भी फ़ोन से निशुल्क टोलफ्री नंबर 1905 पर डायल करके किसी भी विभाग से सबंधित समस्या दर्ज करा सकते हैं या वेबसाइट cmhelpline.uk.gov.in पर भी समस्या दर्ज करा सकते हैं।

मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार रविन्द्र दत्त ने बताया कि अभी तक सीएम हेल्पलाइन पर 51 हजार 248 शिकायतों का संतुष्टि के साथ समाधान हो गया है। कोरोना महामारी और प्राकृतिक आपदा के दौरान सीएम हेल्पलाईन जनता के लिए वरदान बनकर सामने आई है। लॉकडाउन के दौरान सीएम हेल्पलाईन ने आपातकालीन सेवा के रूप में भी कार्य किया है। सीएम हेल्पलाईन के अधिकारी एवं कर्मचारी लॉकडाउन के दौरान प्रदेशवासियों की समस्याओं को सुनकर उनका 24 घंटे के भीतर ही निस्तारण करा रहे थे। लॉकडाउन खुलने के बाद से सीएम हेल्पलाइन में पंजीकृत प्रदेश के सभी अधिकारी उतनी ही तत्परता से जनसमस्याओं का समाधान कर रहे हैं।

सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों द्वारा शिकायत का समाधान होने पर सीएम हेल्पलाइन 1905 के कॉल सेन्टर द्वारा शिकायतकर्ता को कॉल भी किया जाता है और शिकायतकर्ता की संतुष्टि प्राप्त होने पर ही शिकायत को बन्द किया जाता है। सीएम हेल्पलाइन में अधिकारियों को शिकायत प्राप्त होते ही 15 दिन के भीतर शिकायत पर कार्यवाही करना अनिवार्य है।

सीएम हेल्पलाइन में उत्तराखंड के सभी विभागों के अधिकारियों को जोड़ा गया है। प्रत्येक माह आयुक्त गढ़वाल मंडल और आयुक्त कुमाऊं मंडल सभी जिलों के अधिकारियों की समीक्षा बैठकें भी ले रहे हैं और शिकायतों के गुणवत्ता पूर्वक समाधान पर प्रतिदिन मंडल आयुक्तों और जिलाधिकारियों द्वारा नजर रखी जा रही है।

अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राधा रतूड़ी द्वारा समय-समय पर सचिव स्तर पर सीएम हेल्पलाइन की समीक्षा बैठकें भी ली जाती हैं।