राहत: योगी सरकार ने बिल्डरों को कब्जा दिलवाने के दिए निर्देश

उत्तर प्रदेश सरकार ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा में निवेशकों को राहत देते हुए निर्माणकर्ताओं को तीन महीने के अंदर 50 हजार मकानों पर कब्जा दिलवाने का निर्देश दिया हैै। ऐसा ना करने पर बिल्डरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर विकास मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबंधित बिल्डरों को निर्देश दिये हैं कि वे नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा में अगले तीन महीने के अंदर मकान अथवा फ्लैट निर्माण का कार्य पूरा करके कब्जा दिलवाएं। बिल्डरों ने भी इस पर सहमति दी है। उन्होंने कहा अगर बिल्डर इसमें सहयोग नहीं करेंगे तो हमारे सारे विकल्प खुले हैं, हम उनके खिलाफ आर्थिक कार्रवाई के साथ आपराधिक कार्रवाई भी करेंगे।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री का यह आदेश बिल्डरों तथा नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा प्राधिकरणों के शीर्ष अधिकारियों और मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद आया है। यह बैठक उच्चतम न्यायालय द्वारा रियल एस्टेट कम्पनी जेपी इंफ्राटेक की दिवालिया होने सम्बन्धी अर्जी पर सुनवाई के दौरान कम्पनी को खरीदारों के हितों की रक्षा के लिये दो हजार करोड़ रुपये जमा करने के आदेश के बाद बुलायी गयी थी।
उच्चतम न्यायालय ने जेपी इंफ्राटेक से कहा था कि वह निवेशकों के हितों की रक्षा के लिये दो हजार करोड़ रुपये जमा कराए। कम्पनी ने अपने द्वारा लिये गये कर्ज की अदायगी नहीं कर पाने के मद्देनजर दीवालिया होने की अर्जी दी है। अनेक निवेशक इस कम्पनी की एक परियोजना में मकान के लिये धन अदा करने के बावजूद कब्जे के लिये परेशान हैं।

अब स्थानीय भाषा में भी दर्ज हो सकेगी शिकायत

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में समाधान पोर्टल हेतु स्मार्ट आई.वी.आर.(इंटरैक्टिव वॉयस रेस्पॉन्स) सिस्टम के माध्यम से सार्वजनिक शिकायतों को मोबाईल/दूरभाष पर प्राप्त कर उनका निस्तारण किये जाने सम्बन्धी सेवा का शुभारम्भ किया। जन समस्याओं और सुझावों को और अधिक सुगम बनाने के लिए कोई भी व्यक्ति टोल फ्री नम्बर 1905 पर फोन कर अपनी शिकायत या सुझाव को पंजीकृत करा सकते है। इसके लिए शिकायतकर्ता को अपना नाम, पता, मोबाईल नम्बर एवं शिकायत का विवरण देना होगा। शिकायत एन.आई.सी. के पोर्टल पर दर्ज हो जायेगी। उसके बाद शिकायत, सम्बन्धित विभाग को भेजी जायेगी। जिसका सम्बन्धित विभाग द्वारा 10 दिन के अन्दर फीडबैक दिया जायेगा। आईवीआर सिस्टम के तहत एक साथ 15 लोग शिकायत/सुझाव दर्ज करा सकते हैं। इसमें लोग स्थानीय भाषा में भी शिकायत दर्ज कर सकते हैं। जिसके लिए अनुवाद की व्यवस्था भी रहेगी। त्रिवेन्द्र ने कहा कि समाधान पोर्टल पर आई.वी.आर. सिस्टम के होने से जनसमस्याओं के निवारण में तेजी आयेगी। समस्याओं के निवारण के लिए सम्बन्धित विभागों की जिम्मेदारी तय रहेगी। इससे प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों के लोगों की समस्याएं पहुंचेगी तथा सुझाव भी मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अच्छी बात है कि आई.वी.आर. सिस्टम में स्थानीय बोलियों को भी सम्मिलित किया गया है।

सुविधायुक्त घर को लोन का लाभ

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत जहां एक ओर झोपड़ी और कच्चे घरों में रहकर गुजर-बसर करने वाले परिवारों को आवास बनाने के लिये योजना का लाभ मिल सकेगा। वहीं दूसरी ओर सरकार ने इस योजना में कुछ नई सौगाते भी दी है। जिसके तहत जहां लाभार्थी पक्का आवास बना सकेंगे, वहीं शौचालय के लिए भी उन्हें अनुदान भी मिलेगा। साथ ही बिजली और गैस कनेक्शन भी मुफ्त मिल सकेगा। इससे गरीब परिवारों को समस्याओं से निजात मिलेगी।
प्रधानमंत्री आवास योजना में लाभ पाने वाले गरीबों को अब एक साथ कई योजनाओं का लाभ मिल सकेगा। सरकार की ओर से पक्का आवास बनवाने के लिए निर्धारित 1.20 लाख रुपये तीन किस्तों में मिलेंगे। पहली किस्त में 40 हजार, दूसरी में 70 हजार, जबकि अंतिम किस्त 10 हजार की होगी। वहीं, जिला पंचायत राज विभाग से शौचालय के लिए 12 हजार रुपये का अनुदान का लाभ मिलेगा। नई व्यवस्था में लाभार्थियों को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस का कनेक्शन भी दिया जाएगा। दीनदयाल विद्युतीकरण योजना के तहत मुफ्त बिजली कनेक्शन मिलेगा। यही नहीं, गरीबों के लिए जिला पूर्ति विभाग से संचालित राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम की पात्र गृहस्थी में भी शामिल किया जाएगा। इससे उन्हें सस्ते दर में अनाज भी मिल सकेगा।
परिवार के सदस्यों को मिलेगा काम
योजना के तहत जहां आवास का लाभ मिलेगा। वहीं, घर के सदस्य जॉबकार्ड बनवा सकेंगे। साथ ही आवास में स्वयं काम भी कर सकेंगे। इसके तहत मनरेगा से 90 मानव दिवस का लाभ मिल सकेगा। इससे आर्थिक रूप से मजबूती मिलेगी।
सुविधायुक्त आवास के लिए लोन का भी लाभ
सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 1.20 लाख दिए जाएंगे। यदि कोई लाभार्थी आवास को अधिक सुविधायुक्त बनाना चाहेगा और इसके लिए उसे अतिरिक्त धनराशि की जरूरत होगी तो शासन से निर्धारित धनराशि के अलावा बैंक से सस्ते ब्याज दर पर 70 हजार रुपये के लोन की भी सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।
आपको बतो दें कि इस प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ गरीब परिवारों को दिया जाता है। इसमें 2011 की जनगणना के अनुसार आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शामिल किया जाता है। प्राथमिकता पर उन लोगों को लाभ मिलता है, जो आवास विहीन अथवा कच्चे मकान में रहते हैं। साथ ही इससे पहले परिवार के किसी सदस्य को लोहिया, इंदिरा आवास या अन्य किसी आवास योजना का लाभ न मिला हो।

नीति आयोग करेगा कुपोषण मुक्त भारत बनाने को जोर

मानवीय विकास, गरीबी में कमी तथा आर्थिक विकास के लिहाज से पोषण को महत्वपूर्ण करार देते हुए नीति आयोग ने राष्ट्रीय विकास एजेंडा में इसे ऊपर रखने का सुझाव दिया है। आयोग ने इस संबंध में राष्ट्रीय पोषण रणनीति पर एक रिपोर्ट जारी की।
आयोग के अनुसार, कुपोषण की समस्या का समाधान करने तथा पोषण को राष्ट्रीय विकास एजेंडा के ऊपर लाने के लिए नीति आयोग ने पोषण पर राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है। इसे व्यापक परामर्श प्रक्रिया के जरिए तैयार किया गया है। इसमें पोषण संबंधी मकसद को हासिल करने के लिए रूपरेखा तैयार की गई है। इस रिपोर्ट में देश में अल्प-पोषण की समस्या के समाधान के लिए एक मसौदे पर जोर दिया गया है। इसके तहत पोषक के चार निर्धारक तत्वों, स्वास्थ्य सेवाओं, खाद्य पदार्थ, पेय जल और साफ-सफाई तथा आय एवं आजीविका में सुधार पर बल दिया गया है। पोषण रणनीति मसौदे में कुपोषण मुक्त भारत पर जोर दिया गया है जो स्वच्छ भारत और स्वस्थ भारत से जुड़ा है। इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि राज्य स्थानीय जरूरतों और चुनौतियों के समाधान के लिए राज्य एवं जिला कार्य योजना तैयार करे।
देश में कुपोषण की समस्या से लड़ने के लिए केन्द्र की पूर्व मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल के दौरान 2007 में मिड डे मील की विस्तृत योजना लॉन्च की गई थी। इस योजना के तहत देशभर में कुपोषण के शिकार बच्चों को सीधे फायदा पहुंचाने हुए उन्हें स्कूल लाने की कवायद की गई। इस योजना से फायदे का दावा नीति आयोग के आंकड़ों के साथ-साथ आर्थिक मामलों के जानकार करते रहे हैं।
अब नीति आयोग का मानना है कि यह मानवीय विकास, गरीबी में कमी तथा आर्थिक विकास के लिए महत्वपूर्ण योजना है। आयोग ने पोषण में निवेश की वकालत करते हुए ग्लोबल न्यूट्रीशनल रिपोर्ट 2015 के हवाले से कहा कि निम्न और मध्यम आय वाले 40 देशों में पोषण में निवेश का लागत-लाभ अनुपात 16ः1 है।

बुआ ने छोड़ा भतीजे का साथ, फिर क्यों कहा कि अच्छे है संबंध

कॉमेडियन कपिल शर्मा की मुश्किलें दिनों-दिन बढ़ती जा रही हैं। सुनील ग्रोवर और सिद्धू के शो से चले जाने के बाद अब कपिल की बुआ उपासना सिंह भी शो से विदा ले चुकी हैं। उनका जाना कपिल के लिए एक और बड़ा झटका साबित हो रहा है। बता दें कि उपासना ने कपिल का शो छोड़कर कृष्णा अभिषेक का शो जॉइन कर लिया है। खबरों की मानों तो उपासना के शो से जाने का असली कारण अपने कैरेक्टर को बताया है। उन्होंने बताया कि वह अपने किरदार से ऊब गई थी, इसलिए शो छोड़ दिया। उन्हें कुछ नया करने का मौका नहीं मिल रहा था।
उपासना ने बताया कि मेरे किरदार में कुछ नया नहीं था। एक ही डायलॉग मैं बार-बार बोल रही थी। मुझे कुछ नया करने को नहीं मिल रहा था। दरअसल, मैं कुछ नया करना चाह रही थी। कृष्णा के शो पर मुझे कुछ नया करने का मौका मिला तो मैंने कपिल के शो को अलविदा कह दिया। कपिल के साथ दोबारा काम करने के लिए उपासना का कहना है कि कपिल से मेरी कोई लड़ाई नहीं है। अगर कुछ अच्छा लिखा जाएगा और मेरे किरदार में कुछ नया जोड़ा जाएगा, तो मैं जरूर शो का हिस्सा बनूंगी। कपिल के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं।

ईद उल अजहा में नमाज को खुले गुरूद्वारे

जहां एक और धर्म, मजहब के नाम पर रार मची है। वहीं देवभूमि उत्तराखंड में धार्मिक सहिष्णुता की नजीर पेश हुई है। आदि गुरु शंकराचार्य की तपस्थली जोशीमठ में गुरुद्वारे में ईद-उल-अजहा (बकरीद) की नमाज मुस्लिम भाईयों ने पढ़ी। बारिश और ठंड को देखते हुए गुरुद्वार प्रबंधन ने नमाज पढ़ने के लिए गुरुवारे के द्वार खोल दिए।
जानकारी के अनुसार चमोली जिले के जोशीमठ में रात भर से भारी वर्षा और ठंड हो रही है। ईद के मौके पर मुस्लिम समाज के लोग नमाज पढ़ना चाहते थे। लेकिन भारी बारिश से खुले मैदान में नमाज पढ़ना मुश्किल हो रहा था। लगभग 600 लोग नमाज अता करने के लिए गांधी मैदान की तरफ आ रहे थे। बारिश और ठंड को देखते हुये जोशीमठ के गुरुद्वारे प्रबंधक ने मुस्लिम भाईयों से गुरुद्वारे में नमाज अता करने के लिए आमंत्रित किया। सभी मुस्लिम समाज के लोगों ने यहां गुरुद्वारे में नमाज पढ़ी। यहां मुस्लिम समुदाय के लोगों ने ईद-उल-अजहा की नमाज पढ़ी। इस दौरान देश की एकता और तरक्की की दुआ मांगी गई। नमाज के बाद अन्य धर्म के लोगों ने भी ईद की मुबारक दी और एक दूसरे के गले लगे।

जानिए थाइलैंड की लड़की मसाज पार्लर में क्या कर रही?

देहरादून के पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र में आइएसबीटी के पास स्थित एक होटल में चल रहे मसाज पार्लर में दो विदेशी युवतियों के मौजूद होने की खबर से हड़कंप मच गया। एसएसपी ने तत्काल एलआइयू की टीम को होटल भेज कर जांच कराई तो मामला सही पाया गया। दोनों युवतियां थाईलैंड की रहने वाली हैं। इनमें से एक टूरिस्ट तो दूसरी बिजनेस वीजा पर यहां रह रही है। पुलिस ने बुधवार को दोनों को अन्य कागजातों के साथ थाने बुलाया है।
पटेलनगर कोतवाली क्षेत्र के एक व्यक्ति ने पुलिस को सूचना दी कि आइएसबीटी के पास एक होटल के मसाज पार्लर में दो विदेशी युवतियां रखी गई हैं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि इस सूचना पर एलआइयू की टीम को होटल भेजा गया तो वहां थाईलैंड की दो युवतियां मिलीं।
दोनों के दस्तावेज चेक किए गए तो एक युवती के पास टूरिस्ट और दूसरी के पास बिजनेस वीजा मिला। इसके अलावा वह कोई और दस्तावेज नहीं दिखा सकीं। एसएसपी ने बताया कि जांच की जा रही है कि दोनों यहां स्वयं आई हैं या किसी ने उन्हें यहां लाकर रखा है। फिलहाल संबंधित देश से भी दोनों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। जांच में जो तथ्य सामने आएंगे उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

बड़ी खबरः हरक सिंह ने प्रेस वार्ता कर लगाई वन आरक्षी की भर्ती पर रोक

उत्तराखंड में वन विभाग ने फॉरेस्ट गार्ड भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि जबतक नियमावली में संसोधन नहीं हो जाता, तब तक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी। दरअसल, राज्य में वन विभाग के 1218 पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल रही थी। इसके लिए पिछली सरकार ने शैक्षणिक योग्यता इंटर साइंस रखी थी और आयु की सीमा भी कम थी। जिसे लेकर राज्य के युवाओं में आक्रोश बना हुआ था।
भाजपा मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत में वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आयु सीमा और शैक्षणिक योग्यता में बदलाव को लेकर फैसला किया जाएगा। जबतक नियमावली में संसोधन नहीं हो जाता, तबतक भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगी रहेगी। वन विभाग के इस फैसले से कहीं न कहीं युवाओं को भी राहत मिल सकती है।

बाढ़ पीड़ितों को त्योहारों से पूर्व दें पैसाः नीतीश

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बाढ़ पीड़ितों के लिए जल्द आर्थिक मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि बकरीद से पहले ही पीड़ितों को आर्थिक मदद दी जाए। नीतीश कुमार ने बताया कि बाढ़ राहत के लिए दी जाने वाली 6 हजार नगद राशि को बकरीद के पहले दिए जाने के लिए अधिकारी काम करें। ताकि बाढ़ पीड़ितों को त्योहार के पहले राशि मिल सके। उन्होंने कहा कि अगर किसी पीड़ित का खाता नहीं खुला हो तो प्रशासन के लोग उस व्यक्ति के खाते को खुलवाने की व्यवस्था करें। ताकि आरटीजीएस के माध्यम से उनके खाते में राशि का ट्रांसफर किया जा सके।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री ने इसके लिए सभी जिलों के पदाधिकारियों के साथ वीडियो बैठक की। मुख्यमंत्री ने बाढ़ राहत कार्य, पर्व-त्योहारों की तैयारी, विधि व्यवस्था समेत अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे की समीक्षात्मक बैठक की। सीएम ने कहा कि इस बार की बाढ़ अभूतपूर्व है जिसे हवाई सर्वेक्षण के दौरान उन्होंने स्वयं महसूस किया है। उन्होंने कहा कि सरकारी पंचायत भवन में कम्यूनिटी रिलिफ सेंटर की व्यवस्था होनी चाहिए, ताकि आपदा के समय उसका उपयोग किया जा सकें। उन्होंने कहा कि भविष्य में बनने वाले पंचायत भवन में भी इसका इंतजाम किया जाए। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बिहार की बाढ़ की रोकथाम को लेकर नेपाल के पीएम से बात हुई है। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी से सड़कों पर जल निकासी की व्यवस्था को लेकर भी बात हुई है। बता दें कि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बिहार में बाढ़ से 19 जिलों की करीब पौने दो करोड़ आबादी प्रभावित हुई है। सरकारी आंकड़े के मुताबिक 28 अगस्त तक बाढ़ से 514 लोगों की मौत हो चुकी है।

जानिए, किसने प्रशासन से कहा कि मैं बाबा के साथ जेल में रहना चाहती हॅू

हर वक्त साथ रहने वाली डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह की गोद ली हुई बेटी हनीप्रीत उर्फ प्रियंका बाबा के साथ जेल में रहना चाहती थी। इसके लिए हनीप्रीत और डेरा मुखी के वकीलों ने बहुत कोशिश की, लेकिन जेल प्रशासन और रोहतक के जिला प्रशासन ने हनीप्रीत को डेरा मुखी के साथ जेल में रहने की अनुमति नहीं दी।
हनीप्रीत डेरा प्रमुख की दत्तक बेटी है, लेकिन करीब छह साल पहले 2011 में हनीप्रीत के पति विश्वास गुप्ता ने हाई कोर्ट में अर्जी दाखिल कर अपनी पत्नी के बाबा के साथ अवैध संबंधों का आरोप लगाया था। विश्वास पंचकूला का रहने वाला है और हनीप्रीत फतेहाबाद की रहने वाली है। दोनों के बीच अब तलाक हो चुका है।
हनीप्रीत का नाम डेरे के उत्तराधिकारियों की सूची में भी टॉप पर है। डेरा प्रमुख की कई फिल्मों में उसके रोल भी बताए जाते हैं। डेरा प्रमख जब सीबीआइ कोर्ट पंचकूला में पेशी के लिए आया, तब हनीप्रीत उसके साथ ही थी। बाबा के वकीलों ने हनीप्रीत को बाबा की सहायक के रूप में कोर्ट में मौजूद रहने की अनुमति दिलाई थी। तब वकील ने यह भी कहा था कि हनीप्रीत भी जेल में साथ जाना चाहती है। सीबीआई के जज ने कहा कि यह सरकार अथवा जेल या जिला प्रशासन के स्तर का मामला है। तब तक हनीप्रीत चॉपर में बाबा के साथ चंडी मंदिर से सुनारिया तक उड़ान भर चुकी थी, लेकिन जब बाबा के साथ जेल में जाने की बारी आई तो जिला प्रशासन व जेल अधिकारियों ने रोक दिया। हरियाणा के डीजीपी बीएस संधू ने इस घटनाक्रम की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि सहायक के तौर पर हनीप्रीत को कोर्ट में रहने की अनुमति सीबीआइ कोर्ट से मिली थी, लेकिन इससे आगे की प्रक्रिया को जिला प्रशासन को पूर्ण करना था। संबंधित लड़की को जेल में रहने की अनुमति प्रशासन ने नहीं दी।

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