महाशिवरात्रि पर शाही स्नान से पूर्व श्रद्धालुओं पर होगी पुष्प वर्षाः तीरथ सिंह रावत

हरिद्वार कुम्भ मेले में महाशिवरात्रि के अवसर पर पहले शाही स्नान में श्रद्धालुओं पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षा की जाएगी। शासन के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यह निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जरूरी सावधानियों का पालन करते हुए यह सुनिश्चित किया जाए कि कुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो। आगंतुक श्रद्धालु गंगा जी में सुविधापूर्वक पवित्र स्नान कर सकें। संतों का सम्मान सबसे ऊपर है। कुम्भ की दिव्यता और भव्यता सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी को मिलकर प्रदेश को विकास की ओर ले जाना है। इसमें जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की महत्वपूर्ण भूमिका है। अधिकारी अपनी पूरी क्षमता के साथ काम करें। उत्तराखण्ड का विकास हम सभी का दायित्व है। सभी लोग अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करें।

बैठक में प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक बंशीधर भगत, मुख्य सचिव ओमप्रकाश, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, मनीषा पंवार, प्रमुख सचिव आनंदवर्द्धन, आरके सुधांशु, सचिव अमित नेगी, नितेश झा, राधिका झा, दिलीप जावलकर, सौजन्या आदि उपस्थित थे।

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने ली पद व गोपनीयता की शपथ

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री के रूप में तीरथ सिंह रावत ने पद व गोपनीयता की शपथ ग्रहण की। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई। तीरथ छात्र राजनीति से ही सक्रिय रहे हैं। वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय मंत्री भी रह चुके हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

एक नजर में तीरथ सिंह रावत

पिता का नामः कमल सिंह रावत
जन्मतिथिः नौ अप्रैल 1964
निवासीः ग्राम सीरों, पट्टी असवालस्यूं, पौड़ी गढ़वाल।
शिक्षाः हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से समाज शास्त्र में परास्नातक।

राजनीतिक सफर

1983 से 1988 तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे। उसके बाद अभाविप के संगठन मंत्री और राष्ट्रीय मंत्री, गढ़वाल विवि में छात्र संघ अध्यक्ष व छात्र संघ मोर्चा (उत्तर प्रदेश) में प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। भाजयुमो (उत्तर प्रदेश) के प्रदेश उपाध्यक्ष व राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे।

1997 में पहली बाद उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य निर्वाचित।
2000 में राज्य गठन के बाद उत्तराखंड की अंतरिम सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री का दायित्व।
2007 में भाजपा के प्रांतीय महामंत्री बने।
2012 के विस चुनाव में चैबट्टाखाल से जीत हासिल की।
2013 में उत्तराखंड दैवीय आपदा प्रबंधन सलाहकार समिति के अध्यक्ष रहे।
वर्ष 2013 में ही भाजपा प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई।

पूर्व मुख्यमंत्री व सांसद खंडूरी के सबसे करीबी लोगों में शामिल तीरथ सिंह को 2012 के विधानसभा में चुनाव में चैबट्टाखाल सीट से मैदान में उतारा गया, जहां उन्होंने जीत हासिल की। फरवरी 2013 में उन्हें पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई और 2015 में उन्हें प्रदेश की राजनीति से हटाकर राष्ट्रीय महासचिव का दायित्व दे दिया गया।

मैंने कभी भी यहां पहुंचने की कल्पना नहीं की

उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि मुझ पर भरोसा करने के लिए लिए मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी चीफ का धन्यवाद करता हूं। मैं पार्टी का ऐसा कार्यकर्ता हूं जो एक छोटे गांव से आता है। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि मैं यहां पहुंचूंगा। मैं जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरने की कोशिश करुंगा।

जानिए तीरथ सिंह रावत के बारे में खास बातें…
राज्य के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे।
वर्ष 1997 में वे उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य के सदस्य निर्वाचित हुए।
इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे। उसके बाद वह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।
वर्तमान में तीरथ सिंह रावत भाजपा के राष्ट्रीय सचिव के साथ साथ गढ़वाल लोकसभा से सांसद भी हैं।
पौड़ी सीट से भाजपा के उम्मीदवार के अतिरिक्त 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हिमाचल प्रदेश का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया था।
तीरथ ने गढ़वाल विवि के बिड़ला परिसर श्रीनगर से छात्र राजनीति शुरू की।
वर्ष 1992 में वह सबसे पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की ओर से गढ़वाल विवि बिड़ला परिसर श्रीनगर के छात्रसंघ अध्यक्ष पद का चुनाव लड़े और जीते।
इसके बाद वे अभाविप के प्रदेश संगठन मंत्री, भाजयुमो में प्रदेश उपाध्यक्ष और राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे।
2019 के लोकसभा चुनाव में तीरथ ने गढ़वाल संसदीय सीट से संसदीय राजनीति में पहला कदम रखा था।
पौड़ी-गढ़वाल सीट पर भाजपा प्रत्याशी तीरथ सिंह रावत ने जीत दर्ज की थी। उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी मनीष खंडूड़ी को हराया था। तीरथ को 506980 और मनीष खंडूरी को 204311 वोट मिले थे।
वर्ष 2012 में विधानसभा चैबट्टाखाल से विधायक चुने जाने के बाद वर्ष 2013 में उन्हें भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया।
वर्ष 2017 में सिटिंग विधायक होते हुए टिकट कटने के बाद पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी।
वर्तमान में तीरथ हिमाचल प्रदेश के प्रभारी की जिम्मेदारी भी संभाल रहे हैं। रामजन्मभूमि आंदोलन में दो माह तक जेल में रहे तीरथ ने उत्तराखंड राज्य आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
नवनिर्वाचित गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत ने प्रदेश अध्यक्ष, प्रभारी और प्रत्याशी के रुप में शत-प्रतिशत परिणाम दिए।
तीरथ को 2013 में भाजपा के उत्तराखंड प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी मिली। 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तराखंड की पांचों लोकसभा सीटें भाजपा की झोली में गईं।
लोकसभा चुनाव 2019 में पार्टी ने तीरथ को गढ़वाल सीट से प्रत्याशी बनाए जाने के साथ ही हिमाचल प्रदेश के प्रभारी का दायित्व भी सौंपा।
उन्होंने अपनी जीत के साथ हिमाचल प्रदेश की चारों सीटें जिताकर पार्टी में खुद के कद को और मजबूत किया।

गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत संभालेंगे उत्तराखंड के सीएम की कमान


उत्तराखंड की राजनीति में पौड़ी जिले की एक बार पुनः धमक रही। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रस्ताव पर पार्टी हाईकमान ने अपनी मंजूरी दी है। इसके अनुसार अब गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। तीरथ का राजनीति में बहुत ईमानदार, स्वच्छ और सभी वर्ग को साथ लेकर चलने वालों में होती है। देखना यह है कि तीरथ सिंह रावत एक वर्ष के कार्यकाल में क्या वह करिश्मा भाजपा के लिए आगामी विधानसभा चुनाव में कर पाएंगे। जिसके लिए उनके कंधों पर हाईकमान ने जिम्मेदारी दी है।

भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक आज भाजपा प्रदेश पार्टी कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद के लिए गढ़वाल सांसद तीरथ सिंह रावत को चुना गया। तीरथ सिंह रावत का नाम पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ही प्रस्तावित किया था।

जनपद पौड़ी से तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के पांचवें सीएम बने हैं। इसके बाद एक बार फिर प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर पौड़ी जिले की धमक देखने को मिली है
तीरथ सिंह का राजनीतिक करियर
1. वर्ष 2000 में उत्तराखण्ड के प्रथम शिक्षा मंत्री चुने गए थे।
2. इसके बाद 2007 में उत्तराखण्ड के प्रदेश महामंत्री चुने गए थे।
3. यह उत्तराखंड भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं।

सीमा सड़क संगठन ने रिकाॅर्ड समय में रैणी गांव में तैयार किया सेतु

सात फरवरी को ऋषिकेश गंगा में बर्फीली झील के फटने से आई बाढ़ के क्षतिग्रस्त हुए सेतु के स्थान पर सीमा सड़क संगठन द्वारा मात्र 8 दिनों में 5 मार्च 2020 को पुनः एक नया सेतु बना कर यातायात बहाल कर दिया है।

जोशीमठ मलारी राजमार्ग पर रैणी गांव में नीति सीमा को जोड़ने वाला 90 मीटर लंबा एकमात्र स्थाई सेतु तेज बहाव में बह गया था और यह रास्ता यातायात हेतु बंद कर दिया गया था। सेतू बन जाने से ग्राम वासियों ने खूशी का इजहार किया।

इसी स्थान पर गंगा नदी पर बिजली प्लांट पूर्ण रूप से ध्वस्त होने के साथ-साथ 200 से भी अधिक जान माल का नुकसान हुआ था। सीमा सड़क संगठन अपने सिद्धांत-‘श्रमेण सर्वम् साध्यम’ पर खरा उतरते हुए तुरंत हरकत में आया और इस आपदा से निपटने के लिए आशु सिंह राठौर एवीएसएम-वीएसएम, चीफ इंजीनियर के नेतृत्व में तेजी से राहत और बचाव कार्य शुरू किए।

सीमा सड़क संगठन ने तुरंत 100 से अधिक संयंत्र उपकरणों/ वाहनों को कार्य पर लगा दिया। जिसमें 15 भारी उपकरण मशीनें जैसे की हाइड्रोलिकएक्सकैवेटर, डोजर, जेसीबी, लोडर, कंप्रेसर, शामिल थे। नदी के किनारे पर स्थित ठोस चट्टानों को काटने हेतु एक चट्टान काटने वाली मशीन को भी हेलीकाप्टर के द्वारा पहुंचाया गया।

क्षेत्र के पूर्ण रूप से 20 से 30 मीटर ऊंचे मलबे में जाने और नदी के किनारों के लुप्त हो जाने के कारण नए सेतु के एबेटमेंट निर्माण हेतु स्थान और उस तक पहुंचने वाली सड़क का स्थान ढूंढना एक भीमकाय कार्य था।

एक आस्था प्रारंभिक रेकी एवं मलबे को हटाने के उपरांत दिनांक 10 फरवरी को वैली सेतु के निर्माण हेतु उचित स्थान ढूंढ लिया और दिनांक 20 मार्च तक ट्रैफिक को सुचारू करने के लक्ष्य के साथ 200 फुट लंबे सेतु के लिए एबेटमेंट का निर्माण प्रारंभ किया।

वैली सेतु की स्थापना हेतु एबेटमेंट के निर्माण एवं सड़क की कटिंग के उपरांत सेतु की स्थापना का कार्य दिनांक 25 फरवरी 2021 को आरंभ किया गया।

सीमा सड़क संगठन ने संपर्क को पुनः स्थापित करने हेतु जाड़े के मौसम एवं अन्य सभी विपरीत परिस्थितियों की परवाह न करते हुए बिना विश्राम किए अथक कार्य किया और निर्धारित तिथि से बहुत पहले दिनांक 5 मार्च को ही इस सेतु का निर्माण पूर्ण करके यातायात को बहाल कर दिया।

सीमा सड़क संगठन सदैव चुनौतियों पर खरा उतरा है, एवं देश को दक्ष एवं उपयुक्त सेवा प्रदान करता आया है।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव चैधरी, बीएसएम, सड़क संगठन के महानिदेशक एवं आशु सिंह राठौड़ एवीएसएम-वीएसएम, चीफ इंजीनियर ने इस महत्वपूर्ण एवं अत्यंत आवश्यक संपर्कता को पुनः स्थापित करने हेतु इस कार्य में लगे सभी अधिकारियों एवं श्रमिकों की सराहना की है।

बजटः तीसरे मंडल के रूप में गैरसैंण को मिली नई पहचान, चार जिले, कमिश्नरी सहित एक डीआईजी होंगे तैनात

उत्तराखंड सरकार ने राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी भराड़ीसैंण-गैरसैंण में आज 57 हजार 400 करोड़ रुपये का बजट पेश किया गया है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बजट पेश करते हुए कहा कि हमने उत्तराखंड स्थापना के बीस साल पूरे कर लिए हैं। इस मौके पर मैं सभी सेना के जवानों, पुलिस के जवानों, कोरोना योद्धाओं और जनता को शुभकामना देता हूं। इसके बाद उन्होंने अपनी सरकार की उपलब्धियों को गिनाया। उन्होंने गैरसेंण को कमिश्नरी बनाने की घोषणा भी की। गैरसेंण कमिश्नरी में चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा व बागेश्वर जिले शामिल होंगे। बजट में निम्न प्राविधान किए गए हैं-

अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रावधान बजट में अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के संचालन के लिए 150 करोड़ का प्रावधान है। चिकित्सा एवं परिवार कल्याण हेतु 3319 करोड़ 63 लाख रुपए का प्रावधान है।

पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान
बजट में मुख्यमंत्री पलायन रोकथाम योजना के लिए 18 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान और राज्य सेक्टर के अन्तर्गत इस आय व्यय में पंचायत भवनों के निर्माण के लिए 49 करोड़ 86 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। बजट में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में पूंजीगत परिसम्पत्तियों के सृजन के लिए 954 करोड़ 75 लाख रुपये और भूमि क्रय के लिए 129 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। वहीं, मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना के लिए 70 करोड़ रुपये की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड जैसे पर्वतीय राज्य में पहली बार किसी सरकार ने रिवर्स पलायन पर सुनियोजित तरीके से कार्य किया। आज पेश हुए 57 हजार 400 करोड़ रुपये के बजट में सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सभी वर्गों को साधने की कोशिश की है।

कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित
वर्ष 2021-22 में कुल 57400.32 करोड़ का व्यय अनुमानित है। इसमें कुल व्यय में 44036.31 करोड़ राजस्व लेखे का व्यय और 13364.01 करोड़ पूंजी लेखे का व्यय अनुमानित है।

परिसंपत्तियों पर निवेश को हमारी सरकार ने जरूरी समझा
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि राज्य के विकास के लिए परिसंपत्तियों पर निवेश को हमारी सरकार ने जरूरी समझा। कहा कि कृषि के जुड़ी समस्याओं और सभी प्रश्नों को समझने का प्रयास किया गया।

गैरसैंण के विकास के लिए कई कार्य तथा घोषणाएं की गई जिनमें आगामी दस वर्षों में 25 हजार करोड़ रुपए की लागत से समूचे राजधानी क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करने हेतु एक बड़ी योजना बनाने पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गैरसैंण में की तीन महत्वपूर्ण घोषणाएं
-गैरसैंण को बनाया राज्य का तीसरा मंडल (कमिश्नरी)। चमोली, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को किया शामिल।
-भराड़ीसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए एक माह में होगी टाउन प्लानर की की नियुक्ति के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू
-नई बनाई गई नगर पंचायतों की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने की 1-1 करोड़ धन राशि की घोषणा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने भराड़ीसैंण (गैरसैंण) में बजट पेश करने के दौरान कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं की।

➡️गैरसैंण को उत्तराखण्ड में एक नई कमिश्नरी बनाया जायेगा। इसमें चमोली, रूद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और बागेश्वर जिलों को शामिल किया जायेगा। गैरसैंण कमिश्नरी में कमिश्नर एवं डीआईजी की नियुक्ति की जायेगी।

➡️नई बनाई गई नगर पंचायतों में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 01-01 करोड़ रूपये दिये जायेंगे।

➡️भराड़ीसैंण (गैरसैंण) ग्रीष्मकालीन राजधानी क्षेत्र के नियोजित विकास के लिए मास्टर प्लान का टेंडर एक माह के भीतर किया जाएगा।

➡️गैरसैंण ग्रीष्माकालीन राजधानी परिक्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण इकाई की स्थापना की जायेगी।

➡️गैरसैंण ग्रीष्माकालीन राजधानी परिक्षेत्र में 20 हजार फलदार पेड़ लगाये जायेंगे।

➡️राज्य के प्रत्येक महाविद्यालयों को 20-20 कम्यूटर दिये जायेंगे।

भगवान बद्रीनाथ की हुई ध्वजा स्थापना, श्रद्धालुओं में दिखा उत्साह

महाकुंभ 2021 में देवडोलियों के स्नानार्थ आगमन के उपलक्ष्य में त्रिवेणी घाट ऋषिकेश में परमाध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड तथा भद्रकाली मंदिर ढालवाला में सुबोध उनियाल कैबिनेट मंत्री उत्तराखंड द्वारा श्री बद्रीनाथ जी के पावन ध्वजा की स्थापना की।

श्री देवभूमि लोक संस्कृति विरासतीय शोभायात्रा समिति द्वारा हरिद्वार महा कुम्भ पर्व में 24 व 25 अप्रैल को आयोजित होने वाले देवत्व स्नान एवं शोभायात्रा के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम में देव प्रतीक चिन्हों के साथ देव डोलियां के स्नानार्थ अमृतमय कुम्भ पहुचेगी। जिनके आगमन के उपलक्ष्य में त्रिवेणी घाट ऋषिकेश तथा श्रीभद्रकाली मंदिर ढालवाला मुनि की रेती में भगवान श्री बद्रीनाथ जी की पावन ध्वज स्थापना समारोह का आयोजन किया गया।

समिति के परमाध्यक्ष मोहन सिंह रावत गांववासी व उपाध्यक्ष बंशीधर पोखरियाल द्वारा महामंडलेश्वर स्वामी ईश्वर दास महाराज, स्वामी विजयानंद महाराज, स्वामी गोपालचार्य महाराज, स्वामी लोकेश दास, स्वामी प्रदीप दास, स्वामी नागेंद्र पूरी, महामंडलेश्वर वीरेंद्रानंद, महंत सध्वागिरी, स्वामी कृष्णकांत महाराज, महंत सुखबीर सिंह, पंडित रवि शास्त्री, प्रदीप शर्मा आदि संत-महात्माओं का माल्यार्पण व अंगवस्त्रम प्रदान कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया।

इस अवसर पर ध्वजा पूजन, विष्णुसहस्रनाम के पाठ के उपरान्त आमन्त्रित पूज्य संत-महात्माओं द्वारा श्री बद्रीनाथ व श्री हनुमानजी के ध्वज का आरोहण किया गया। कार्यक्रम का संचालन प्रवक्ता डॉ. धीरेंद्र रांगड़ व पूजन कार्य पं.रमेश पैन्यूली ने किया।

कार्यक्रम में पूर्व मंत्री शूरवीर सिंह सजवाण, राजपाल खरोला, राज्यमंत्री कृष्ण कुमार सिंघल, राज्यमंत्री भगतराम कोठारी, प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, मुनि की रेती पालिका अध्यक्ष रोशन रतूड़ी, संयोजक संजय शास्त्री, ज्योति सजवाण, गजेन्द्र सिंह कंडियाल, भगवान सिंह रांगड़, हुक्म सिंह रावत, प्यारेलाल जुगलान, जयेन्द्र रमोला, ब्रह्मानंद भट्ट, बीसी पंत, पीताम्बर दत्त पैन्यूली, सुशील नौटियाल, धनसिंह रांगड़, दर्शनलाल आर्य, प्रताप सिंह सजवाण, विनोद शर्मा, चेतन शर्मा, आशाराम व्यास, कमला प्रसाद भट्ट, राहुल शर्मा, सुरेश उनियाल, लक्ष्मी सजवाण, सरोज डिमरी, शाकम्बरी बिष्ट, उषा भंडारी, विमला रावत, द्वारिका बिष्ट, पुष्पा ध्यानी, शीलू पंत, मीना गौड़, गुड्डू जोशी, रुक्मणी रौतेला, कुसुम जोशी, प्रमिला जोशी, तनु रस्तोगी, परमेश्वरी जोशी, मीनाक्षी जोशी, नंदन टोडरिया, रामबल्लभ भट्ट, ज्योति पंवार, मनोहर रौतेला, सुनील थपलियाल, विशाल मणि पैन्यूली, यतेंद्र कंडियाल आदि उपस्थित थे।

महिलाओं को कमांडो का प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज की सीएम त्रिवेंद्र ने की प्रशंसा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पुलिस लाईन देहरादनू में उत्तराखण्ड की महिला कमाण्डो फोर्स एवं स्मार्ट चीता पुलिस का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कमाण्डो प्रशिक्षक शिफू शौर्य भारद्वाज, सैन्य अधिकारी रूबीना काॅर्की, पीटीसी नरेन्द्र नगर के प्रशिक्षक हितेश कुमार, कमाण्डो निरीक्षक नीरज कुमार एवं प्रशिक्षित महिला पुलिस कमाण्डो को सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस के दस्ते में आज उत्तराखण्ड महिला कमाण्डो का दस्ता जुड़ गया है। उत्तराखण्ड देश का चैथा राज्य बन गया है, जहां पुलिस विभाग में महिला कमाण्डो का दस्ता तैयार किया है। उन्होंने कहा कि महिला पुलिस कमाण्डो को बेहतर प्रशिक्षण दिया गया। कमाण्डो को प्रशिक्षण देने वाले शिफू शौर्य भारद्वाज का आभार व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने मात्र एक आग्रह पर यह प्रशिक्षण दिया। यह प्रशिक्षण उनके द्वारा निःशुल्क दिया गया। किसी भी विद्या में पारंगत होने का सबसे बड़ा उद्देश्य आत्म सुरक्षा होना चाहिए। विद्या का सदुपयोग होना जरूरी है। विद्या के ज्ञान के साथ ही चपतलता का होना भी जरूरी है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि स्कूलों एवं काॅलेजों में पढ़ने वाली बेटियों को भी प्रारम्भिक आत्म सुरक्षा के गुर सिखाने जरूरी है। बेटियों को मोटिवेशन देना जरूरी है। यह समाज की आवश्यकता है। पढ़ाई के दौरान उन्हें आत्म सुरक्षा से संबंधित जानकारी हो। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश में हम बेटियों को आत्म सुरक्षा की दृष्टि से प्रशिक्षित करें। इन 22 प्रशिक्षित महिला कमाण्डो की भूमिका इस दृष्टि से और अधिक बढ़ जाती है। इस तरह के अन्य संगठनों का सहयोग लेकर आने वाले भविष्य में इसके लिए अधिकारियों को योजना बनाने को कहा गया है, ताकि इस तरह का एक बहुत बड़ा प्रशिक्षण कार्यक्रम राज्य में चलाया जा सके।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार द्वारा अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। पति की पैतृक सम्पति में पत्नी को सह खातेदार बनाया है। ऐसा निर्णय लेने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य बना है। समाज में जिस तरह बदलाव हो रहा है, ऐसे समय में महिलाओं का आर्थिक रूप से सशक्त होना भी बहुत जरूरी है। हमारी बेटियां सशक्त एवं मजबूत होनी चाहिए इस सोच के साथ अनेक कार्यक्रम चल रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तमाम रास्ते बेटियों के लिए खोले हैं। आईएनएस तरंगिणी में पांच महिलाओं ने 18 हजार किमी की जोखिम भरी यात्रा पूरी की। आज बेटियां फाइटर जेट उड़ा रही हैं। इन्फेन्ट्री एवं सीमाओं पर देश की बेटियां जा रही हैं। महिला सशक्तीकरण के लिए बेटियों का सर्वांगीण विकास बहुत जरूरी है।

पुलिस लाईन देहरादून में प्रशिक्षित 22 महिला कमाण्डो ने सुरक्षा से संबधित अनेक करतब दिखाए। 104 प्रशिक्षत चीता पुलिस दल का भी मुख्यमंत्री ने शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने चमोली जनपद में आपदा के दौरान दिवंगत दो पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि चमोली जनपद में आपदा के दौरान हमारी महिला अधिकारियों द्वारा राहत एवं बचाव कार्यों में सराहनीय कार्य किया गया।

इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, महिला आयोग की अध्यक्ष विजया बड़थ्वाल, मुख्यमंत्री के सैन्य सुरक्षा सलाहकार ले.ज.(रिटा.) जे.एस. नेगी, सचिव गृह नितेश झा, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार एवं पुलिस के अधिकारी उपस्थित थे।

प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाएं शुरू करने के तैयारी कर रही प्रदेश सरकार

उत्तराखंड में राज्य सरकार हेली सेवाओं के मार्ग बदलने की तैयारी कर रही है। प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाओं से किराया भी थोड़ा कम हो सकता है।

वर्ष 2016 में केंद्र सरकार ने उड़ान योजना के तहत हवाई सेवाएं शुरू की थी। इसके तहत देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू की गई। इसके अलावा 14 स्थानों से हेली सेवाओं को अनुमति दी गई। अब प्रदेश सरकार इनमें से कई के मार्ग परिवर्तन करना चाहती है। इसके लिए प्रदेश सरकार की ओर से केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है। इसके तहत प्रदेश सरकार ने अल्मोड़ा-हल्द्वानी-पंतनगर हवाई मार्ग को जौलीग्रांट-हल्द्वानी-पंतनगर-जौलीग्रांट और जौलीग्रांट-अल्मोड़ा-पंतनगर-जौलीग्रांट मार्ग के रूप में अनुमति देने का अनुरोध किया है।

इसी तरह जौलीग्रांट-न्यू टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई मार्ग के स्थान पर जौलीग्रांट से न्यू टिहरी, जौलीग्रांट से श्रीनगर और जौलीग्रांट से गौचर करने अनुरोध किया गया है। देहरादून-रामनगर-पंतनगर-नैनीताल-पंतनगर-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-अल्मोड़ा-रामनगर-देहरादून हवाई मार्ग से रामनगर व पिथौरागढ़ हटाते हुए इसे देहरादून-हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पंनतर-अल्मोड़ा-हल्द्वानी-देहरादून करने का अनुरोध किया गया है।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेश्वर उनियाल की उत्तराखंडी कृति मेरु उत्तराखंड महान काव्यकृति का हुआ विमोचन

विश्व मातृभाषा दिवस के अवसर पर आवाज साहित्यिक संस्था ऋषिकेश के पेज पर मुंबई से वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राजेश्वर उनियाल द्वारा रचित कृति मेरु उत्तराखंड महान का ऑनलाइन विमोचन किया गया। मुख्य अतिथि वरिष्ठ साहित्यकार लेखक प्रो. राधा बल्लभ डोभाल, विशिष्ट अतिथि डॉ प्रभा पंत, वरिष्ठ साहित्यकार भीष्म कुकरेती, कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ नंदकिशोर धौड़ियाल, वरिष्ठ साहित्यकार डॉक्टर राजेश्वर उनियाल के द्वारा संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया गया।

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ राधावल्लभ डोभाल ने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है जहां देवता निवास करते है साहित्य के सृजन में इस भूमि का महत्वपूर्ण योगदान है रामायण काल के बाल्मीकि , महाभारत काल के वेदव्यास, कालिदास जैसे महान साहित्यकारों ने अपने ग्रंथों का लेखन किया है। अनादिकाल से लेकर आज तक का बेहतरीन वर्णन डॉ राजेश्वर उनियाल की पुस्तक मेरू उत्तराखंड महान कि कृति में संकलित है।

विशेष अतिथि डॉ प्रभा पंत ने डॉ राजेश्वर उनियाल को एक महान साहित्यकार बताते हुए कहा कि इनका लेखन सदैव भावनाओं से जुड़ा हुआ रहा है हिंदी के साथ-साथ अपनी मातृभाषा में भी इनकी बेहतरीन पकड़ मानी जाती है।

वरिष्ठ गढ़वाली साहित्यकार भीष्म कुकरेती ने पुस्तक की समीक्षा करते हुए कहा कि उक्त पुस्तक मेरु उत्तराखंड महान में डॉक्टर राजेश्वर होने वालों ने संपूर्ण उत्तराखंड का बेहतरीन और लाजवाब वर्णन किया है यह पुस्तक निश्चित रूप से आने वाले समय में उत्तराखंड के प्रवासियों के लिए वरदान सिद्ध होगी

कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ नंदकिशोर ने अपने संबोधन में कहा कि साहित्य जीवन का सबसे बड़ा मित्र होता है युवा काल से लेकर के और अंतिम समय तक एक बेहतरीन मित्र के रूप में साहित्य सहायक होता है डॉक्टर राजेश्वर उनियाल की प्रशंसा करते हुए नंदकिशोर ने कहा कि इनके द्वारा लिखित पुस्तक निश्चित रूप से उत्तराखंड के लोगों के लिए एक वरदान के रूप में साबित होगी पुस्तक की बेहतरीन प्रशंसा करते हुए डॉ नंद किशोर ने कहा कि साहित्यकारों को अपनी आने वाली विरासत के लिए कुछ ना कुछ इस प्रकार के संदेश लिखित रूप से साहित्य के माध्यम से छोड़े जाने चाहिए जो आने वाले समय को प्रेरणा दे सके।

इस अवसर पर उत्तराखंडी लोक गायिका एवं शिक्षिका ज्योति उप्रेती सती के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई तथा साथ ही डॉक्टर राजेश्वर उनियाल की पुस्तिका में रचित उत्तराखंडी गीत को प्रस्तुत किया गया।

पुस्तक के लेखक डॉक्टर राजेश्वर होने वालों ने संपूर्ण अतिथियों एवं दर्शकों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह एक छोटा प्रयास है कि जो प्रवासी उत्तराखंड की पावन धरती से अन्य राज्यों या प्रदेशों में चले गए हैं उनके लिए यह पुस्तक निश्चित रूप से एक वरदान के रूप में साबित होगी यह उनका प्रयास था इस पुस्तक मै संपूर्ण उत्तराखंड की देवभूमि की स्तुति को जोड़कर लिखा गया है।

कार्यक्रम के संचालक आवाज साहित्यिक संस्था ऋषिकेश के संयोजक डॉ सुनील दत्त थपलियाल ने कहा कि आवाज संस्था को यह सबसे बड़ा सौभाग्य मिला है कि ऐसे महान विभूति डॉ राजेश्वर उनियाल की पुस्तक का विमोचन का अवसर इस पेज को प्राप्त हुआ है आवाज साहित्यिक संस्था लगातार 11 महीने से कोरोना संकट के समय से ऑनलाइन साहित्य संस्कृति और संवाद की धाराओं को ऋषिकेश के पावन तीर्थ से संपूर्ण भारतवर्ष के साहित्यकारों उत्तराखंड देव भूमि के संस्कृति संवाहक एवं संवाद के भगीरथ को जोड़ने का कार्य कर रही है, कुंभ का पावन पवित्र पर्व चल रहा है इसलिए भी आवाज साहित्यिक संस्था का प्रयास है कि साहित्य के अनुष्ठान का यह कुंभ भी निश्चित रूप से ऋषिकेश की पावन नगरी से साहित्य का संदेश दे।

इस विमोचन के अवसर पर प्रो. राधाबल्लभ डोभाल अध्यक्ष, उत्तराखंड विचार मंच, मुंबई अध्यक्षता डा. नंदकिशोर ढौंडियाल, अरुण, पूर्व विभागाध्यक्ष हिंदी एवं अध्यक्ष, साहित्यांचल कोटद्वार, डा. प्रभा पंत, विभागाध्यक्ष हिंदी, राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, हल्द्वानी, समारोह की विशेष अतिथि तथा भीष्म कुकरेती, गढ़वाली साहित्यकार, मुंबई पुस्तक की प्रस्तावना पर अपना विशेष वक्तव्य दे। यह भी अत्यधिक प्रसन्नता की बात है कि पुस्तक का शीर्ष गीत जय जय उत्तराखंड महान, को अपने कोकिला कंठ से गाकर तथा अपने फेसबुक पेज पर सजाने वाली उत्तराखंड की सुप्रसिद्ध लोक-गायिका ज्योति उप्रेती सती मां सरस्वती की वंदना कार्यक्रम का श्रीगणेश के रूप में तथा डॉ सुनील दत्त थपलियाल, अनूप रावत रावत डिजिटल पबलिकेशन आदि उपस्थित थे।

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