ट्रेनों की रफ्तार बन रही हाथियों का काल

60 किमी प्रति घंटे दौड़ती है दून-हरिद्वार के बीच ट्रेनें
1997 में भी इसी स्थान पर ट्रेन से मारे गये थे दो हाथी

ऋषिकेश।
कांसरो से मोतीचूर रेलवे स्टेशनों के बीच तीव्र घुमाव और ट्रेन की स्पीड एक बार फिर हाथी के काल का कारण बन रही है। रायवाला में 19 वर्ष पूर्व इसी स्थान पर ट्रेन की चपेट में आने से दो मादा हाथियों की दर्दनाक मौत हो गई थी।
पानी और चारे के लिए हाथी अक्सर इसी पारम्परिक गलियारे का प्रयोग करते हैं। कांसरो-चीला-मोतीचूर कॉरिडोर से ही हाथी राजाजी राष्ट्रीय पार्क से कार्बेट पार्क आते-जाते हैं। दून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर कांसरों से मोतीचूर के बीच 1988 से अब तक 24 हाथी ट्रेन की चपेट में आने से जान गवां चुके हैं। 25 किलोमीटर की ये दूरी हाथियों के लिए बेहद संवेदनशील है। मोतीचूर-चीला, कांसरो-मोतीचूर और कांसरो-बडकोट के पारम्परिक गलियारे यहीं से होकर गुजरते हैं। वन्य जीव विशेषज्ञ डॉ. रितेश जोशी बताते हैं कि भारत में का कहना है कि रेलवे ट्रैक पर हुए हादसो में 152 हाथी मारे जा चुके हैं। उत्तराखंड में इनकी संख्या 24 पहुंच गई है। अधिकांश घटनाएं तड़के ही होती हैं, जिसका प्रमुख कारण पानी और चारा है। शनिवार को वैदिकनगर के पास जिस स्थान पर घटना घटी उसके दोनों तरफ खेर, शीशम और रोहणी के पेड़ हैं। साथ ही पानी के स्रोत भी हैं। ये कॉरिडोर राजाजी पार्क को कार्बेट पार्क से जोड़ता है। बताया कि इसी स्थान पर 1997 में गज शिशु को बचाने के प्रयास में दो मादा हथनियों की जान चली गई थी। तीव्र मोड और ट्रेन की स्पीड हाथियों की मौत का कारण बन रही है।

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रेलवे-पार्क के बीच हुए समझौते पर अमल नहीं
वर्ष 2001 में हुए एक हादसे में मादा हाथी की मौत हुई थी। इसके बाद तत्कालीन राजाजी राष्ट्रीय पार्क के निदेशक सुनील कुमार दूबे और रेलवे मुरादबाद मंडल के अधिकारियों के बीच दो दिन बैठक चली थी। बैठक में कुछ नियम तय किए गए थे। रेलवे और राजाजी पार्क के अधिकारियों की तय किया गया था कि रायवाला क्षेत्र में एलीफेंट कॉरीडोर से गुजरते समय रेलवे चालक सावधानी बरतेंगे।
पार्क की सीमा में लगभग 18 किलोमीटर ट्रैक पर (डोईवाला-मोतीचूर स्टेशन के बीच) ट्रेन की गति 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटे रहेगी। पार्क से गुजरते हुए ट्रैक पर लगातार साइरन बजाना होगा। ट्रैक के किनारे मिट्टी के टीलों का समतल किया जाएगा। रेलवे ने कुछ स्थानों पर ट्रैक के पास समतलीकरण किया। साइरन बजाना और स्पीड कम करने के संकेत भी लगाए, लेकिन लगातार बढ़ते ट्रेनों के दबाव और नए ट्राइवरों के चलते सभी नियम धरे रह जाते हैं। जिस समय यह फैसला लिया गया तब उस समय एक दर्जन सवारी और आधा दर्जन माल गाड़ियों के फेरे ही थे, जो अब दोगने हो गए हैं। ज्यादातर ट्रेनें 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ती रहती हैं।

दून-हरिद्वार रेलवे ट्रैक पर ट्रेनों का दबाव बढ़ने से ट्रेनों की स्पीड़ 50 से 60 किलोमीटर प्रतिघंटे तक रहती है। हाथियों की सुरक्षा के लिए पार्क अधिकारियों के साथ मिलकर प्लान बनाया जाएगा।
प्रमोद कुमार, डीआरएम मुरादाबाद मंडल

रेलवे के अधिकारियों के साथ बैठक कर कांसरो-मोतीचूर के बीच ट्रेन की स्पीड 30 किलोमीटर प्रतिघंटे करने और ट्रैक के दोनों ओर मिट्टी के टीलों का समतलीकरण करने पर सख्ती की जाएगी।
सतनाम सोनकर, निदेशक, राजाजी नेशनल पार्क

भारत ने पाकिस्तान को दिखाया दम

पाक अधिकृत कश्मीर में भारतीय सैनिकों ने आंतकियों को उतारा मौत के हवाले

नई दिल्ली। पूंछ और उरी में हुए आतंकी हमले में जवानों की शहादत का बदला भारत ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों को ढेर कर के लिया है. DGMO और विदेश मंत्रालय की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह खुलासा किया गया कि भारतीय फौज ने बुधवार देर रात नियंत्रण रेखा को पार करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में सर्जिकल स्ट्राइक किया.

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डीजीएमओ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि भारतीय सेना को सटीक खबर मिली थी कि पाकिस्तान के जरिए आतंकवादी भारत में घुसपैठ के लिए तैयार हैं. भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरजमीं में अपने सबसे बेहतरीन कमांडो भेजे थे. सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पहली बार इस तरह के ऑपरेशन में वायुसेना की मदद नहीं ली है और भारतीय सैनिक बिना किसी खरोंच के वापस लौटे हैं.

आधी रात पाकिस्तान पर बोला हमला
भारत की तरफ से रात 12.30 बजे से 4.30 बजे तक यह ऑपरेशन चलाया गया. भारतीय सेना के कमांडोज ने आतंकवादियों के 7 लॉन्च पैड को अपना निशाना बनाया. इसमें 38 आतंकवादी मारे गए. भारत की ओर से हमला होने के बाद कई पाकिस्तानी सैनिक लॉन्च पैड की सुरक्षा में जुट गए थे. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार भारतीय सेना की कार्रवाई में 9 पाकिस्तानी सैनिक भी मारे गए हैं.

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सोनी आत्महत्या मामले में आप विधायक चौहान गिरफ्तार

नई दिल्ली।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक बार फिर झटका लगा है। नरेला से आम आदमी पार्टी के विधायक शरद चौहान को आप कार्यकर्ता सोनी आत्महत्या मामले में दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया। विधायक शरद चौहान के साथ ही इस मामले से जुड़े 8 लोगों को क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार किया।
चौहान की गिरफ्तारी के साथ ही पार्टी के गिरफ्तार किए गए नेताओं की संख्या 12 हो गयी। मामले के सिलसिले में पिछले चार दिनों मे दिल्ली पुलिस के अपराध शाखा ने चौहान और मुख्य आरोपी रमेश भारद्वाज से कई घंटे पूछताछ की थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि चौहान और भारद्वाज के अलावा विधायक के सहयोगी अमित और रजनीकांत सहित 5 अन्य लोगों को शनिवार रात गिरफ्तार किया गया। भारद्वाज को सोनीपत से 26 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था।
आत्महत्या के बाद सोनी के परिवार ने आरोप लगाया था कि विधायक के करीबी रमेश भारद्वाज, सोनी को विधायक शरद चौहान के कहने पर परेशान कर रहा था। इससे तंग आकर सोनी ने आत्महत्या की। इससे पहले सोनी की आत्महत्या के मामले में आरोपी रमेश भारद्वाज को दिल्ली पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत से गिरफ्तार किया।
उल्लेखनीय है कि आम आदमी पार्टी की महिला कार्यकर्ता ने उत्तर पश्चिमी दिल्ली के नरेला में अपने घर पर जहरीली चीज खाकर आत्म हत्या कर ली थी और लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में इलाज के दौरान उसने 19 जुलाई को दम तोड़ दिया था। महिला ने आत्महत्या के कुछ दिन पहले ही विधायक शरद चौहान के खिलाफ प्रताड़ना का केस दर्ज कराया था। पुलिस ने महिला की शिकायत पर 509 और 506 में मामला दर्ज कर लिया था।
पूर्व में महिला कार्यकर्ता ने एक वीडियो जारी कर भी भारद्वाज के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। भारद्वाज ने उससे कहा था कि अगर वह पार्टी में उभरना चाहती है तो उसे समझौता करना होगा और उसने खुद को स्थानीय पार्टी विधायक का करीबी होने का दावा किया था। दिल्ली पुलिस ने 20 जुलाई को खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज करते हुए पूरा मामला विशेष जांच दल को सौंप दिया था। महिला के परिवार के सदस्यों ने दावा किया है कि कथित रूप से छेड़छाड़ करने वाले भारद्वाज के जमानत पर रिहा हो जाने के बाद महिला अवसाद में थी। महिला ने कथित तौर पर गलत इरादे को लेकर भारद्वाज के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी और जून में छेड़खानी का एक मामला दर्ज किया गया था।

सोना अपने उच्चत्तम शिखर रुपये 31,340 के पार

मुम्बई।
आभूषण विक्रेताओं और हाजिर बाजार में मांग बढ़ने से स्थानीय सर्राफा बाजार में सोना 540 रुपये उछलकर 31,340 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। पिछले 29 माह में पहली बार सोना 31,000 रुपये के पार निकला है और विदेशों में भी इसका मजबूती रूख रहा।
वहीं, चांदी में मांग कमजोर पड़ने से भाव 220 रुपये नीचे आ गये। हाजिर चांदी 220 रुपये गिरकर 47,080 रुपये किलो रह गई जबकि साप्ताहिक डिलीवरी आधारित चांदी का भाव 680 रुपये बढ़कर 47,480 रुपये किलो पर पहुंच गया। सर्राफा कारोबारियों ने बताया कि विदेशी बाजारों में सोना मजबूत हुआ है क्योंकि डालर की विनिमय दर कमजोर है। अमेरिकी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर दूसरी तिमाही में उम्मीद से कम रहने की वजह से निवेशकों का सोने की तरफ रझान बढ़ा है।
वैश्विक बाजारों में न्यूयार्क में शनिवार सोना 1.2 प्रतिशत बढ़कर 1,357.50 डॉलर प्रति औंस हो गया। इस महीने विदेशों में सोने का भाव 2.8 प्रतिशत चढ़ चुका है। व्यापारियों के अनुसार आभूषण और जेवरातों के लिये हाजिर बाजार में मांग बढ़ने के बाद आभूषण विनिर्माताओं की मांग बढ़ी है। इससे कीमती धातुओं की मूल्य वृद्धि को समर्थन मिला है।
राष्ट्रीय राजधानी सर्राफा बाजार में सोना 99.9 प्रतिशत और 99.5 प्रतिशत शुद्धता का भाव प्रत्येक 540 रुपये की जोरदार तेजी के साथ क्रमशः 31,340 रुपये और 31,190 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया। इससे पहले 26 फरवरी 2014 को सोने का भाव 31,530 रुपये पर पहुंचा था।
गिन्नी सोने का भाव भी 300 रुपये की तेजी के साथ 24,300 रुपये प्रति आठ ग्राम हो गया। इसके विपरीत चांदी हाजिर आज 220 रुपये गिरकर 47,080 रुपये किलो रह गई। हालांकि, साप्ताहिक डिलीवरी आधारित चांदी सटोरिया खरीदारी से 680 रुपये उछलकर 47,480 रुपये किलो पर पहुंच गई। चांदी सिक्का लिवाली 76,000 रुपये और बिकवाली 77,000 रुपये प्रति सैकड़ा पर स्थिर बोला गया।

एनजीटी के आदेश पर कृष्णा कॉटेज सील, विदेशी पर्यटक परेशान

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ऋषिकेश।
एनजीटी के आदेश पर लक्ष्मणझूला स्थित कृष्णा कॉटेज होटल सील हो गया। प्रशासन की टीम ने 35 कमरों वाला कॉटेज को गुरुवार को सील कर दिया। लेकिन विदेशी पर्यटक को इसका खामियाजा भुगतना पड़ा। विभिन्न देशों के 32 पर्यटक पर्यटक वीजा व योगा सीखने के लिए कॉटेज में ठहरे हुए थे। जिन्हें सील की कार्रवाई में होटल छोड़ना पड़ा। कुछ विदेशियों की प्रशासन की टीम के साथ तीखी नोंक-झोंक भी हुई।
ऋषिकेश के लक्ष्ममणझूला स्थित कृष्णा कॉटेज होटल को पौड़ी प्रशासन ने सील कर दिया। गौरतलब है कि एनजीटी के निर्देशों का उल्लंघन करने व प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मानकों का पालन नही करने वाले होटलों को सील करने के आदेश उत्तराखंड शासन को मिले थे। 35 कमरों वाले कृष्णा कॉटेज को गुरुवार को प्रशासन की टीम ने मयफोर्स के साथ सील कर दिया। पूरी कार्रवाई से होटल व्यवसायियों में हड़कंप मचा रहा।
सील कार्रवाई के दौरान विदेशी पर्यटकों की फजीहत रही। कॉटेज में 32 विदेशी पर्यटक ठहरे हुए थे। जिन्हें सील की कार्रवाई में होटल खाली करना पड़ा। अमेरिका, दं. अफ्रीका, इटली, स्पेन, कनाडा जैसे देशों से आये पर्यटक उस समय मायूस हो गये, जब उन्हे प्रशासन की टीम ने बताया कि न्यायायिक दृष्टि से कानून का पालन कराने को लेकर यह र्कारवाई की जा रही है। इस दौरान पर्यटकों ने उनके साथ धोखा होने जैसी बाते कही। सूत्रों के अनुसार विदेशी पर्यटकों से रामझूला व लक्ष्मणझूला के होटल व लॉज भरे रहते है। विदेशी यहां आध्यात्म व योगा सीखने के लिए वर्ष भर रहते है। इससे होटल व्यवसायियों को भरी मुनाफा भी होता है। विदेशी पर्यटकों से सालभर का एडंवास भी लिया जाता है।
बरहाल अपनी फजीहत से नाराज विदेशी इस मामले में शिकायत दर्ज कराने की बात कह रहे है। तीर्थनगरी में एनजीटी के आदेश पर होटल सील की कार्रवई की यह पहली घटना है।

हां मैं एक पाकिस्तानी नागरिक हूं

कश्मीर के कुपवाड़ा में पकड़ा गया आंतकी ने सच कबूला
पाकिस्तान फिर हुआ बेनकाब
नई दिल्ली।
कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हुई मुठभेड़ में पकड़े गए एक जिंदा आतंकी के कबूलनामे से पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हो गया है। आतंकी ने कबूल किया है कि वह पाकिस्तान का नागरिक है। उनसे अपने कबूलनामे में कहा गया है कि मैं लाहौर का रहने वाला हूं। मेरा जन्म 17-12-1995 को हुआ था।
बहादुर अली नाम बताने वाले आतंकी ने बताया कि उसे मुजफ्फराबाद से 9 घंटे दूर ट्रेनिंग दी गई थी और ये ट्रेनिंग 21 दिन की थी। सेना की ओर से इस आतंकी को पकड़ा जाना देश और सुरक्षाबलों के लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इससे पाकिस्तान एक बार फिर बेनकाब हुआ है।
सैन्य अधिकारियों की तरफ से मिली जानकारी के अनुसार ये सभी आतंकवादी विदेशी नागरिक थे। आतंकी के पास कई आधुनिक हथियार भी मिले थे। वहीं खुफिया एजेंसियों ने बहादुर अली से जानकारी हासिल की है। गौरतलब हैं कि हाल ही में कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा के पास नौगाम सेक्टर में हुई इस मुठभेड़ सुरक्षा बलों ने चार आतंकवादियों को ढेर कर दिया था और एक अन्य आतंकी को पकड़ लिया।

निशंक ने विपक्ष को आड़े हाथो लिया

105कहा-पूर्ववर्ती सरकारों ने काला धन लाने के लिए कोई ठोस कार्य नही किया
केन्द्र सरकार के बिल से विश्व में भारत की साख बढृने का दावा किया
नई दिल्ली। सरकारी आश्वासनों संबंधी समिति के सभापति, सांसद हरिद्वार एवं पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखण्ड डॉ. रमेश पोखरियाल ’निशंक’ ने लोक सभा में पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि 1988 से अभी तक कांग्रेस कालेधन और बेनामी सम्पत्ति के मामले में गम्भीर नहीं रही है। डॉ. निशंक ने कहा कि बेनामी संव्यवहार (प्रतिषेध) संशोधन विधेयक, 2015 के माध्यम से देश में काले धन पर रोक लगाने की सरकार की प्रतिबद्धता परिलक्षित होती है।
डॉ. निशंक ने बताया कि विधेयक के इन संशोधनों का मकसद कानूनी और प्रशासनिक लिहाज से विधेयक के प्रावधानों को मजबूत बनाना है। उन्होंने आगे बताया कि बेनामी सम्पत्ति के कारोबार पर अंकुश लगाने के लिए यह ऐतिहासिक कदम उठाया गया है। कांग्रेस पर कड़ा प्रहार करते हुए डॉ. निशंक ने बताया कि कांग्रेस ने सदैव से कालाधन और बेनामी सम्पत्ति से जुड़े लोगों को प्रोत्साहन दिया है। कांग्रेस की नीति हमेशा कालाधन को संरक्षण देने की रही है। केन्द्र सरकार का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए डॉ. निशंक ने बताया कि इस विधेयक से जहां भारत में कालेधन पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। वहीं अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में भारत की विश्वसनीयता बढाने में मदद मिलेगी। डॉ. निशंक ने बताया कि कांग्रेस सरकार ने उपेक्षापूर्ण रवैये के चलते वर्ष 2011 का विधेयक छः सत्र बीत जाने पर बिल लैप्स हो गया। सरकार द्वारा नया बिल लाये जाने की अपेक्षा 1988 के बिल में संशोधन किया गया ताकि 1988 से आज तक सभी दोषियों को दंडित किया जा सके। डॉ. निशंक ने बताया कि मौजूदा विधेयक में जहां दोषियों के लिए दंडात्मक व्यवस्था का प्रावधान है वहीं अपीलीय ट्रिब्यूनल तंत्र स्थापित किया गया है। बेनामी संव्यवहार की नई परिभाषा को स्थापित करते हुए बिल ने विभिन्न प्राधिकारियों के माध्यम से सक्षम तंत्र की स्थापना की गयी है।

वो पत्थर-गोले बरसाये तो कैसे रुकेगा पैलेट गन का इस्तेमाल!

नई दिल्ली।
पिछले करीब दो हफ्ते से जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था को संभालने में अग्रिम मोर्चे पर खड़े अर्धसैनिक बलों ने घाटी में पैलेट गन के इस्तेमाल के चलते कुछ युवकों की आंखों में लगी चोट पर दुख व्यक्त किया है। हालांकि, उन्होंने यह साफ कर दिया है कि बेहद चरम स्थितियों में पैलेट गन इस्तेमाल होता रहेगा। वैसे सीआरपीएफ की डीजी के. दुर्गा प्रसाद ने उम्मीद जताई कि भविष्य में दोबारा ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
दिल्ली में वार्षिक सम्मेलन के दौरान उन्होंने कहा, पैलेट गन के इस्तेमाल के चलते युवा घायल हुए हैं उसके लिए माफी चाहता हूं। हम खुद ही इसे कम से कम इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं ताकि कम लोग घायल हों। लेकिन, इसे हम तब इस्तेमाल करते हैं जब भीड़ पूरी तरीके से अनियंत्रित हो जाती है और किसी भी दूसरे तरीके से उस पर काबू नहीं पाया जा सकता।
उन्होंने कहा कि जवानों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाता है कि वो ऐसी घटनाओं से निपटते समय भावनाओं में ना बहे और सही तरीके का इस्तेमाल करें। सीआरपीएफ के डीजी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ही एक मात्र ऐसी जगह है जहां पर इतनी बड़ी तादाद में पत्थरबाजी होती है और ऐसी स्थिति में जब स्थित बेकाबू हो जाती है उसके बाद जवानों को पैलेट गन का इस्तेमाल करना पड़ता है।
के. दुर्गा प्रसाद ने कहा कि जवानों को निर्देश दिया गया है कि जब कभी भी वह पैलेट गन का इस्तेमाल कश्मीर में करें तो घुटने के नीचे ही फायर करें। उन्होंने कहा कि लोग घायल तब होते हैं जब प्रदर्शनकारी काफी नजदीक आ जाते हैं और जवानों को पायलट गन का इस्तेमाल करना पड़ता है। ऐसे में सामने वाले की जान जाने की भी ख़तरा बना रहता है।

उत्तराखंड में चीन की घुसपैठ! चमोली की सीमा में घुसे चीनी सैनिक

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सीएम हरीश रावत ने केन्द्र सरकार से की वार्ता
देहरादून।
उत्तराखंड में चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ का मामला सामने आया है। मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों ने चमोली सीमा पर घुसपैठ की है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां मौजूद महत्वपूर्ण नहर तक चीनी सेना नहीं पहुंच पाई है।
बीजापुर गेस्ट हाउस में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान सीएम हरीश रावत ने चमोली से सटी चीन सीमा पर चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। चमोली सीमा पर हो रहे चीनी घुसपैठ का पता तब चला जब सीमा क्षेत्र का निरीक्षण करने पहुंची प्रशासन की टीम को चीनी सैनिकों ने जांच करने से रोकते हुए वापस खदेड़ दिया। हर बार की तरह इस बार भी जोशीमठ के उप जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह के नेतृत्व में जिला प्रशासन की 19 सदस्यीय टीम 19 जुलाई को चीन सीमा के निरीक्षण को गई थी। टीम सुमना क्षेत्र तक वाहन से पहुंची। यहां होतीगाड़ नदी का जलस्तर बढ़ने से टीम को वाहन यहीं छोड़ने पड़े। इसके बाद दूसरे छोर पर खड़े वाहनों से टीम सेना चौकी रिमखिम पहुंची। करीब आठ किमी दूर सीमा क्षेत्र में पहुंचने पर यहां पहले से चीन सैनिकों को मौजूद देख टीम के होश उड़ गए।
भारतीय दल को देखते ही चीनी सैनिकों ने तीखी प्रतिक्रिया दी और टीम सदस्यों को तुरंत लौट जाने का इशारा किया। चीनी सैनिकों के तेवर देख टीम ने निरीक्षण छोड़ तुरंत वापस लौटने में ही भलाई समझी। टीम के सदस्यों ने इसकी जानकारी सीमा क्षेत्र में मुस्तैद आईटीबीपी के अधिकारियों को भी दी। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार बाड़ाहोती क्षेत्र में पहुंचते ही टीम को दूर से ही चीनी सैनिक दिखाई दे गए थे। टीम आगे पहुंची तो चीनी सैनिकों ने उन्हें वापस चले जाने का इशारा किया। गौरतलब है कि चीन सीमा क्षेत्र में प्रशासन का निरीक्षण नियमित प्रक्रिया है। इसकी गोपनीय रिपोर्ट भारत सरकार को भेजी जाती है। चमोली जनपद से सटी भारत-चीन सीमा में बाड़ाहोती क्षेत्र नो मेंस लैंड एरिया है।
हर वर्ष चमोली जिला प्रशासन की टीम सीमा क्षेत्र में चीनी गतिविधियों को देखने और भारत की मौजूदगी दर्ज करने के लिए यहां सामान्य निरीक्षण के लिए जाती है। पूर्व में टीम वर्ष में दो बार जाती थी, लेकिन वर्ष 2015 से टीम वर्ष में तीन बार सीमा क्षेत्र के निरीक्षण को जाती है। चीनी सैनिकों की घुसपैठ पर सीएम हरीश रावत ने कहा कि मुझे यकीन है केंद्र सरकार इस मुद्दे पर संज्ञान लेगी। उन्होंने कहा है कि घुसपैठ की जानकारी भारतीय एजेंसियों को है। आईटीबीपी इस पूरे क्षेत्र की निगरानी कर कर रही है। आईटीबीपी और सेना को इसकी जानकारी है। सीएम ने कहा है कि इस क्षेत्र में लगातार चीन की सक्रियता बनी हुई है, लेकिन अच्छी बात यह है कि वहां एक नाला है, वह चीनी सैनिकों ने अभी नहीं छुआ है।

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