भाजपा ने शुरु की लोकसभा चुनाव की तैयारी

भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए पार्टी पदाधिकारियों को जनता और सरकार के बीच सेतु का कार्य करने के अलावा सक्रियता और जवाबदेही पर भी खरा उतरना होगा।
रविवार को प्रदेश कोर ग्रुप की बैठक के बाद राष्ट्रीय महामंत्री संगठन ने प्रदेश पदाधिकारियों, जिला अध्यक्षों व जिला प्रभारियों की बैठक ली। उन्होंने पार्टी पदाधिकारियों को निर्देश दिए कि सरकार और जनता के बीच सेतु बन कर काम करना है।
जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं के समाधान के प्रयास करने होंगे। साथ ही जनता की राय और समस्या को सरकार के मंत्री और मुख्यमंत्री तक पहुंचाना है। हमारा कार्य जनता को सरकार के पास और सरकार को जनता के पास लेकर जाने का है।
बैठक में उन्होंने सभी पदाधिकारियों से महा जनसंपर्क अभियान से मिले फीडबैक की जानकारी ली। कहा, एक सफल कार्यकर्ता के लिए सक्रियता अहम है। सक्रियता से ही जिम्मेदारी मिलती है और जिम्मेदारी का कुशलता से निर्वहन कर आगे बढ़ने के मौके मिलेंगे। इसलिए सभी को दायित्वों के निर्वहन के लिए अधिक सचेत रहने की जरूरत है। प्रत्येक महीने सांसद व विधायकों की गांवों में टिफिन बैठक करने को कहा।
बैठक में प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने केंद्र सरकार के 9 वर्ष पूरे होने पर चलाए गए महा जनसंपर्क अभियान की विस्तार से जानकारी दी । बैठक में प्रदेश प्रभारी एवं राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम, प्रदेश महामंत्री संगठन अजेय कुमार समेत अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

अग्रवाल ने प्राधिकरण के रिक्त पदों को भरने के दिए निर्देश

कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन के साथ विभागीय कार्यों के अध्ययन की स्थिति को लेकर बैठक की। इस दौरान डॉ. अग्रवाल ने प्रदेश के अधिकांश प्राधिकरण में अधूरी रिक्तियों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए।
शासकीय आवास में हुई बैठक के दौरान डॉ अग्रवाल को अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन ने विभाग में चल रहे कार्यों की अध्ययन स्थिति से अवगत कराया। जिस पर डॉ अग्रवाल ने निर्देशित करते हुए कहा कि जनहित के कार्यों को तत्परता से किया जाए। साथ ही डॉ अग्रवाल ने विभागीय कार्यों को धरातल पर उतारने के लिए भी शीघ्र निर्देश दिए। इसके अलावा डॉ अग्रवाल ने प्रदेश के प्राधिकरणों में अधूरी रिक्तियों को शीघ्र भरने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि तब तक वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाए। जिस पर आनंद वर्धन ने बताया कि रिक्तियों के लिए अध्याचन भेजा गया है।
वही, हरिद्वार रुड़की विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अंशुल सिंह ने कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान डॉ वालों ने अवैध रूप से बन रहे भवनों को शुरुआती दौर पर ही लगाम लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि विभाग अपनी कार्यशैली में सुधार लाएं जिससे उपभोक्ताओं को परेशानी का सामना ना करना पड़े।

राज्य सरकार ने 10वीं और 12वीं के 94 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को आई.आर.डी.टी. सभागार, सर्वे चौक देहरादून में आयोजित 10वीं एवं 12वीं परीक्षा में उत्तीर्ण मेधावी छात्र-छात्राओं के ‘सम्मान समारोह’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की ओर से 94 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी मेधावियों को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें गर्व का अनुभव हो रहा है, आज वे प्रदेश के उन सर्वश्रेष्ठ बच्चों से मिल रहे हैं, जिन्होंने अपनी प्रतिभा के बल पर यह दिखाया है कि शिखर पर जाने के लिए एक स्पष्ट उद्देश्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं होता है। शिक्षा से जीवन की सभी चुनौतियों का सामना किया जा सकता है। शिक्षा में भक्ति जैसी सारगर्भिता होनी चाहिए। उन्होंने मेधावी विद्यार्थियों से कहा कि यह जीवन की प्रारंभिक सीढ़ी है। जीवन की प्रत्येक सीढ़ी पर आपको चुनौतियां मिलेंगी, जिन पर आपको विवेक और बुद्धि के बल पर पार पाना होगा। न तो मेहनत का कोई विकल्प होता है और न ही शॉर्ट कट कभी हमें स्थायी सफलता की ओर ले जाता है। इसलिए हमें विकल्प रहित संकल्प लेकर लगातार मेहनत करनी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रश्न पत्र के माध्यम से ही जीवन में हमेशा परीक्षा नहीं आती। कई बार ऐसी चुनौतियां आती हैं, जिनका समाधान अपनी पूरी मेधा लगाकर ही पाया जा सकता है। कार्य करने का अवसर जिस भी क्षेत्र में मिले उस क्षेत्र में लीडर की भूमिका में कार्य करें, उस कार्य के प्रति अपना सर्वश्रेष्ठ दें। चुनौतियों का धैर्यपूर्वक सामना करते हुए अपने पुरुषार्थ के बल पर मंजिल प्राप्त करना ही वास्तविक सफलता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी देश का सामाजिक एवं आर्थिक विकास उस देश में विद्यार्थियों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता पर निर्भर करता है। वर्ष 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा नए युग की नई चुनौतियों से निपटने के लिए नई शिक्षा नीति को हमारे सम्मुख रखा गया। नई शिक्षा नीति से जहां एक ओर स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे वहीं इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। स्कूली स्तर पर कौशल विकास से युवा कार्य कुशल बनेंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से बच्चों को रोजगार परक शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी। इससे शोध एवं अनुसंधान को भी बढ़ावा मिलेगा तथा विद्यार्थियों में वैज्ञानिक सोच विकसित होगी। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए राज्य में तेजी से प्रयास किये जा रहे हैं। देश की रैंकिंग में हमारे 5 विश्वविद्यालयों के नाम हैं। इस बार एनडीए एवं सीडीएस की परीक्षा में राज्य से सर्वाधिक बच्चे चयनित हुए। राज्य में पहली बार मेधावियों को सम्मान देने का कार्य मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। राज्य सरकार छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित सरकार है। सरकार द्वारा मेधावी बच्चों के लिए चार छात्रवृत्ति योजनाएं चलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रधानाचार्यों को नामित किया गया है। प्रदेश में अंक सुधार परीक्षा आयोजित की जा रही है।

अमृत काल में देश को नई ऊंचाइयों पर ले जायेंगे हमारे युवा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार की सांय मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में उत्तराखण्ड परिषदीय परीक्षा 2023 में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले छात्र छात्राओं को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके शिक्षित एवं सभ्य मानव संसाधन पर निर्भर करती हैं। आज के बच्चे भविष्य के नागरिक है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज बच्चे किस प्रकार की शिक्षा एवं संस्कार से जुड़े हैं। छात्रों को भविष्य में इस प्रदेश एवं देश का उत्तरदायित्व लेना है। आने वाले समय में प्रदेश एवं देश की दिशा एवं दशा हमारे मेधावियों द्वारा निर्धारित की जानी है। उन्होंने कहा कि हमारे प्रदेश में युवा पीढ़ी का बौद्धिक स्तर बहुत ऊंचा है तथा शैक्षिक एवं खेल कूद दोनों क्षेत्रों में नवीन प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं। हमारे प्रदेश की युवा पीढ़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। उन्होंने कहा कि हमारे छात्र-छात्राओं की यह उपलब्धि सामान्य नहीं है तथा इसे बनाये रखना आसान भी नहीं है। छात्रों द्वारा स्वयं के लिए ऐसा बेंचमार्क बनाया गया है जो कठिन अवश्य है लेकिन असम्भव नहीं है। इस उपलब्धि के लिए छात्रों को बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लिए बड़ा लक्ष्य निर्धारित करो तथा उसको प्राप्त करने के लिए छोटे-छोटे पड़ाव बनाओ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी राष्ट्र की प्रगति उसके शिक्षित एवं सभ्य मानव संसाधन पर निर्भर करती है। आज के बच्चे भविष्य के नागरिक है इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आज बच्चे किस प्रकार की शिक्षा एवं संस्कार से जुड़े है। अमृत काल के समय में प्रदेश एवं देश की दिशा एवं दशा आप जैसे होनहारों, मेधावियों द्वारा ही निर्धारित की जानी है। हमारे प्रदेश को युवा पीढ़ी न केवल राष्ट्रीय स्तर पर बल्कि अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भी देश का प्रतिनिधित्व कर रही है। आज हमारे प्रदेश के बच्चे प्रत्येक वर्ष सीबीएसई, आईसीएसई एवं अन्य बोर्ड द्वारा आयोजित परीक्षाओं में शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों की सूची में तो सम्मिलित रहते ही हैं, साथ ही अखिल भारतीय स्तर की आईएएस एवं पीसीएस आदि परीक्षाओं की चयन सूची में भी शीर्ष स्थान प्राप्त करने वाले युवाओं में सम्मिलित रहते हैं। हमारे छात्र सुशांत ने हाईस्कूल परीक्षा में 99 प्रतिशत अंक तथा हमारी छात्रा तन्नू ने इण्टरमीडिएट में 97.6 प्रतिशत अंक प्राप्त किये है। यह हमें बताता है कि आज हमारे बच्चों का बौद्धिक स्तर कितना ऊंचा हो गया है। हाईस्कूल में यदि द्वितीय स्थान की बात करें तो 12 बच्चों के 98 प्रतिशत अंक है तथा इसी प्रकार इण्टरमीडिएट स्तर पर 21 बच्चे ऐसे हैं जिनके 95 प्रतिशत या इससे अधिक अंक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सामान्य परिवार के बच्चों की प्रतिभा स्वयं के साथ समाज के लिए भी प्रेरणादायी है। उन्होंने कहा कि हमारे महान लोगों ने साधारण परिवेश में रहकर साधारण से असाधारण की यात्रा तथा धरती से आसमान छूने का कार्य किया है
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का छात्रों से परीक्षा पर चर्चा उन्हें प्रेरणा देने का कार्य करता है। उन्होंने कहा कि परीक्षा में अंक प्राप्त करने के साथ ज्ञान प्राप्त करना भी महत्वपूर्ण होता हैं। उन्होंने छात्रों से जीवन में सफलता के लिए विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ने को कहा। उन्होंने कहा कि छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए प्रदेश में देश का सक्षम नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। इसके तहत अब तक 80 लोगों को जेल में पहुंचाया गया है। हाल ही में हुई 4-5 परीक्षाओं में 5-50 लाख युवाओं ने प्रतिभाग किया तथा साधारण परिवार के युवाओं ने उसमें सफलता पाई है। अब प्रतिभाओं का सम्मान हो रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ज्ञान की परम्परा हमारी विरासत है। प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में देश ज्ञान विज्ञान के साथ हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। विविधता वाले हमारे देश को कोरोना काल में सबको सुरक्षित रखने का प्रधानमंत्री के प्रयासों को आज दुनिया के देश अध्ययन कर रहे है। देश की अर्थव्यवस्था 5वें नंबर की हो गई है।
शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में पहली बार मेधावियों को सम्मान देने का कार्य मुख्यमंत्री द्वारा किया गया है। राज्य सरकार छात्रों के बेहतर भविष्य के लिए समर्पित सरकार है। 70 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाले कक्षा 6 से स्नातक तक के छात्रों को प्रतिमाह छात्रवृत्ति की व्यवस्था की गई है। राज्य के 146 छात्रों ने एनडीए, सीडीएस की परीक्षा पास की है। उन्हें एक लाख का पारिश्रमिक दिया जा रहा हैं उन्होंने मेधावी छात्रों से अपने सुझाव लिखने को कहा जिसे पुस्तक के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि स्कूलों की प्रवक्ता व एलटी शिक्षकों की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए प्रधानाचार्यों को नामित किया गया है। प्रदेश में अंक सुधार परीक्षा आयोजित की जा रही है। इस वर्ष 78 बच्चे टॉपर आए है। उन्होंने कहा कि शिक्षा के विकास में धन की कमी नही होने दी जाएगी।
महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी ने कहा कि परीक्षा कोई भी हो उसके परिणाम हमें बेहतर मुकाम तक ले जाते है। छात्रों की सफलता का सम्मान उन्हें जीवन में आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। उन्होंने मेधावी छात्रों को उत्तराखण्ड का भावी कर्णधार बताते हुए कहा कि देश के सुनहरे भविष्य की महती जिम्मेदारी भी उन्हें निभानी हैं सकारात्मक ऊर्जा एवं प्रेरणा भी दूसरे छात्रों को उनके प्रयासों से मिलती हैं तथा समाज एवं राष्ट्र सेवा के लिए भी प्रेरित करने का कार्य करती है।
इस अवसर पर 100 मेधावी छात्रों को सम्मानित किया गया तथा अनेक छात्रों ने अपने सुझाव भी रखे। विद्यालयी शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी ने आभार व्यक्त किया।

उत्तराखंड को मिली 250 करोड़ रूपये की सीआईआरएफ में परियोजना को स्वीकृति

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नई दिल्ली में केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से भेंट कर उत्तराखण्ड में सड़क कनेक्टीवीटी से संबंधित विभिन्न परियोजनाओं पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री को कंडाली (बिच्छु घास) से बनी स्टॉल के साथ ही राज्य के अन्य स्थानीय उत्पाद भी भेंट किये। मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से सी.आईआर.एफ के प्रस्तावों पर वित्तीय एवं प्रशासकीय अनुमोदन के लिए अनुरोध किया। केन्द्रीय संड़क परिवहन मंत्री ने कहा कि सी.आईआर.एफ में राज्य को 250 करोड़ रूपये की परियोजना की स्वीकृति प्रदान की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड के पर्वतीय क्षेत्रों में स्थित आपदा से क्षतिग्रस्त हुये राष्ट्रीय राजमार्गों को सुचारू किये जाने के लिए एफ0डी0आर0 (सी0) के अन्तर्गत धनराशि का भुगतान किये जाने का अनुरोध केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से किया। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इसके लिए बाढ़ क्षति की मरम्मत के तहत पुनः प्रस्ताव भेजा जाय। मुख्यमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग -109 ा के ज्यामितीय सुधार एवं चौड़ीकरण कार्य के लिये उत्तराखण्ड लोक निर्माण विभाग को निर्माण एजेन्सी के रूप में नामित किये जाने की स्वीकृति प्रदान किये जाने का भी अनुरोध किया। इसके लिए केन्द्रीय मंत्री ने सहमति दी। मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने मसूरी की महत्वपूर्ण 02-लेन टनल परियोजना के कार्य को शीघ्रता से करने के एन.एच.ए.आई के अधिकारियों को निर्देश दिये।
यमुनोत्री धाम को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-123(507) डामटा से बड़कोट के 2-लेन चौड़ीकरण हेतु डी0पी0आर0 लागत रू0 367.35 करोड़ मात्र की स्वीकृति प्रदान करने का भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मार्ग चारधाम यात्रा का वैकल्पिक मार्ग है। केन्द्रीय मंत्री द्वारा इसकी स्वीकृति जल्द दिये जाने का आश्वासन दिया गया।
मुख्यमंत्री ने खटीमा – पीलीभीत बाईपास का निर्माण एन0एच0ए0आई0 के माध्यम से कराये जाने का अनुरोध किया जिस पर केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस पर विचार किया जायेगा। खटीमा मेलाघाट वनमहोलिया मार्ग तथा खटीमा लोहियाहैड मार्ग में आर0ओ0बी0 का निर्माण के लिए मुख्यमंत्री के अनुरोध पर केन्द्रीय मंत्री ने आरओबी के लिए परीक्षण करने के निर्देश अधिकारियों को दिये। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि देहरादून रिंग रोड निर्माण कार्य के लिए एन0एच0ए0आई0 द्वारा संरेखण के अंतिमीकरण की कार्रवाई की जा रही हैै। मुख्यमंत्री ने एन0एच0-(ओ0) के अन्तर्गत इनकी जल्द स्वीकृति का अनुरोध केंद्रीय मंत्री से किया। केन्द्रीय मंत्री ने इस पर त्वरित कार्यवाही के लिए एनएचएआई को निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से कुमॉऊ से गढ़वाल मण्डल को जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-87ई0 (109) (ज्योलीकोट से कर्णप्रयाग) और उत्तराखण्ड एवं हिमाचल राज्य को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-72बी0 (707)(फेडिज से सनैल) के 2-लेन में परिवर्तन के समरेखण प्रस्ताव पर शीघ्र अनुमोदन दिये जाने का अनुरोध किया। श्रीनगर शहरी क्षेत्र में अत्यधिक यातायात घनत्व को दृष्टिगत रखते हुये बाईपास निर्माण के लिए भी मुख्यमंत्री ने अनुरोध किया। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री ने इन तीनों योजनाओं की डीपीआर पर इस माह में स्वीकृति प्रदान करने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री से अनुरोध किया कि जनपद पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग (व्यास घाटी) से बेदाग के मध्य 5 कि०मी० टनल का निर्माण वेदांग से गो एवं सिपु तक 20 कि०मी० मार्ग सहित किये जाने से बी०आर०ओ० एवं सी0पी0डब्लू0डी० द्वारा निर्मित तवाघाट से वेदांग तक का मार्ग संयोजित हो जायेगा। यह जौलिंगकांग एवं बेदांग की दूरी 161 कि०मी० कम कर देगा। सिपु से तोला के मध्य लगभग 22 कि०मी० लम्बाई की टनल का निर्माण किये जाने से दारमा वैली तथा जोहार वैली एक दूसरे से कनेक्ट हो जायेंगे। उन्होंने कहा मिलम से लथल तक 30 कि०मी० टनल का निर्माण होने से जनपद पिथौरागढ़ की जोहार घाटी एवं जनपद चमोली का लप्थल सड़क मार्ग को कनेक्ट किया जा सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 03 टनल मार्गों एवं 20 कि०मी० सड़क मार्ग के निर्माण से जौलिंगकांग से लप्थल की दूरी लगभग 42 कि०मी० हो जायेगी, जो कि वर्तमान में 490 कि0मी0 है। मुख्यमंत्री ने गो गांव से आगे बेदांग तक मोटर मार्ग निर्माण किये जाने एवं व्यास वैली में जौलिंगकांग से दारमा वैली के बेदांग गांव को जोड़ने हेतु दोनों ओर से लगभग 19 कि०मी० लम्बाई के मोटर मार्ग एवं लगभग 3 कि०मी० लम्बाई के टनल निर्माण की किये जाने का भी अनुरोध किया।
बैठक के दौरान उत्तराखण्ड के कैबिनेट मंत्री लोक निर्माण विभाग सतपाल महाराज, सचिव पीडब्लूडी डॉक्टर पंकज पांडेय भी उपस्थित थे।

बजट खर्च की धीमी प्रगति पर स्वास्थ्य मंत्री ने लगाई फटकार

सूबे में टीबी मरीजों को मिलने वाला पोषण भत्ता अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजा जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोग की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूकता अभियान चलाया जायेगा। विभाग द्वारा स्वीकृत बजट को समय पर खर्च न करने पर विभागीय मंत्री डा. धन सिंह रावत ने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई तथा भविष्य में बजट खर्च करने का टारगेट तय करने को कहा।
चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने विगत 14 एवं 15 जुलाई 2023 को आयोजित दो दिवसीय स्वास्थ्य चिंतन शिविर में लिये गये निर्णयों के क्रियान्वयन को लेकर विभागीय अधिकारियों के साथ विस्तृत चर्चा की। डा. रावत ने बताया कि सूबे में चिन्हित टीबी मरीजों को राज्य सरकार द्वारा निःक्षय मित्रों के सहयोग से बेहतर उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि टीबी मरीजों को विभाग की ओर से दिये जा रहे रू0 500 के मासिक पोषण भत्ते को अब डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) के माध्यम से सीधे उनके खातों में उपलब्ध कराया जायेगा। इसके लिये उन्होंने तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने आशा कार्यकत्रियों के मानदेय को आशा संजीवनी ऐप के माध्यम से सीधे उनके खातों में भेजने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री डा. रावत ने राष्ट्रीय सिकल सेल एनिमिया उन्मूलन मिशन के अंतर्गत प्रदेश के जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोगों की रोकथाम के लिये वृहद स्तर पर जनजागरूकता एवं निःशुल्क जांच अभियान चलाने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने बताया कि जनजातीय क्षेत्रों में सिकल सेल रोग से अधिकांश लोग पीड़ित हैं और इस वंशानुगत बीमारी से ज्यादातर लोग अंजान हैं। जिसकी वहज से इस रोग के साथ नवजात शिशु जन्म ले लेते हैं। उन्होंने बताया कि सिकल सेल रोग की इस चेन को तोड़ने के लिये जनजातीय क्षेत्रों में ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर निःशुल्क जांच करेंगी।
बैठक में विभागीय मंत्री ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत स्वीकृत बजट की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुये अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि यह जनता का विभाग है और समय पर बजट खर्च न होने से आम लोग स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रह जाते हैं। डा. रावत ने निर्माणाधीन कार्यों की धीमी प्रगति पर भी अधिकारियों के जवाब तलब किये, साथ ही उन्होंने दवा, इंफ्रास्ट्रक्चर, इक्यूपमेंट, सैलरी व लाभार्थियों को दिये जाने वाली धनराशि समय पर खर्च न कर पाने पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि तय समय पर निर्माणाधीन कार्यों को पूरा करने के साथ ही विभिन्न मदों में स्वीकृत बजट को यथाशीघ्र व्यय किया जाय, जिसकी मासिक प्रगति रिपोर्ट उन्हें भी उपलब्ध कराई जाय। डा. रावत ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत लम्बे समय से रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर मिशन निदेशक एनएचएम रोहित मीणा, अपर सचिव अमनदीप कौर, गरिमा रौंकली, नमामि बंसल, महानिदेशक स्वास्थ्य डा. विनीता शाह, वित्त नियंत्रक दिपाली भरने निदेशक स्वास्थ्य डा. सुनीता टम्टा सहित डॉ. पंकज सिंह, डा. एम. के. मौर्य, डा. अजय नगरकर व अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सेवा का अधिकार आयोग की सीएम धामी ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में सेवा का अधिकार आयोग के स्तर पर संचालित कार्यक्रमों एवं प्रक्रियाओं की आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यों के साथ ही शासन के उच्चाधिकारियों के साथ गहन समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने आयोग के कार्यकलापों एवं प्राप्त जन शिकायतों के निस्तारण की प्रक्रियाओं के साथ जन सेवाओं की आम जनता तक पहुंच आसान बनाने पर बल देते हुए कहा कि हमारे राज्य की कतिपय अन्य सेवाओं की भांति सेवा का अधिकार के क्षेत्र में भी देश में मॉडल राज्य के रूप में पहचान बने इस दिशा में प्रयास होने चाहिए। इसके लिए सभी विभागों को समयबद्धता के साथ अपनी सेवाओं को ऑनलाइन किये जाने पर ध्यान देना होगा।
मुख्यमंत्री ने सेवा के अधिकार की सेवाओं के निस्तारण में भी सरलीकरण, समाधान एवं निस्तारण के भाव को आत्मसात कर समस्याओं के त्वरित समाधान पर ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जन सेवाओं की लोगों को जानकारी हो इसके लिए हमे लोगों को इससे जोड़ना होगा। आम जनता को सभी सेवायें एक जगह पर मिल जाए इसका भी पोर्टल बनाये जाने की बात मुख्यमंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि कि समस्याओं के निस्तारण के साथ लोगों को सेवाओं से संतुष्ट किये जाने के भी प्रयास हो, इसके लिए मुख्यमंत्री ने जनपदों में समय-समय पर कैम्पों के आयोजन की व्यवस्था बनाये जाने को कहा तथा प्रशिक्षण व्यवस्था को प्रभावी बनाने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने सेवा का अधिकार आयोग के बारे में व्यापक प्रचार प्रसार किये जाने पर बल देते हुए कहा कि हमारी सरकार सरलीकरण,समाधान और संतुष्टि को जनसेवा का मूल मंत्र मानती है। कोई भी निर्णय लेते समय हमें जन सेवा के भाव को केन्द्र में रखना होगा। उन्होंने कहा कि सभी विभाग अपनी अपनी सेवाओं को त्वरित और संतुष्टि के लक्ष्य को लेकर आगे बढ़े। जो लाभार्थी हैं विभागीय अधिकारी उनसे सेवा प्राप्त करने में कठिनाईयों एवं सरलता के अनुभवों पर भी वार्ता करें। साथ ही जो काम नहीं हो पा रहा हो उसके संबंध में भी आवेदक को काम नहीं होने का कारण बताये जाने तथा उसका निवारण क्या हो सकता है विभागीय ज़िम्मेदार अधिकारी इसमें आम जन का मार्गदर्शन करें। हमारी आदत होनी चाहिए कि आम आदमी को समस्या के समाधान का रास्ता भी बताया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सेवा के अधिकार में अधिक से अधिक सेवाएं जोड़ी जानी चाहिए तथा उन्हें ऑनलाईन किये जाने पर ध्यान दिया जाए। वर्तमान दौर में तकनीक का विकास जिस तेजी से हो रहा है, उसमें सेवाओं का लाभ आम जनमानस को तेजी से मिले, इसके लिए उन्हें जागरूक भी किया जाए। ऑनलाईन प्रक्रियाओं के तहत जो भी सेवाएं दी जा रही हैं, इन सेवाओं का व्यापक स्तर पर आम जन तक प्रसार भी किया जाए। लाभार्थियों के सकारात्मक अनुभवों के छोटे-छोटे वीडियो क्लिप बनाकर उन्हें प्रसारित किया जाए। इससे सेवा लेने वालों की तादात बढ़ेगी।
सेवा का अधिकार आयोग के अध्यक्ष एस. रामास्वामी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि आयोग के गठन 2014 से 2021 तक 247 सेवायें अधिसूचित की गई। 2.14 करोड़ आवेदन निस्तारित किये गये तथा 29,152 मामले सुने गये। वर्तमान में 48 विभागों की 855 सेवायें अधिसूचित है। 2021 से मार्च 2023 तक 1.29 करोड़ आवेदनों का निस्तारण तथा 47807 मामलों की सुनवाई की गई।
उन्होंने बताया कि अपणि सरकार पोर्टल के माध्यम से वर्तमान में 400 सेवाएं ऑनलाईन दी जा रही है। जुलाई 2023 में भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड शासन और आयोग द्वारा जन-सामान्य को उपलब्ध करायी जा रही सेवाओं एवं प्रयासों को सराहा गया है। राज्य सरकार द्वारा अधिनियम में संशोधन कर अपील का एक स्तर कम किया गया, द्वितीय अपील का अधिकार आयोग को दिया गया, शास्ति लगाने की शक्ति आयोग को प्रदान की गई, अपील प्रक्रिया की समयावधि में 15 दिन कम कर व्यवस्था को और अधिक सुचारू बनाया गया। नवाचार के तहत आयोग द्वारा अपणि सरकार पोर्टल के साथ एकीकृत सेवा पोर्टल का सुझाव आयोग द्वारा दिया गया, जिसे शासन द्वारा नवंबर 2021 में क्रियान्वित किया गया। शिकायत एवं सुनवाई हेतु व्यवस्था के तहत आयोग द्वारा व्हाट्सएप्प, टोल फ्री एवं ऑनलाईन माध्यम से शिकायत दर्ज की जाती है और शिकायतकर्ता वाट्सएप्प एवं अन्य ऑनलाईन माध्यम के द्वारा सुनवाई में भाग ले सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत आयोग द्वारा ऑनलाइन माध्यम से अधिकारियों/कर्मचारियों को उनके कार्यालय में ही प्रशिक्षण देने का कार्य किया जा रहा है। इस वर्ष लगभग 30 प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न किये जा चुके है।
आयोग में शिकायत करने की व्यवस्था हेतु व्यक्तिगत एवं डाक के माध्यम से, आयोग की वेबसाइट पर urtsc.uk.gov.in टोल फ्री नंबर पर – 1800-270-9818, ई-मेल के माध्यम से secy-urtsc-uk@gov.in आयोग में वाट्सएप्प के माध्यम से शिकायत भेजने हेतु मोबाईल नंबर- 7617579041, 7617579071 भी शिकायतें दर्ज की जा सकती है।
बैठक में सेवा का अधिकार आयोग के सदस्य अनिल रतूड़ी, बी.एस. मनराल, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव आर.के.सुधांशु, सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली, एस.एन.पाण्डे, सचिन कुर्वे, डॉ बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, पंकज कुमार पाण्डेय, रविनाथ रामन, दिपेन्द्र चौधरी, महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी, आयोग के सचिव जी.सी.गुणवंत सहित अन्य उच्चाधिकारी मौजूद थे।

हरिद्वार जिले के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र आपदाग्रस्त घोषित

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में जलभराव की स्थिति की समीक्षा के बाद अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की।
मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि जनपद हरिद्वार में जिन-जिन क्षेत्रों में भी विगत दिनों में भारी वर्षा से जलभराव हुआ है या बाढ़ आयी है, को आपदा क्षेत्र घोषित किया जायेगा।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आगामी तीन माह तक विद्युत, जल, अन्य सरकारी देय एवं ऋणों की वसूली को स्थगित रखा जायेगा।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में सघनता से तीव्रता से व्यापक सर्वेक्षण कराकर मानकानुसार तत्काल राहत राशि का वितरण सुनिश्चित कराया जायेगा।
भविष्य में इस प्रकार की आपदा की पुनरावृत्ति रोकने एवं बचाव के लिए बाढ़ प्रबन्धन योजना पर कार्य किया जायेगा। जिसमें जल निकासी की व्यापक योजना तैयार कर कार्य कराना जाना एवं आवश्यकतानुसार छोटे पुलियों का निर्माण कराया जाना सम्मिलित है।
भविष्य में बाढ़ के खतरे को कम करने के लिए नदियों के चैनेलाईज कराने का कार्य कराये जाने के कदम उठाये जायेंगे।
आपदाग्रस्त क्षेत्रों में आवश्यकतानुसार स्थायी बाढ़ राहत केन्द्रों का निर्माण कराया जायेगा।

सीएम ने अधिकारियों को दिये जलभराव वाले क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी में जनपद हरिद्वार में हुये जलभराव के सम्बन्ध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर निरंतर स्थिति पर नजर रखने को कहा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, विद्युत आदि व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि जल भराव वाले क्षेत्रों में सभी व्यवस्थायें सामान्य रूप से संचालित हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जलभराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान किये जाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव के कारण पशुओं के लिये चारा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाय तथा चारे का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाये।
बैठक में अतिक्रमण की वजह से भी कई जगह हुये जलभराव के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जहां पर भी अतिक्रमण की वजह से दिक्कतें सामने आ रही हैं, आपदा के अन्तर्गत उससे सख्ती से निपटा जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विगत दिनों जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी बरसात हुई, जिसके कारण जल भराव की स्थिति पैदा हुई, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्सर, रूड़की आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के कार्यों में एसडीआरएफ, जल पुलिस, राजस्व, फायर ब्रिगेट, पुलिस, विभागीय टीम तथा स्वैच्छिक संगठनों सहित 579 सदस्स्यों की कुल 34 टीमें निरन्तर कार्य कर रही हैं तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग द्वारा इन प्रभावित क्षेत्रों में महामारी फैलने से बचाव हेतु बड़े पैमाने पर कीट नाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जो हमारे लिये चुनौती भी है। दवाओं का प्रोक्यूरमेंट हमने कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में राहत किट, भोजन आदि वितरित किये जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अवगत करया कि हरिद्वार, रूड़की, लक्सर तथा भगवानपुर के बाढ़ प्रभावित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान, अनुग्रह अनुदान व अहेतुक मद से 860 लाभार्थियों को 36.27 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जनपद में जल भराव से 15796 व्यक्ति प्रभावित हुये हैं, जिनमें से कई लोग तो रिश्तेदारों व किराये के मकान में शिफ्ट हुये हैं तथा 81 परिवारों को राहत केन्द्र में शिफ्ट किया गया है।
जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग की 52 सम्पत्तियों को हुआ है, जिनमें सभी जगह कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा कार्यदायी सभी संस्थाओं को एडवांस में धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के माध्यम से जल भराव वाले प्रभावित लोगों की पूरी मदद की जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री को रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, लक्सर विधायक शहजाद, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा रूड़की जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति आदि ने अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराया। इस अवसर पर हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, भाजपा जिला अध्यक्ष हरिद्वार संदीप गोयल, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

युवा महोत्सव में अधिक से अधिक युवाओं को प्रतिभाग कराना प्राथमिकता

मुख्य सचिव डॉ.एस.एस. संधु ने सचिवालय में राज्य में युवाओं के लिए विभिन्न क्षेत्रों में संचालित योजनाओं की जानकारी युवाओं तक पहुँचाने हेतु आयोजित किए जा रहे युवा महोत्सव-2023 की तैयारियों के सम्बन्ध में बैठक आयोजित की। कौशल विकास विभाग अक्टूबर माह के प्रथम सप्ताह में युवा महोत्सव आयोजित करने जा रहा है। इस महोत्सव के माध्यम से राज्य सरकार के सभी विभाग अपनी कौशल विकास और रोजगारपरक योजनाओं को युवाओं के समक्ष रखेंगे। इस महोत्सव के दौरान सभी विभाग युवाओं के लिए अपने स्टॉल लगाएंगे, युवाओं के लिए काउंसलिंग सेशन और प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेंगे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को युवा महोत्सव गढ़वाल एवं कुमाऊँ दोनों मंडलों में आयोजित किए जाने के निर्देश दिये।
मुख्य सचिव ने राज्य के युवाओं हेतु संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी अधिक से अधिक युवाओं तक पहुँचाने हेतु प्रत्येक जनपद में इसका लाइव टेलीकास्ट किए जाने के भी निर्देश दिये। इसके लिए शिक्षा विभाग की प्रदेशभर संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को भी उपयोग में लाया जाए। उन्होंने कहा कि युवाओं को उचित एवं पूर्ण जानकारी मिल सके इसके लिये विशेषज्ञों को भी इसमें शामिल किया जाए। उन्होंने विभिन्न विभागों द्वारा लगायी जाने वाली प्रदर्शनियों को भी अधिक से अधिक समय तक लगाए जाने के निर्देश भी दिये, ताकि अधिक से अधिक युवा लाभान्वित हो सकें। इसके साथ ही मुख्य सचिव द्वारा प्रदेश के विद्यालयों में संचालित 500 वर्चुअल कक्षाओं को विभिन्न प्रकार की काउंसलिंग, व्याख्यान और जानकारियों को छात्र छात्राओं तक पहुँचाने हेतु नियमित रूप से उपयोग में लाए जाने के भी निर्देश दिये गए।
मुख्य सचिव ने कहा कि युवाओं को आगे भी राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न लाभकारी योजनाओं की जानकारी मिलती रहे इसके लिए मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाए। सभी विभागों द्वारा संचालित ऐसी योजनाओं की जानकारी इस ऐप में उपलब्ध हो, यह सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने सभी विभागाध्यक्षों को अपने विभागों द्वारा संचालित योजनाओं की पूर्ण जानकारी शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया गया कि वर्ष 2019 में आयोजित युवा महोत्सव में क़रीब 10 हजार युवाओं ने प्रतिभाग किया। सेक्टोरियल पंडालों में सभी विभागों द्वारा अपने अपने क्षेत्र के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी पुरुषोत्तम, विनोद कुमार सुमन, विजय कुमार यादव, वी. षणमुगम, विनय शंकर पाण्डेय, अपर सचिव अहमद इकबाल एवं योगेन्द्र यादव एवं संयुक्त निदेशक सूचना नितिन उपाध्याय सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

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