सीएम स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार सृजन को प्रतिमाह होगी समीक्षा


मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने पशुपालन एवं मत्स्य विभाग की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सीएम स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा रोजगार सृजन के लिए किये जा रहे कार्यों की प्रतिमाह स्टेट लेबल पर समीक्षा की जाय। कृषि, पशुपालन एवं मत्स्य के क्षेत्र में रोजगार की अनेक संभावनाएं हैं। इसके लिए विभाग द्वारा किये जा रहे विभिन्न कार्यों एवं सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक किया जाय। ऊन उत्पादन से पशुपालकों की आय में कैसे वृद्धि की जा सकती है और इसके अच्छे इस्तेमाल के लिए वैल्यू एडिशन की दिशा में विशेष ध्यान दिया जाय। पोल्ट्री, दुग्ध उत्पादन, ऊन उत्पादन आदि क्षेत्रों में किन जनपदों में अच्छा कार्य किया जा रहा है और किन जनपदों को और कार्य करने की जरूरत है, इसकी नियमित निगरानी की जाय। कृषकों एवं पशुपालकों को वार्षिक आय वृद्धि के लिए विभाग द्वारा प्रयास किये जाय। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने पशुपालन विभाग के टोल फ्री नम्बर 1800-120-8862 का शुभारम्भ किया।

पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि पशुपालकों की आय में वृद्धि के लिए कॉपरेटिव बनाये जाय। जिससे पशुपालक दुग्ध उत्पादन और उसकी मार्केटिंग का कार्य करेंगे तो उनके शुद्ध लाभ में वृद्धि होगी। दुग्ध और उससे बनने वाले उत्पादों के लिए ग्रोथ सेंटर महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, इसके लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटे, इस दिशा में पशुपालन विभाग को ध्यान देने की जरूरत है। सालभर में कई दुर्घटनाएं घास लाते समय गिरने एवं जंगली जानवरों की वजह से हो जाती हैं। दुधारू पशुओं के लिए पर्याप्त आहार की व्यवस्था घरों तक कैसे हो सकती है, इसकी व्यवस्था की जाय। उत्तराखण्ड में महिलाएं हर दिशा में अच्छा कार्य कर रही हैं, उनको कौशल विकास की अन्य गतिविधियों से जोड़ा जाय, तो और अच्छा परिणाम मिलेगा।

राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 17.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया
बैठक में जानकारी दी गई कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पशुपालन विभाग द्वारा 523 लाभार्थियों को ऋण उपलब्ध कराया गया है। पर्वतीय राज्यों में दुग्ध उत्पादन में उत्तराखण्ड का दूसरा स्थान है। राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत 17.34 लाख पशुओं का टीकाकरण किया गया है। राष्ट्रीय पशुधन मिशन के तहत वर्ष 2020-21 हेतु केन्द्र सरकार द्वारा 16 करोड़ 80 लाख की धनराशि अवमुक्त की गई है। पशुधन बीमा योजना के तहत 77 हजार से अधिक पशुओं को बीमा किया गया है। खुरपका एवं मुंहपका रोग को 2025 तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई जाय
मत्स्य विभाग की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने निर्देश दिये कि मत्स्य पालन के क्षेत्र में कार्य करने के लिए लोग रूचि दिखा रहे हैं। इसमें कम खर्चे पर अधिक लोगों को रोजगार से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि फिशरीज के लिए फण्डिंग बढ़ाई जाय। ट्राउट फार्मिंग को बढ़ावा दिया जाय। मत्स्य पालन में कम लागत में अच्छी इनकम अर्जित की जा सकती है। इसके लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जाय।

बैठक में जानकारी दी गई कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के तहत 43.10 करोड़ के प्रोजेक्ट के संचालन की स्वीकृति प्राप्त हुई है। 03 करोड़ रूपये की धनराशि अवमुक्त हो चुकी है। राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मात्स्यिकी विकास हेतु कुल 164 करोड़ रूपये स्वीकृत हुए हैं। ट्राउट फार्मिंग हेतु चमोली, रूद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी, बागेश्वर एवं पिथौरागढ़ जनपदों का चयन किया गया है। राज्य समेकित सहकारिता विकास परियोजना के अन्तर्गत मत्स्य के क्षेत्र में 3200 से अधिक लोगों को रोजगार प्राप्त हुआ है।

इस अवसर पर पशुपालन मंत्री रेखा आर्या, मुख्य सचिव ओम प्रकाश, सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, एचसी सेमवाल, अपर सचिव डॉ वी. षणमुगम, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डॉ. पराग मधुकर धकाते, पशुपालन एवं मत्स्य विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

डोबरा चांठी पुल की गाथा पुस्तक का हुआ विमोचन

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री आवास में वरिष्ठ पत्रकार व लेखक शीशपाल गुसांई द्वारा लिखित पुस्तक ’भारत के सबसे बड़े सस्पेंशन पुल डोबरा-चांठी की गाथा’ का विमोचन किया। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि इस पुस्तक में लेखक ने डोबरा चांठी पुल की ऐतिहासिक कहानी के बारे में विस्तार से जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में टिहरी के आस-पास एवं टिहरी बांध से जुड़ी उपलब्धियों की जानकारी एवं चित्रण के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का सुन्दर प्रस्तुतीकरण किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुस्तकें पाठकों को विगत एवं भविष्य की ऐतिहासिक जानकारी उपलब्ध कराने में सहायक सिद्ध होती हैं। इस पुस्तक में लेखक ने डोबरा-चांठी पुल के अलावा भागीरथी एवं भिलंगना घाटियों में बने अन्य पुलों एवं इन क्षेत्रों की विभिन्न क्षेत्रों के ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक महत्व की जानकारी उपलब्ध कराई है। उन्होंने कहा कि यह पुस्तक पाठकों को पुरानी टिहरी की यादों को तरोताजा करने में भी मददगार होगी।

पुस्तक के लेखक शीशपाल गुसांई ने कहा कि इस पुस्तक में देश के सबसे बड़े झूला पुल डोबरा चांठी के निर्माण की शुरू से और लोकार्पण तक की कहानी लिखी गई है। इस पुल का निर्माण कार्य पूर्ण होने में जो समय लगा, उससे क्षेत्रवासियों को अनेक परेशानियों का सामना करना पड़ता था।

इस अवसर पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, सुरेन्द्र सिंह सजवाण, मुख्यमंत्री के मीडिया कॉर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत, वरिष्ठ पत्रकार राजेन्द्र जोशी, अर्जुन सिंह बिष्ट, प्रो. दीपक भट्ट, भवानी प्रताप सिंह पंवार, राजेन्द्र काला, जीतमणि पैन्यूली आदि उपस्थित थे।

मेयर अनिता ने निगम अफसरों के साथ किया गंगा अवलोकन केंद्र का स्थलीय निरीक्षण

मेयर अनिता ममगाईं की अगुवाई ने नगर निगम की टीम ने आज त्रिवेणी घाट परिसर पर बनने वाले गंगा अवलोकन केंद्र का स्थलीय निरीक्षण किया।

मेयर अनिता ममगाईं ने बताया कि गंगा अवलोकन केंद्र का प्रोजेक्ट निगम द्वारा तैयार कर लिया गया है। जल्द ही इसको लेकर नमामि गंगे को डीपीआर बनाकर भेजी जाएगी। नमामि गंगे द्वारा प्रस्तावित गंगा अवलोकन केंद्र का निर्माण उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत शहरों में से एक ऋषिकेश में कराया जाएगा। मेयर के अनुसार, गंगा अवलोकन केंद्र में श्रद्धालुओं एवं पर्यटकों को गंगा के उद्गम स्थल से लेकर गंगासागर तक की महत्वपूर्ण जानकारियां दी जायेंगी।

निरीक्षण के दौरान मुख्य नगर आयुक्त नरेंद्र सिंह क्वींरियाल, सहायक नगर आयुक्त विनोद लाल, नमामि गंगे से मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन ऑफिसर रोहित जयाड़ा, पार्षद मनीष बनवाल, व्यापारी व भाजपा नेता पवन शर्मा, राजपाल ठाकुर, पंकज शर्मा आदि मौजूद रहे।

मुख्य सचिव को 15 दिन में कुंभ मेले की समीक्षा करने के निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अखाड़ा परिषद् के साथ हरिद्वार कुम्भ 2021 की तैयारियों के संबध में बैठक की। कहा कि कुंभ मेला अपने दिव्य एवं भव्य स्वरूप में होगा। कुंभ की परंपरा एवं संस्कृति का पूरा ध्यान रखा जायेगा। कोविड के कारण अनेक कुछ व्यावहारिक समस्याएं आयी हैं, कुम्भ के शुरू होने पर कोविड की स्थिति कैसी रहती है, उसके अनुसार कुंभ के स्वरूप को विस्तार दिया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुंभ में परिस्थितियों के हिसाब से जो भी निर्णय लिये जायेंगे, उसमें अखाड़ा परिषद् एवं साधु-संतों के सुझाव जरूर लिये जायेंगे। राज्य सरकार का प्रयास है कि श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि कुंभ के कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जा रही है, जो कार्य अभी प्रगति पर हैं, उन्हें जल्द पूर्ण करने के लिए संबंधित विभागीय सचिवों को नियमित निगरानी करने के निर्देश दिये गये हैं। मुख्य सचिव को भी 15 दिन में कुभ मेले की समीक्षा के निर्देश दिये गये हैं।

शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि सकुशल कुंभ सम्पन्न कराने के लिए अखाड़ा, परिषद् एवं संत समाज का पूरा सहयोग लिया जायेगा। माँ गंगा के आशीर्वाद से भव्य हरिद्वार कुंभ का आयोजन किया जायेगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महन्त नरेन्द्र गिरी ने कहा कि हरिद्वार कुंभ के सफल आयोजन के लिए राज्य सरकार को पूर्ण सहयोग दिया जायेगा। कुंभ के स्वरूप के लिए जो भी निर्णय लिया जायेगा, उसमें पूरा सहयोग दिया जायेगा। इस अवसर पर उन्होंने अखाड़ों की कुछ समस्याओं से भी अवगत कराया।

मेलाधिकारी दीपक रावत ने कहा कि 15 दिसंबर 2020 तक अधिकांश स्थाई प्रकृति के कार्य पूर्ण हो जायेंगे। 31 दिसम्बर 2020 तक सभी कार्य पूर्ण कर लिए जायेंगे। इस बार कुंभ के लिए बनाये जा रहे 09 नये घाटों, 08 पुलों व सड़कों का कार्य पूर्णता की ओर है। स्वच्छता पर विशेष बल दिया जा रहा है। पेयजल, पार्किंग की व्यवस्था, अतिक्रमण हटाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। कुंभ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जायेंगी।

इस अवसर पर महामंत्री अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद् महन्त हरि गिरी, महन्त प्रेम गिरी, महन्त सत्यगिरी, महन्त कैलाशपुरी, महन्त मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी, महन्त रवीन्द्र पुरी, गढ़वाल कमिश्नर रविनाथ रमन, आईजी गढ़वाल अभिनव कुमार, आईजी कुंभ मेला संजय गुंज्याल, अपर सचिव शहरी विकास विनोद कुमार सुमन, अपर मेलाधिकारी डॉ. ललित नारायण मिश्र, हरवीर सिंह, रामजी शरण शर्मा आदि उपस्थित थे।

ऋषिकेश से 25 किमी दूर गूलर में हुआ हादसा, पुल की शेटरिंग की चपेट में आकर एक की मौत

ऋषिकेश से 25 किलोमीटर दूर गूलर से बड़ी खबर है, यहां एक निर्माणाधीन पुल में लेंटर डालने का कार्य चल रहा था। तभी अचानक शेटरिंग गिर गई। इसकी चपेट में 15 लोग आ गए। सभी को पुलिस ने अस्पताल में भर्ती कराया। इसमें एक की मौत हो गई।

चार घायल राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश में भर्ती है, जबकि नौ एम्स ऋषिकेश में भर्ती किए गए है। मरने वाले का नाम रियाज पुत्र मेहन्दीहसन निवासी डिडोली अमरोहा उत्तर प्रदेश है, मृतक की उम्र 24 वर्ष है। राजकीय चिकित्सालय में भर्ती सभी चार मिर्जापुर सहारनपुर उत्तर प्रदेश के निवासी है, जिनके नाम कादिर पुत्र जमशेद, मेहताब पुत्र शमशाद, मनाल पुत्र बुरहान, मुसतफा पुत्र कयूम है, इन्हें भी एम्स में भर्ती किया जा रहा है।

शहीद स्मारक को जेसीबी से तोड़ना आंदोलनकारियों का अपमानः सरोज डिमरी

उत्तराखंड राज्य निर्माण में अहम भूमिका निभाने वाले आंदोलनकारियों ने आज त्रिवेणी घाट गंगा तट पर दो घंटे तक धरना दिया। आंदोलनकारियों की मांग यह थी कि नगर निगम के स्व. इंद्रमणि बडोनी हाॅल को शहीद आंदोलनकारियों के स्मारक हेतु दी जाए।

धरने का नेतृत्व कर रही वरिष्ठ आंदोलनकारी सरोज डिमरी कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थापना को आंदोलनकारियों ने अपना बलिदान किया। हमारी परिकल्पना ऐसे उत्तराखंड राज्य की थी जिसमें हमारी सांस्कृतिक विविधता परिवेश के साथ-साथ हमारे युवाओं को आर्थिक स्वावलंबन प्राप्त हो सकें परंतु इसके उलट शहीद आंदोलनकारियों का स्मारक प्रशासन द्वारा जेसीबी से तोड़ना शहीद हुए आंदोलनकारियों का अपमान है। उषा रावत व संजय शास्त्री ने कहा कि संपूर्ण उत्तराखंड प्रदेश में ऋषिकेश तहसील ही एक मात्र स्थान है जहां शहीद राज्य आंदोलनकारियों का स्मारक तोड़ा गया जोकि सरासर निंदनीय है। भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष ज्योति सजवान व आशुतोष शर्मा ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के निर्माण में मातृशक्ति की भूमिका अविस्मरणीय है जिस माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय का हवाला देकर स्थानीय प्रशासन द्वारा शहीद स्मारक को तोड़ा गया उस दिन सभी आंदोलनकारी भाई बंधु मातृशक्ति अपने को ठगा सा महसूस कर रहे थे।

इस अवसर पर वेद प्रकाश शर्मा, विमला रावत, अटल सेना के अध्यक्ष शीलू पंत, कुसुम जोशी, वीरेंद्र सजवान, राकेश सेमवाल, युद्धवीर सिंह चैहान, बलवीर सिंह नेगी, श्रीकांता शर्मा, प्रेमा नौटियाल, शीला ध्यानी, शांति, दर्शनी नौटियाल, कपिल गुप्ता, जयंती नेगी, सुभाष शर्मा, वीना कोठारी, सीमा नौटियाल, सुशीला शर्मा, सीमा नौटियाल, राजू गुप्ता, अनिल गुप्ता, नंदनी जोशी, मनोरमा उनियाल, आरती राणा, रेखा रावत, प्रेम प्रकाश सेमवाल आदि उपस्थित रहे।

बनखंडी से सटे पुराने रेलवे स्टेशन पर लगे रेलवे प्रशासन मुर्दाबाद के नारे

बनखंडी निवासी प्रदीप पाल की पुराने रेलवे स्टेशन की नई सड़क के बीचोंबीच रखे ट्रांसफार्मर से टकराकर मौत मामले में आज डीआरएम मुरादाबाद ने अजीबोगरीब बयान दिया। उनके बयान के बाद मृतक के परिजनों ने जोरदार हंगामा किया। यह बयान डीआरएम की ओर से योगनगरी रेलवे स्टेशन पर दिया गया। इसके बाद परिजनों ने पुराने रेलवे स्टेशन पर जीएम की गाड़ी रोककर रेलवे प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाए। सुरक्षा कर्मियों ने प्रदर्शन कर रहे लोगों से हल्का बल प्रयोग किया और किसी तरह जीएम के वाहन को रवाना कराया।

दरअसल, योगनगरी रेलवे स्टेशन पर उत्तरी रेलवे के जीएम आज पहुंचे। सूचना पाकर बनखंडी निवासी मृत प्रदीप की पत्नी संगीता पाल, मां विमला देवी, बहन विजय लक्ष्मी, स्थानीय पार्षद लता तिवाड़ी, पूर्व सभासद हरीश तिवाड़ी, भाजपा नेता ज्योति सजवाण भी पहुंचे और जीएम से मृतक आश्रितों को उचित मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की बात कही।

इसी बीच मौके पर मौजूद डीआरएम मुरादाबाद ने यह कह दिया कि सड़क पर हादसे तो होते रहते हैं। इसमें रेलवे की क्या गलती है, वह इसमें क्या कर सकता है। बस फिर क्या था, उनके इस बयान के बाद विवाद हो गया। हालांकि नए रेलवे स्टेशन पर विवाद ने ज्यादा तूल नहीं पकड़ा। इसके बाद पुराने रेलवे स्टेशन पर मृतक के परिजन और आसपास के लोग पहुंचे और डीआरएम के खिलाफ नारेबाजी की। यहां जीएम उत्तरी रेलवे अपने वाहन से जाने लगे तो गुस्साए मृतक के परिजनों ने उनकी कार रोक ली। यहां तक की एक महिला उनकी कार के आगे तक खड़ी हो गई। रेलवे पुलिस ने किसी तरह स्थिति को काबू किया।

26 अक्टूबर की रात घटी थी घटना
बनखंडी निवासी प्रदीप पाल 26 अक्तूबर की रात रेलवे की नई सड़क के बीच रखे ट्रांसफार्मर की चपेट में आ गए थे। इससे उनकी मौत हो गई थी। परिजनों व स्थानीय लोगों ने मृतक की मौत का जिम्मेदार रेलवे प्रशासन को ठहराया था। उक्त मामले में परिजनों की ओर से रेलवे के तीन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया है।

सीएम त्रिवेंद्र ने किया दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसाना कल्याण योजना का शुभारम्भ

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रूद्रपुर में दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना का शुभारम्भ किया। उन्होंने योजना के तहत लाभार्थियों को बिना ब्याज के 03 लाख रूपये का ऋण के चैक वितरित करते हुए कहा कि किसानों के कल्याण के लिए राज्य सरकार प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा इससे पूर्व किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर 01 लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया गया था, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आये तथा किसानों के द्वारा इस धनराशि का बेहतर सदुपयोग करने का ही प्रतिफल है कि उनके हित में अब यह धनराशि 03 लाख की गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने 43 विभिन्न विकास योजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया। जिसमें 2578.74 लाख की योजनाओ का लोकार्पण तथा 9444.77 लाख की योजनाओं का शिलान्यास शामिल है।

सीएम ने 19 किसानों को दीनदयाल उपाध्याय किसान कल्याण योजना के अन्तर्गत तीन-तीन लाख का बिना ब्याज का ऋण व तीन किसानों को कृषि यंत्र वितरित किये। मुख्यमंत्री ने विभिन्न स्वयं सहायता समुहों को बिना ब्याज के 05 लाख की धनराशि के चेक भी वितरित किये। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों की आय किस प्रकार से दोगुनी हो इस पर लगातार कार्य कर रही है ताकि हमारे प्रदेश के किसानों का जीवन स्तर सुधरे व एक अलग पहचान उत्तराखण्ड के किसानों को प्रदेश ही नही देश स्तर पर मिले।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना बिमारी की विपरित परिस्थितियों के बावजुद भी हमारे किसानों ने राज्य में अपने उत्पादों का उत्पादन बढ़ाया है। हमने किसानों का रिकार्ड समय में उनकी उत्पादों का भुगतान की व्यवस्था की है। 250 करोड़ रूपये का प्राविधान कर रिकार्ड समय में गन्ना किसानो का शत प्रतिशत भुगतान किया गया। 10 लाख मीट्रिक टन धान का क्रय 242 क्रय सेन्टरों के माध्यम से किया गया है। उन्होंने घोषणा की कि किसानों को एक सप्ताह के अन्दर धान क्रय का भुगतान कर दिया जायेगा।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई यूएस नगर से की शुरूः त्रिवेंद्र
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि भ्रष्टाचार के विरूद्ध राज्य सरकार जीरो टालरेन्स की नीति पर चल रही है। भ्रष्टाचार के विरूद्ध धर्म युद्ध की शुरूआत भी हमने ऊधम सिंह नगर से की है। एन एच 74 में हुई लगभग 200 करोड़ की गड़बडी में दोषी पाये गये 111 कर्मचारियों-अधिकारियों पर कार्यवाही की गई है तथा कुछ अन्य के खिलाफ भी कार्यवाही की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार के विरूद्ध कार्यवाही का अभियान जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने स्वामित्व योजना के तहत विभिन्न लाभार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किये। उन्होने कहा कि प्रदेश के देहरादून व पंतनगर के एयरपोर्ट को अन्तराष्ट्रीय तर्ज पर बनाया जायेगा वही 11 सौ एकड भूमि में ग्रीन एयरपोर्ट की तर्ज पर बनाया जायेगा। यह एयरपोर्ट इन्टरनेशनल एयरपोर्ट होगा। जो भारत को ही नही बल्कि उधमसिंह नगर को भी पूरी दूनियां को जोडेगा, जिससे यहा का चहुमुखी विकास होगा व अपार रोजगार की सम्भावनाऐं बढे़गी। इस दौरान मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों द्वारा लगाये गये विकास परक योजनाओं से सम्बन्धित स्टॉलों का भी निरीक्षण किया।

100 स्ट्रीट लाइटों से जगमगाएगा रायवाला क्षेत्र, विधायक निधि से लगाने की स्पीकर ने की घोषणा

स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने रायवाला मे एक सभा के दौरान रायवाला क्षेत्र के विकास के लिए विधायक निधि से तीन लाख रूपए की लागत से शमशान घाट निर्माण, डेढ़ लाख रुपए की लागत से प्रतीत नगर में सुरक्षा दीवार एवं क्षेत्र में 100 स्ट्रीट लाइट लगाने की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि रायवाला क्षेत्र सहित संपूर्ण ऋषिकेश विधानसभा में विभिन्न विभागों से विकास के कार्य व्यापक स्तर पर संचालित किए जा रहे हैं। कहा कि आंतरिक मोटर मार्गो का निर्माण से लेकर शुद्ध पेयजल आपूर्ति, विद्युत एवं तमाम कार्य संचालित किए जा रहे हैं।

कहा कि शमशान घाट निर्माण के लिए स्थानीय लोगों लंबे समय से मांग कर रहे थे, विधायक निधि से तीन लाख की लागत से शमशान घाट के निर्माण के कार्य को पूरा कराया जाएगा।
पार्टी श्यामपुर के मंडल अध्यक्ष गणेश रावत ने कहा है कि क्षेत्र में विकास की अनेक योजनाएं संचालित की जा रही है उन्होंने इस कार्य का श्रेय विधानसभा अध्यक्ष को दिया। मौके पर स्थानीय नागरिकों ने स्पीकर का विकास कार्य कराने के लिए सम्मान भी किया।

कार्यक्रम में जिला पंचायत सदस्य दिव्या बेलवाल, प्रधान सागर गिरी, क्षेत्र पंचायत सदस्य निकिता चैहान, मंडल अध्यक्ष गणेश रावत, सतपाल सैनी, चंद्रकांता बेलवाल, रायवाला के उप प्रधान जयानंद डिमरी, क्षेत्र पंचायत सदस्य अमर खत्री, राजवीर रावत आदि उपस्थित थे।

डूबते सूरज को अघ्र्य देकर व्रती महिलाओं ने की परिवार की सुख समृद्धि की कामना

छठ महापर्व तीर्थनगरी के गंगा घाटों में इस वर्ष अन्य वर्षों की तुलना में सादगी से मनाया गया। जहां प्रत्येक वर्ष पूरा परिवार सामूहिक रूप से गंगा तट पर डूबते सूरज की पूजा करता था, वहीं इस वर्ष परिवार के एक ही सदस्य को आने की अनुमति थी। इसके चलते व्रती महिलाओं ने अपने-अपने घरों की छतों में ही डूबते सूरज को अघ्र्य दिया।

आज सुबह महिलाओं ने गंगा स्नान कर घरों में भगवान सूर्य और छठी मैया की आराधना की। साथ ही पूजन सामग्री की टोकरी तैयार की। दोपहर बाद से ही श्रद्धालुओं ने चंद्रेश्वर नगर, मायाकुंड, शीशमझाड़ी, काले की ढाल, सोमेश्वर नगर, वीरभद्र, आवास विकास, आईडीपीएल, रायवाला, रानीपोखरी आदि क्षेत्रों में गंगा घाटों पर बनाई मेंदी में संकल्प लेकर पूजा की और डूबते सूरज को अघ्र्य देने के लिए गंगा में उतरी। शाम को त्रिवेणी घाट पर दयानंद घाट, रामझूला घाट, साईं घाट आदि पर श्रद्धालु पहुंचे।

नहीं हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
कोरोना महामारी को लेकर सरकार की ओर से जारी हुई नई गाइडलाइन का पालन करते हुए सार्वजनिक छठ पूजन समिति ने सांस्कृतिक कार्यक्रम न करने का निर्णय लिया। प्रत्येक वर्ष त्रिवेणी घाट पर होने वाले कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया है।

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