गंगा प्रेम हॉस्पिस कैंसर रोगियों की सेवा कर रहा-चारु माथुर कोठारी

गांधी जयंती के अवसर पर इनरव्हील क्लब ऋषिकेश के द्वारा गंगा प्रेम हॉस्पिस में कैंसर रोगियों के लिए एडल्ट डायपर्स, अंडरपैड्स, सर्जिकल कॉटन, फल, दवाईयां व अन्य जरूरी सामान का वितरण किया गया।
इस दौरान क्लब की अध्यक्ष चारू माथुर कोठारी ने कहा कि क्लब हमेशा से ही जरूरतमंद लोगों की सेवा करता आ रहा है और आगे भी करता रहेगा। उन्होंने कहा कि कैंसर का समय पर बेहतर उपचार न मिलने पर यह जानलेवा हो जाता है। एक स्टेज के बाद कैंसर रोगियों पर उपचार कारगर नहीं रह पाता। ऐसे में अस्पताल भी रोगियों को भर्ती नहीं करते है। उन्होंने गंगा प्रेम हॉस्पिस जैसी संस्थाऔं की प्रशंसा करते हुए कहा कि कैंसर रोगियों के लिए यह संस्थान वरदान साबित हो रहा है।
इस मौके पर क्लब सचिव अंजू मित्तल, स्नेह जैन, सुशीला राणा, हेमा गुल्हाटी, गीता कुकरेती, वर्षा खन्ना, प्रवीन मलिक, स्वीटी कुकरेजा आदि उपस्थित रहे।

प्रधानमंत्री 7 को ऋषिकेश एम्स में ऑक्सीजन प्लांट का करेंगे शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऋषिकेश का दौरा तकरीबन तय हो गया है, लेकिन वह बाबा केदार के दर्शन करने जाएंगे या नहीं, अभी यह तय नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि केंद्रीय नेताओं के उत्तराखंड आने से हमें ऊर्जा मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री उत्तराखंड आ रहे हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी आएंगे। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का आगमन हो गया है। सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री का सात अक्तूबर को ऋषिकेश आने का कार्यक्रम तय हो चुका है। वह ऑक्सीजन प्लांट का शुभारंभ करेंगे और वर्चुअल माध्यम से देश भर के ऑक्सीजन प्लांट का लोकार्पण करेंगे। इसके अलावा अभी उनका कोई कार्यक्रम नहीं है। हालांकि सरकार के स्तर पर केदारनाथ में तैयारियां हो रही हैं, लेकिन अभी पीएम का बाबा केदार के दर्शन का कोई कार्यक्रम नहीं है।

एयरपोर्ट टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा
जौलीग्रांट स्थित देहरादून हवाई अड्डे पर बने नए टर्मिनल का उद्घाटन आठ अक्तूबर को होगा। पहले यह माना जा रहा था कि पीएम नरेंद्र मोदी सात अक्तूबर को इस टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे। लेकिन अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया टर्मिनल का लोकार्पण करेंगे।

उत्तराखंड के हित में जो जरूरी होगा, वह कानून बनाएंगे
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के हित में जो भी जरूरी होगा, सरकार वह कानून बनाएगी। उन्होंने कहा कि भू कानून को लेकर कमेटी का गठन कर दिया है। जनसंख्या कानून पर विस्तार से चर्चा हो रही है। जनसांख्यिकीय असंतुलन के मुद्दे पर जांच को लेकर उन्होंने फिर दोहराया कि उत्तराखंडियत को बचाने के लिए यह जरूरी है।

प्रधानमंत्री दो अक्तूबर को करेंगे भट्टा-क्यारकुली गांव के लोगों से संवाद 
प्रधानमंत्री हर घर जल, जल जीवन मिशन के तहत प्रधानमंत्री गांधी जयंती पर मसूरी के भट्टा-क्यारकुली गांव की ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति से संवाद करेंगे। वर्चुअल संवाद दो अक्तूबर को सुबह 10 से  दोपहर 12 बजे तक चलेगा। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि कार्यक्रम को लेकर गांव के लोगों में काफी उत्साह है। गांव में अधिकारी कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं। 

महात्मा गांधी की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ग्राम जल एवं स्वच्छता समितियों से सीधा संवाद करेंगे। इसमें मसूरी का क्यारकुली गांव का भी चयन किया गया है। देशभर के गांवों के साथ क्यारकुली गांव के लोगों से भी प्रधानमंत्री वर्चुअल ग्रामीणों से जल जीवन मिशन पर वार्ता करेंगे। प्रधानमंत्री के संवाद कार्यक्रम को लेकर विभिन्न विभागों के अधिकारी गांव पहुंच रहे हैं और कार्यक्रम की तैयारियों में जुटे हैं।

गुरुवार को नमामि गंगे, जल संस्थान, भारत सरकार के अधिकारी, एनआईसी की टीम गांव पहुंची और तैयारी को अंतिम रूप दिया। कार्यक्रम के लिए गांव के पंचायती चौक पर वाटरप्रूफ टेंट लगाया गया है। ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति की अध्यक्ष कौशल्या रावत ने बताया कि प्रधानमंत्री से संवाद  हमारे लिए गर्व की बात है। गांव के लोगों में कार्यक्रम को लेकर बड़ा उत्साह है। गांव में लगे टेंट में एलसीडी आदि उपकरण लग चुके हैं। गुरुवार को जल संस्थान के अधीक्षण अभियंता नमित रमोला, ईई जल संस्थान केसी पैन्यूली, एई टीएस रावत, अभय भंडारी, राकेश रावत आदि ने तैयारियों का जायजा लिया।

सीडीओ नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्रधानमंत्री के संवाद के लिए तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री जल जीवन मिशन के तहत गांव में हुए कार्यों पर बात करेंगे। क्यारकुली गांव का चयन प्रधानमंत्री कार्यालय से हुआ है। 

एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान भारत योजना के तहत 51 हजार से अधिक मरीजों का हुआ उपचार

बीते तीन वर्षों के दौरान आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत एम्स ऋषिकेश में अब तक 51,120 मरीजों का निशुःल्क उपचार किया जा चुका है। यही नहीं योजना की शुरुआत से अभी तक एम्स में 10, 900 आयुष्मान कार्ड बनाए जा चुके हैं। इस उपलब्धि के लिए हाल ही में राज्य सरकार द्वारा एम्स को ’आयुष्मान सम्मान’ से पुरस्कृत किया गया है। एम्स निदेशक ने आयुष्मान योजना को और अधिक प्रभावी बनाने की बात कही है।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयुष्मान योजना की शुरुआत सितम्बर- 2018 में हुई थी। इन स्वास्थ्य योजनाओं के तहत बीते तीन वर्षों में उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सहित देश के करीब एक दर्जन राज्यों से आए 51 हजार से अधिक मरीजों को एम्स ऋषिकेश में निःशुल्क उपचार की सुविधा मिल चुकी है। योजना के सफलतम 3 वर्ष पूर्ण होने व इस योजना का बेहतर संचालन करने पर राज्य सरकार द्वारा हाल ही में एम्स संस्थान को ’आयुष्मान सम्मान पुरस्कार’ से पुरस्कृत किया गया।
देहरादून में आयोजित कार्यक्रम ’आरोग्य मंथन’-3 के दौरान एम्स में आयुष्मान योजना के प्रभारी डॉ. अरुण गोयल ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण के दौरान भी एम्स ऋषिकेश में मरीजों के आयुष्मान कार्ड बनाए गए। उन्होंने बताया कि पिछले तीन वर्षों के दौरान एम्स में उत्तराखंड के अलावा हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, केरल और जम्मू कश्मीर के मरीजों का आयुष्मान भारत योजना में इलाज किया गया है। उन्होंने बताया कि अभी तक कुल 51 हजार 120 मरीजों का इस योजना से निःशुल्क इलाज किया जा चुका है। इनमें से 39 हजार 580 मरीज उत्तराखंड राज्य के हैं। उन्होंने बताया कि कमजोर आर्थिक स्थिति वाले इस पहाड़ी राज्य के लिए यह योजना गरीब लोगों के उपचार के लिए बेहद लाभकारी है। आयुष्मान योजना के सह प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने बताया कि जिन लोगों के पास आयुष्मान भारत योजना का कार्ड नहीं है, वह लोग अपनी पहचान संबंधी संपूर्ण दस्तावेज दिखाकर एम्स ऋषिकेश में अपना आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं। इसके लिए ओपीडी रजिस्ट्रेशन एरिया में अलग से आयुष्मान काउंटर स्थापित किया गया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि उन्हें इस योजना के तहत मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ लेना चाहिए।
आयोजित कार्यक्रम में राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और स्वास्थ्य मंत्री धन सिंह रावत ने आयुष्मान योजना के सफल संचालन के लिए एम्स संस्थान को ’आयुष्मान सम्मान’ पुरस्कार से नवाजा। एम्स की ओर से यह पुरस्कार योजना के प्रभारी डॉ. अरुण गोयल और सह प्रभारी डॉ. मधुर उनियाल ने प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री द्वारा इस योजना के सफल संचालन के लिए एम्स ऋषिकेश को पुरस्कृत किए जाने पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अरविन्द राजवंशी ने अपने संदेश में कहा कि केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित इस योजना का उद्देश्य गरीब व जरुरतमंद लोगों को निशुल्क उपचार प्रदान कराना है। एम्स ऋषिकेश आयुष्मान योजना के तहत अधिकाधिक मरीजों को निशुल्क उपचार उपलब्ध कराने को प्रयासरत है।

एम्स के ओबीजी डिपार्टमेंट की रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकॉलोजी डिवीजन में हुआ युवती का सफल ऑपरेशन 

एम्स ऋषिकेश में 2019 में स्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइलेकोलॉजी डिवीजन में नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टीस नामक दुर्लभ एवं अति जटिल सर्जरी सफलतापूर्वक हुई है, रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी विंग ने पूर्व में भी कुछ नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लास्टीस एवं कई तरह की और भी दुर्लभ एवं जटिल शल्य चिकित्सा की हैं। गोरखपुर एम्स से रेफर होकर आई एक 20 साल की अविवाहित युवती को शनिवार को ऑपरेशन थियेटर में नया जीवनदान मिला। सर्जरी को रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन के डॉक्टर नवनीत मागों और उनकी टीम ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। एम्स का स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग का यह डिवीजन दुनिया के मेडिकल संस्थानों में अपनी तरह का पहला डिवीजन है।                                                                                 गत वर्ष एक ऐसे ही मरीज की सर्जरी करके एम्स ऋषिकेश के रिकंस्ट्रक्टिव एवं कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन ने देश के मेडिकल साइंस एवं शल्य चिकित्सा के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की थी। 

डा. नवनीत के अनुसार इस युवती का जन्म से ही कंजेनिटल एड्रिनल हाइपरप्लेशिया और क्लिटोरिस का आकार बढ़ा हुआ था I बेटी के दांपत्य जीवन को लेकर चिंतित पिता ने देश के विभिन्न मेडिकल संस्थानों में उसका परीक्षण कराया, लेकिन कहीं भी इसका समुचित उपचार नहीं मिल पाया, एम्स गोरखपुर से मरीज को उपचार के लिए ऋषिकेश एम्स रेफर कर दिया गया। जहां डा. नवनीत मग्गों ने युवती का स्वास्थ्य परीक्षण कराया, जिसके बाद उसकी क्लिटोरोमेगली अर्थात  क्लिटोरल हाइपरट्राफी का पता चल सका                 

 चिकित्सक ने बताया कि यह एक दुर्लभ किस्म का मामला था, क्योंकि महिला का क्लोटोरिस पुरुष के लिंग की तरह बड़ा था एवं बाकी का जननांग विकृत था। संस्थान के स्त्री रोग विभाग की पुनर्निर्माण और कॉस्मेटिक स्त्री रोग इकाई के डॉ. नवनीत मग्गों और उनकी टीम ने नर्व स्पेयरिंग रिडक्शन क्लिटोरोप्लासटी तकनीक के माध्यम से इसका सफल उपचार किया एवं साथ में ही इस महिला के लेबिया माइनोरा (लघु भगोष्ठ) का भी पुनर्निर्माण किया। लगभग दो घंटे चली इस सर्जरी में चिकित्सकीय दल उसे एक सामान्य स्त्री रूप और अंजाम देने में सफल रही।                                                                                             उन्होंने बताया कि संस्थान में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की पुनर्निर्माण और कॉस्मेटिक स्त्री रोग डिवीजन की स्थापना के बाद से इस डिवीजन में पूरे देश से लगातार कई अन्य तरह के मामले पूर्व में भी रेफर होकर आ चुके हैं। उन्होंने बताया कि इसकी वजह यह है कि स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस इकाई की स्थापना देश ही नहीं, विश्व के किसी भी मेडिकल संस्थान में नहीं है, एम्स ऋषिकेश में यह अपनी तरह की पहली डिवीजन खुली हैI                                                                                                                   उन्होंने बताया कि इस सर्जरी युवती को एक नया जीवन मिला है, लिहाजा अब वह एक सामान्य यौन जीवन जी सकती हैं और वैवाहिक जीवन के लिए पूरी तरह फिट है।                                                                                                                    रिकंस्ट्रक्टिव एंड कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी डिवीजन ने विश्व में पहली बार एम. सी. एच.कॉस्मेटिक गाइनेकोलॉजी शुरू की है।  एम्स ऋषिकेश में स्थापित स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की इस डिवीजन की प्रशंसा भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की हैI जल्द ही एम्स की इस इकाई की ओर से पूरे विश्व से मेडिकल टूरिज्म के माध्यम से विदेशी मरीजों का भी इलाज शुरू किया जाएगा। जिससे एम्स ऋषिकेश उत्तराखंड और पूरे देश का नाम विश्व में रोशन करेगा। इससे उत्तराखंड के नागरिकों को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे, जिससे प्रदेश को आर्थिक लाभ होगा और देश को विदेशी मुद्रा में आय मिल सकेगी। उन्होंने बताया कि यही हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी स्वप्न है कि हमारे देश का नाम पूरे विश्व में हो।

एम्स ऋषिकेश में हर वर्ष होता है हिंदी पखवाड़े का आयोजन

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में आयोजित हिंदी पखवाड़े के समापन अवसर पर स्वरचित काव्य पाठ का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने की बात की। एम्स ऋषिकेश के राजभाषा विभाग की ओर से आयोजित हिंदी पखवाड़े का विधिवत समापन हो गया। इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रतियोगिता के दौरान विभिन्न रचनाकारों ने स्वरचित काव्य रचनाएं प्रस्तुत की। कार्यक्रम में हिंदी पखवाड़े के दौरान आयोजित हुई विभिन्न प्रतियोगिताओं में अव्वल आने वाले प्रतिभागियों को मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता द्वारा संस्थान की ओर से नकद पुरस्कार व प्रशस्तिपत्र भेंटकर सम्मानित किया गया।
गौरतलब है कि हिंदी भाषा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रति वर्ष देशभर में सितंबर माह के दूसरे पखवाड़े को हिंदी पखवाड़ा के रूप में मनाया जाता है। एम्स ऋषिकेश में इस अवसर पर अलग-अलग कार्य दिवस पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिनमें हिंदी निबंध प्रतियोगिता, टंकण प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता, स्वरचित काव्य पाठ प्रतियोगिता आदि हिंदी प्रतियोगिताएं शामिल हैं।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने कहा कि हिंदी भाषा विश्व की सबसे सरल भाषा है। यह भाषा हम सभी को आपस में जोड़ना भी सिखाती है। उन्होंने कहा कि संस्थान के समस्त कर्मचारियों को चाहिए कि वह अपनी राष्ट्रभाषा को बढ़ावा देने के लिए हिंदी भाषा में कार्य करें और व्यवहार व आम बोलचाल में भी ​हिंदी का इस्तेमाल करें।
चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर संजीव मित्तल ने सभी लोगों से आह्वान किया कि वह राष्ट्रभाषा हिंदी से प्रेम करें और इसे आचार व्यवहार में अधिकाधिक अपनाने का संकल्प लें। उन्होंने कहा कि अपनी भाषा के प्रति यह प्रतिबद्धता हिंदी को नए सोपान पर पहुंचाने में काफी हद तक सहायक होगी। संस्थान के वरिष्ठ राजभाषा अधिकारी शशिकांत ने कहा कि हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिए भविष्य में विभिन्न हिंदी कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है, इसलिए इसका सम्मान तभी होगा, जब हम अपने दैनिक जीवन में इस भाषा को अधिक से अधिक बढ़ावा देंगे। उन्होंने हिंदी को सर्वमान्य भाषा बताया। कार्यक्रम में काव्य पाठ प्रस्तुत करने वाले 10 विजेता प्रतिभागियों सहित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजयी प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के कुल सचिव राजीव चौधरी, प्रो. प्रतिमा गुप्ता, डा. रश्मि मल्होत्रा, प्राचार्य कॉलेज ऑफ नर्सिंग जैवियर वैल्सियाल, जनसंपर्क अधिकारी हरीश मोहन थपलियाल, संदीप सिंह, राजभाषा अधिकारी नीरा तिवाड़ी आदि मौजूद थे।

आयुष्मान योजना के तहत अस्पतालों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर-सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को आई.एस.बी.टी देहरादून स्थित एक होटल में आयुष्मान भारत योजना के 3 वर्ष पूर्ण होने पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित आरोग्य मंथन 3 कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने आयुष्मान योजना के तहत अच्छा कार्य कर रहे 12 अस्पतालों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि आयुष्मान कार्ड बनाने का कोई शुल्क नहीं लिया जायेगा। सरकार द्वारा इस शुल्क का भुगतान किया जायेगा। आयुष्मान योजना के तहत सभी अस्पतालों का भुगतान एक सप्ताह के अंदर किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने देश को स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्व की सबसे बड़ी आयुष्मान भारत योजना दी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज देश हर क्षेत्र में तेजी से प्रगति कर रहा है। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में देश तेजी से आगे बढ़ा है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में इस महत्वपूर्ण योजना को लाने के लिए मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड की जनता की ओर से उनका आभार व्यक्त किया। इस योजना का आम जनमानस सीधा लाभ मिल रहा है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में देश में सराहनीय कार्य हुए हैं। आज भारत में मेगा कोविड वैक्सीनेशन अभियान तो चल ही रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के पद्चिन्हों पर चलकर राज्य में विकास के कार्य आगे बढ़ाये जा रहे हैं। प्रदेश के सभी परिवारों को राज्य में अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना से आच्छादित किया गया है। इस योजना के तहत अभी तक प्रदेश में लगभग 3.5 लाख लोग अपना उपचार करा चुके हैं, जिस पर 460 करोड़ रूपये का खर्च हुआ है। उन्होंने कहा कि पहले यदि परिवार में कोई बीमार होता था तो कई परिवार बिलों का भुगतान करने में असमर्थ होते थे। इसलिए मरीज इलाज करवाने में असहज महसूस करते थे। अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना में जहां कमी है उन कमियों को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना के तहत जो कमियां सामने आ रही हैं, उनका निराकरण किया जा रहा है।
चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि पर्वतीय क्षेत्रों में निजी अस्पताल खोलने पर सरकार मानकों में शिथिलता प्रदान करने के साथ ही आर्थिक सहयोग भी करेगी। जबकि आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी सूचीबद्ध अस्पतालों में योजना संबंधी जानकारी के बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाने होंगे। ताकि योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिल सके। आयुष्मान कार्ड से वंचित लोगों के लिए विभाग द्वारा ब्लॉक स्तर पर शिविरों का आयोजन किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकार आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का लाभ सभी प्रदेशवासियों को देने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार के साथ ही ब्लॉक स्तर पर आयुष्मान कार्ड बनाने के शिविर आयोजित किये जायेंगे।
इस अवसर पर आयुष्मान भारत योजना एवं अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड से लाभान्वित लोगों ने इस योजना से उनको कैसे जीवनदान मिला, के बारे में जानकारी दी है। उन्होंने इसके लिए केन्द्र एवं राज्य सरकार का आभार भी व्यक्त किया।
इस अवसर पर विधायक विनोद चमोली, मेयर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के. कोटिया, सचिव स्वास्थ्य अमित नेगी, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के सीईओ अरूणेन्द्र चौहान एवं आयुष्मान योजना से लाभान्वित हुए लोग मौजूद थे।

बिना बेहोश किए सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी में मिली सफलता

अ​खिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने छाती में ट्यूमर की समस्या से जूझ रहे एक मरीज को बिना बेहोश किए उसकी सफल अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी करने में विशेष सफलता प्राप्त की है। चिकित्सा क्षेत्र में उत्तर भारत का यह पहला मामला है, जिसमें मरीज को बिना बेहोश किए यह बेहद जटिल सर्जरी की गई। इस मरीज का उपचार आयुष्मान भारत योजना के तहत किया गया। इलाज के बाद मरीज अब पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जनपद स्थित चिन्यालीसौड़ निवासी 30 एक वर्षीय व्यक्ति पिछले लंबे अरसे से छाती में भारीपन और असहनीय दर्द की समस्या से जूझ रहा था। लगभग 3 महीने पहले परीक्षण कराने पर पता चला कि उसकी छाती में हृदय के ऊपर एक ट्यूमर बन चुका है। इलाज के लिए वह पहले राज्य के विभिन्न अस्पतालों में गया, लेकिन मामला जटिल होने के कारण अधिकांश अस्पतालों ने उसका इलाज करने में असमर्थता जाहिर कर दी। इसके बाद अपने उपचार के लिए मरीज एम्स ऋषिकेश पहुंचा। यहां विभिन्न जांचों के बाद एम्स के कार्डियो थोरेसिक व वैस्कुलर सर्जरी (सीटीवीएस) विभाग के वरिष्ठ सर्जन डॉ. अंशुमन दरबारी जी ने पाया कि मरीज की छाती के भीतर व हार्ट के ऊपर थाइमिक ग्रंथी में संभवतः एक थायमोमा में एक ट्यूमर बन चुका है और उसका आकार धीरे-धीरे बढ़ रहा है।
इस बाबत सीटीवीएस विभागाध्यक्ष व वरिष्ठ सर्जन डा. अंशुमन दरबारी ने बताया कि यदि मरीज का समय रहते इलाज नहीं किया जाता तो हार्ट के ऊपर बना ट्यूमर बाद में कैंसर का गंभीर रूप ले सकता था। उन्होंने बताया कि आसपास के महत्वपूर्ण अंगों के कारण छाती के भीतर ट्यूमर में सामान्यतरू बायोप्सी करना संभव नहीं होता है इसलिए मरीज की बीमारी के निराकरण के लिए रोगी की सहमति के बाद उसकी ’अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी’ करने का निर्णय लिया गया।
अत्याधुनिक तकनीक की बेहद जोखिम वाली इस सर्जरी में मरीज की छाती की हड्डी को काटकर मरीज को बिना बेहोश किए उसके हार्ट के ऊपर बना 10 गुना 7 सेंटीमीटर आकार का ट्यूमर पूर्णरूप से निकाल दिया गया। उन्होंने बताया कि इस सर्जरी में लगभग 2 घंटे का समय लगा और 4 दिन तक मरीज को अस्पताल में रखने के बाद अब उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है। सर्जरी करने वाली विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम में डॉ. अंशुमन दरबारी के अलावा सीटीवीएस विभाग के डॉ. राहुल शर्मा जी और एनेस्थेसिया विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अजय कुमार जी शामिल थे।
एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने इस जटिल सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम देने वाले चिकित्सकों के कार्य की सराहना की है। उन्होंने बताया कि मरीजों के बेहतर उपचार के लिए एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम 24 घंटे तत्परता से कार्य कर रही है।

क्या है ’अवेक कार्डियो सर्जरी’
सीटीवीएस विभाग के वरिष्ठ शल्य चिकित्सक डॉ. दरबारी ने बताया कि अवेक कार्डियो थोरेसिक सर्जरी की शुरुआत वर्ष-2010 में अमेरिका में हुई थी। भारत में यह सुविधा अभी केवल चुनिंदा बड़े अस्पतालों में ही उपलब्ध है। इस तकनीक द्वारा मरीज की रीढ़ की हड्डी में विशेष तकनीक से इंजेक्शन लगाया जाता है। इससे उसकी गर्दन और छाती का भाग सुन्न हो जाता है। पूरी तरह से दर्द रहित होने के बाद छाती की सर्जरी की जाती है। खासबात यह है कि सर्जरी की संपूर्ण प्रक्रिया तक मरीज पूरी तरह होश में रहता है। यहां तक कि सर्जरी के दौरान मरीज से बातचीत भी की जा सकती है। सामान्यतौर पर सर्जरी प्रक्रिया के दौरान मरीज को बेहोशी दवाओं का दुष्प्रभाव हो सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह बेहोशी दवाओं के दुष्प्रभाव से भी बच जाता है। इस तकनीक से मरीज को वेन्टिलेटर सपोर्ट की आवश्यकता भी नहीं होती है। साथ ही तकनीक में मरीज की रिकवरी बहुत ही सहज और तेज हो जाती है।

एम्स ऋषिकेश के नए प्रभारी निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने संभाला कार्यभार

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में सोमवार को नए निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने विधिवत कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान संस्थान के अधिकारियों, फैकल्टी सदस्यों, चिकित्सकों ने उनका स्वागत किया।
सोमवार को एम्स रायबरेली के निदेशक प्रो. अरविंद राजवंशी ने ऋषिकेश एम्स का अतिरिक्त कार्यभार ग्रहण कर लिया है। इस दौरान उन्होंने संस्थान के अधिकारियों, चिकित्सकों, फैकल्टी सदस्यों से मुलाकात की और उनसे एम्स ऋषिकेश के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की। प्रोफेसर अरविंद राजवंशी ने 1977 में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला (हिमाचल प्रदेश) से एमबीबीएस किया। उन्होंने 1981 में पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (पीजीआईएमईआर), चंडीगढ़ से एमडी पैथोलॉजी और 1994 में रॉयल कॉलेज लंदन से एमआरसी पैथोलॉजी की डिग्री हासिल की। राजवंशी ने पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ से अपना सीनियर रेजीडेंसी किया।
साथ ही प्रो. राजवंशी वर्ष 2007 से 2019 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ पैरामेडिकल साइंसेज, पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के प्रभारी प्रोफेसर भी थे। इसके अलावा वह 23 मार्च 2020 तक पीजीआईएमईआर, चंडीगढ़ के डीन (अनुसंधान) और डीन (अकादमिक) भी रहे हैं। उन्हें 23 मार्च 2020 को एम्स रायबरेली का कार्यकारी निदेशक और सीईओ नियुक्त किया गया और अब उन्होंने सोमवार (20 सितंबर) को एम्स ऋषिकेश का अतिरिक्त कार्यभार संभाला है। गौरतलब है कि एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत बीती 13 सितंबर को 65 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त हो गए थे। उनके स्थान पर प्रो. राजवंशी ने निदेशक का पदभार ग्रहण किया है।
इस अवसर पर संस्थान के संकायाध्यक्ष अकादमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता एवं अन्य संकाय सदस्य तथा अधिकारी मौजूद थे।

विस अध्यक्ष ने सरकारी अस्पताल का दौरा कर व्यवस्थाएं जांची

एसपीएस राजकीय चिकित्सालय, ऋषिकेश में प्रस्तावित ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एवं ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट को स्थापित करने की कवायद शुरू कर दी गई है, जिसको लेकर उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने राजकीय चिकित्सालय पहुंचकर ऑक्सीजन प्लांट एवं स्टोरेज प्लांट लगाने के लिए चिन्हित स्थान का निरीक्षण किया।
अवगत करा दें कि एसपीएस राजकीय चिकित्सालय में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एवं ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किए जाने के लिए सैद्धांतिक स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है एवं वित्तीय स्वीकृति के लिए शासन द्वारा विभाग द्वारा प्रोजेक्ट रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। शीघ्र ही वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होने पर एसपीएस राजकीय चिकित्सालय के परिसर में ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एवं ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट स्थापित किया जाएगा।
विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल द्वारा चिन्हित स्थान का निरीक्षण करने के दौरान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक विजयेश भारद्वाज ने अवगत कराया कि प्रस्तावित ऑक्सीजन प्लांट के निर्मित होने के बाद प्लांट से 24 घंटे 800 लीटर प्रति मिनट ऑक्सीजन का उत्पादन होगा वहीं स्थापित होने वाले ऑक्सीजन स्टोरेज प्लांट की क्षमता 10 मिट्रिक टन ऑक्सीजन स्टोर करने की है। सीएमएस ने बताया कि प्लांट से अस्पताल को निर्बाध रूप से ऑक्सीजन की सप्लाई मिलती रहेगी, जिससे अस्पताल में भर्ती मरीजों को उनके बेड पर ही 24 घंटे हाईफ्लो ऑक्सीजन मिल सकेगी।
इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि जल्द ही ऑक्सीजन प्लांट को वित्तीय स्वीकृति प्राप्त होगी, जिसके बाद ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित होने से अस्पताल में भर्ती मरीजों को इसका लाभ मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण की संभावित तिथि लहर से रोकथाम के प्रयास के लिए निश्चित ही इसका लाभ प्राप्त होगा। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष ने ऑक्सीजन प्लांट से संबंधित अन्य जानकारी भी उपस्थित अधिकारियों से प्राप्त की।
वहीं, इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने डेंगू मरीजों के लिए बनाए गए वार्ड का भी निरीक्षण किया, इस दौरान डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज से बातचीत कर स्वास्थ्य का हाल-चाल भी जाना। श्री अग्रवाल ने इस मौक़े पर कोरोना टीकाकरण से संबंधित जानकारी भी डॉक्टरों से प्राप्त की।
इस अवसर पर राजकीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक विजयेश भारद्वाज, बीपी भट्ट, डॉ पीपी गर्ग, नगर निगम पार्षद शिव कुमार गौतम, संजीव पाल, राजू नरसिम्हा, जयंत किशोर शर्मा, हरिशंकर प्रजापति, दुर्गेश जाटव, कविता शाह, रवि दुबे, राजू दिवाकर, सुमित सेठी सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

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