ऋषिकेश और हरिद्वार का ट्रेफिक प्लान को देखते हुए कार्ययोजना बनाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में ऋषिकेश और हरिद्वार शहर के बाईपास मार्गों के सम्बन्ध में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों के साथ बैठक ली। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने अधिकारियों को ऋषिकेश एवं हरिद्वार शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त रूप से योजना तैयार करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार और ऋषिकेश तीर्थ और योगा कैपिटल की दृष्टि से विश्वभर में प्रसिद्ध हैं। हरिद्वार और ऋषिकेश अलग-अलग शहर होने के बावजूद उसका ट्रेफिक प्लान पृथक-पृथक नहीं बनाया जा सकता। उन्होंने कहा कि इन दोनों शहरों को जोड़ते हुए संयुक्त प्लान पर कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि इन सड़कों को कम से कम 50-60 सालों के यातायात संकुलन को देखते हुए तैयार किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर.के. सुधांशु एवं प्रबन्ध निदेशक उत्तराखण्ड मेट्रो रेल कॉर्पाेरेशन जितेन्द्र त्यागी सहित भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण एवं सड़क, परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी उपस्थित रहे।

प्रदेश के सांसद, प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष के साथ मुख्यमंत्री ने की चर्चा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास में प्रदेश के सांसद गणों ने भेंट की। इस अवसर पर सभी सांसद गणों द्वारा प्रदेश के विकास से सम्बन्धित विभिन्न सम सामयिक विषयों पर मुख्यमंत्री से चर्चा की गई।
इस अवसर पर सांसद एवं केन्द्रीय राज्य मंत्री अजय भट्ट, सांसद एवं पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, तीरथ सिंह रावत, सांसद अजय टम्टा, नरेश बंसल एवं कल्पना सैनी के साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट आदि उपस्थित रहे।

शहीद नेगी के चित्र पर सीएम ने माल्यार्पण कर दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को सांय आई.टी.बी.पी. के शहीद असिस्टेंट कमांडेंट टीकम सिंह नेगी के राजावाला स्थित आवास पर जाकर उनके परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना प्रदान की।
मुख्यमंत्री ने शहीद टीकम सिंह नेगी के चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा के दौरान एक विशेष अभियान में शहीद नेगी ने अपने प्राणों का उत्सर्ग किया। हमें अपने वीर शहीद जवानों पर गर्व है। उनकी वीरता युवाओं को देश की सुरक्षा की प्रेरणा प्रदान करती रहेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद नेगी की स्मृतियों को चिरस्थायी बनाये जाने के प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि दुख की इस घड़ी में राज्य सरकार शहीद के परिवार के साथ खड़ी है।

जल निकासी व्यवस्था मानसून सीजन से पहले पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में देहरादून स्मार्ट सिटी कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने सम्बन्धित अधिकारियों को देहरादून की सड़कों से जल निकासी व्यवस्था मानसून सीजन से पहले पूर्ण करने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि ऐसे कार्यों, जिन से आमजन को असुविधा हो, को प्राथमिकता के आधार पर निर्धारित समयसीमा से पूर्व पूर्ण किए जाने के प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि नाईट शिफ्ट में श्रमिकों की संख्या बढ़ाकर कार्य पूर्ण कराए जाएं। मुख्य सचिव ने मुख्य कार्यकारी अधिकारी स्मार्ट सिटी सोनिका को निर्देश दिए कि अगले 15 दिनों में सड़कों के क्रॉस कनेक्शन सम्बन्धी कार्य पूर्ण कराए जाने हेतु सभी सम्बन्धित विभागों को निर्देशित किया जाए। उन्होंने कहा कि सड़कों की डामरीकरण के बाद पुनः खोदने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने कहा कि स्मार्ट सिटी के तहत जो कार्य पूर्ण होने की कगार पर हैं उनको शीघ्र समाप्त कर जारी परियोजनाओं पर फोकस किया जाए। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सड़क, स्मार्ट पोल और एकीकृत जल निकासी प्रणाली सभी विभाग आपसी सामंजस्य से कार्य करते हुए निर्धारित समय में करना सुनिश्चित करें।
जिलाधिकारी देहरादून एवं सीईओ स्मार्ट सिटी सोनिका ने बताया कि स्मार्ट सिटी के तहत कुल 22 प्रोजेक्ट प्रस्तावित हैं, जिनमें से 14 पूर्ण किए जा चुके हैं और 8 प्रोजेक्ट्स पर कार्य गतिमान है। उन्होंने कहा ऑनगोईंग प्रोजेक्ट्स पर निर्धारित समयसीमा के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा।
इस अवसर पर निदेशक यातायात मुख्तार मोहसिन, एसपी ट्रेफिक अक्षय प्रह्नाद कोण्डे सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

मॉक ड्रिल के दूसरे दिन स्वास्थ्य सचिव ने लिया व्यवस्थाओं का जायजा

कोविड से डरने की नहीं, कोविड को हराने की आवश्यकता है। यह बात सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश कुमार द्वारा भारत सरकार द्वारा निर्देशित मॉक ड्रिल के द्वितीय दिवस पर राजकीय दून मेडिकल कॉलेज एवं चिकित्सालय में कोविड-19 के प्रबंधन को लेकर तैयारियों का जायजा लेते हुए कही। सचिव स्वास्थ्य ने चिकित्सालय में पहुंचकर ऑक्सीजन प्लांट, आईसीयू, वेंटीलेटर, बेड इत्यादि का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि वर्तमान में राज्य में कोरोना के सक्रिय रोगी हैं जिनमें अधिकतर सामान्य लक्षण के साथ है व होम आइसोलेटेड है। कुछ ही रोगियों को चिकित्सालय में भर्ती होने की आवश्यकता पड़ रही है। सचिव स्वास्थ्य द्वारा आम जनमानस से कोविड-19 एप्रोप्रिएट बिहेवियर का पालन करने की अपील की गई। सचिव स्वास्थ्य ने सभी चिकित्सकों को रोगियों के इलाज में किसी भी प्रकार की कोताही न बरतने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कोविड-19 की वर्तमान स्थिति में घबराने की आवश्यकता नहीं है। किसी अन्य गंभीर रोग से ग्रसित लोगों वृद्ध लोगों को अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। कोविड से बचाव हेतु स्वास्थ्य विभाग तत्पर एवं तैयार है। किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति में आमजनमानस को सुविधाएं देने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूर्ण रूप से मुस्तैद है।
निरीक्षण के दौरान प्राचार्य/निदेशक चिकित्सा शिक्षा राजकीय दून मेडिकल कॉलेज डॉ0 आशुतोष सयाना, डॉ0 अजय नगरकर, अपर परियोजना निदेशक, उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियन्त्रण समिति, डॉ0 पंकज कुमार, कार्यक्रम अधिकारी, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद थे।

‘‘ईजा-बोई शगुन योजना‘‘ मां और बच्चें के लिए वरदान-स्वास्थ्य सचिव

राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रत्येक वर्ष 11 अप्रैल को मनाया जाता है जिसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक देखभाल, चिकित्सा जांच, स्वास्थ्य सहायता और सरकारी पहल के बारे में जागरूकता को बढ़ावा दिया जाता है। गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देष्य से ही प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य गर्भवती महिलाओं को बच्चे के जन्म से पहले, जन्म के दौरान और बाद में देखभाल के बारे में जागरूक कराना है।
सुरक्षित मातृत्व दिवस के अवसर पर डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया गया कि प्रदेश में विभिन्न जन स्वास्थ्य प्रयासों के उपरान्त मातृ स्वास्थ्य संबंधित विभिन्न आंकड़ों में प्रगति दर्ज की गई है। हाल ही में जारी नेशनल फैमली हैल्थ सर्वे 2020-21 रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में गर्भवती महिलाओं को प्रथम तीमाही में पंजीकृत किए जाने में 22 प्रतिशत की बढ़ोतरी (68.8 प्रतिशत), 04 प्रसव पूर्व जांचों में 50 प्रतिशत बढ़ोतरी (61.8 प्रतिशत) एवं संस्थागत प्रसवों में 18 प्रतिशत बढ़ोतरी (83.2 प्रतिशत) दर्ज की गई है।
सचिव स्वास्थ्य द्वारा जानकारी साझा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस प्रदेश के विभिन्न चिकित्सालयों में मनाया गया है। साथ ही इस दिवस पर गर्भवती महिलाओं को चिकित्सकीय जांच, खान-पान तथा गर्भावस्था के दौरान एवं प्रसव के उपरान्त होने वाले जटिलताओं के सम्बन्ध में जानकारी प्रदान की गई।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड ने मातृ एवं शिशु के बेहतर स्वास्थ्य से सम्बन्धित प्रयासों को साझा करते हुए कहा कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य बेहतर करने हेतु जनपद हरिद्वार में 200 बेड एम.सी.एच. विंगचेनराय महिला चिकित्सालय, 50 बेड एम.सी.एच. विंग हल्द्वानी एवं 30 बेड अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, मेहुवाला जनपद देहरादून में शीघ्र स्थापित किया जा रहा है।
उन्होंने जानकारी दी कि मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार करना सरकार का प्राथमिक फोकस बना हुआ है इसी के दृष्टिगत प्रदेश में प्रसूता के लिए ईजा-बोई शगुन योजना लागू की गई है, जिसके अन्तर्गत सरकारी अस्पतालों में जच्चा-बच्चा के सुरक्षित स्वास्थ्य हेतु प्रसव उपरान्त सरकारी अस्पताल में 48 घण्टे तक रूकने वाली सभी पात्र प्रसूताओं को रू. 2000/- की एक प्रोत्साहन धनराशि के रूप में दी जानी है। जो कि जननी सुरक्षा योजना में दी जाने वाली प्रोत्साहन धनराशि रू. 1400/- (ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) एवं रू. 1000/- (शहरी क्षेत्र में रहने वाली गर्भवती महिला) के अतिरिक्त है। यह नीति सरकार की प्रतिबद्धता को मजबूत करने और मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू की गई है।
डा0 आर0 राजेश कुमार, सचिव, चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा बताया कि सुरक्षित प्रसव हेतु उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को जिला चिकित्सालय / स्वास्थ्य इकाइयों के नजदीक आश्रय प्रदान करने के लिए शीघ्र ही बर्थ वेटिंग होम वन स्टॉप सेन्टर में संचालित कर दिया जायेगा
उन्होंने आम जन से आवाहन किया है कि हम सब मिलकर सुरक्षित मातृत्व के सन्देश को जन-जन तक पहुॅचाकर जननी एवं शिशु को स्वस्थ एवं सुरक्षित भविष्य देने में अपना योगदान दें।

परियोजनाओं को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने मंगलवार को सचिवालय में वाह्य सहायतित परियोजनाओं की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने विभिन्न विभागों के अन्तर्गत चल रही 13 और 11 पाइपलाईन परियोजनाओं की समीक्षा के दौरान सभी परियोजनाओं को निर्धारित समयसीमा के अंतर्गत पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने परियोजनाओं की गति बढाने हेतु जिलाधिकारियों एवं मुख्य विकास अधिकारियों को इन योजनाओं में शामिल किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिलाधिकारियों द्वारा इन योजनाओं की मासिक समीक्षा की जाए। साथ ही उन्होंने जिलाधिकारियों को परियोजनाओं के चयन में भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने विभागों में आईटी सम्बन्धित उपकरणों की खरीद हेतु आईटी विभाग की बैठक प्रत्येक 15 दिन में आयोजित किए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समिति की बैठक के लिए दिवस निर्धारित कर लिया जाए। उन्होंने कहा कि जिन विभागों की प्रगति लक्ष्य के सापेक्ष कम है उन्हें लगातार परियोजनाओं का अनुश्रवण कर तेजी लायी जाए।
इस अवसर पर सचिव डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम, डॉ. आर. राजेश कुमार, अपर सचिव रंजना राजगुर, विनीत कुमार एवं उदयराज सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

जब बच्चों को अगुंली पकड़कर अक्षरज्ञान कराने लगे सीएम धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला, देहरादून में शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित ‘‘प्रवेशोत्सव’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए शिक्षा विभाग द्वारा प्रदेशभर में आज से प्रवेशोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन एक माह तक चलेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला में बालिकाओं का प्रवेशोत्सव विद्यारम्भ संस्कार के साथ शुरू किया गया गया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय विद्यालय बनियावाला के उच्चीकृत भवन का शिलान्यास भी किया। उन्होंने विद्यालय से 8वीं पास करने वाली बालिकाओं को मैट्रिकुलेशन सेरेमनी से अलंकृत भी किया। इस अवसर पर प्राथमिक विद्यालयों के 21 हजार से अधिक अध्यापकों को टेबलेट के लिए उनके स्कूलों में डीबीटी के माध्यम से 21 करोड़ 76 लाख रूपये की धनराशि हस्तांतरित की गई। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर कुछ अध्यापकों को टेबलेट भी प्रदान किये। इनका उपयोग शिक्षा शिक्षण अधिगम के लिए करेंगे।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास बनियावाला में उपलब्ध भूमि की चाहरदीवारी एवं उपलब्ध भूमि के अनुरूप खेल का मैदान बनाया जायेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावासों एवं कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका छात्रावासों में मानदेय पर कार्यरत अल्पकालिक शिक्षकों तथा अन्य कार्मिकों के मानदेय में तर्कसंगत वृद्धि की जायेगी। राजकीय विद्यालयों में पीएम पोषण योजना के अन्तर्गत मानदेय पर रखे गये भोजनमाता एवं अनुसेवकों के लिए कल्याण कोष की स्थापना की जायेगी। इस कल्याण कोष का उपयोग संबंधित भोजनमाता एवं अनुसेवकों के द्वारा एक निश्चित योगदान अवधि पूर्ण करने के बाद विद्यालय से मुक्त होने पर उन्हें एकमुश्त तर्कसंगत धनराशि दिए जाने के लिए किया जायेगा। नेताजी सुभाष चन्द्र बोस आवासीय छात्रावास बनियावाला के लिए डाइनिंग हॉल एवं 2 अतिरिक्त कक्षों का निर्माण किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने स्कूलों में प्रवेशोत्सव करने पर सभी विद्यार्थियों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज से नया शैक्षणिक सत्र प्रारंभ हो रहा है, वहीं दूसरी और विद्यार्थियों के लिए करीब साढ़े तीन करोड़ से उच्चीकृत एक नए नेताजी सुभाष चन्द्र बोस छात्रावास का भी शिलान्यास किया जा रहा है। इस समय राज्य में टनकपुर, चम्पावत, श्रीनगर, पौड़ी गढ़वाल, उधमसिंह नगर, पीठसेन में कुल 11 ऐसे आवासीय छात्रावास स्वीकृत हुए हैं, जिनके माध्यम से हमारे विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल रही है, इसके अलावा इस वित्तीय वर्ष में 2 नये आवासीय छात्रावास टनकपुर एवं श्रीनगर में स्वीकृत किये गये हैं साथ ही 3 छात्रावास गदरपुर, पीठसेन एवं बनियावाला को भी उच्चीकृत किया गया है। इन छात्रावासां के माध्यम से बालकों तथा बालिकाओं दोनों को निःशुल्क भोजन, आवास, गणवेश, शिक्षण सामग्री आदि उपलब्ध कराई जा रही है। राजकीय प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों को डिजिटल सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से टीचर रिर्साेस पैकेज के तहत टैबलेट क्रय के लिए दस हजार रूपये की धनराशि प्रदान की गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि समय के साथ शिक्षा में इनोवेशन बहुत जरूरी है। ज्ञान और शिक्षा सिर्फ किताबी नहीं हो सकते हैं। शिक्षा का मकसद व्यक्ति के हर आयाम का सन्तुलित विकास करना है। सन्तुलित विकास इनोवेशन के बिना सम्भव नहीं है। उन्होंने कहा कि शिक्षा हमें उच्च विचार, उच्च आचार, उच्च संस्कार और उच्च व्यवहार के साथ ही समाज की समस्याओं का उच्च समाधान भी उपलब्ध कराती है। बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किये जा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने बेटी पढ़ाओ, बेटी बढाओ का जो नारा दिया है उस नारे को हमें सार्थक करके दिखाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे नौनिहाल इस देश का भी भविष्य हैं, बच्चे ही वो मजबूत नींव है, जिस पर नए भारत की तकदीर और नए भारत का भविष्य टिका हुआ है। राज्य सरकार विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। शिक्षा के द्वारा ही कोई समाज समृद्धशाली और शक्तिशाली बन सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति से स्कूली शिक्षा और उच्च शिक्षा को नए आयाम प्राप्त होंगे, इससे सभी वर्ग के लोगों को समानता के आधार पर शिक्षा प्राप्त करने के अवसर भी मिलेंगे। नई शिक्षा नीति के माध्यम से रोजगार परक शिक्षा मिलेगी, साथ ही प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अलग से तैयारी नहीं करनी पड़ेगी। इससे शोध एवं अनुसंधान को बढ़ावा मिलेगा तथा देश को विकसित राष्ट्र बनाने में नई शिक्षा नीति कारगर साबित होगी। उत्तराखंड देश का प्रथम राज्य है जिसने स्कूली शिक्षा में नई शिक्षा नीति को लागू किया है।
शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में प्रवेशोत्सव कार्यक्रम एक माह तक चलेगा। स्कूलों में प्रवेशोत्सव कार्यक्रमों में जनप्रतिनिधिगण भी भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रॉप आउट बच्चों की संख्या को शून्य प्रतिशत करने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य में जल्द ही विद्या समीक्षा केन्द्र का शुभारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों के अलावा अशासकीय विद्यालयों के बच्चों को भी मुफ्त में किताबें देने का निर्णय सरकार ने लिया है, जल्द ही सभी को किताबें मिल जायेंगी। अब प्रत्येक स्कूलों में बुक बैंक बना रहे हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जितने भी अल्पसंख्यक स्कूल हैं, उन सभी स्कूलों को सर्वे किया जा रहा है, जिन मानकों के हिसाब से स्कूलों को अल्पसंख्यक का दर्जा मिला है, उनका कितना पालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग में स्थानान्तरण की पॉलिसी को मजबूत बनाया जा रहा है। राज्य में माह में बच्चों को स्कूलों में एक दिन बस्ता फ्री दिवस करने जा रहे हैं, उस दिन व्यायाम, योगा एवं अन्य गतिविधियां कराई जायेंगी। जल्द ही शिक्षा के पांचों बोर्ड की बैठक की जाएगी, इस बैठक में बच्चों के बस्ते के वजन को कम करने के लिए निर्णय लिया जायेगा।
इस अवसर पर विधायक सहदेव सिंह पुण्डीर, दलीप सिंह रावत, मोहन सिंह मेहरा, सचिव शिक्षा रविनाथ रमन, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।

गांव, किसान और कृषि ही आत्मनिर्भर भारत के तीन आधार स्तंभ-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को रुड़की स्थित रजवाड़ा फॉर्म में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर आधारित स्टॉलो का अवलोकन किया साथ ही शोभा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्नदाताओं को धरती पुत्र बताते हुए कहा कि किसानों की मेहनत और पुरुषार्थ के कारण ही हमें भोजन उपलब्ध हो पाता है। किसानों के परिश्रम और अथक प्रयासों के आगे बाकी सब सूक्ष्म है। गांव, किसान और कृषि ही आत्मनिर्भर भारत के तीन आधार स्तंभ हैं, ये जितने मजबूत होंगे आत्मनिर्भर भारत की नींव उतनी ही अधिक मजबूत होगी। देश के संतुलित विकास के लिए ये अत्यंत आवश्यक है कि हमारे किसान, हमारे अन्नदाता, हमारे भूमिपुत्र सशक्त बनें। किसानों के सशक्तिकरण के बिना भारत का सशक्तिकरण अधूरा है। विकसित भारत का सपना भी तभी साकार हो सकता है जब हमारा किसान सशक्त होगा। उन्होंने कहा भाजपा किसान मोर्चा के साथियों का काम सरकार और किसानों के बीच एक सेतु का निर्माण करना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत हमेशा एक कृषि प्रधान देश रहा है। खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ, हमारी परम्पराएं पोषित हुईं और हमारे पर्व व त्योहार निर्धारित हुए। कृषि विषय पर भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि हमारे पास कृषि-पाराशर और कृषि सूक्त जैसे प्राचीन ग्रन्थ उपलब्ध हैं। जिन्होंने खेती और किसानी के उचित तौर-तरीकों के बारे में आम लोगों को बताने का कार्य किया है। हमारे इसी वैज्ञानिक और उन्नत कृषि विज्ञान ने सदियों से भारत को समृद्ध बनाया हुआ है। इतिहास में अनेकों ऐसे वर्णन मिलते हैं जब विदेश से आए हुए लोग, भारत की कृषि पद्धतियों को देखकर हतप्रभ रह गए। माटी को मां मानने वाले भारत के किसानों ने हमेशा अपने मूल कर्तव्य को पूरा किया है। देश के सामने खाद्यान्न संकट आने पर भी हमारे मेहनती किसानों ने अपने परिश्रम और पसीने से धरती को सींचा है। अपने कर्मठ किसानों की बदौलत भारत आज कृषि उत्पादन में ना केवल आत्मनिर्भर है बल्कि दूसरे देशों का भी पेट भर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकार हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसानों का जितना सशक्तिकरण हुआ है वो अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री का मत है कि देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है। केंद्र सरकार किसानों की दशा सुधारने और कृषि नीतियों को किसान केंद्रित बनाने का कार्य कर रही है। सरकार का निरंतर ये प्रयास है कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं वो भारत के किसान को भी मिलें। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि हमारे किसान के लिए बीज से बाजार तक की यात्रा ना केवल सुगम हो बल्कि ये उसकी आय में वृद्धि करने वाली भी हो। बीते वर्षों में यूरिया की कमी, बिजली कटौती और अव्यवस्थित सिंचाई जैसी किसान की पारंपरिक परेशानियों को कम किया ही गया है, फसल बीमा योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड, किसान सम्मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को एक संरक्षित वातावरण भी उपलब्ध करवाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के साथ किसान को तकनीकी रूप से सक्षम और बाजार की नब्ज़ पकड़ने वाला बनाया जा रहा है। ऑर्गैनिक फार्मिंग में भारत एक बड़े ग्लोबल प्लेयर के रूप में सामने आया है और जैविक खेती का दायरा देश में लगातार बढ़ रहा है। हमारे उत्तराखंड में अनेकों किसान जड़ी-बूटी और फूलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं। राज्य में पहले कुल डेढ़ सौ हेक्टेयर में ही फूलों की खेती होती थी जिसका एरिया अब बढ़ कर 1600 हेक्टेयर से अधिक हो चुका है। कृषि क्षेत्र में नित नए अभिनव प्रयोग हो रहे हैं और नवाचार को हर स्तर पर प्रोत्साहन मिल रहा है। आज का हमारा किसान ड्रोन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे सीमांत किसानों का सशक्तीकरण हमारी पहली प्राथमिकता है। कृषि संबंधित नीतियां बनाते हुए विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि खेती में छोटे किसानों के लिए कम से कम जोखिम हो। उन्हें उनकी फसल और मेहनत का उचित और त्वरित मूल्य मिले इसके लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते 1 साल में राज्य सरकार ने कई कार्य किए हैं। समान नागरिक संहिता पर कार्य चल रहा है। कठोर धर्मांतरण कानून बना कर धर्म परिवर्तन पर रोक लगाई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। राज्य में नई खेल नीति, नई शिक्षा नीति को भी लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में राज्य के विभिन्न स्थानों में सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाए जाएगा। साथ ही राज्य के अंतर्गत जल्द ही स्पेशल वेरिफिकेशन ड्राइव चलाया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार के लिए जनता का हित सर्वाेपरि है। हमारी सरकार राज्य हित को प्राथमिकता से लेगी एवं कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ रमेश पोखरियाल ’ निशंक, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह पुंडीर, विधायक प्रदीप बत्रा, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिला अध्यक्ष रुड़की शोभाराम प्रजापति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

हरिद्वार में सीएम ने योजनाओं की प्रगति जानी, दिये निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एवं हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक ने रविवार को हरिद्वार भ्रमण के दौरान डामकोठी में अधिकारियों के साथ विकास कार्यों आदि के सम्बन्ध में एक समीक्षा बैठक ली।
बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय से हरिद्वार जनपद में चल रही विभिन्न विकास योजनाओं की प्रगति के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली तथा अधिकारियों को निर्देश दिये कि जो भी जन-कल्याणकारी योजनायें चल रही हैं, उनका लाभ अन्तिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक अवश्य पहुंचे। उन्होंने कहा कि समय-समय पर ग्राम सभाओं में चौपालों का आयोजन किया जाये तथा उसमें जिस भी ग्रामवासी की जो भी समस्या हो, उसका निस्तारण शीर्ष प्राथमिकता पर किया जाये एवं गर्मी के मौसम को देखते हुये बिजली, पानी आदि पर विशेष ध्यान दिया जाये। उन्होंने कहा कि सब्सिडी की जो भी योजनायें हैं, उनका लाभ समय पर लाभार्थी को दिलाना सुनिश्चित करें तथा जिस किसी भी योजना का कार्डधारक हो, उसे समय पर राशन का वितरण होना चाहिये।
मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा का उल्लेख करते हुये कहा कि हरिद्वार चारधाम यात्रा का प्रमुख पड़ाव है, जिसे देखते हुये यहां हर तरह की व्यवस्थायें, खासतौर पर हरिद्वार शहर तथा गंगा के घाटों की साफ-सफाई की व्यवस्था पर विशेष ध्यान दिया जाये। यातायात व्यवस्था के सम्बन्ध में चर्चा करते हुये जिलाधिकारी ने बताया कि चारधाम यात्रा को देखते हुये दुधाधारी या अन्य स्थानों पर जाम की स्थिति न बने, इसके लिये विभिन्न वैकल्पिक योजनाओं-भारी वाहनों की नो इण्ट्री का समय निर्धारण करना, पार्किंग की उचित व्यवस्था आदि पर कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है।
कानून-व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा जानकारी लिये जाने पर जिलाधिकारी व वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने बताया कि हनुमान जयन्ती के अवसर पर आयोजित विभिन्न कार्यक्रम निर्विघ्न तथा सकुशल सम्पन्न हुये हैं तथा कानून-व्यवस्था चुस्त एवं दुरूस्त है। इसके अतिरिक्त प्रत्येक आयोजित होने वाली परीक्षाओं को कड़े कदम उठाते हुये नकल विहीन व सकुशल सम्पन्न कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जमीन सम्बन्धी प्रकरण आदि पर भी विस्तृत विचार-विमर्श किया तथा दिशा-निर्देश दिये। इससे पहले मुख्यमंत्री ने साक्षी महाराज से शिष्टाचार भेंट की तथा पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से हरिद्वार में संचालित हो रही विभिन्न विकास योजनाओं के बारे में भी विचार-विमर्श किया।
इस अवसर पर रानीपुर विधायक आदेश चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष राजेन्द्र सिंह, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष संदीप गोयल, महामंत्री आशू चौधरी, पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह चौहान, सांसद प्रतिनिधि ओम प्रकाश जमदग्नि, पूर्व मेयर मनोज गर्ग, लव शर्मा, मनोज गौतम, अनिल अरोड़ा, आशुतोष शर्मा, मुख्य विकास अधिकारी प्रतीक जैन, अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पी0एल0 शाह, एसडीएम पूरण सिंह राणा, एमएनए दयानन्द सरस्वती, भूमि अध्याप्ति अधिकारी ब्रजेश तिवारी सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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