जल स्रोतों को बनाए रखने के लिए मुख्य सचिव ने दिए निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में जल जीवन मिशन के तहत हो रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने कहा कि यह भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण योजना है जिसे निर्धारित समय सीमा के अंदर पूर्ण किया जाना है। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर में विशेषकर दूरस्थ और पर्वतीय क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, इसके लिए हम सबको इस योजना को सफल बनाने को दिशा में काम करना है।
मुख्य सचिव ने कहा कि यदि कहीं योजना पूर्ण होने के बावजूद 55 एमएलडी पानी नहीं मिल पा रहा है तो नए प्रस्ताव भेजे जाएं। जिन जनपदों ने इस दिशा में अच्छा कार्य किया है उन्हें बधाई देते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि अन्य जनपदों को भी इस दिशा में कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यूपीसीएल को योजना के लिए विद्युत कनेक्शनों को शीघ्र उपलब्ध कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने वन भूमि हस्तांतरण मामलों को भी लगातार निस्तारित किए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने जल स्रोतों को बनाए रखने हेतु भी कार्य किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने जल स्रोतों को रिचार्ज करने हेतु चेक डैम और रिचार्ज पिट सहित वनीकरण आदि कार्य लगातार संचालित किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि योजना के दीर्घकालीन संचालन के लिए जल स्रोतों को बनाए रखना अतिआवश्यक है। मुख्य सचिव ने योजनाओं के संचालन और रखरखाव पर भी विशेष बल दिए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि स्थानीय लोगों को प्लंबर और फिटर आदि का प्रशिक्षण उपलब्ध कराए जाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएं। उन्होंने कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय में पूर्ण किए जाने हेतु मैन पावर बढ़ाए जाने के साथ ही जिलाधिकारियों को लगातार समीक्षा किए जाने के निर्देश भी दिए।
इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी सहित सम्बन्धित उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

वीर अमर शहीद हमीर पोखरियाल को मंत्री अग्रवाल ने दी श्रद्धांजलि

वीर अमर शहीद हमीर पोखरियाल की 5वीं पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। क्षेत्रीय विधायक व कैबिनेट मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने श्रद्धांजलि अर्पित की।

गुमानीवाला भट्टोवाला में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि हमीर पोखरियाल सात अगस्त 2018 को जम्मू कश्मीर में एक आतंकी मुठभेड़ में शहीद हुए थे। भारतीय सेना की घातक प्लाटून में तैनात शहीद हमीर पोखरियाल की सैन्य टुकड़ी ने सात आतंकवादियों को मार गिराया था। इस मुठभेड़ में हमीर पोखरियाल सहित तीन जवान शहीद हो गए थे।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि देश के लिए अपना सर्वस्व निछावर करने वाले वीर जवान जहां भारत माता की आन, बान और शान व सुरक्षा के लिए तत्पर है। वही देश में, देश के टुकड़े करने वाले लोग भी सक्रिय है। डॉ अग्रवाल ने कहा है कि ऐसे लोगों को पहचानने की आवश्यकता है।

डॉ अग्रवाल ने कहा कि जिस घर, परिवार से सैनिक निकलते हैं, वह घर और परिवार पूजनीय होता है। उस परिवार पर ईश्वर की विशेष कृपा होती है। कहा कि हमीर ने देश सेवा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया, ऐसे सच्चे देशभक्त समाज के लिए प्रेरणास्रोत बनते है। कहा कि हमीर आज हमारे दिलों और दिमाग में आज भी जिंदा हैं।

इस मौके पर शहीद की माता राजकुमारी, पिता जयेंद्र पोखरियाल, पत्नी पूजा, बेटी अन्वी, बेटा शौर्यवीर, चाचा शैलेन्द्र, आलेंद्र, समाजसेवी मानवेन्द्र कण्डारी, प्रधान दीपिका व्यास, शहीद प्रदीप रावत के पिता कुँवर सिंह रावत, मण्डल अध्यक्ष दिनेश पयाल, पार्षद वीरेंद्र रमोला, विजेंद्र मोंगा, लाल सिंह बोरा, वचन रावत, शैलेन्द्र सिंह, महेंद्र कंडवाल, हुकुम सिंह रांगड़, उपेंद्र रावत, टेक सिंह रावत सहित कई लोग श्रद्धांजलि देने पहुंचे।

कैबिनेट के निर्णय को लागू न करने पर रेखा आर्य ने जताई नाराजगी

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने विधान सभा स्थित सभागार कक्ष में अधिकारियों के साथ आबकारी विभाग से रू0 1/- प्रति बोतल सेस निर्धारित कर प्राप्त धनराशि खेल कोष अथवा महिला कल्याण कोष में जमा किये जाने के सम्बन्ध में समीक्षा बैठक ली।

मंत्री ने कहा कि मार्च 2023 में कैबिनेट के निर्णय के अनुसार जिसमें गौ सेवा, महिला कल्याण तथा खेल कल्याण के लिए रू0 1/- प्रति बोतल आबकारी विभाग सेस के रूप में अनुशंसा की गई थी। इससे प्राप्त धनराशि को महिला सशक्तीकरण, गौ सेवा तथा खेल कल्याण हेतु उपयोग में लाया जायेगा। लेकिन उपरोक्त के सन्दर्भ में अगस्त 2023 तक उचित कार्यवाही न होने पर मंत्री ने सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि आबकारी विभाग द्वारा रू0 1/- प्रति बोतल कर संग्रह किये जाने के बाद भी अद्यतन तिथि तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी है। उन्होंने कहा कि कैबिनेट में लिये गये निर्णय के अनुसार रू0 1/- प्रति बोतल सेस को संशोधित करते हुए रू0 1/- प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के रूप में आबकारी विभाग द्वारा संग्रह किये जाने का प्रावधान किया जायेगा। उन्होंने कहा कि वित्त विभाग द्वारा इस संबंध में सहमति प्रदान की गई है।

मंत्री ने कहा कि आगामी अनुपूरक बजट में संबंधित विभागों द्वारा मांग किये जाने के आधार पर आबकारी विभाग द्वारा धनराशि का आवंटन किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही रू0 1/- प्रति बोतल अतिरिक्त शुल्क के संबंध में महिला सशक्तीकरण तथा खेल विभाग अपनी नियमावली तैयार करेंगे, जिससे धनराशि के व्यय के मानकों का तय किया जा सके तथा संबंधित विभागों को समय पर धनराशि उपलब्ध हो सके।

इस अवसर पर विशेष प्रमुख सचिव, खेल, अभिनव कुमार, सचिव, वित्त, दिलीप जावलकर, सचिव, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग, हरि चन्द सेमवाल तथा अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीडीएस अनिल चौहान से की सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भेंट

सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने आज नई दिल्ली में सीडीएस चीफ आफ डिफेंस स्टाफ अनिल चौहान से शिष्टाचार भेंट की।
सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने सीडीएस अनिल चौहान से जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख की भांति उत्तराखण्ड के चीन सीमा से सटे सीमावर्ती क्षेत्रों को ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित करने का आग्रह किया। मंत्री ने कहा उत्तराखंड की भौगोलिक और सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है और उत्तराखंड के जनपद पिथौरागढ़ के 119 ब्रिगेड तथा जनपद चमोली के जोशीमठ में सेना के 09 ब्रिगेड को ऑपरेशन सद्भावना में सम्मिलित किया जाए।
सैनिक कल्याण मंत्री ने डोईवाला में कैंटीन खोलने के प्रस्ताव को शीघ्र स्वीकृति का आग्रह किया और प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए आवश्यकतानुसार अन्य स्थानांे में कैंटीन खोलने पर विचार करने का अनुरोध किय। इसके अतिरिक्त, देहरादून में निर्माण हो रहे सैन्य धाम को लेकर भी चर्चा की गई। जिसमें सैनिक कल्याण मंत्री ने सीडीएस से उत्तराखंड के वीर योद्धाओं द्वारा युद्ध के दौरान इस्तेमाल शस्त्रों को भी सैन्य धाम में स्थापित किया जाने का आग्रह किया ताकि युवा पीढ़ी देश की सेना के प्रति आकर्षित हो सके।
ज्ञात हो, कि ऑपरेशन सद्भावना विशेष रूप से नियंत्रण रेखा के पास ग्रामीण क्षेत्रों में शुरू किया गया है। इसके तहत कई कल्याणकारी पहल की जाती है। जिसमें बुनियादी ढांचा विकास, चिकित्सा देखभाल, महिला और युवा सशक्तीकरण, शैक्षिक पर्यटन और खेलकूद टूर्नामेंट शामिल हैं। परियोजनाओं को स्थानीय आबादी की जरूरतों और इच्छाओं के अनुसार योजनाबद्ध किया जाता है और सफल दीक्षा के बाद राज्य सरकार को सौंप दिया जाता है। ‘ऑपरेशन सद्भावना ’भारतीय सेना द्वारा जम्मू-कश्मीर में आबादी के करीब आने और आपसी विश्वास और विश्वास विकसित करने का संकल्प है।
इन सभी बिंदुओं पर सीडीएस अनिल चौहान ने सकारात्मक आश्वासन देते हुए मामले में शीघ्र कार्यवाही का भरोसा दिलाया।

कैबिनेट फैसलाः हरिद्वार, ऋषिकेश को मास्टर प्लान के तहत होंगे विकसित, छह माह में बनेगी डीपीआर

ऊर्जा विभाग में 2008 में केंद्र सरकार के द्वारा जल विद्युत नीति लायी गयी थी। उसे आज तक लागू नहीं किया गया था जिसे आज कैबिनेट बैठक में लागू किया गया।

12 प्रतिशत बिजली की बजाय अब 13 प्रतिशत बिजली जल विधुत परियोजनाओं से एक प्रतिशत जो अतरिक्त बिजली सरकार को मिलेगी उस पैसे से जल विद्युत परियोजना से प्रभावित लोगो को दिया जाएगा।

वित्त विभाग में कई अधिकारियों के अधिकार को बढ़ाया गया है।

मसूरी क्षेत्र को पूरा एक तहसील बनाये जाने की मंजूरी

पीडब्ल्यूडी विभाग के तहत नई नियमावली को दी गई मंजूरी

नई शिक्षा नीति के तहत पहली कक्षा में एडमिशन के लिए 1 अप्रैल को 6 वर्ष होने पर मुहर

लघु सिंचाई विभाग की सेवा नियमावली में बदलाव 75 की जगह 85 फ़ीसदी पद सीधी भर्ती से भरे जाने को मंजूरी

पुलिस दूरसंचार विभाग के ढांचे के पुनर्गठन को मंजूरी,2 पद हुए स्वीकृत, 8700 ग्रेड पे के दो 2 पद हुए स्वीकृत

13 पीपीएस पदों को कैबिनेट ने दी मंजूरी

पशुपालन विभाग के तहत वेटरनरी कर्मियों को पहाड़ में सेवा देने के लिए कृत्रिम गर्भाधान के लिए बढ़ाई गई प्रति कृत्रिम गर्भाधान पर राशि

उत्तराखंड में होने वाली राष्ट्रीय खेलों के लिए हाई पावर कमेटी का किया गठन

एमएसएमई विभाग की नई पॉलिसी में किया गया बदलाव

पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ाई गई सब्सिडी

मैदानी क्षेत्रों की तुलना में पहाड़ में ज्यादा रखी गई है सब्सिडी
कौशल विकास के तहत टाटा कम्पनी भी देगी आईटीआई संस्थानों में ट्रेनिंग

मॉडल आईटीआई के रूप में विकसित होंगे आईटीआई संस्थान

सरकार के साथ मिलकर टाटा ग्रुप चलाएगा आईटीआई संस्थान
चौरासी कुटिया स्वर्गाश्रम को फॉरेस्ट विभाग के साथ एचसीपी कंपनी करेगी विकास

हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों में मास्टर प्लान के तहत किया जाएगा विकसित, 6 महीने में बन जाएगी डीपीआर

सभी धर्मों के लिए विवाह का रजिस्ट्रेशन हुआ अनिवार्य, सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार ने लिया फैसला

उत्तराखंड में ड्रोन पॉलिसी को कैबिनेट ने दी मंजूरी

उच्च शिक्षा विभाग के तहत छात्र वृत्ति योजना में किया गया संशोधन

अब फैकल्टी के अनुसार 10ः छात्रों को ही मिलेगी छात्रवृत्ति
उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मिली मंजूरी

उच्च शिक्षा विभाग के तहत प्रधानाचार्य के सीधी भर्ती के पदों को भी मिली मंजूरी

आजादी के अमृत काल में जी-20 का प्रतिनिधित्व करना हमारे लिए गौरव की बातः सीएम

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रूड़की में थिंक इण्डिया के सहयोग से आयोजित ’’जी-20 इम्पैक्ट समिटः अनशीलिंग द पोटेंशियल’’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। उन्होंने कहा कि जी-20 की अध्यक्षता भारत के लिए एक राजनयिक अवसर नहीं, बल्कि यह एक जिम्मेदारी है, जो विश्व के भारत पर भरोसे का एक पैमाना है। उन्होंने कहा कि जी-20 ऐसे देशों का समूह है, जिनका आर्थिक सामर्थ्य विश्व की 85 प्रतिशत जीडीपी का तथा विश्व के 75 प्रतिशत व्यापार का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसमें विश्व की दो-तिहाई जनसंख्या समाहित है, जो आजादी के अमृत काल में हमारे लिये गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के जी-20 की थीम वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर है, जो मूल रूप से भारतीय संस्कृति द्वारा विश्व को दिए गए सिद्धांत वसुधैव कुटुंबकम पर आधारित है, जिसका अर्थ है समस्त विश्व एक परिवार है। जी-20 के लोगो का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 का यह लोगो केवल एक प्रतीक चिन्ह नहीं बल्कि एक संदेश है, एक भावना है, जो हमारी रगो में है, यह एक संकल्प है, जो हमारी सोच में शामिल है। उन्होंने कहा कि ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के मंत्र के जरिए विश्व बंधुत्व की भावना को हम सदियों से जीते आए हैं तथा हमारी प्राचीन संस्कृति का यह विचार इस लोगो और थीम में प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने कहा कि इस लोगो में कमल का फूल, भारत की पौराणिक धरोहर, हमारी आस्था, हमारी बौद्धिकता, को चित्रित करता है तथा भारत की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतिनिधित्व करता है।

मुख्यमंत्री ने जी-20 के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इसका उद्देश्य विविधता का सम्मान करते हुए दुनिया को एक मंच पर लाना है। उन्होंने कहा कि आज विश्व के लोगों को भारत को जानने, समझने की उत्कट जिज्ञासा है। वे हमारी सांस्कृतिक धरोहरों का अध्ययन, वर्तमान की सफलताओं का आकलन तथा हमारे भविष्य को लेकर अभूतपूर्व आशाएं प्रकट कर रहे हैं। ऐसे में हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इन अपेक्षाओं से आगे बढ़कर दुनिया को भारत की क्षमताओं, दर्शन, सामाजिक और बौद्धिक ताकत से परिचित कराएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20 की तीनों बैठकों में उन्होंने बहुत कुछ सीखा, जहां पहली बैठक में उन्हें विश्व के महान वैज्ञानिकों से मिलने का मौका मिला वहीं इंफ्रास्ट्रक्चर वर्किंग ग्रुप की बैठक में अन्य विषयों के अलावा उन्होंने जाना कि किस प्रकार जापान ने भूकंपरोधी भवन बनाने की ऐसी तकनीक का विकास किया है, जो आपदा के समय में भी जापान के लोगो व मकानों को सुरक्षित रखती है, यह भारत और विशेष रूप से उत्तराखंड के लिए उपयोगी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डायनामिक लीडरशिप में आज भारत एक मजबूत अर्थव्यवस्था, नॉलेज बेस्ड इकोनॉमी, समृद्ध लोकतंत्र, वैश्विक मंच पर शांतिदूत तथा मानवता के प्रयासों में अग्रदूत के रूप में स्थापित हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के कुशल नेतृत्व में भारत आज विश्व की पांचवी आर्थिक शक्ति बन गया है। उन्होंने कहा कि आज पूरा विश्व भारत को समृद्ध, शक्तिशाली तथा आर्थिक रूप से मजबूत नये नजरिये के रूप में देख रहा है। चाहे वह रूस-यूक्रेन युद्ध में अप्रवासी भारतीयों को सकुशल वापस लाने की बात हो, कोरोना काल में विश्व के अनेक देशों को वैक्सीन उपलब्ध कराने की बात हो, हर क्षेत्र में आज भारत अग्रणी की भूमिका निभा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में आज भारत बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि उन्होंने उत्तराखण्ड राज्य को जी-20 की तीन बैठकों का आयोजन करने का अवसर प्रदान किया तथा इस महत्त्वपूर्ण दायित्व को हमने अच्छी तरह निभाया। उन्होंने कहा कि जी-20 की तीन बैठकों के माध्यम से हमने देवभूमि से ’अतिथि देवों भव’ का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि मैं खुद जब जी-20 की बैठकों में विभिन्न देशों के डेलीगेट्स से मिला और मैंने जब उनका भारत के प्रति प्रेम देखा तो वे पल मेरे लिए अविस्मरणीय थे।

आई.आई.टी. रूड़की का उल्लेख करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि यह संस्थान 176 वर्षों से भारतीय शिक्षा के क्षेत्र में देश को गौरवान्वित करता आ रहा है तथा यहां से अध्ययन करने वाले अनेकों विद्यार्थी आज देश व विदेश के अनेकों महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं देते हुये अपने ज्ञान एवम् कुशलता से देश का नाम रोशन कर रहे हैं तथा शोध के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहे हैं।

पुष्कर सिंह धामी ने कार्यक्रम में विद्यार्थियों का आह्वान किया कि उनके सामने अनेकों अवसर व चुनौतियां हैं तथा जो चुनौतियां हैं, उन्हें परिश्रम से, अवसर में, बदलने में उन्हें निश्चित रूप से सफलता मिलेगी।

’’जी-20 इम्पैक्ट समिट अनशीलिंग द पोटेंशियल’’ कार्यक्रम को निदेशक भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान रूड़की प्रो0 के0के0 पन्त, प्रो0 एय0एच0 उपाध्याय, श्री सार्थक पाण्डया ने भी सम्बोधित करते हुये इस पर विस्तृत प्रकाश डाला।

इस अवसर पर विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा जिला अध्यक्ष रूड़की शोभाराम प्रजापति, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह सहित सम्बन्धित पदाधिकारी एवं अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री ने आरएसएस के पूर्व सह कार्यवाह मदन दास देवी को दी श्रद्धांजलि

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भीमगोडा स्थित कृष्ण कृपा आश्रम में आयोजित श्रद्धाजंलि सभा मे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह कार्यवाह मदन दास देवी को श्रद्धांजलि अर्पित की।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि मदन दास देवी के निधन से समाज की अपूरणीय क्षति हुई है। उन्होंने कहा कि उनका पूरा जीवन राष्ट्र को समर्पित रहा तथा वे निरन्तर राष्ट्र के निर्माण में सन्नद्ध रहे, जो हमारे लिये प्रेरणा का स्रोत है।
श्रद्धांजलि सभा में महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज, भाजपा राजधानी कार्यालय प्रमुख महेंद्र पांडेय, प्रफुल आकांत, डॉ. शैलेन्द्र आदि ने भी मदन दास देवी को श्रद्धांजलि दी ।

मदन दास देवी को श्रद्धाजंलि देने वालों में महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव महंत रविन्द्र पुरी, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत राम मुनि, महंत जसविंद्र शास्त्री, महंत विष्णुदास, अनिल गुप्ता, सुनील, दयानन्द, आशीष चौहान, अधिवक्ता परिषद से हरि बोरिकर, उमेश दत्त शर्मा, श्री अमोल, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, डॉ. धन सिंह रावत व प्रेमचन्द्र अग्रवाल, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, पदम सिंह, दिनेश सेमवाल, डॉ. शैलेन्द्र, अजय कुमार, सुरेश जोशी, रमेश गाड़िया, विक्रम, डॉ ममता सिंह, रितांशु कंडारी, नवीन पन्त, पूर्व मेयर हरिद्वार मनोज गर्ग, रोहन सहगल, डॉ. यतींद्र नागयन, विकास तिवारी आदि प्रमुख थे।
श्रद्धांजलि सभा का संचालन कुँवर रोहिताश्व ने किया।
श्रद्धांजलि सभा के बाद पूर्व सह कार्यवाह स्वर्गीय मदन दास देवी जी की अस्थियों को पूर्ण विधि विधान से हर की पौड़ी ब्रह्मकुंड से विसर्जित किया गया।
श्रीगंगा सभा की ओर से अध्यक्ष नितिन गौतम, महामंत्री तन्मय वशिष्ठ, सिद्धार्थ चक्रपाणि, उज्ज्वल पण्डित, अनमोल आदि तीर्थ पुरोहित मौजूद थे।

दून विवि के दीक्षारंभ समारोह में सीएम ने किया विभिन्न पुस्तकों का विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून स्थित दून विश्वविद्यालय में आयोजित नवप्रवेशित विद्यार्थियों के दीक्षारंभ समारोह कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर उन्होंने दून विश्वविद्यालय परिसर में ओपन एयर थियेटर एवं स्कूल ऑफ मैनेजमेंट भवन का लोकार्पण भी किया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर “Changing Paradigms in Business and Technology” एवं “Innovative Management Practices” नामक पुस्तकों का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने छात्रों से संवाद करते हुए कहा कि उत्तराखंड को उत्कृष्ट राज्य बनाने में छात्र छात्राओं की अहम भूमिका होगी। राज्य का भविष्य यहां के युवाओं के भविष्य पर निर्भर करता है। पढ़ाई के साथ युवा हर क्षेत्र में आगे बढ़े, इसके लिए राज्य सरकार नौजवानों के साथ खड़ी है। मुख्यमंत्री ने दीक्षारंभ (सत्रारम्भ) समारोह में आए छात्र छात्राओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में प्रवेश के साथ ही जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत हुई है। जीवन में शिक्षा का महत्व प्राचीन काल से ही रहा है। उच्च शिक्षा में प्रवेश जीवन में ज्ञान के महत्व को इंगित करने का एक अभिनव क्षण है। यह पल आपकी स्मृतियों में जीवनभर ताजा बने रहेगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड सदियों से ही महान ऋषियों की कर्मस्थली रही है। जिन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा को भारत ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में प्रचारित और प्रसारित किया। आज भी हमारे कई शैक्षणिक संस्थान न सिर्फ देश में अपितु वैश्विक स्तर पर अपनी शैक्षणिक गतिविधियों के लिए जाने जाते हैं। उत्तराखंड की समृद्ध ज्ञान परंपरा को आगे बढ़ाते हुए दून विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवावस्था जीवन की सबसे बड़ी शक्ति है, इसके बल पर आप लोग चुनौतियों को अवसर में परिवर्तित कर सकते हैं तथा अपनी सृजनशक्ति के द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में नित नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर सकते हैं। वर्तमान में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा युवाओं को राष्ट्र निर्माण में सहयोग हेतु प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने की दिशा में कई कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। जनता से संवाद स्थापित कर उत्तराखंड को श्रेष्ठ राज्य बनाने के अपने ’’विकल्प रहित संकल्प’’ को पूर्ण करने हेतु निरंतर कार्य किये जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य है। दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत उत्तराखण्ड की लोक भाषाओं, बोलियों एवं साहित्य के संरक्षण, संवर्धन एवं शोध के क्षेत्र में कार्य करने हेतु डॉ० नित्यानन्द हिमालयी शोध एवं अध्ययन केंद्र भी स्थापित किया गया है। यह शोध केन्द्र प्रदेश की भाषाओं व साहित्य के संरक्षण एवं संवर्धन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके साथ ही विदेशी भाषाओं में भी नए कोर्स शुरू किए गए है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और मार्गदर्शन में शिक्षा, उच्च शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिये अनेक कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा युवाओं को समाज एवं राष्ट्र निर्माण की दिशा में कार्य करने के लिये शिक्षा के साथ ही उनके कौशल विकास के लिये विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड राज्य के विभिन्न महाविद्यालयों में प्रवेश उत्सव के कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। समर्थ पोर्टल के माध्यम से विभिन्न महाविद्यालयों में एडमिशन हेतु 71 हजार से अधिक छात्र-छात्राओं ने आवेदन किया है। उन्होंने कहा उत्तराखंड राज्य में डिग्री कॉलेजों हेतु ई- ग्रंथालय की व्यवस्था की गई है। महाविद्यालय में अन्य कार्यक्रमों से छात्र-छात्राओं की पढ़ाई प्रभावित ना हो इसके लिए शैक्षिक कैलेंडर भी जारी किया गया है। उत्तराखंड राज्य के सभी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह नवंबर माह में किए जाने का फैसला राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। राज्य में मेधावी छात्रों के लिए मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना दी जा रही है। उत्तराखंड राज्य के विश्वविद्यालय देश के सर्वोच्च विद्यालयों में शामिल हों, इसके लिए सरकार निरंतर कार्यरत है।

इस दौरान कार्यक्रम में विधायक विनोद चमोली, कुलपति दून विश्वविद्यालय सुरेखा डंगवाल एवं अन्य गणमान्य उपस्थित थे।

खंड शिक्षा अधिकारी दो सप्ताह के भीतर निदेशालय को भेजेंगें क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत संबंधी प्रस्ताव

राज्य में शिक्षा विभाग द्वारा चिन्हित मरम्मत योग्य विद्यालयों का जीर्णाेद्धार राज्य आपदा मद से किया जायेगा। इसके लिये खण्ड शिक्षा अधिकारी को अपने-अपने विकासखंड के अंतर्गत चिन्हित ऐसे विद्यालयों का प्रस्ताव दो सप्ताह के भीतर विद्यालयी शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध कराना होगा ताकि निदेशालय के माध्यम से प्रस्ताव आपदा विभाग को उपलब्ध कराया जा सके।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज अपने शासकीय आवास में वित्त, आपदा एवं शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों की बैठक ली। जिसमें प्रदेश के क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत आपदा मद से कराने व पूर्ण क्षतिग्रस्त विद्यालयों के नये भवनों का निर्माण राज्य सेक्टर से कराने का निर्णय लिया गया। डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में सैकड़ों विद्यालय ऐसे हैं जिनकी मरम्मत का खर्चा रूपये एक लाख से लेकर रूपये पांच लाख तक आंका गया है। जिनका सर्वे विभाग द्वारा कुछ माह पूर्व कराया गया। जिसमें क्षतिग्रस्त विद्यालयों को चार श्रेणियों में बांटा गया है। पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त विद्यालयों को डी श्रेणी में रखा गया है जहां पर विद्यालय के नये भवन का निर्माण कराया जायेगा जिसका बजट राज्य सेक्टर से स्वीकृत किया जायेगा। जबकि अन्य विभिन्न श्रेणी के क्षतिग्रस्त विद्यालयों की मरम्मत आपदा मद से की जायेगी। जिसकी सैद्धांतिक सहमति वित्त एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा दे दी गई है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये कि विभागीय कार्यदायी संस्थाओं के माध्यम से क्षतिग्रस्त विद्यालयों के मरम्मत का प्रस्ताव दो सप्ताह के भीतर निदेशालय को उपलब्ध कराया जाय। इसके लिये खंड शिक्षा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्र के क्षतिग्रस्त विद्यालयों का प्रस्ताव तैयार कर संबंधित जिले के मुख्य शिक्षा अधिकारी को प्रेषित करेंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी अपनी संस्तुति के साथ प्रस्ताव शिक्षा निदेशालय को उपलब्ध करायेंगे। निदेशालय से प्रस्ताव विभाग के माध्यम से आपदा प्रबंधन विभाग को उपलब्ध करायेगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव वित्त आनंद वर्द्धन, सचिव आपदा डॉ. रंजीत सिन्हा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव विद्यालयी शिक्षा योगेन्द्र यादव, एम.एम. सेमवाल, निदेशक माध्यमिक शिक्षा सीमा जौनसारी, अपर निदेशक विद्यालयी शिक्षा आर.के. उनियाल, एम.एस.बिष्ट, नाबार्ड के महाप्रबंधक अमित पाण्डे, प्रबंधक शशांक शेखर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

कृषि मंत्री ने की अल्मोड़ा विकास भवन में जिला की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा

प्रदेश के कृषि, कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने अपने कुमाऊं दौरे के दौरान आज अल्मोड़ा विकास भवन पहुंचकर विभिन्न योजनाओं की समीक्षा की तथा अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए।
विकास भवन पहुंचने पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे ने मंत्री गणेश जोशी का पुष्प गुच्छ देकर सम्मानित किया। बैठक के दौरान मंत्री ने जनपद में मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने मंडुआ, झंगोरा, गहत, चौलाई जैसी फसलों के उत्पादन पर जोर देते हुए कहा कि यहां की परिस्थितियों के अनुसार मोटे अनाज के उत्पादन की जनपद में अपार संभावनाएं हैं, इसलिए अधिकारी इस ओर अधिक ध्यान दें। उन्होंने कहा कि मंडुवा के लिए एमएसपी (38.46 रुपए प्रति किलो) के तहत सरकारी खरीद होने से अब यह फसल किसानों के लिए आय भी अर्जित करेगी। उन्होंने कहा कि मांडुवा खरीद में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को शामिल किया जा रहा है। जिसके तहत समूह की महिलाओं द्वारा मंडुवा खरीद पर 1.5 रुपए प्रति किलो का इंसेंटिव दिया जाएगा, जिससे किसानों को अपनी फसल का उचित दाम भी घर बैठे प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर महिलाओं की आजीविका बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष को अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष के तौर पर मनाया जा रहा है, इसलिए विभागीय अधिकारी इस और अधिक लगन से कार्य करें। इस दौरान उन्होंने कृषि विभाग की विभिन्न योजनाओं की समीक्षा करते हुए योजनाओं का प्रचार तथा प्रसार बेहतर ढंग से करने के निर्देश दिए। उद्यान विभाग की समीक्षा के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश दिए कि जिले में सेब के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने एप्पल मिशन के अंतर्गत किसानों को सेब के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। साथ ही पॉलीहाउस निर्माण में भी तेजी से लाभार्थियों का चयन कर पोलीहाउस बनाने के निर्देश दिए गए।
उन्होंने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि विभागीय योजनाओं का प्रचार प्रसार जनप्रतिनिधियों के माध्यम से कराया जाए तथा जो भी विभागीय योजनाओं से संबंधित कार्यक्रम आयोजित होते हैं, उनमें जनप्रतिनिधियों को अनिवार्य रूप से आमंत्रित किया जाए। ग्राम्य विकास की समीक्षा के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने निर्देश दिए कि मनरेगा के तहत वृक्षारोपण के जो कार्य किए जाते हैं, उन पौधों की देखरेख का भी मैकेनिज्म तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके अंतर्गत फलदार पौधे का रोपण किया जाए।परियोजना निदेशक ने बताया कि इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत 216104 लक्ष्य के सापेक्ष 152992 पौधे लगाए जा चुके हैं।
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनीत तोमर, मुख्य विकास अधिकारी आकांक्षा कोंडे, डीसीबी चेयरमैन ललित लटवाल, पूर्व विधायक कैलाश शर्मा, पीडी पुष्पेंद्र सिंह समेत अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

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