न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने चेक बाउंस के आठ साल पुराने मामले में आरोपी को राहत देते हुए अपना फैसला सुनाया है। न्यायालय ने आरोपी को दोषमुक्त किया है। मामला 2015 से न्यायालय में विचाराधीन था।
दरअसल, न्यायालय में दायर वाद में यह बताया गया कि शूरवीर सिंह कंडियाल निवासी ऋषिकेश ने सतेंद्र सिंह पोखरियाल को उधारी के तौर पर 40 लाख रूपये माह दिसंबर 2012 को दिये। जिसे मार्च माह 2013 तक न लौटा पाने पर सतेंद्र सिंह ने शूरवीर को दो चेक 20-20 लाख रूपये के 28 अप्रैल 2015 के दिए। जो 08 मई 2015 को बाउंस हो गए। इसके बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन था।
जबकि आरोपी सतेंद्र सिंह पोखरियाल के अधिवक्ता शुभम राठी ने ठोस पैरवी के चलते न्यायालय के समक्ष यह साबित किया कि वादी और आरोपी के बीच किसी भी प्रकार का लेन-देन नहीं हुआ है। अधिवक्ता शुभम राठी ने न्यायालय को बताया कि सतेंद्र पोखरियाल के जानकार ने वादीपक्ष से 13 लाख रूपये उधार लिये थे, जिसमें गारंटर के तौर पर उन्होंने दो चेक दिए थे। अधिवक्ता ने न्यायालय में यह साबित किया कि उधार की 13 लाख रूपये की रकम को वापस लौटा दिया गया। मगर, वादीपक्ष ने गारंटर के चेक वापस नहीं किए।
वहीं, इस मामले में न्यायालय राजेंद्र कुमार की अदालत के समक्ष वादीपक्ष 40 लाख रूपये का लेनदेन साबित नहीं कर सका। न्यायालय ने आरोपी सतेंद्र पोखरियाल निवासी गढ़ी मयचक होशियारपुर ऋषिकेश को दोषमुक्त किया है।
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