कोर्ट ने नौ साल पुराने मामले में आरोपी को दिया संदेह का लाभ

न्यायालय न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश ने लापरवाही से वाहन चलाने के नौ साल पुराने मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आरोपी को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है। मामला वर्ष 2013 का है जो थाना ऋषिकेश में दर्ज किया गया था।

ऋषिकेश पुलिस ने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में बताया कि 05 जुलाई 2013 को विजयपाल अपने साथी सुरेंद्र सिंह राणा और धनवीर सिंह नेगी के साथ माया मार्केंट गए थे। इसी बीच ट्रक संख्या यूए08जी 9796 ने विजयपाल को जोरदार टक्कर मारी, उन्हें अस्पताल ले जाया गया, उपचार के दौरान विजयपाल की मौत हो गई। इस मामले में पुलिस ने रवित कुमार पुत्र नरपाल सिंह को चालक दिखाते हुए लापरवाही से वाहन चलाने सहित कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।

वरिष्ठ अधिवक्ता अमित अग्रवाल ने न्यायालय को इस मामले में विभिन्न तर्क दिए।
1. बताया कि पुलिस द्वारा मौके पर जो नक्शा नजरी बनाई गई, वह चश्मदीनों की गवाही के बाद विरोधाभास देखने को मिला, जो संदेहास्पद है।
2. अधिवक्ता ने न्यायालय को यह भी बताया कि आरोपी रवित कुमार पुत्र नरपाल सिंह 05 जुलाई 2013 को न ही वाहन चला रहा था और न ही घटना स्थल पर मौजूद था, ऐसे में पुलिस द्वारा यह कहना कि रवित द्वारा लापरवाही से वाहन चलाना गलत है।
3. अधिवक्ता ने न्यायालय को यह भी बताया कि साक्ष्यों में विरोधाभास है, क्यों कि एक चश्मदीन का कहना है कि घटना के बाद मौके पर ट्रक चालक को पकड़कर उसका नाम पूछा गया, जिसमें रवित नाम पाया गया, जबकि अन्य गवाहों ने कहा कि चालक को नहीं जानते और उनका नाम नहीं पूछा गया।
कोर्ट ने इन बातों पर भी विरोधाभास पाया कि मौके पर चालक का नाम पूछा गया और चालक की गिरफ्तारी दो दिन बाद पुलिस ने दिखाई।
न्यायिक मजिस्ट्रेट उर्वशी रावत ने तमाम दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने आरोपी रवित पुत्र नरपाल सिंह निवासी पिथनेडी निकट प्राइमरी स्कूल तहसील नगीना कोतवाली देहात जिला बिजनौर को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त किया है।

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