ऋषिकेश में चेक बाउंस के आठ साल पुराने मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट ऋषिकेश की अदालत ने छह माह की साधारण सजा सुनाई है। आरोपी पर न्यायालय ने दो लाख 92 हजार रूपये का जुर्माना भी लगाया है। मामला वर्ष 2014 का है।
अधिवक्ता शुभम राठी ने बताया कि अशोक कुमार तिवारी निवासी पुरानी चुंगी गैरोला नगर ज्योतिषी का कार्य करते है। उनकी परिचित रामरती पूजा पाठ का कार्य करने उनके यहां आया जाया करती थी। अधिवक्ता ने बताया कि रामरती ने अपने पति बैजनाथ की गंभीर बीमारी से पीड़ित होने की बात कहकर अशोक कुमार तिवारी से तीन लाख रूपये उधार मांगे। परिचित होने के कारण अशोक कुमार तिवारी ने महिला रामरती को तीन लाख रूपये नगद दिए।
इसके स्वरूप रामरती ने आठ हजार रूपये और दो लाख 92 हजार रूपये का चेक उन्हें 25 सितंबर 2014 को दिया। यह चेक अगले ही दिन 26 सितंबर 2014 को बाउंस हो गया। इसके बाद मामला न्यायालय में विचाराधीन रहा।
अधिवक्ता शुभम राठी की मजबूत पैरवी की बदौत न्यायधीश राजेंद्र कुमार ने यह माना कि आरोपी महिला रामरती निवासी आईडीपीएल अपने समर्थन में कोई मजबूत सबूत पेश नहीं कर पाई। साथ ही असंतोषजनक जवाब देते हुए बयानों में विरोधाभास पाया गया। इसी को आधार बनाते हुए न्यायालय ने आरोपी महिला रामरती को छह माह की सजा सुनाई है।
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