सरकार पिछड़े जिलों को संवारने को कर सकती ये

केंद्रीय आम बजट में इन जिलों में विकास कार्यो में तेजी लाने के लिए खासी धनराशि आवंटित की जा सकती है। सरकार आम बजट 2018-19 में पिछड़े जिलों के संवारने के लिए कुछ नया कर सकती है।

नीति आयोग ने देशभर में 100 से अधिक पिछड़े जिलों के विकास की योजना तैयार की है। आयोग ने इन जिलों को एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट का नाम दिया है। इन जिलों के विकास के लिए आम बजट 2018-19 में मदद के विकल्पों पर विचार हो रहा है। इन जिलों के लिए बजट में आवंटित सहायता राशि को संबंधित राज्य सरकारों के माध्यम से खर्च किया जा सकता है। इनमें झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश सहित कई प्रदेशों के पिछड़े जिले शामिल हैं। सूत्रों का कहना है कि इन जिलों के लिए खासी धनराशि आवंटित की जाएगी।

सूत्रों के अनुसार इन जिलों के विकास के लिए धनराशि देने के साथ-साथ डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान भी बनाए जाएंगे। साथ ही सामाजिक-आर्थिक विकास के अलग-अलग पैमाने पर समयबद्ध लक्ष्य तय कर इनकी रैंकिंग की जाएगी। सरकार ने इन जिलों की स्थिति सुधारने के लिए केंद्रीय मंत्रालयों में तैनात अतिरिक्त और संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को प्रत्येक पिछड़े जिले का प्रभारी अधिकारी भी बनाया है। पिछड़े जिलों में वामपंथी अतिवाद से प्रभावित जिले भी शामिल हैं।

विकास की दृष्टि से पिछड़े ये जिले सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर हैं। इसका अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन जिलों के जिलाधिकारियों के एक सम्मेलन को संबोधित किया। नीति आयोग की ओर से आयोजित किए गए दो दिवसीय सम्मेलन का थीम कान्फ्रेंस ऑन ट्रांसफॉर्मेशन ऑफ एस्पिरेशनल डिस्ट्रिक्ट्स रखा गया था। इसमें पिछड़े जिलों में स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा की स्थिति पर चर्चा कर विकास की रणनीति तैयार की गयी। सूत्रों ने कहा कि इस रणनीति को धरातल पर उतारने के लिए ही आम बजट में वित्तीय उपाय किए जाएंगे। बजट में आवंटित धनराशि का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए ही विकास के अलग-अलग मानकों पर इनकी रैंकिंग की जाएगी।