शांतिकुंज पहुंचे राष्ट्रपति, कार्यक्रम में किया प्रतिभाग

राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द अखिल विश्व गायत्री परिवार के मुख्यालय शांतिकुंज के स्वर्ण जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में देव संस्कृति विश्वविद्यालय एवं शांतिकुंज पहुंचे। इस अवसर पर राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह एवं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत भी मौजूद थे। राष्ट्रपति के देव संस्कृति विश्वविद्यालय पहुंचने पर कुलपति डॉ. चिन्मय पण्ड्या, कुलपति शरद पारधी, कुलसचिव बलदाउ देवांगन ने राष्ट्रपति का पुष्प गुच्छ प्रदान कर स्वागत अभिनन्दन किया।
विश्वविद्यालय परिसर स्थित मृत्युंजय सभागार में राष्ट्रपति, राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री के साथ देसंविवि के प्रमुख पदाधिकारियों एवं आचार्यों का सामूहिक छायाचित्र का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. प्रणव पण्ड्या ने राष्ट्रपति को शांतिकुंज स्वर्ण जयंती वर्ष के गायत्री प्रतिमा स्मृति चिन्ह, गंगाजल, देसंविवि स्वावलंबन विभाग निर्मित जूट बैग एवं पंडित राम शर्मा आचार्य द्वारा प्रतिपादित सार्वभौम प्रज्ञा योग मार्गदर्शिका भेंट किया। तत्पश्चात् राष्ट्रपति ने देसंविवि के प्रांगण में स्मृति स्वरूप रुद्राक्ष के पौधे का भी रोपण किया। राष्ट्रपति ने प्रज्ञेश्वर महादेव मन्दिर में पूजा अर्चना कर भगवान शिव का आशीर्वाद लिया। यहां विद्यार्थियों द्वारा सामूहिक वैदिक मंत्रोच्चारण कर विश्व कल्याण की प्रार्थना की गई।
राष्ट्रपति ने भारत एवं बाल्टिक देशों के संबंधों की मधुरता एवं मजबूती बढ़ाने के उद्देश्य से स्थापित एशिया का प्रथम बाल्टिक सांस्कृतिक अध्ययन केन्द्र का अवलोकन करते हुए इसके माध्यम से किये जा रहे प्रयासों और अनुसंधानों की प्रशंसा की। देव संस्कृति विश्वविद्यालय भ्रमण के दौरान यहां के मूल्यपरक शिक्षण प्रणाली, वैज्ञानिक अध्यात्मवाद, योग-आयुर्वेद, अनुसंधान, स्वावलंबन एवं विभिन्न रचनात्मक व शैक्षणिक गतिविधियों का राष्ट्रपति ने अवलोकन करते हुए विवि द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
राष्ट्रपति इसके बाद गायत्री तीर्थ शांतिकुंज पहुंचे। शांतिकुंज में उन्होंने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य एवं माता भगवती देवी शर्मा के पवित्र पावन कक्ष का दर्शन किया जहां आचार्य श्री ने विश्व मानवता के लिए साधना एवं साहित्य सृजन का महत्वपूर्ण कार्य सम्पन्न किया था। युगऋषि द्वारा 1926 से प्रज्जवलित अखण्ड दीपक का दर्शन किए, जिसके समक्ष युगऋषि ने गायत्री महामंत्र के 24-24 लाख के 24 महापुरश्चरण 24 साल तक अनवरत सम्पन्न किये। यह अखण्ड दीपक गायत्री परिजनों के श्रद्धा का केन्द्र है।

503 Service Unavailable

Service Unavailable

The server is temporarily unable to service your request due to maintenance downtime or capacity problems. Please try again later.

Additionally, a 503 Service Unavailable error was encountered while trying to use an ErrorDocument to handle the request.