मंत्री ने सचिव कृषि को किसान भवन में कॉल सेंटर स्थापित करने के भी दिए निर्देश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 14वीं किस्त जारी की। राजस्थान के सीकर से देशभर के साढ़े 8 करोड़ से अधिक किसानों के खाते में 2000 रुपए की किस्त ट्रांसफर की गई। इसी क्रम में देहरादून में आयोजित कार्यक्रम में वर्चुअल माध्यम प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी भी जुड़े। कार्यक्रम में विधायक मुन्ना सिंह चौहान जिला पंचायत मधु चौहान सचिव कृषि दीपेंद्र चौधरी कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
कृषि मंत्री गणेश जोशी ने प्रधानमंत्री का आभार प्रकट करते हुए कहा कि आज पीएम मोदी द्वारा प्रदेश के 708148 (सात लाख साठ हजार एक सौ अडतालीस) किसानों को रुपये (168.94 लाख) एक सौ अडसाठ करोड़ चौरान्वे लाख धनराशि सीधे उनके खातों में हस्तांतरित की हैं। मंत्री ने कहा भारत सरकार द्वारा किसानों को वित्तीय सहायता दिये जाने के लिए दिनांक 01 दिसम्बर 2018 से प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पी.एम किसान) योजना लागू की गई है। योजना में पात्र किसानों को प्रति वर्ष छह हजार रुपये की धनराशि दो हजार रुपये की तीन समान किस्तों में प्रदान की जा रही है। प्रदेश में योजनान्तर्गत वर्तमान में पंजीकृत सक्रीय किसानों की संख्या नौ लाख अठारह हजार है। अब तक किसान सम्मान निधि योजना के तहत जारी की गई तेरह किश्तों में प्रदेश के किसानों को रुपये दो हजार पैसठ करोड अठासी लाख धनराशि उपलब्ध करायी गयी है। कार्यक्रम के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने सचिव कृषि को देहरादून स्थित किसान भवन में कॉल सेंटर स्थापित करने के भी निर्देश दिए, ताकि किसानों को किसी भी समस्या के समाधान या जानकारी मिल सके।
मंत्री ने आगामी किश्तों का लाभ लेने के लिए सभी किसानों को मज्ञल्ब् अभिलेखों से सम्बन्धित कार्य समय पर करा ले। इसके लिए अपने निकटतम कृषि कार्यालय तथा राजस्व कार्यालय से सम्पर्क कर लें। मंत्री ने कहा केन्द्र के तर्ज पर प्रदेश सरकार द्वारा भी राज्य में मुख्यमंत्री प्राकृतिक कृषि योजनाष् प्रारम्भ की जा रही है, जिससे अधिक से अधिक क्षेत्र को प्राकृतिक कृषि के अन्तर्गत आच्छादित किया जा सके। उन्होंने कहा गंगा नदी स्वच्छता कार्यक्रम के तहत प्रदेश सरकार द्वारा ष्नमामि गंगे प्राकृतिक कृषि कोरिडोर योजनाष् प्रारम्भ की जा रही है।

इस अवसर पर विधायक मुन्ना सिंह चौहान, जिला पंचायत मधु चौहान, सचिव कृषि दीपेंद्र चौधरी, कृषि महानिदेशक रणवीर सिंह चौहान, सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अर्न्तगत श्रीअन्न के शुभारम्भ पर कृषि मंत्री ने की शिरकत

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने नई दिल्ली कृषि मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित अर्न्तराष्ट्रीय मिलेट वर्ष 2023 के अर्न्तगत श्रीअन्न के विधिवत शुभारम्भ कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में दो दिवसीय ग्लोबल मिलेट्स सम्मेलन श्री अन्न का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी ने श्रीअन्न पर किताब का विमोचन सहित सिक्का एवं पोस्ट टिकिट भी जारी किया। इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने जनसभा को भी संबोधित किया। दो दिन के इस सम्मेलन में उत्पादकों, उपभोक्ताओं और अन्य हितधारकों के बीच मोटे अनाज के प्रचार और जागरूकता सहित संबंधित मुद्दों की एक विस्तृत श्रृंखला पर सत्र आयोजित होंगे।
कृषि मंत्रियों के सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए सुबे के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश में मण्डुवा का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3578 रूपये प्रति कुन्तल निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा मोटा अनाज पौष्टिक रूप से धनी है क्योंकि इसमें उच्च मात्रा में प्रोटीन तथा विटामिन होते हैं। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि प्रदेश सरकार मिलेट्स के उत्पादन तथा विपणन को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। उन्होंने कहा प्रदेश स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत मिड-डे मील और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से बच्चों और आम जनता को मोटा अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में मिलेट्स के उत्पादन एवं विपणन को बढ़वा देने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अमृत काल के इस बजट में मिलेट्स के लिए 15 करोड़ रुपए का अलग से भी प्रावधान किया गया है। मंत्री गणेश जोशी ने भरोसा जताते हुए कहा कि इससे निश्चित ही जो किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प है वह पूरा होगा। साथ ही प्रदेश की जनता को भी इसका लाभ अवश्य मिलेगा। सम्मेलन के समापन के बाद कृषि मंत्री ने प्रर्दशनी का भ्रमण किया और मिलेट्स के क्षेत्र में कार्य करने वाली संस्थाओं से भेंट की।
इस कार्यक्रम में केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर नाइजीरिया, गम्बिया, श्रीलंका, सूडान, गुयाना, सूरीनाम, मारीशस के कृषि मंत्री तथा उत्तर प्रदेश एवं देश के कई अन्य राज्यों के कृषि मंत्री उपस्थित रहे।

कृषि मंत्री ने की विभागीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने गुरुवार को कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। मंत्री गणेश जोशी ने समीक्षा बैठक के दौरान कृषि एवं उद्यान विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। मंत्री जोशी ने मिलेट्स के व्यापक प्रचार प्रसार करने के अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कह मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने और किसानों को मोटे अनाज के उत्पादन के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को पर्यटक स्थलों में मिलेट्स मेले के माध्यम से किसानों को मिलेट्स के उत्पादन के लाभ और जानकारियां किसानों की दी जाए।

बैठक में मंत्री जोशी ने कहा मंडुवे को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से किसान के घर से क्रय किया जाय। ताकि विचोलिये खत्म हो ओर किसान को उसकी उपज का सही दाम मिल सके। बैठक में मंत्री जोशी ने अधिकारियों को प्रदेश के प्रत्येक जनपद में पीएमएफएमइ स्टोर खोलने के निर्देश दिए। साथ ही मंत्री जोशी ने फूड प्रोसेसिंग को लेकर भी अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री जोशी ने उद्यान विभाग के अधिकारियों से उद्यान विभाग द्वारा तैयार किए जा रहे सेंटर फॉर एक्सीलेंस को लेकर भी जानकारी प्राप्त की।

मंत्री ने सेंटर फॉर एक्सीलेंस के कार्यों को सुनियोजित ढंग से कार्य करने के निर्देश दिए। बैठक में मंत्री जोशी ने योजनाएं को केवल किताबों में नही धरातल पर उतारा जाए। मंत्री ने अधिकारियों को योजनाओ के क्रियान्वयन की प्रक्रिया का सरलीकरण किया जाए। ताकि योजना के लाभार्थी योजना का लाभ मिले सके। साथ ही बैठक में मंत्री जोशी ने केंद्र और राज्य सरकार की लाभान्वित योजनाओं का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार करने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया। मंत्री जोशी ने कहा कि जो सरकार का संकल्प है कि किसानों की आय दुगनी हो उस दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे है।

इस अवसर पर सचिव कृषि बीवीआरसी पुरुषोत्तम, अपर सचिव रणवीर सिंह चैहान, उद्यान निदेशक एचएस बवेजा, कृषि निदेशक गौरी शंकर सहित कई विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे निशुल्क होंगे वितरित

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि सरकार के विजन-2025 के अन्तर्गत बागवानी फसलों का उत्पादन दोगुना किये जाने के लिए कृषकों को अधिक से अधिक फलदार पौधों का वितरण कर लक्ष्य को पूर्ण किया जा सकता है और हमने राजकीय पौधालयों में उत्पादित समस्त शीतकालीन फल पौधों को कृषकों के प्रक्षेत्र में रोपण किये जाने के लिए निःशुल्क वितरित किये जाने का निर्णय लिया गया है। विदित हो कि सरकार द्वारा शीतकालीन पौंधों का निशुल्क वितरण प्रदेश में पहली बार किया जा रहा है।

मंत्री ने बताया कि राज्य में स्थापित 93 राजकीय उद्यानों या पौधालयों में मौसम वर्षाकालीन एवं शीतकालीन में विभिन्न प्रकार की फल पौध रोपण सामग्री उत्पादित की जाती है। राजकीय उद्यानों में शीतकाल में मुख्य रूप से सेब, खुमानी, आडू, प्लम, नाशपाती, अखरोट, कीवी आदि प्रजातियों के पौधे तैयार किये जाते हैं। इस वर्ष शीतकालीन में लगभग 2.60 लाख फल पौधे राजकीय उद्यानों में उपलब्ध हैं, जिनका वितरण प्रदेश भर में निशुल्क किया जाऐगा। मंत्री ने कहा कि प्रदेश की बागवानी को एक नई ऊँचाई प्रदान कर सरकार के विजन-2025 तक बागवानी के उत्पादन को दोगुना करने के लक्ष्य को सफल बनाने में सभी का सहयोग अपेक्षित है। मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में सरकार का संकल्प है कि जब राज्य निर्माण की रजत जयंती होगी, तब हमारा राज्य देश के अग्रणी राज्यों में होगा। मंत्री ने कहा कि पिछले दिनों हमने आम नागरिकों और औद्योनिक क्षेत्र में कार्य कर रहे कृषिकों के साथ चर्चा कर प्रदेश में बागवानी फसलों के उत्पादन को बढ़ाने के लिए अहम निर्णय लिये। जहां पहले सिर्फ कुछ ही वरायटी के लिए परमिशन दी जाती थी, वहीं अब एम-7, एम-9, एमएम-106 एवं एमएम-111, सीडलिंग रुटस्टाक में से जो भी बागवान को ठीक लगे, उसे वह अपने बगीचें में लगा सकता है।

विदित हो कि इस सम्बन्ध में शासन द्वारा दिनांक 16 जनवरी, 2023 को शासनादेश निर्गत किया चुका है। राज्य के समस्त कृषक या बागवान एवं इच्छुक व्यक्ति अपने प्रक्षेत्र पर फलदार पौधों के रोपण के लिए अपने जनपद में स्थापित उद्यान सचल दल केन्द्र/मुख्य उद्यान अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर निःशुल्क फल पौध प्राप्त कर रोपण कर सकते हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, अल्मोड़ा में 76 हजार, बागेश्वर में 7 हजार, पिथौरागढ़ में 18 हजार, चम्पावत में 14 हजार, नैनीताल में 25 हजार, चमोली में 10 हजार, पौड़ी में 15 हजार, कोटद्वार में 9 हजार, उत्तरकाशी में 51 हजार, टिहरी में 10 हजार एवं देहरादून 7 हजार पौंधे राजकीय पौंधालयों में शीतकालीन फल उपलब्ध हैं।

मंत्री जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग के साथ समन्वय बनाकर विसंगतियों को शीघ्र दूर करने के दिए निर्देश

कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की समीक्षा बैठक की। इस बैठक में प्रदेश के सभी जिलों के कृषि अधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

बैठक में कृषि मंत्री जोशी ने किसान सम्मान निधि में जिन किसानों की ईकेवाईसी होनी शेष है उनकी जल्द से जल्द सभी औपचारिकताएं पूर्ण करने के मंत्री जोशी ने अधिकारियों को निर्देश दिए। कृषि मंत्री जोशी ने जिला कृषि अधिकारियों से वर्चुअल माध्यम से वार्ता कर किसानों की ईकेवाईसी संबंधित औपचारिकताओं के बारे में विस्तार से जानकारी ली।

कृषि मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को राजस्व विभाग से आ रही दिक्कतों को एक सप्ताह के भीतर दूर करने के सख्त निर्देश दिए। मंत्री ने किसान सम्मान निधि में राजस्व विभाग से आ रही विसंगतियों को दूर करने के लिए अपर सचिव को प्रदेश के सभी डीएम को पत्र भेजने के निर्देश दिए। इसके साथ ही मंत्री जोशी ने सभी जिले के कृषि अधिकारियों को जिलाधिकारी के संपर्क में रहने और पटवारी को शामिल कर राजस्व से आ रही समस्या को शीघ्र समाधान करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि समीक्षा के बाद यह ज्ञात हुआ कि तहसील स्तर पर सत्यापन के कार्य न हो पाने से किसानों को दिक़्क़त हो रही है। मंत्री ने कृषि विभाग के अधिकारियो को निर्देशित किया कि न्यायपंचायत स्तर के कर्मचारियों को गाँव-गाँव जाकर किसान सम्मान निधि के पात्र व्यक्तियों का सत्यापन करे।

मंत्री जोशी ने कहा कि पूरे प्रदेश भर में किसानों को मिलने वाली किसान सम्मान निधि में अब तक 84ः किसान ईकेवाईसी की औपचारिकताएं पूर्ण कर चुके हैं। मंत्री ने कहा पिछले वर्ष सेल्फ रजिस्ट्रेशन में 1 लाख 43 हजार 266 केस पेंडिंग थे, जो अब मात्र 32 हजार केस पेंडिंग है। मंत्री ने भरोसा जताते हुए कहा कि राजस्व विभाग की सक्रियता से अब 1 सप्ताह के भीतर सभी कार्य पूर्ण कर दिए जायेंगे।

मंत्री जोशी ने कहा कि जहां देश के प्रधानमंत्री किसानों की चिंता कर रहे हैं, वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री खुद किसानों की की आय दोगुनी करने के संकल्प को पूर्ण करने के लिये प्रयत्नशील हैं। उन्होंने कहा मैं कृषि मंत्री होने के नाते लगातार इसकी मॉनिटरिंग कर रहा हूं और जो शेष कार्य है और वह शीघ्र ही पूर्ण कर लिए जाएंगे।

बैठक में अपर सचिव रणवीर सिंह चौहान, अपर निदेशक केसी पाठक सहित सभी जिलो के मुख्य कृषि अधिकारी उपस्थित रहे।

जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि मंत्री ने पतंजलि के साथ की बैठक

उत्तराखण्ड में जैविक कृषि को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के कृषि मंत्री गणेश जोशी ने पतंजलि योगपीठ के आचार्य बाल कृष्ण और प्रदेश सरकार के कृषि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में कृषि से संबंधित समस्याओं और उनके निदान में पतंजलि की भूमिका एवं सहयोग पर चर्चा की गई। बैठक में जैविक कृषि को बढ़ाने पर जोर दिया गया। आचार्य बालकृष्ण ने बताया कि जैविक कृषि के क्षेत्र में हमने काफी अग्रणी कार्य किया किन्तु उत्तराखण्ड में अभी और सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि पतंजलि जैविक प्रमाणीकरण के लिए मान्यता प्राप्त है तथा पहली ऐसी संस्था है जिसने जैविक कृषि प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाया। ज्यादा उत्पादन के लालच में किसान परंपरागत कृषि को छोड़कर रसायनों की ओर चला गया।

कृषि मंत्री गणेश जोशी प्रदेश में पतंजलि एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में बेहतर कार्य कर रहे हैं, मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि का संस्थान सौभाग्य से हमारे प्रदेश में है तो किस तरीके से हम पतंजलि के साथ मिलकर प्रदेश में एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर के क्षेत्र में क्या बेहतर कर सकते हैं, बैठक में इस पर भी चर्चा की गई। मंत्री जोशी ने कहा कि पतंजलि को दो तीन राज्यों में पायलट प्रोजेक्ट पर कार्य कर रहें है। मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि अगले 8 से 10 दिनों के भीतर एक विभागीय बैठक की जाएगी और जिसके बाद हम विचार विमर्श कर पतंजलि का अनुभव और उनका सहयोग लिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जो सपना है किसानों की आय दोगुनी करनी है, उसको हम पूरा करेंगे। साथ ही प्रदेश में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का भी लगातार एग्रीकल्चर और हॉर्टिकल्चर पर विशेष फोकस है। मंत्री जोशी ने कहा कि प्रदेश में हमारे जितने भी गार्डन है, उसको हम हॉर्टिकल्चर टूरिज्म के रूप में विकसित करने जा रहे हैं। बैठक में इस बारे में भी चर्चा की गई और निश्चित तौर पर इस प्रयास के सार्थक कदम निकल कर आएंगे।

इस अवसर पर आचार्य बाल कृष्ण, कृषि सचिव बी.वी.आरसी.पुरुषोत्तम, कृषि निदेशक गौरशंकर, निदेशक उद्यान हरमिंदर सिंह बवेजा सहित कई लोग उपस्थित रहे।

कृषि मंत्री गणेश जोशी से मिले व्यापारी, प्रदेश में मंडी शुल्क समाप्ति की मांग


नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने कृषि मंत्री गणेश जोशी को ज्ञापन सौंपा। उन्होंने कृषि मंत्री से प्रदेश में मंडी शुल्क समाप्त करने की मांग की।

नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के सदस्य कृषि मंत्री गणेश जोशी से मिले। व्यापार मंडल के महामंत्री प्रतीक कालिया ने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी से मुलाकात की गई थी। जिसमें उनसे मंडी शुल्क हटाने की मांग की गई थी। सीएम द्वारा आदेश जारी कर मंडी शुल्क एक प्रतिशत तत्काल प्रभाव से कम करने के आदेश दे दिए गए थे। लेकिन आचार संहिता लागू होने की वजह से जीओ जारी नहीं हो सका। अब नई सरकार का गठन हो चुका है, ऐसे में उत्तर प्रदेश और बिहार की तर्ज पर प्रदेश सरकार को मंडी शुल्क हटाकर व्यापारियों को राहत दिए जाने की जरूरत है। इससे प्रदेश के व्यापारी वर्ग को कोरोनाकाल के दौरान हुए नुकसान से उबरने में मदद मिलेगी।

साथ ही एक अतिरिक्त लाइसेंसी प्रक्रिया के झंझट से भी मुक्ति मिल जाएगी। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने सकारात्मक कार्यवाही का आश्वासन दिया। प्रदेश के कृषि मंत्री से मिलने वालों में श्रवण जैन,नवल कपूर, गिरीश छाबड़ा, अनिल खुराना आदि उपस्थित रहे।

उत्तराखंड में ऐरोमैटिक पौधों की खेती से रूकेगा जंगली जानवरों से खेती को नुकसान

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने राज्य में सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के बागों के पुनर्जीविकरण व विस्तारीकरण के लिए भरसार विवि और जीबी पंत विवि के कुलपतियों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए हैं। किसानों के स्किल डेवलपमेंट की योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक और माइक्रो इरीगेशन का लाभ अधिकतम गांवों तक पहुंचाना सुनिश्चित किया जाए। सूअर, बंदर आदि जंगली जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का सर्वे करते हुए अधिक प्रभावित क्षेत्रों में किसानों को राहत पहुंचाने के लिए तार-बाड़, दीवार बनाने का काम प्राथमिकता से किया जाए। सीएम आवास में आयोजित बैठक में मुख्यमंत्री ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल के साथ कृषि, उद्यान, रेशम विकास विभागों की समीक्षा की।

आधुनिकतम तकनीक से फलों की खेती को लाभप्रद बनाया जाए
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में सेब व अन्य फलों की खेती को आधुनिकतम तकनीक के उपयोग द्वारा लाभप्रद बनाया जाए। आवश्यकता होने पर दूसरी किस्मों से बदला भी जा सकता है। इसके लिए औद्यानिकी विभाग ठोस काम करे। किसानों के स्किल डेवलपमेंट के लिए योजना बनाई जाए। मुख्यमंत्री ने राज्य में सेब, नाशपाती सहित अन्य फलों के बागों के पुनर्जीविकरण व विस्तारीकरण के लिए भरसार विवि और जीबी पंत विवि के कुलपतियों की एक समिति बनाने के निर्देश दिए।

फार्म मशीनरी बैंक से जुडें अधिकाधिक गांव
मुख्यमंत्री ने कहा कि फार्म मशीनरी बैंक किसानों के लिए काफी लाभप्रद हो रहे हैं। प्रयास किए जाएं कि अधिक से अधिक गांव इसके अंतर्गत आ सकें। माइका्रे इरीगेशन पर भी विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। विभाग इसके लिए कार्ययोजना बनाए।

जंगली जानवरों से खेती को नुकसान का हो सर्वे
मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती में एक बड़ी समस्या जंगली जानवरों के कारण आ रही है। सूअर, बंदर आदि जानवरों से खेती को होने वाले नुकसान का व्यापक सर्वे किया जाए। जिन क्षेत्रों में समस्या ज्यादा गम्भीर है, वहां प्राथमिकता के आधार पर तार-बाड़, दीवार आदि बनाने का काम किया जाए।

किसान सम्मान निधि में सावधानी से हो डाटा फीडिंग
मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती का और विस्तार किए जाने की जरूरत है। जैविक उत्पादों के विपणन के लिए ग्रोथ सेंटरों का उपयोग किया जाए। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे जैविक कृषि के लिए चयनित गांवों में मानिटरिंग की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। किसान सम्मान निधि में किसी तरह की शिकायत न आए। इसके लिए डाटा फीडिंग सावधानीपूर्वक की जाए।

कृषि से जुड़ी शिक्षण संस्थान निकटवर्ती गांवों में काम करें
मुख्यमंत्री ने कहा कि कीड़ा जड़ी, मशरूम आदि उत्पादों पर रिसर्च की जाए। कृषि व औद्यानिकी से जुड़ी शिक्षण संस्थानों के छात्रों को प्रायोगिक ज्ञान के लिए निकटवर्ती गांवों में भेजे जाएं। भरसार व जीबी पंत विवि अपने निकवर्ती गांवों में कार्य करें। जल्द से जल्द चाय विकास बोर्ड की बैठक आयोजित की जाए। अधिकारी फील्ड में जाएं और वहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को दूर करें।

3 के आर्गेनिक उत्तराखण्ड आउटलेट
कृषि मंत्री श्री सुबोध उनियांल ने कहा कि प्रदेश के आर्गेनिक उत्पादों की मार्केटिंग के लिए ‘3 के आर्गेनिक उत्तराखण्ड आउटलेट’ स्थापित किए जाएंगे। यहां 3 के से तात्पर्य कृषि एवं कृषक कल्याण है। अगले 2 वर्ष में 1300 आउटलेट बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में किसानों को लाभकारी खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है। हरिद्वार में बहुत से किसानों ने गन्ने की खेती के स्थान लेमनग्रास की खेती शुरू की है। उन्हें इसकी अच्छी कीमत भी मिल रही है। एकीकृत फार्मिंग की कन्सेप्ट पर भी काम किया जा रहा है।

किसान सम्मान निधि में 8.57 लाख किसान लाभान्वित, 1444 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित
बैठक में बताया गया कि किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत पात्र 8.74 लाख कृषकों मे से 8.57 लाख कृषको को 852.04 करोड का भुगतान किया गया है। वर्ष 2017-18 से अब तक 230 कस्टम हायरिंग सेन्टर, 1444 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित हुए हैं। खाद्यान उत्पादन वृद्धि के लिए प्रदेश को निरन्तर 2 वर्ष भारत सरकार से प्रशंसा एवं कृषि कर्मण अवार्ड प्राप्त हुआ है।

परम्परागत कृषि विकास योजना में 1 लाख 95 हजार किसान लाभान्वित
परम्परागत कृषि विकास योजना में 78000 है॰ क्षेत्रफल आच्छादित हुआ, 195000 कृषक लाभान्वित हुए। उत्तराखण्ड जैविक कृषि अधिनियम 2019 लागू किया गया है, जिससे जैविक कृषि को संगठित करने में सहायता प्राप्त होगी। वर्तमान में विभाग के प्रयास से यह क्षेत्रफल बढ़कर 1.54 लाख है॰ हुआ है।

8.82 लाख कृषको को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध
वर्ष 2017-18 से वर्तमान तक जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा हेतु 94 गांव लाभान्वित हुये, जिनमें 101 कि॰मी॰ घेरबाड की गयी। प्रदेश के 8.82 लाख कृषको को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराए गए। मृदा परीक्षण की संस्तुतियों को अपनाने से रू॰ 212 करोड़ लागत के 1.17 लाख मै॰ टन॰ उर्वरकां की कम खपत हुयी जिससे रू॰ 202.00 करोड़ अनुदान की बचत हुयी। उत्पादकता वृद्धि के साथ-साथ भूमि की उर्वरकता में भी सुधार हो रहा है।

प्रदेश में 3900 जैविक क्लस्टर, नमामि गंगे में 42 ग्राम जैविक खेती के लिए चयनित
प्रदेश को जैविक प्रदेश बनाने हेतु संचालित योजना में वर्ष 2018-19 से वर्ष 2020-21 तक के लिए 3900 कलस्टरों का चयन किया गया। नमामि गंगे के तहत गंगा किनारे बसे ग्राम पंचायतों में जैविक कृषि को प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि गंगा नदी के जल को प्रदूषित होने से रोका जा सके। योजना के प्रथम चरण में वर्ष 2017-18 से गंगा बेसिन पर बसे 5 जनपदां के 42 ग्रामों को चयनित किया गया। इनमें 50 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल को स्वीकृति प्रदान की गयी है। जनपद हरिद्वार 10000 है॰, टिहरी 20000 है॰, चमोली 5000 है॰, उत्तरकाशी 5000 है॰, रुद्रप्रयाग 5000 है॰, पौडी 4500 है॰ एवं देहरादून 500 है॰ को लिया गया है। लगभग 1,25,000 कृषकों को लाभान्वित किया जायेगा।

बैठक में सचिव श्री हरबंस सिंह चुघ, विशेष सचिव मुख्यमंत्री डा. पराग मधुकर धकाते, जीबी पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. तेज प्रताप, वीर चंद्र सिंह गढ़वाली उत्तराखण्ड औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार के कुलपति डा. अजीत कुमार कर्नाटक सहित विभागीय अधिकारी और वीडियो कान्फ्रेंसिंग द्वारा जिलाधिकारी उपस्थित थे।

कृषि मंत्री की तारीफ में बोले सीएम, सुबोध उनियाल ने मंत्री रहकर नए-नए काॅसेप्ट पर किया काम

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने माजरी ग्रांट डोईवाला, देहरादून में एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना का शुभारंभ किया। उन्होंने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल को बधाई देकर कहा कि कृषि मंत्री रहते हुए उन्होंने नये-नये कॉन्सेप्ट पर काम किया है। उन्होंने कहा कि यदि कोई कार्य लगन से किया जाए तो निश्चित रूप से सफलता मिलती है। एकीकृत आदर्श ग्राम योजना एक ऐसा कॉन्सेप्ट है, जो मील का पत्थर साबित होगा। एफपीओ को बढ़ावा देने के लिए जागरूकता की आवश्यकता है। जब सभी किसान भाई जागरूक होंगे तो कृषि उत्पादन में सुधार के साथ ही किसानों की आय में बढ़ोत्तरी होगी।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्वतीय क्षेत्र में सिंचाई के साथ ही मशीनीकरण पर फोकस करने की आवश्यकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जैविक खेती उत्तराखण्ड की विशेषता है, जिसे बढ़ावा दिया जाना चाहिए। किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वैल्यू एडीशन एवं ब्रांड की आवश्यकता है। राज्य सरकार द्वारा इसके लिए एक अम्ब्रेला ब्राण्ड शीघ्र ही शुरू किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सूर्यधार झील निर्माण के बाद 29 गावों को सिंचाई एवं पेयजल के लिए गुरूत्व आधारित पानी मिल सकेगा। इसके साथ ही सिंचाई एवं पेयजल की व्यवस्था के लिए जमरानी एवं सौंग बाँध की बाधाओं को शीघ्र ही निस्तारण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल संभरण एवं संरक्षण, मानव वन्यजीव संघर्ष आदि को रोकने के लिए 10 हजार लोगों को काम पर लगाया जाएगा। इससे एक ओर लोगों को रोजगार प्राप्त होगा वहीं दूसरी ओर प्रकृति का संरक्षण हो सकेगा। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही प्रदेश में चार बंदर बाडों को शुरू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए पहले 2 लाख तक का ब्याजमुक्त ऋण दिया जा रहा था जिसे अब बढ़ाकर 3 लाख रूपए किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि एक स्वस्थ उत्तराखण्ड की परिकल्पना तभी की जा सकती है जब एक माँ और उसका बच्चा स्वस्थ हो। माँ और बच्चा स्वस्थ रह सके इसके लिए राज्य सरकार द्वारा सौभाग्यवती किट शुरू किया जा रहा है। उन्होंने उत्तराखण्ड के किसानों से कृषि के विकास के लिए वैज्ञानिक तरीके अपनाने का अनुरोध करते हुए कहा कि हमें मशीनीकरण को अपनाना होगा ताकि उत्पादन बढ़ाया जा सके।

राज्य और केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र को सुधारने का कर रही प्रयास
कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि कोरोना काल में जहां सभी क्षेत्रों में मंदी आयी है, कृषि के क्षेत्र में सराहनीय कार्य हुआ है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार एवं केन्द्र सरकार कृषि के क्षेत्र में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। राज्य को कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त हुआ है। कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने नाबार्ड के अध्यक्ष डॉ. चिंतला से उत्तराखण्ड में मैकेनाईजेशन को बढ़ावा दिये जाने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पेड़ पौधों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए नर्सरी एक्ट बनाया है, ताकि किसानों को उच्च गुणवत्ता के पेड़ पौधे मिल सकें। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जहां ऑर्गेनिक के पीछे पड़ी है, हमारा राज्य उत्तराखण्ड बाय डिफॉल्ट ऑर्गेनिक है।

सहकारिता मंत्री धनसिंह रावत ने कहा कि राज्य सरकार के द्वारा 04 लाख किसानों को ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया गया है। 12 हजार महिला स्वयं सहायता समूहों को भी 5-5 लाख रूप्ए का ऋण उपलब्ध कराया गया है।

चेयरमैन नाबार्ड डॉ जीआर चिंतला ने देवभूमि उत्तराखण्ड आगमन को अपना सौभाग्य बताते हुए कहा कि कोविड-19 की परिस्थितियों में भी कृषि क्षेत्र में बढ़ोत्तरी हुयी है। उन्होंने कहा कि नाबार्ड ग्रामीण कृषि के विकास के लिए लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के साथ ही उत्तराखण्ड को जैविक खेती पर फोकस करना चाहिए।

कृषि मंत्री ने दस रुपये भरपेट योजना का शुभारंभ किया

ऋषिकेश।
मंगलवार को दून तिराहा पर कृषिमंत्री सुबोध उनियाल ने डिवाइन भोजनालय का विधिवत शुभारंभ किया। कहा कि तीर्थयात्रियों की सेवा के लिए संस्था के इस प्रयास से अन्य जनसंगठनों को भी प्रेरणा मिलेगी। सरकार संस्था के इस काम में सहयोग का प्रयास करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भी तीर्थयात्रियों की बेहतर सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। क्लब अध्यक्ष महेश किंगर ने बताया कि भोजनालय में तीर्थयात्रियों को मात्र 10 रुपये में भरपेट भोजन दिया जाएगा। इस काम के लिए क्लब सदस्यों और समाजसेवियों द्वारा सहयोग किया गया है।
इस अवसर पर संस्था ने उनियाल के जरिए गुरु रामराय पब्लिक स्कूल के छात्र व छात्रा की मां सुनीता देवी को उनकी शिक्षा के लिए 21 हजार का चेक सौंपा। कार्यक्रम में संस्थापक अध्यक्ष ललित मोहन मिश्रा, विनोद शर्मा, राजेन्द्र सेठी, अरविन्द भट्ट, दीपेश कोहली, आशु डंग, नवीन गांधी, कपिल गुप्ता, अनुराग शर्मा, श्रेयांश जैन, हितेश सडाला, किशोर मेहता, गिरीश इचपिलानी, शिव मोहन मिश्रा, जयेंद्र रमोला, चेतन शर्मा, सुभाष कोहली, इंद्रकुमार गोदवानी, डीडी सकलानी, जितेंद्र अग्रवाल, भगतराम कोठारी, यशपाल अग्रवाल आदि मौजूद थे।