सीएम धामी ने केंद्रीय गृहमंत्री से मुलाकात कर अहम विषयों पर की वार्ता

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से पार्लियामेंट हाउस, नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय गृह मंत्री से अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों में हिम प्रहरी योजना लागू किये जाने में केंद्र से सहयोग का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड सरकार द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के जनपदों (उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, चम्पावत और ऊधमसिंहनगर के खटीमा) के ग्रामों से हो रहे पलायन को रोकने, दैवीय आपदा में राहत व बचाव कार्यों के लिये पुलिस, आईटीबीपी व एसएसबी के सहयोग से सीमा रक्षक दल/ हिम प्रहरी दलों का गठन किया जाना प्रस्तावित है। उक्त दल में सम्मिलित व्यक्तियों को प्रोत्साहन भत्ते के रूप में मानदेय प्रस्तावित है। इस पर लगभग 5 करोड़ 45 लाख रूपए का व्यय भार अनुमानित है। इसमें केंद्र का सहयोग निवेदित है।

मुख्यमंत्री ने राज्य पुलिस को और अधिक प्रभावी व आधुनिक बनाए जाने के लिये राज्य पुलिस बल आधुनिकीकरण योजना में प्रति वर्ष 20 से 25 करोड़ रूपए का बजट स्वीकृत किये जाने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अपराध से पीड़ित महिलाओं के राहत व पुनर्वास के लिये निर्भया फंड बहुत महत्वपूर्ण है। राज्य सरकार द्वारा निर्भया फंड के लिये केंद्र से 25 करोड़ रूपए का प्रस्ताव प्रेषित किया गया है। मुख्यमंत्री ने उक्त प्रस्ताव को जल्द स्वीकृत किये जाने का भी अनुरोध किया।

हरिद्वार पहुंचे अमित शाह ने लिया संतो का आर्शीवाद

केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को श्री हरिहर आश्रम, कनखल, हरिद्वार में जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामण्डलेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि से भेंट कर देव-दर्शन एवं पूजन-अर्चन किया। आचार्य महामण्लेश्वर स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने गृह मंत्री अमित शाह के साथ हिंदू धर्म आचार्य सभा के प्रमुख संत एवं शीर्षस्थ गणमान्य विभूतियों से आध्यात्मिक भेंट एवं अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की।
स्वामी अवधेशानन्द गिरि ने कहा कि राष्ट्र के सकल अभ्युदय एवं विश्व-कल्याण की मंगलकामना के लिए अमित शाह ने श्री हरिहर आश्रम पधार कर भगवान महामृत्युंजय महादेव एवं श्री पारदेश्वर महादेव के दर्शन और पूजन किये।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, राज्यसभा सांसद व भाजपा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनिल बलूनी, योगगुरु स्वामी रामदेव, गीता ज्ञान संस्थानम, कुरुक्षेत्र के प्रमुख गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानन्द, हिन्दू धर्म आचार्य सभा के संयोजक स्वामी परमात्मानन्द सरस्वती, पूज्य स्वामी निर्मलानंदनाथ महाराज, चुन चुन गिरि मठ (कर्नाटक), आचार्य कृष्णमणि, प्रमुख कृष्ण प्रणामी संप्रदाय (गुजरात-राजस्थान), महामंडलेश्वर स्वामी विश्वेश्वरानंद सरस्वती, मुंबई (सुरत गिरि बंगला, हरिद्वार), उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार, जिला अधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पांडे सहित अनेक गणमान्य विभूतियों की भी उपस्थिति रही।

अजित पवार की गुगली से भाजपा चारों खाने चित्त

महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली चार दिन पुरानी भाजपा सरकार का भविष्य मंगलवार को यहां के ट्राइडेंट होटल में हुई एक मुलाकात में तय हो गया। सुबह यह मुलाकात एनसीपी प्रमुख शरद पवार और उनके भतीजे अजीत पवार के बीच हुई। इसी मुलाकात के कुछ ही देर बाद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देने का फैसला कर लिया। फिर कुछ वक्त बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने भी अपने त्यागपत्र का एलान कर दिया। ट्राइडेंट वही होटल है, जो ग्यारह साल पहले आतंकी हमले का निशाना बना था।
सूत्रों का कहना है कि मंगलवार की सुबह अजित पवार बतौर उपमुख्यमंत्री अपनी कार से 26-11 हमले की एक स्मृति सभा में श्रद्धांजलि देने जा रहे थे, लेकिन बीच रास्ते में अचानक उन्होंने अपनी कार ट्राइडेंट के लिए मोड़ ली। इसी होटल में सीनियर और जूनियर पवार की बैठक में राकांपा सांसद सुप्रिया सुले, राकांपा विधायक दल के नेता जयंत पाटिल और प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे। राकांपा के सभी वरिष्ठ नेताओं ने अजीत को इस बात का भरोसा दिलाया कि अगर वह भाजपा का साथ छोड़कर पार्टी में वापस आते हैं तो उन्हें पहले की तरह ही प्रतिष्ठा मिलेगी। समझा जाता है कि शरद पवार ने अपने भतीजे अजित से कहा कि वह या तो अपने पद से इस्तीफा दे दें या फिर बुधवार को होने वाले शक्ति परीक्षण से किनारा कर लें।
सूत्रों का यह भी कहना है कि सीनियर पवार ने अपने भतीजे को मनाने के लिए पिछले तीन दिनों में कम से कम पांच दफा अपने दूत भेजे। वह अच्छी तरह से जानते थे कि उनके दबाव के आगे अजीत पवार झुक जाएंगे। शनिवार को जिस दिन फडणवीस और अजीत ने शपथ ली थी, शरद पवार ने सबसे पहले हसन मुशरिफ को भतीजे से मिलने के लिए भेजा था। फिर बैठक के लिए जयंत पाटिल और सुनील तटकरे को भेजा गया।

बौखलाएं नेता, कहा-जम्मू कश्मीर सियासी मसला, मिलिट्री सोल्यूशन नहीं

जम्मू कश्मीर में सुरक्षा बलों की 100 अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती के आदेश की सूचना फैलने के बाद राजनीति गरमा गई है। क्षेत्रीय राजनीतिक दल केंद्र को गलत ठहरा रहे हैं। वहीं भाजपा का कहना है कि क्षेत्रीय दलों के नेता अफवाह फैला कर लोगों में खौफ पैदा कर रहे हैं। अतिरिक्त कंपनियों की तैनाती को जनता 370 और 35-ए हटाने की प्रक्रिया से जोड़कर असमंजस में है।
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि यह कदम ठीक नहीं है। इससे लोगों के दिलों में शक पैदा हो रहा है। जम्मू कश्मीर सियासी मसला है। इसका सियासी तौर पर हल निकाला जाना चाहिए। इसका मिलिट्री सोल्यूशन नहीं है। जब तक जम्मू-कश्मीर के लोगों और पाकिस्तान को बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा, तब तक इसका हल संभव नहीं है। कुलगाम में दिए इस बयान से पूर्व महबूबा ने अपने ट्विटर पर लिखा कि घाटी में अतिरिक्त 10 हजार सैनिकों को तैनात करने के केंद्र के फैसले ने लोगों में भय पैदा की है। केंद्र सरकार को अपनी नीति पर पुनर्विचार और सुधार करना होगा।

इस बीच पीपुल्स कांफ्रेंस के सज्जाद गनी लोन ने कहा कि जब से 100 अतिरिक्त कंपनियों का आदेश वायरल हुआ है, तब से लोगों में खौफ सा पैदा हो गया है। अटकलें लगाई जा रहे हैं कि कहीं जो विशेष दर्जा उन्हें प्राप्त है, कहीं उसके साथ छेड़छाड़ की कोई साजिश तो नहीं है। लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। हिंदुस्तान के जो दुश्मन हैं, उनको तो फायदा होगा, लेकिन जिन लोगों ने संविधान के तहत शपथ ली है और जो मुख्यधारा के राजनीतिक दल हैं, उनकी साख को नष्ट करेगा। सज्जाद ने कहा कि ऐसा माहौल बन गया है कि सारे हिंदुस्तान के लोग कश्मीरियों पर हावी होना चाहते हैं। लेकिन जो ग्रेट नेशन होते हैं, वहां ऐसा तरीका नहीं होता है।
अवामी नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष मुजफ्फर अहमद शाह ने कहा कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती एक चिंता का विषय जरूर है, लेकिन 1953 से हम तैनाती देखते आए हैं। उनसे कुछ नहीं हुआ। शाह ने कश्मीर घाटी में अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती को अनुच्छेद 370 और 35-ए के हटाये जाने की ओर इशारा करते हुए कहा कि ऐसे हटाने का प्रयास गुंडागर्दी होगा। अगर केंद्र इस राज्य की विशेष पहचान को कानूनी तौर पर हटाने की कोशिश करेगी तो वह असफल रहेगी।

शाह कर्नाटक में कमल खिलाने को खेलेंगे येदियुरप्पा कार्ड!

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह का शनिवार से कर्नाटक दौरा शुरु हो गया है। पहले दिन चुनावी बिगुल फूंकते हुए शाह ने नारा दिया- अबकी बार, बीजेपी सरकार। कई गुटों में बंटी राज्य बीजेपी इकाई में जोश भरने के इरादे से शाह तीन दिवसीय दौरे पर कर्नाटक पहुंचे है। उन्होंने कहा कि राज्य बीजेपी के प्रमुख बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व में पार्टी विधानसभा चुनाव जीतेगी।
केम्पे गौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नजदीक पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शाह ने कहा, दोस्तों, हमारी पार्टी एकजुट है और आगामी दिनों में येदियुरप्पा के नेतृत्व में चुनावी लड़ाई में उतरने के लिए तैयार है। देखते रहिए हम राज्य में बीजेपी की सरकार बनाएंगे। कर्नाटक में इस वर्ष की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं जिसके लिए पार्टी ने 150 से ज्यादा सीट जीतने का लक्ष्य रखा है। सत्तारूढ़ कांग्रेस सत्ता बरकरार रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है लेकिन बीजेपी ने कहा है कि उसकी ध्रुवीकरण की राजनीति का मुकाबला करने के लिए उसने रणनीति तैयार कर ली है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुरेश कुमार ने कहा कि बीजेपी न तो लिंगायत धर्म के मुद्दे को उछालेगी न ही कांग्रेस के ध्रुवीकरण की राजनीति के खिलाफ कन्नड़ भाषा विवाद को राजनीतिक हथियार बनाएगी। वर्ष 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस राज्य की सबसे बड़े लिंगायत समुदाय के अलग धर्म का समर्थन करती है जिसे बीजेपी को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है। बीजेपी का लिंगायत धर्म समुदाय में काफी जनाधार है। कुमार ने कहा कि बीजेपी लोगों और समुदायों के बीच घृणा फैलाने के लिए भाषा के मुद्दे का भी इस्तेमाल नहीं करना चाहती। शाह का कर्नाटक दौरा पार्टी को मजबूत करने के लिए पूरे देश के 110 दिन के उनके दौरे का हिस्सा है।

नीतीश कुमार को लेकर शाह का बयान अहम माना जा रहा

बिहार में सत्ताधारी राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल यूनाइटेड की गठबंधन सरकार में जारी अंर्तकलह के बीच भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक बयान से राजनीति सरगरमी तेज हो सकती है। उन्होंने जदयू-बीजेपी गठबंधन सरकार के दिनों को याद करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके नेतृत्व की तारीफ की है। अमित शाह ने कहा, 1980 के दशक में अर्थशास्त्रियों ने बीमारू स्टेट शब्द का प्रयोग किया था, जिन राज्यों की प्रशासनिक व्यवस्था चरमरा गई थी, जिसके चलते वहां की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई थी, ऐसे ही राज्यों को बीमारू राज्य कहा गया। बीमारू राज्य में बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश। उन्होंने आगे कहा, बिहार में नीतीश कुमार जबतक बीजेपी के साथ सरकार चला रही थी, वहां विकास हो रहा था, देश-दुनिया के अर्थशास्त्री मानते हैं कि उस दौर में बिहार बिमारू राज्य से बाहर होने की कगार पर पहुंच गया था।
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में 13 साल से बीजेपी की सरकार है, ये दोनों राज्य विकसित राज्य बनने की कगार पर हैं, राजस्थान भी बीमारू राज्य से बाहर है। यूपी में हमें अभी जनादेश मिला है, पांच साल बाद इस इस राज्य की भी हालत बदल जाएगी।
नीतीश कुमार को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के इस बयान को कई मायने में अहम माना जा सकता है। दरअसल, हाल ही में लालू प्रसाद यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार का केस दर्ज होने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। जदयू और राजद नेताओं के बीच पिछले कुछ दिनों में कई बार जुबानी जंग भी हुए। इसी बीच बिहार के राजनीति गलियारे में ये भी चर्चा है कि जदयू और सीएम नीतीश कुमार लगातार तेजस्वी यादव पर मंत्रिमंडल से बाहर होने का दबाव बना रहे हैं। हालांकि आरजेडी प्रमुख लालू यादव ने तेजस्वी के इस्तीफे से साफ मना कर दिया है। इसी राजनीतिक गहमागहमी के बीच बिहार बीजेपी के अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा था कि अगर आरजेडी नीतीश कुमार का साथ छोड़ती है तो बीजेपी बाहर से समर्थन कर सरकार गिरने नहीं देगी।
वहीं अमित शाह का ताजा बयान लालू प्रसाद यादव की चिंता बढ़ा सकती है। अमित शाह दिल्ली में जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी पर लिखी किताब (श्यामा प्रसाद मुखर्जी- हिज विजन ऑफ एजुकेशन) का उद्घाटन करने पहुंचे थे, यहीं उन्होंने नीतीश कुमार और बीजेपी-जदयू सरकार के कार्यकाल की तारीफ की। कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि इसने देश भर में परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण की राजनीति की, जिसका खामियाजा देश के लोगों को भुगतना पड़ा। जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार बनी परिवारवाद, जातिवाद और तुष्टिकरण का खात्मा हो गया।

अहमद पटेल का रास्ता रोकने में भाजपा को मिली कामयाबी

बिहार में गठबंधन सरकार गिरने के बाद गुजरात में कांग्रेस को एक बडा झटका लगा है। विधानसभा में पार्टी के मुख्य सचेतक बलवंत सिंह राजपूत समेत दो अन्य विधायक तेजश्री पटेल और पी आई पटेल ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। वरिष्ठ नेता बलवंत सिंह शंकरसिंह वाघेला के समधी हैं और भाजपा की ओर से राज्यसभा उम्मीदवार बन सकते हैं। कांग्रेस वाघेला के बुने जाल में फंसती जा रही है जिसके चलते राज्यसभा चुनाव में अहमद पटेल को हार का सामना भी करना पड सकता है।
गुजरात कांग्रेस में पिछले कुछ माह से उथल पुथल के हालात हैं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी से नाराज वाघेला पहले ही पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं अब उनके समर्थक व समधी विधायक बलवंतसिंह व विधायक जयश्री पटेल ने भी पार्टी व विधानसभा से इस्तीफा सौंप दिया है। राजपूत पिछले कुछ दिनों से भाजपा अध्यक्ष अमित शाह व अन्य वरिष्ठ नेताओं के संपर्क में थे। दिल्ली में फाइनल मुलाकात के बाद गुरुवार दोपहर कांग्रेस को अलविदा कह दिया। भविष्य में और कई विधायकों के कांग्रेस छोडने की आशंका है। राष्ट्रपति चुनाव के बाद राज्यसभा में भी कांग्रेस को क्रॉसवोटिंग का सामना करना पड सकता है जिससे अहमद पटेल की जीत पर संकट के बादल मंडरा सकते हैं।
राजपूत शुक्रवार को भाजपा के तीसरे उम्मीदवार के रूप में राज्यसभा के लिए नामांकन भरेंगे। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल ने घोषणा भी कर दी है कि भाजपा विधायक चौथे उम्मीदवार के रूप में राजपूत को मत देंगे। पटेल ने यह भी कहा कि कांग्रेस में कुछ लोगों के हाथ में नेतागिरी है, अहमद पटेल लंबे समय से गुजरात से राज्यसभा के लिए चुने जा रहे हैं इस बार किसी दूसरे वरिष्ठ नेता को मौका मिलने के उम्मीद थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ जिससे कांग्रेस नेताओं में नाराजगी बढ रही है।
इस्तीफा देने के बाद राजपूत व तेजश्री ने कहा कि कांग्रेस नेता किसी की सुन नहीं रहे हैं, कुछ नेता मिलकर पार्टी को चला रहे हैं तथा अपने ही विधायकों के टिकट कटाने व हरवाने की योजना करते हैं जिससे कई विधायकों में नाराजगी है। उन्होंने काह कि पार्टी में वे लंबे समय से व्यथित थे 25 से 30 साल पार्टी के साथ रहने के बाद अब छोड रहे हैं।

राज्यसभा से नई राजनीति पारी की शुरुआत करेंगे अमित शाह

गुजरात में 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को उतारने का फैसला किया है। वरिष्ठ बीजेपी नेता जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद यह घोषणा की है। इसके साथ ही पार्टी ने संपतिया उइके को मध्य प्रदेश से राज्यसभा चुनाव में उतारने का फैसला किया है।
बता दें कि राज्य से कुल 11 राज्यसभा सदस्यों में से तीन, स्मृति ईरानी और दिलीप भाई पंड्या दोनों बीजेपी के और कांग्रेस के अहमद पटेल का कार्यकाल आगामी 18 अगस्त को खत्म हो रहा है। दरअसल राज्य में इसी साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं और ऐसे में बीजेपी संसदीय बोर्ड का यह कदम राज्य में मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बताए जा रहे अमित शाह को राज्य की राजनीति से दूर करने के स्पष्ट संकेत के तौर पर भी देखा जा रहा है।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार एवं राज्यसभा सदस्य अहमद पटेल ने भी राज्यसभा चुनावों के लिए बुधवार को नामांकन दाखिल किया। उनकी कोशिश लगातार पांचवी बार गुजरात से राज्यसभा पहुंचने की है और इसके लिए उन्होंने कांग्रेस से हाल ही बगावत कर चुके शंकर सिंह वाघेला से भी समर्थन मांगा है. हालांकि यहां कयास लगाए जा रहे हैं कि वाघेला गुट के 11 कांग्रेसी विधायक शायद ही कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन दें।
गौर करने वाली बात यह भी है कि गुजरात की 182 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के पास 121 विधायक हैं। ऐसे में बीजेपी के दोनों उम्मीदवारों की जीत पक्की मानी जा रही है। वहीं कांग्रेस को जीत के लिए 47 विधायकों के समर्थन की जरूरत होगी। उसे एनसीपी के दो और जेडीयू के एक विधायक से भी समर्थन का भरोसा है। हालांकि यहां देखना होगा कि अगर 11 बागी विधायक का बगावती तेवर बरकरार रहा तो कांग्रेस के लिए मामला कांटे का बन जाएगा।

भाजपा के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे वेंकैया नायडू

बीजेपी ने उपराष्ट्रपति पद के लिए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू के नाम पर अंतिम मुहर लगा दी है। लेकिन 31 मई को जब नायडू से उप-राष्ट्रपति उम्मीदवारी को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा था कि वह ना तो राष्ट्रपति बनना चाहते हैं, और ना ही उपराष्ट्रपति वह ऊषा के पति होकर ही खुश हैं। दरअसल, ऊषा वेंकैया की पत्नी का नाम है और नायडू ने अपनी पत्नी के नाम का उदाहरण देकर खबरों पर विराम लगा दिया था। तब नायडू के अलावा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, नजमा हेपतुल्लाह और शरद यादव सहित कई अन्य नेताओं के नाम रेस में बताए जा रहे थे। हालांकि सोमवार को अपने नाम के ऐलान से ठीक पहले नायडू ने कहा था कि पार्टी अगर उन्हें नाम पर विचार करती है तो उन्हें पार्टी का फैसला मंजूर होगा। भाजपा दक्षिण राज्यों में मजबूत होना चाहती है, इस लिए हाईकमान ने वेंकैया नायडू को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाया है।