डिबीटी के माध्यम से आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में डाली गई एक-एक हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि

दीपावली से पूर्व महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने प्रदेश में कार्यरत करीब 35 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को बड़ा तोहफा दिया है। एक और जहाँ कल मंत्री रेखा आर्या ने समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में अक्टूबर माह के मानदेय का डिबीटी के जरिये भुगतान किया तो वही आज अपने यमुना कॉलोनी स्थित शासकीय आवास पर विभागीय मंत्री ने समस्त आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के खातों में एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि का पीएफएएस के माध्यम से भुगतान किया। यह धनराशि कुल 3 करोड़ की है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार और धन्यवाद व्यक्त करते हुए कहा की आज जिस प्रकार से माननीय मुख्यमंत्री ने आंगनबाड़ी बहनों को दीपावली पर एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि की घोषणा की निश्चित तौर पर इससे हमारी आंगनबाडी बहनों का मनोबल बढेगा और वह आर्थिक रूप से मजबूत होंगी।साथ ही उन्होंने कहा की विभागीय मुखिया होने के नाते उनकी हमेशा यह कोशिश रहती है कि वह विभागीय अधिकारियो, कर्मचारियों के हित में हर संभव कार्य करें। साथ ही मंत्री रेखा आर्या ने कहा की आंगनबाड़ी बहने विभाग की एक मजबूत कड़ी हैं,आंगनबाड़ी बहनों ने कोरोना काल हो और अन्य समय पर भी विभाग के कार्यों को सफल बनाने का कम किया है।आंगनबाड़ी बहनों के प्रति माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी जी गंभीर है और आज उन्ही के प्रयासों से इस दीपावली पर हम समस्त आंगनबाड़ी बहनों के लिए प्रोत्साहन राशि वितरित कर रहे हैं।

वही इस दौरान कैबिनेट मंत्री रेखा आर्या ने विभागीय अधिकारियो क साथ बैठक भी की। बैठक में विभागीय कैबिनेट मंत्री ने सभी जिलों में बनने वाले छात्रावास, मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रो के उच्चीकरण,आंगनबाड़ी कार्यक्रर्तियों को दिया जाने वाला प्रशिक्षण सहित कई विषयो पर चर्चा की। कैबिनेट मंत्री ने इस दौरान जिलों में बनने वाले छात्रावास का जल्द प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए। कैबिनेट मंत्री ने कहा की छात्रावास के बनने से खिलाड़ियों को कई सुविधाएं मिलेगी साथ ही आंगनबाड़ी बहनों को प्रशिक्षण मिलने से विभागीय काम करने में आसानी होगी।

इस अवसर पर महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव श्री हरी चंद सेमवाल जी,उपनिदेशक एसके सिंह जी,डीपीओ श्री विक्रम सिंह जी सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

सीएम त्रिवेन्द्र ने राज्य में सेंपलिंग और टेस्टिंग बढ़ाने के दिए निर्देश

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के निर्देश पर पिछले दिनों में कोविड-19 के दृष्टिगत सर्विलांस और सेंपलिंग में काफी बढोतरी हुई है। राज्य के सभी जनपदों में आशा और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों के जरिए हर घर जाकर सर्विलांस किया जा रहा है। साथ ही जानकारी जुटाई जा रही है कि किसी व्यक्ति में कोरोना के लक्षण तो नहीं हैं। इनमें विशेष रूप से सीनियर सीटीजन और गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त लोगों की जानकारी रखी जा रही है। अधिकांश जिलों में सर्विलांस के 2 या 2 से ज्यादा राउंड हो चुके हैं। उत्तरकाशी में 4, नैनीताल, रुद्रप्रयाग, अल्मोडा, चमोली व टिहरी में 3-3, बागेश्वर, चम्पावत, पौङी व ऊधमसिंह नगर में 2-2 और पिथौरागढ़, देहरादून व हरिद्वार में 1-1 राउंड सर्विलांस का किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने इस प्रक्रिया को आगे भी लगातार करते रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी गम्भीरता से सर्विलांस करने और इससे प्राप्त जानकारियों के आधार पर जरूरी कदम उठाने को कहा है।

मुख्यमंत्री ने सेम्पलिंग और टेस्टिंग को भी बढाने के निर्देश दिये हैं। राज्य में सेम्पलिंग में लगातार वृद्धि हो रही है। इस सप्ताह औसतन 2487 सेम्पल प्रतिदिन लिए गए जबकि पिछले सप्ताह यह औसत 1660 प्रतिदिन था। प्रति मिलियन जनसंख्या पर सेम्पलिंग का औसत बढ़कर 9981 हो गया है जो कि राष्ट्रीय औसत से कुछ ही कम है। एक सप्ताह में इसके राष्ट्रीय औसत से ऊपर जाने की पूरी संभावना है। चम्पावत, देहरादून, नैनीताल, पौङी और रुद्रप्रयाग में सेम्पलिंग, राष्ट्रीय औसत से अधिक है। टेस्टिंग और सेम्पलिंग को बढाने के लिए जिलाधिकारियों को प्राईवेट लेब का भी उपयोग करने को कहा गया है। जिलों में ट्रूनाट मशीनें और एंटीजन टेस्टिंग किट भी उपलब्ध करवाई गई हैं। राज्य में वर्तमान में 342 डेडिकेटेड कोविड केयर सेंटर हैं जिनमें 23436 बेड की क्षमता है। इनमें से 22762 अभी खाली हैं। कोविड फेसिलिटी में आईसीयू बेड 338, वेंटिलेटर 243 और ऑक्सीजन सपोर्ट बेड 1197 हैं। इनकी संख्या में भी लगातार वृद्धि की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पिछले कुछ दिनों में पाजिटिव मामलों में वृद्धि देखी गई है। परंतु स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। सर्विलांस और टेस्टिंग व सेम्पलिंग पर फोकस किया जा रहा है। सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति को समय पर उचित इलाज उपलब्ध हो।