प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को कैरियर के सम्बन्ध में परामर्श देने के निर्देश-मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश के सरकारी स्कूलों में कैरियर काउंसलिंग की व्यवस्था शुरू किए जाने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक बच्चे को कैरियर के सम्बन्ध में परामर्श दिया जाए।
मुख्य सचिव ने कहा कि प्रदेश के प्रत्येक बच्चे की काउंसिलिंग सुनिश्चित हो सके इसके लिए प्रोफेशनल कैरियर काउंसलर की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इसके लिए बच्चों में रुचि और कौशल को जांचने हेतु परीक्षा और उसके परिणाम के उपरांत परामर्श उपलब्ध करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि यह परामर्श भौतिक रूप से, दूरस्थ क्षेत्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम या किसी एक कॉमन सेंटर में बच्चों को बुलाकर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि 8वीं कक्षा से ऊपर सभी बच्चों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्रदेश को आवासीय विद्यालयों से संतृप्त किया जाए। उन्होंने कहा कि छात्रावासों को विद्यालयों के भाग के रूप में ही तैयार किया जाए। उन्होंने कहा कि ऐसे दूरस्थ क्षेत्र जहां सड़कों एवं आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण उत्कृष्ट विद्यालय में शामिल नहीं किया जा सकता, ऐसे स्कूलों के पास लगे कस्बों और छोटे शहरों में आवासीय विद्यालय तैयार किए जाएं। इससे इन दूरस्थ क्षेत्रों के बच्चे भी हॉस्टल में रहकर गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए बजट की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्य सचिव ने प्रदेश के प्रत्येक जनपद में 2, 3 मॉडल लैब भी तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन मॉडल लैब को टॉप क्लास का बनाया जाना है। उन्होंने कहा कि छात्रों को रोस्टर के आधार पर इन प्रयोगशालाओं में भेजा जाए। प्रत्येक छात्र को प्रयोगात्मक कार्य करने का अवसर प्रदान किया जाए। उन्होंने कहा कि यह प्रयोगशालाएं आसपास के स्कूलों के सभी बच्चे प्रयोग कर सकें, इसके लिए कौन से स्कूल को किस प्रयोगशाला में जाना है इसका रोस्टर भी तैयार किया जाए।
इस अवसर पर सचिव रविनाथ रमन एवं महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

सरकार प्रदेश में खोलने जा रही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय

शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने रविवार को श्री भरत मंदिर इंटर कॉलेज में हरेला पर्व अस्कोट से आराकोट कार्यक्रम के तहत पौधारोपण किया। इसके बाद शिक्षकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के अभाव में पलायन न हो। इसके लिए जल्द ही अंग्रेजी माध्यम के अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोले जाएंगे। इन विद्यालयों में एनसीईआरटी का पैटर्न लागू होगा। इस विद्यालय में करोड़पति से लेकर गरीब तबके के आदमी का बच्चा भी शिक्षा लेगा। शिक्षा का बाजारीकरण किसी कीमत में नहीं होगा। यदि प्राइवेट स्कूल इसका उल्लंघन करते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पौधारोपण कार्यक्रम के दौरान विस अध्यक्ष प्रेमचंद्र अग्रवाल भी मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि भारत फिर से विश्वगुरू बनने जा रहा है। इसके लिए उन्होंने मौजूदा सभी लोगों को शुभकामनाएं दी। शिक्षकों का वास्तविक सम्मान तभी होगा। जब उनका पढ़ाया हुआ विद्यार्थी एक दिन बड़े मंच पर जाकर कहे कि मैं आज जो कुछ भी हूं। अपने शिक्षक की बदौलत हूं। उन्होंने पौधारोपण को आवश्यक बताते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने बेटे के जन्म पर पौधारोपण करना चाहिए। इससे बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होगा, वैसे ही वह पौधा भी बड़ा होगा और यादगार रहेगा। कहा कि प्रकृति स्वच्छ रहेगी तो मानव भी स्वस्थ रहेगा।

प्रकृति संरक्षण को हरेला एकमात्र त्योहारः स्पीकर
ऋषिकेश। कार्यक्रम के दौरान स्पीकर प्रेमचंद अग्रवाल ने किया कि लोकपर्व हरेला दुनिया में ऐसा एकमात्र त्योहार होगा जिसमें जीवों के कल्याण के साथ ही प्रकृति संरक्षण की कामना भी की जाती है। पेड़ लगाने और पर्यावरण बचाने की संस्कृति की ऐसी सुंदर झलक देवभूमि उत्तराखंड में ही दिखती है। उन्होंने कहा की उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला पूरी दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग के खिलाफ लड़ने का संदेश देता है।