समावेशी प्रबंधन-राज्य की जनता पर कोई नया कर नहीं, फिर भी आय बढ़ने का अनुमान

वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने बुधवार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए भराड़ीसैंण विधानसभा में 77407.08 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। पिछले वर्ष की तुलना में यह 18.05 प्रतिशत अधिक है। पुरानी परंपरा को कायम रखते हुए सरकार ने कोई कर नहीं लगाया। बजट में सरकार ने 76592.54 राजस्व प्राप्ति का अनुमान लगाया है।
राजस्व खाते में 52747.71 करोड़ की व्यवस्था की गई है, जबकि पूंजीगत कार्यों पर सरकार 24659.37 करोड़ रुपये खर्च करेगी। पिछले वर्ष की तुलना में यह 21.16 फीसदी अधिक है। बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। वित्तीय वर्ष में 4309.55 करोड़ रुपये का राजस्व सरप्लस संभावित है। गत वर्ष से अधिक 9046.91 करोड़ में राजकोषीय घाटा होने का अनुमान है, जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद का 2.72 प्रतिशत है।
उत्तराखंड का बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि 2025 में उत्तराखंड को देश का अग्रणीय राज्य बनाने की दिशा में सरकार का यह बजट अहम भूमिका निभाएगा। वित्त मंत्री द्वारा पेश किए गए उत्तराखंड के बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने सश्क्त उत्तराखंड बनाने का संकल्प लिया है। इसी दिशा में बजट को तैयार किया गया है।
वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि उत्तराखंड को पर्यटन के क्षेत्र में नंबर वन बनाएंगे। उन्होंने स्थानीय उत्पादों के निर्यात को सरकार की पहली प्राथमिकता बताई। उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड को भ्रष्टाचार मुक्त बनाने की बात कही गई।

उत्तराखंड के युवा नौकरी देने वाले बनेंगे-वित्त मंत्री
वित्त मंत्री प्रेमचंद ने कहा कि बजट में युवाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। अब प्रदेश का युवा नौकरी करने वाला नहीं बल्कि नौकरी देने वाला बनेगा। बजट में स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट के मुख्य अंश-
लोक सेवा आयोग की तैयारी के लिए 50 हजार।
बजट में युवा शक्ति पर विशेष फोकस किया गया है।
मुख्यमंत्री प्रतिभा प्रोत्साहन के लिए 11 करोड़ का प्रावधान
भर्तियों में घोटाला करने वालों के खिलाफ कड़े कानून।
एनसीसी कैडेट का भत्ता बढ़ाया।
पिछड़ी जातियों की छात्राओं के लिए एक करोड़ 90 लाख छात्रवृत्ति का प्रावधान।
2025 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ बनाने की दिशा में काम।
जी-20 के लिए 100 करोड़ का प्रावधान।
बालिका साइकिल योजना के लिए 15 करोड़ का प्रवाधान।
उत्तराखंड का युवा नौकरी करेगा नहीं बल्कि देगा।
स्वरोजगार योजना के लिए 40 हजार करोड़ का प्रावधान।
चिकित्सा शिक्षा पर विशेष फोकस

इन बिंदुओं पर विशेष जोर-
मानव पूंजी में निवेश पर जोर दिया गया।
समावेशी विकास के तहत अंतिम छोर तक खड़े व्यक्ति तक विकास को पहुंचाना और नए अवसर का उपयोग करने के लिए प्लेटफॉर्म देना।
स्वास्थ्य सुविधाओं की सुविधा।
पूंजीगत व्यय में सार्वजनिक संपत्ति का संवर्धन एव संरक्षण।
निर्बाध एवं सुरक्षित संयोजकता।
प्रोद्योगिक एवं आधुनिक विकास।
इकोलॉजी एवं इकोनॉमी में संतुलन।
जोशीमठ भू-धंसाव क्षेत्र के लिए एक हजार करोड़ का प्रावधान।
स्वरोजगार, शिक्षा, कनेक्टिविटी, हेली कनेक्टिवटी, सौर ऊर्जा, युवा, खेती किसानी, पर्यटन पर जोर।
अनुसूचित जनजाति के छात्रों को मिलेंगी फ्री किताबें
नवंबर माह से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का मानदेय बढ़ाया जाएगा।

कांग्रेस विधायकों ने मेज तोड़ी और गोले फेंके तो स्पीकर ने किया सभी को निलंबित

उत्तराखंड विधानसभा में मंगलवार को विपक्षी कांग्रेस सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव को निरस्त किए जाने के अध्यक्ष ऋतु खंडूरी के निर्णय का विरोध करते हुए जमकर हंगामा काटा। इसके कारण विधानसभा की कार्यवाही ​कई बार स्थगित हुई और 15 विधायकों को दिनभर के लिए निलंबित कर दिया गया। प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में जारी बजट सत्र के दूसरे दिन शून्य काल में जसपुर से कांग्रेस सदस्य आदेश चौहान ने उधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का मामला सदन में रखा था जिसे अध्यक्ष ने अदालत में विचाराधीन होने की सरकार की रिपोर्ट का हवाला देते हुए निरस्त कर दिया। इस निर्णय से असंतोष जताते हुए कांग्रेस के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के सामने पहुंच गए। सुरक्षाकर्मियों के उन्हें रोकने के बावजूद कई सदस्य इस दौरान धक्कामुक्की पर उतर आये जिसके कारण विधानसभा के प्रभारी सचिव हेम चंद्र को अपना आसन छोड़कर उठना पड़ा। इसके बाद भी सदस्य, ​सचिव की मेज पर चढ़कर अपना आक्रोश व्यक्त करते रहे। चौहान के साथ ही हरिद्वार के पिरान कलियर से कांग्रेस सदस्य फुरकान अहमद भी मेज पर चढ़कर हंगामा करने लगे। उन्होंने विधानसभा की नियमावली की किताब फाड़ कर सदन में कागज भी फेंके।
इस दौरान, अध्यक्ष सदस्यों को शांत रहने और अपनी सीट पर बैठने की अपील करती सुनाई दीं लेकिन जब उनकी बात नहीं सुनी गयी तो उन्होंने हंगामे में शामिल सभी विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया और सदन की कार्यवाही दोपहर तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
संवाददाताओं से बातचीत में खंडूरी ने सदन में सदस्यों के उग्र प्रदर्शन को गलत बताते हुए कहा कि सदन में मेज को तोड़ना और विधानसभा के प्रभारी सचिव को धक्का देना बिल्कुल स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर उनके निर्णय को लेकर सदस्यों को किसी तरह की समस्या थी तो इसे बातचीत कर सुलझाया जा सकता था लेकिन बातचीत के बजाय सदन के अंदर उग्र प्रदर्शन किया गया जो सही नहीं है। खंडूरी ने कहा, प्रभारी सचिव को धक्का देने, उनकी मेज पर चढ़ने और नियमावली पुस्तिका को फाड़ने के बजाय विधायक अलग से मेरे पास आ सकते थे। इस हंगामे में वरिष्ठ विधायक भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदस्यों का व्यवहार कल भी राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान सदन की गरिमा के अनुरूप नहीं था और आज भी उन्होंने इसे दोहराया। इस व्यवहार को गलत बताते हुए अध्यक्ष ने कहा कि इसीलिए सभी सदस्यों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया।
तीन बजे के बाद कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर भी निलंबित विधायकों ने सदन नहीं छोड़ा और हंगामा किया जिसकी वजह से कार्यवाही चार बार और स्थगित करनी पड़ी। पांच बार स्थगित होने के बाद शाम पांच बजे सदन की कार्यवाही राज्यपाल के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के साथ आरंभ हुई लेकिन विधायक फिर अध्यक्ष के आसन के सामने आकर नारेबाजी करने लगे।