मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में इंडस्ट्रीज एसोसिएशन आफ उत्तराखण्ड सहयोगी बनेगा

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कोविड की परिस्थितियों में उद्योगों की समस्याओं पर इंडस्ट्रीज एसोसियेशन आफ उत्तराखण्ड के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि कोविड-19 से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए उद्योगों का निर्बाध संचालन सुनिश्चित किया जाए। सरकार का दायित्व है कि कोई भी औद्योगिक इकाई बंद न हो। आत्मनिर्भर भारत में उद्योग जगत प्रमुख सहयोगी है। उन्हें यथासम्भव सहायता दी जाएगी। सचिवालय में इंडस्ट्रीज एसोसियेशन ऑफ उत्तराखण्ड के साथ बैठक करते हुए मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को उद्योगों से संबंधित समस्याओं का समयबद्धता से निस्तारण करने के निर्देश दिए।

आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने में उद्योगो का सहयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में सिस्टम को निवेश और उद्योगों के अनुकूल बनाने के लिए पिछले तीन वर्षों में बहुत से सुधार किए गए हैं। प्रमुख उद्योगपतियों, औद्योगिक संगठनों और विशेषज्ञों के सुझाव पर अनेक नीतियों का निर्माण किया गया है। कोविड की परिस्थितियों से अर्थव्यवस्था को दुबारा पटरी पर लाने के लिए सरकार और उद्योग जगत को मिलकर काम करना होगा।

होप पोर्टल से मिल सकते हैं उद्योगों को आवश्यकानुसार मानव संसाधन

प्रदेश में आने वाले लोगों की स्किल मैपिंग करते हुए उनका होप पोर्टल पर पंजीकरण किया गया है। श्रमिकों के चले जाने से समस्या का सामना करने वाले उद्योगों को यहां से उनकी आवश्यकतानुसार मानव संसाधन उपलब्ध हो सकते हैं।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में उद्योग जगत बनेगा सहयोगी

इंडस्ट्रीज एसोसियेशन ऑफ उत्तराखण्ड के अध्यक्ष पंकज गुप्ता ने राज्य में उद्योगों के सुचारू संचालन के लिए विभिन्न सुझाव देते हुए कहा कि एसोसियेशन के सदस्य मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए तत्पर हैं। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना राज्य के युवाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए बहुत महत्वपूर्ण येजना है। इंडस्ट्रीज एसोसियेशन इस योजना से जुड़ना चाहती है। इस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें अपने सदस्यों की सूची उद्योग विभाग को उपलब्ध कराने के लिए कहा।

ई-पोर्टल अमेजन पर राज्य के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद उपलब्घ

इससे पूर्व राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य के हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पादों को ई-पोर्टल अमेजन के माध्यम से ऑनलाईन बिक्री किये जाने का विधिवत शुभारम्भ किया। ई-पोर्टल अमेजन के माध्यम से उत्तराखण्ड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के अंतर्गत ‘हिमाद्री’ ब्रांड से अभी लगभग राज्य के प्रमुख 150 हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद ऑनलाईन बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे। उत्पादों की गुणवत्ता, मानकीकरण और पैकेजिंग पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने भूमि खाताधारक के साथ पत्नी का नाम भी शामिल करने का दिया सुझाव

(एनएन सर्विस)
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की अध्यक्षता में आज को मुख्यमंत्री आवास में ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग की तीसरी बैठक आयोजित की गई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा प्रस्तुत जनपद टिहरी की रिपोर्ट का विमोचन किया।
मुख्यमत्री ने कहा कि कोविड-19 के दृष्टिगत प्रदेशवासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करना हमारी शीर्ष प्राथमिकताओं में हैं। यह भी आकलन किया जाय कि उत्तराखण्ड में जो प्रवासी उत्तराखण्डी आये हैं, उनमें से कितने लोग प्रदेश में रहकर ही रोजगार करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के लिए महिलाओं को बैंक से लोन लेने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए भूमि खाताधारक के साथ उनकी पत्नी का नाम भी शामिल किया जाय।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत प्रदेशवासियों को विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराये जायेंगे। इसकी भी पूरी स्टडी की जाय कि किन क्षेत्रों में कार्य करने के लिए लोग अधिक रूचि दिखा रहे हैं। लोगों की आमदनी में कैसे वृद्धि की जा सकती है, किन क्षेत्रों में रोजगार की अधिक सम्भावना है। इसकी पूरी स्टडी की जाय। जो गांव अभी तक सड़क की सुविधाओं से नहीं जुड़ पाये हैं और जिन गांवों में पेयजल की समस्या है, उनको भी चिन्हित किया जाय। हमें स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उसकी, पैकेजिंग एवं मार्केटिंग की दिशा में भी विशेष प्रयास करने होंगे। ग्रामीण क्षेत्र की योजनाओं एवं जन कल्याणकारी योजनाओं की दिशा में और तेजी से कार्य करने की जरूरत है। चाल-खाल के निर्माण की दिशा में राज्य में तेजी से कार्य हो रहे हैं। जल स्रोतों के पुनर्जीवन की दिशा में हमें प्रयास करने होंगे।
उपाध्यक्ष ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग डॉ. एस.एस.नेगी ने अवगत कराया कि आयोग द्वारा अब तक तीन रिपोर्टें राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई हैं, जिसमें पलायन को कम करने हेतु सिफारिशें दी गई हैं। आयोग द्वारा जनपद अल्मोड़ा के ग्राम पंचायतों में पलायन के विभिन्न पहलुओं पर अंतरिम रिपोर्ट जून 2019 प्रस्तुत की गई। सितम्बर 2019 में ग्राम्य विकास के क्षेत्र में योजनाओं एवं कार्यक्रमों का विश्लेषण एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए आयोग द्वारा सिफारिशें राज्य सरकार को प्रस्तुत की गई। जनपद पिथौरागढ़ के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र में सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने से संबंधित रिपोर्ट आयोग द्वारा अक्टूबर 2019 में सरकार के समक्ष प्रस्तुत की गई।
ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग द्वारा आज जनपद टिहरी गढ़वाल के ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। आयोग द्वारा विभिन्न क्षेत्रों का भ्रमण कर बैठकें आयोजित की गई एवं स्थानीय नागरिकों से संवाद किया गया। जनपद टिहरी की रिपोर्ट में विकास खण्डवार सामाजिक-आर्थिक आंकड़ों का विश्लेषण एवं रूझान, पलायन की स्थिति, वर्तमान ग्रामीण सामाजिक-आर्थिक विकास कार्यक्रमों के बारे में विश्लेषण तथा सिफारिशें की गई हैं।
बैठक में जानकारी दी गई कि आगामी वर्ष में जनपद चमोली, रूद्रप्रयाग एवं बागेश्वर के ग्रामीण क्षेत्रों में पलायन और सबंधित आर्थिक एवं सामाजिक मुद्दों के विभिन्न पहलुओं का विश्लेषण कर सामाजिक-आर्थिक विकास को सुदृढ़ बनाने एवं पलायन को कम करने पर रिपोर्ट तैयार की जायेगी। कोविड-19 के प्रकोप के बाद उत्तराखण्ड राज्य में पर्वतीय जनपदों में घर लौटे प्रवासियों के आर्थिक पुनर्वास हेतु सिफारिशें राज्य सरकार को प्रस्तुत करना आयोग की प्राथमिकता है।

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