राज्य के विकास के लिए धामी ने मांगा राजनाथ सिंह का सहयोग

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह जी से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्री से सामरिक महत्व को देखते हुए टनकपुर-बागेश्वर रेल लाईन ब्राडगेज (बीजी) की स्वीकृति के लिये रक्षा मंत्रालय के स्तर से भी संस्तुति करने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने जखोली, रुद्रप्रयाग में स्वीकृत सैनिक स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं के लिए एमओयू में संशोधन करते हुए केन्द्रीय सहायता का भी अनुरोध किया।

सामरिक महत्व के दृष्टिगत टनकपुर-बागेश्वर ब्राडगेज लाईन जरूरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के क्षेत्रीय सामाजिक सांस्कृतिक तथा पर्यटन के विकास और सामरिक दृष्टिकोण से रेल मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा टनकपुर और बागेश्वर के बीच नैरोगेज रेलवे लाईन हेतु सर्वे का आदेश निर्गत किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नैरोगेज रेलवे लाईन से न तो सामरिक महत्व के मसले हल होंगे और न ही यहां की यातायात व अन्य मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति होगी। यह लाईन ब्राडगेज में होनी चाहिये। चीन और नेपाल की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित होने के कारण यह रेल लाईन सामरिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही यह नये व्यापार केन्द्रों को भी जोड़ेगी। मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री से उनके स्तर से भी टनकपुर-बागेश्वर ब्राडगेज लाईन की स्वीकृति के लिये संस्तुति किये जाने का अनुरोध किया।

जखोली, रुद्रप्रयाग में स्वीकृत सैनिक स्कूल की अवस्थापना सुविधाओं के लिए केन्द्रीय सहायता का अनुरोध
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अवगत कराया कि उत्तराखण्ड राज्य में एक अतिरिक्त सैनिक स्कूल जखोली, जनपद रुद्रप्रयाग में खोले जाने की स्वीकृति प्रदान की गयी थी। इसके लिए रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार तथा उत्तराखण्ड राज्य के मध्य एमओयू किया गया था। सैनिक स्कूल की स्थापना हेतु उत्तराखण्ड राज्य द्वारा अवस्थापना संबंधी सुविधायें उपलब्ध कराई जानी थी। मुख्यमंत्री ने राज्य के सीमित वित्तीय संसाधनों को देखते हुए एमओयू में संशोधन करते हुए अवस्थापना विकास हेतु वित्तीय सहायता भारत सरकार द्वारा प्रदान किये जाने का आग्रह किया।

बीआरओ द्वारा निर्मित उत्तराखंड के आठ पुल हुए राष्ट्र को समर्पित

केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 7 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा बनाए गए 44 पुलों को राष्ट्र को समर्पित किया। रक्षा मंत्री ने अरूणाचल प्रदेश के तवांग मार्ग में नेचीफु सुरंग की आधारशिला भी रखी। राष्ट्र को समर्पित किए गए पुलों में उत्तराखण्ड में 08, अरूणाचल प्रदेश में 08, हिमाचल प्रदेश में 02, जम्मू कश्मीर में 10, लद्दाख में 08, पंजाब में 04 और सिक्किम में 04 पुल शामिल हैं। इन 44 पुलों का कुल स्पान 3506 मीटर है। उत्तराखण्ड के 08 पुलों का कुल स्पान 390 मीटर है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि एक साथ इतने पुलों का उद्घाटन और सुरंग की आधारशिला रखना बहुत बड़ा रिकार्ड है। इससे सीमावर्ती क्षेत्रों में कनेक्टीवीटी और विकास का नया युग प्रारम्भ होगा। देश में कोविड-19 में सभी क्षेत्र प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान व चीन के साथ हमारी बड़ी सीमा मिलती है, जहां तनाव बना रहता है। हम प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इन सभी समस्याओं का सफलतापूर्वक सामना कर रहे हैं। हाल ही में अटल टनल का उद्घाटन किया गया था। सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा के साथ ही विकास में बीआरओ की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। इन पुलों के बनने से स्थानीय आकांक्षाओं की पूर्ति होगी और सेना तक आवश्यक सामग्री पहुंचानें में मदद मिलेगी। सामरिक आवश्यकताओं को पूरा करने में इनकी बड़ी उपयोगिता है। इससे दूरदराज के क्षेत्र, विकास की मुख्यधारा से जुड़ सकेंगे। केंद्रीय मंत्री ने बीआरओ की सराहना करते हुए कहा कि पिछले 4-5 वर्षों में बीआरओ के बजट को लगभग तीन गुना किया गया है। हमें इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने देश के सीमावर्ती क्षेत्रों में 44 पुलों के निर्माण के लिए रक्षा मंत्री का आभार व्यक्त करते हुए बीआरओ के अधिकारियों, इंजीनियरों और सभी कार्मिकों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। उत्तराखण्ड में बनाए गए पुलों से कैलाश मानसरोवर यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों को भी सुविधा होगी। इसका क्षेत्र की आर्थिकी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। पिथौरागढ़ में पुलों की लम्बे समय से मांग थी और सपना जैसा लगता था। आज क्षेत्रवासियों का ये सपना साकार हुआ है। ऐसे दुर्गम क्षेत्रों में कम समय में पुलों का उच्च गुणवत्ता के साथ निर्माण पूरा करना सरकार की प्रतिबद्धता और बीआरओ की कुशलता को बताता है।