कार से पकड़ी 1 लाख 30 हजार की नकदी

मुनिकीरेती थाना निरीक्षक रितेश साह ने बताया कि विधान सभा चुनाव के मद्देजनर आचार संहिता लागू है। लिहाजा विभिन्न चौकी बैरियर पर सघन चेकिंग के अभियान चलाया जा रहा है। इसी के तहत गुरूवार सुबह पुलिस और एसएसटी टीम ने भद्रकाली चौकी बैरियर पर कार आरजे 17सीबी 5322 को चेकिंग के लिए रोका। कार के अंदर बैग से 1 लाख 30 की नकदी मिली। कार चालक मुर्तजा पुत्र आबिद भाई निवासी भवानी मंडी, जिला झााला वार्ड राजस्थान से नकदी के बारे में पूछताछ की गई। वह नकदी के लेन-देन से संबंधित दस्तावेज नहीं प्रस्तुत कर पाया। लिहाजा नकदी को टीम ने जब्त कर राजकोष में जमा करवा दिया है। टीम में एसएसटी टीम प्रभारी सुखपाल सिंह बिष्ट, उपनिरीक्षक विकास शुक्ला, कांस्टेबल पुष्कर सिंह शामिल रहे।

प्रशासन ने खुले में चुनावी रैली को कहा ना, आवेदन किए निरस्त

कोविड और आचार संहिता का कड़ाई से पालन कराने को निर्वाचन आयोग पूरी तरह से मुस्तैद है। खुले मैदान में चुनावी जनसभा की अनुमति के लिए प्रत्याशी तहसील में लिखित अर्जी दे रहे हैं। लेकिन प्रशासन कोविड का हवाला देकर अर्जी को निरस्त कर रहा है। कवर्ड एरिया में चुनावी कार्यक्रम करने की नसीहत दी जा रही है।
केंद्रीय जिला निर्वाचन आयोग से विधानसभा चुनाव 2022 में जारी गाइड लाइन में चूक नहीं हो, इसके लिए पुलिस और प्रशासन सख्त कदम उठा रहे हैं। तहसील में चुनावी प्रचार के तहत जनसभा, जनसंपर्क आदि की अनुमति लेने के लिए तहसील में आवेदन पत्र आ रहे हैं। जिन्होंने जनसभा का स्थान कवर्ड एरिया में रखा है, उन्हें अनुमति मिल रही है।
कवर्ड एरिया से बाहर खुले मैदान में जनसभा की अनुमति को प्रशासन निरस्त कर रहा है। रिटर्निंग अधिकारी अपूर्वा पांडेय ने बताया कि बुधवार सुबह भाजपा और कांग्रेस ने जनसभा के लिए आवेदन पत्र दिया था। आवेदन पत्र में जनसभा का स्थान खुले मैदान में होने के कारण स्थगित कर दिया गया। कोविड गाइड लाइन के चलते खुले में जनसभा नहीं हो सकेगी। कवर्ड एरिया में भी 500 से अधिक लोगों के एकत्रित होने पर पाबंदी है। उल्लंघन करने पर संबंधित को नोटिस जारी करने के साथ ही कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

चुनाव आयोग की टीम मुस्तैद
ऋषिकेश विधानसभा क्षेत्र में चुनाव के मद्देनजर कहीं शराब, तो कहीं कपड़े और पैसे बटने की ऑनलाइन शिकायतें मिल रही हैं। ऐसी सूचनाओं पर एफएसटी और एसएसटी की टीम कार्रवाई के लिए दौड़ पड़ती हैं, लेकिन अधिकतर मामलों में शिकायतों की पुष्टि नहीं हो रही। बुधवार सुबह भी ऋषिकेश के मायाकुंड क्षेत्र में एक राजनीतिक दल के छोटे होर्डिंग और झंडे जगह-जगह लगने की शिकायत मिली। निर्वाचन टीम मौके पर पहुंची और चुनाव प्रचार से जुड़ी सामग्री को हटाया गया।

केन्द्रीय बजट में मोदी ने रखा उत्तराखंड का ध्यान

केंद्रीय बजट में चुनावी माहौल में पहाड़ को लुभाने की कोशिश की गई है। पर्वत माला प्रोजेक्ट के तहत जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट केदारनाथ और हेमकुंड साहिब रोप वे की राह आसान हो गई है, वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के सुरक्षित विकल्प तलाशने से राज्य में नई टनलों को भी मंजूरी मिलने की आस जग गई है।
विधानसभा चुनाव की आचार संहिता के चलते केंद्र सरकार उत्तराखंड के लिए कोई नई घोषणा का ऐलान नहीं कर सकती थी, लेकिन केंद्रीय बजट में पर्वतीय राज्यों को भी खुश करने की हर कोशिश की गई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के दौरे पर पिछले दिनों सोन प्रयाग से केदारनाथ और गोविंदघाट से घांघरिया (हेमकुंड साहिब) तक रोप वे बनाने का ऐलान किया था।
केंद्र ने पर्वतीय राज्यों में कनेक्विटी के लिए पर्वत माला प्रोजेक्ट शुरू करने जा रहा है। इससे निश्चित तौर पर उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में नई रोपवे बनने के भी रास्ते खुलेंगे। इससे जहां उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, वहीं स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री सीता रमण ने पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों के सुरक्षित विकल्प तलाशने पर भी जोर दिया है। इससे पहाड़ों ने नई टनलों के मंजूरी की उम्मीदें बढ़ेंगी। विदित है कि ऋषिकेश से कर्णप्रयाग रेल लाइन के लिए 17 टनलें पहले से बननी प्रस्तावित हैं। इनमें कुछ बनकर भी तैयार हो चुकी हैं।
बजट में 25 हजार किमी के नए हाईवे बनाने का भी ऐलान हुआ है। सामरिक महत्व के लिहाज से इनमें से कुछ-कुछ न उत्तराखंड के हाथ लगने की उम्मीदें हैं। राज्य के 12 से ज्यादा नए हाईवे के प्रस्ताव पहले से केंद्र को भेजे जा चुके हैं। इसके साथ की केंद्र ने तीन साल के भीतर 400 वंदे मातरम रेल सेवा भी शुरू करने जा रही हैं। इनमें से भी तीन-चार वंदे मातरम सेवा उत्तराखंड लिए भी शुरू की जा सकती हैं।
बजट में सीमांत क्षेत्रों के गांवों में पर्यटन सुविधा को बढ़ावा देने पर फोकस किया है। इससे उत्तराखंड के चमोली, उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ जिलों के सीमांत गांवों में विकास के नए रास्ते खुलने की उम्मीद बढ़ गई है। राज्य में एक हजार से ज्यादा गांव बाइव्रेट विलेज इस योजना के दायरे में आ सकते हैं। चीन सीमा से लगे होने की वजह से ये तीनों जिले सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। इन गांवों में पलायन रोकने के लिए जरूरी सुविधाएं मुहैय्या कराने के लिए बजट में प्रावधान किया गया है।

डीजीपी ने चुनाव को लेकर दिये अहम निर्देश

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है। ऐसे में चुनाव को निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्क तरीके से संपन्न कराने के लिए पुलिस महकमे ने कमर कस ली है। लेकिन पुलिस प्रशासन के सामने कोविड के तेजी से फैलते संक्रमण के चलते चुनौतियां भी बढ़ गई है। ऐसे में फ्रंटलाइन में तैनात पुलिसकर्मियों को भी बूस्टर डोज लगाई जा रही है। इसी कड़ी में डीजीपी अशोक कुमार ने भी खुद कोविड बूस्टर डोज लगाकर अभियान को शुरू किया।
उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स की 25 कंपनियों की टुकड़ियां उत्तराखंड पहुंच चुकी है। जबकि, संवेदनशील और अतिसंवेदनशील इलाकों में फ्लैग मार्च भी निकाला जा रहा है। सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर किसी तरह की अराजकता, सांप्रदायिक और वोट बैंक के लिए गुमराह करने वाले पोस्ट पर भी नजर रखी जा रही है।
पुलिस विभाग ने अलग से जिलेवार इंटेलिजेंस सेल के साथ ही सोशल मीडिया मॉनिटरिंग सेल को अपग्रेड कर मुस्तैदी से निगरानी के लिए रखा है। डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, सोशल मीडिया के जरिए माहौल खराब करने आदि की शिकायत सामने आने पर उसके खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ताकि शांति और निष्पक्ष तरीके से चुनाव संपन्न कराई जा सके.उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक, चुनाव के दरमियान अराजकता, सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने वाले और क्रिमिनल बैकग्राउंड से जुड़े लोगों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी। चुनाव से पहले हथियार बंदूक, पिस्टल जैसे लाइसेंसी असलहा धारकों समेत आपराधिक पृष्ठभूमि से जुड़े लोगों पर गुंडा एक्ट, गैंगस्टर वारंट, तामील कराने और उन्हें शांति व्यवस्था के लिए थाने स्तर पाबंद करने जैसे कानूनी कार्रवाई भी तेजी से सुनिश्चित की जा रही है।
डीजीपी अशोक कुमार का कहना है कि निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार राज्य के सभी जिलों में प्रभारियों को कड़े दिशा निर्देश देकर कानून व्यवस्था की सुदृढ तैयारी की जा रही है। जिलेवार सुरक्षा नोडल अधिकारी नियुक्त करने के साथ ही पर्याप्त संख्या में पुलिस सुरक्षा बलों की अलग-अलग स्थानों में तैनाती सुनिश्चित की जा रही है। संवेदनशील और अतिसंवेदनशील चुनाव इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल और फ्लैग मार्च निकाल कर जनता को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव का संदेश दिया जा रहा है। फ्रंटलाइन पुलिसकर्मियों को कोविड बूस्टर डोजः डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, कोविड-19 की लहर जिस तरह से तेजी से फैल रही है, ऐसे में चुनाव ड्यूटी को कराना एक अलग से चुनौती बनी हुई है, लेकिन इसके बावजूद महामारी में फ्रंटलाइन वॉरियर्स के रूप में काम कर रहे पुलिसकर्मियों को वैक्सीन की बूस्टर डोज दी जा रही है।