उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये हमने प्रदेश की जनता से वादा किया था। इसके लिये प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें मैनडेट दिया है। जन अपेक्षाओं के अनुरूप हमने इस दिशा में कदम उठाये हैं। इसमें समुदाय विशेष की कोई हानि नहीं है। उत्तराखण्ड देवभूमि है राज्य का मूल स्वरूप न बिगडे यह देखना हमारी जिम्मेदारी है। मंगलवार को समाचार एजेन्सी ए.एन.आई. को दिये गये साक्षात्कार में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य में कोई भी किसी पंथ, समुदाय, धर्म, जाति का हो सबके लिये एक समान कानून हो, इसके प्रयास किये गये है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शीघ्र ही उत्तराखण्ड समान नागरिक संहिता लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। समान नागरिक सहिंता सबका साथ सबका विकास सबका विश्वास के मूलमंत्र की दिशा में बढ़ाया गया महत्वपूर्ण कदम है। आमजन का दृष्टिकोण भी इस विषय पर सकारात्मक है। समान नागरिक संहिता लागू करने के लिये गठित समिति द्वारा डेढ़ साल में 2 लाख से भी ज्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये। हमारा ड्राफ्ट अन्य राज्यों को भी पसंद आएगा। रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। ड्राफ्ट मिलते ही इसे विधानसभा में प्रस्तुत कर लागू कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है। दो-दो अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगा है। धर्म, अध्यात्म एवं संस्कृति का केन्द्र है। राज्य हित में उत्तराखण्ड में धर्मांतरण को लेकर सख्त कानून बनाया गया है। प्रदेश में अब धर्मांतरण कराने वालों के विरूद्ध इस कानून के तहत कार्यवाही की जा सकेगी। राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन संज्ञेय एवं गैर जमानती होगा। इसमें 2 से 7 साल तक जेल और 25 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा-राज्य में जबरन धर्मान्तरण कानूनन अपराध, हमने बनाया है कानून

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनखल, हरिद्वार में विश्व हिन्दू परिषद द्वारा आयोजित केन्द्रीय मार्ग दर्शक मण्डल की बैठक में प्रतिभाग किया तथा आज के सत्र का दीप प्रज्ज्वलित कर शुभारम्भ किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में धर्म एवं संस्कृति का लगातार उत्थाान हो रहा है। उन्होंने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का भव्य मन्दिर बनाने का कई वर्षों का सपना अब साकार होने जा रहा है। वहां श्रीराम का भव्य व दिव्य मन्दिर तैयार हो रहा है। उज्जैन में महाकालेश्वर ने दिव्य व भव्य स्वरूप प्राप्त कर लिया है। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद वहां का पूरा स्वरूप ही परिवर्तित हो गया है। वहां पर अब पांच लाख से अधिक श्रद्धालु गंगा से पवित्र जल लेकर वहां आसानी से जलाभिषेक कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। आने वाले समय में रोपवे बन जाने से केदारनाथ तथा हेमकुण्ड धाम की यात्रा और भी आसान होने वाली है। चारधाम यात्रा की भांति कुमाऊं में मानसखंड मन्दिर माला मिशन के तहत कार्य किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में समान नागरिक संहिता के लिए बनाई गई समिति ने 90 प्रतिशत से अधिक का कार्य पूरा कर लिया है, जो आगामी 30 जून तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर देगी। उन्होंने कहा कि राज्य में जबरन धर्मान्तरण की रोकथाम के लिये सख्त कानून बनाया गया है।
बैठक में महामण्डलेश्वर स्वामी परमानन्द गिरिजी महाराज, परम पूज्य शंकराचार्य वासुदेवानन्द सरस्वती, राम राजेश्वरा महाराज, महामण्डलेश्वर विश्वेश्वरानन्द महाराज, महामण्डलेश्वर यतीन्द्रानन्द गिरि, स्वामी विवेकानन्द महाराज, सचिव महानिर्वाणी अखाड़ा रवीन्द्र पुरी, स्वामी गिरधर गिरि महाराज आदि ने अपने-अपने विचार रखे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के कोने-कोने से आये हुये धर्माचार्यों, सन्त-महात्माओं का एक-एक करके माल्यार्पण करते हुये उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

गांव, किसान और कृषि ही आत्मनिर्भर भारत के तीन आधार स्तंभ-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को रुड़की स्थित रजवाड़ा फॉर्म में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा उत्तराखण्ड की प्रदेश कार्यसमिति के समापन सत्र में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों हेतु चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं पर आधारित स्टॉलो का अवलोकन किया साथ ही शोभा यात्रा को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अन्नदाताओं को धरती पुत्र बताते हुए कहा कि किसानों की मेहनत और पुरुषार्थ के कारण ही हमें भोजन उपलब्ध हो पाता है। किसानों के परिश्रम और अथक प्रयासों के आगे बाकी सब सूक्ष्म है। गांव, किसान और कृषि ही आत्मनिर्भर भारत के तीन आधार स्तंभ हैं, ये जितने मजबूत होंगे आत्मनिर्भर भारत की नींव उतनी ही अधिक मजबूत होगी। देश के संतुलित विकास के लिए ये अत्यंत आवश्यक है कि हमारे किसान, हमारे अन्नदाता, हमारे भूमिपुत्र सशक्त बनें। किसानों के सशक्तिकरण के बिना भारत का सशक्तिकरण अधूरा है। विकसित भारत का सपना भी तभी साकार हो सकता है जब हमारा किसान सशक्त होगा। उन्होंने कहा भाजपा किसान मोर्चा के साथियों का काम सरकार और किसानों के बीच एक सेतु का निर्माण करना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि भारत हमेशा एक कृषि प्रधान देश रहा है। खेती-किसानी के इर्द-गिर्द ही हमारा समाज विकसित हुआ, हमारी परम्पराएं पोषित हुईं और हमारे पर्व व त्योहार निर्धारित हुए। कृषि विषय पर भारतीय इतिहास इतना समृद्ध है कि हमारे पास कृषि-पाराशर और कृषि सूक्त जैसे प्राचीन ग्रन्थ उपलब्ध हैं। जिन्होंने खेती और किसानी के उचित तौर-तरीकों के बारे में आम लोगों को बताने का कार्य किया है। हमारे इसी वैज्ञानिक और उन्नत कृषि विज्ञान ने सदियों से भारत को समृद्ध बनाया हुआ है। इतिहास में अनेकों ऐसे वर्णन मिलते हैं जब विदेश से आए हुए लोग, भारत की कृषि पद्धतियों को देखकर हतप्रभ रह गए। माटी को मां मानने वाले भारत के किसानों ने हमेशा अपने मूल कर्तव्य को पूरा किया है। देश के सामने खाद्यान्न संकट आने पर भी हमारे मेहनती किसानों ने अपने परिश्रम और पसीने से धरती को सींचा है। अपने कर्मठ किसानों की बदौलत भारत आज कृषि उत्पादन में ना केवल आत्मनिर्भर है बल्कि दूसरे देशों का भी पेट भर रहा है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र एवं राज्य सरकार हमेशा से किसान हितैषी रही है। किसानों का जितना सशक्तिकरण हुआ है वो अभूतपूर्व है। प्रधानमंत्री का मत है कि देश के किसान का आत्मविश्वास देश का सबसे बड़ा सामर्थ्य है। केंद्र सरकार किसानों की दशा सुधारने और कृषि नीतियों को किसान केंद्रित बनाने का कार्य कर रही है। सरकार का निरंतर ये प्रयास है कि दुनिया के बड़े-बड़े देशों के किसानों को जो आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं वो भारत के किसान को भी मिलें। प्रधानमंत्री का संकल्प है कि हमारे किसान के लिए बीज से बाजार तक की यात्रा ना केवल सुगम हो बल्कि ये उसकी आय में वृद्धि करने वाली भी हो। बीते वर्षों में यूरिया की कमी, बिजली कटौती और अव्यवस्थित सिंचाई जैसी किसान की पारंपरिक परेशानियों को कम किया ही गया है, फसल बीमा योजना, सॉइल हेल्थ कार्ड, किसान सम्मान निधि और किसान क्रेडिट कार्ड जैसी योजनाओं से किसानों को एक संरक्षित वातावरण भी उपलब्ध करवाया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज कृषि को आधुनिक और स्मार्ट बनाने के साथ किसान को तकनीकी रूप से सक्षम और बाजार की नब्ज़ पकड़ने वाला बनाया जा रहा है। ऑर्गैनिक फार्मिंग में भारत एक बड़े ग्लोबल प्लेयर के रूप में सामने आया है और जैविक खेती का दायरा देश में लगातार बढ़ रहा है। हमारे उत्तराखंड में अनेकों किसान जड़ी-बूटी और फूलों की खेती कर मुनाफा कमा रहे हैं। राज्य में पहले कुल डेढ़ सौ हेक्टेयर में ही फूलों की खेती होती थी जिसका एरिया अब बढ़ कर 1600 हेक्टेयर से अधिक हो चुका है। कृषि क्षेत्र में नित नए अभिनव प्रयोग हो रहे हैं और नवाचार को हर स्तर पर प्रोत्साहन मिल रहा है। आज का हमारा किसान ड्रोन और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल भी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हमारे सीमांत किसानों का सशक्तीकरण हमारी पहली प्राथमिकता है। कृषि संबंधित नीतियां बनाते हुए विशेष रूप से इस बात का ध्यान रखा जा रहा है कि खेती में छोटे किसानों के लिए कम से कम जोखिम हो। उन्हें उनकी फसल और मेहनत का उचित और त्वरित मूल्य मिले इसके लिए अभूतपूर्व प्रयास किए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि बीते 1 साल में राज्य सरकार ने कई कार्य किए हैं। समान नागरिक संहिता पर कार्य चल रहा है। कठोर धर्मांतरण कानून बना कर धर्म परिवर्तन पर रोक लगाई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को नकल विहीन बनाने के लिए सख्त नकल विरोधी कानून लागू किया गया है। राज्य में नई खेल नीति, नई शिक्षा नीति को भी लागू किया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हाल ही में राज्य के विभिन्न स्थानों में सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण के मामले सामने आए हैं। उन्होंने कहा सरकारी भूमि पर अवैध निर्माण नहीं होने दिया जाएगा। जिन जगहों पर अतिक्रमण हुआ है उन्हें हटाए जाएगा। साथ ही राज्य के अंतर्गत जल्द ही स्पेशल वेरिफिकेशन ड्राइव चलाया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य सरकार के लिए जनता का हित सर्वाेपरि है। हमारी सरकार राज्य हित को प्राथमिकता से लेगी एवं कठोर फैसले लेने से पीछे नहीं हटेगी।
इस दौरान कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री एवं सांसद डॉ रमेश पोखरियाल ’ निशंक, किसान मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र सिंह पुंडीर, विधायक प्रदीप बत्रा, प्रदेश महामंत्री भाजपा आदित्य कोठारी, जिला अध्यक्ष रुड़की शोभाराम प्रजापति एवं अन्य लोग मौजूद रहे।

तीर्थनगरी के संत समाज ने धर्मान्तरण कानून बनाने पर सरकार को दिया साधुवाद

उत्तराखंड विधानसभा में धर्मांतरण पर सख्त कानून बनने से तीर्थनगरी के संत-समाज में हर्ष की लहर दौड़ गई है। साधु-संतों की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को शुभकामनाएं दी हैं।
बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में श्री राम तपस्थली आश्रम ब्रम्हपुरी के महामंडलेश्वर दयाराम दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के इस कानून से पूरे देश का संत समाज आनंदित और आह्लादित है। धर्मांतरण रोकने के लिए मुख्यमंत्री धामी एक कठोर कानून लेकर आए हैं। उन्होंने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में धामी जी ने यह बहुत सुंदर निर्णय लिया है। यह उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी पहल है।
स्वामी जगन्नाथ आश्रम के महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण पर प्रतिबंध लगा दिया है यह देश एवं समाज हेतु बेहद हितकारक है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को हम हृदय से धन्यवाद देते हैं और प्रभु से प्रार्थना करते हैं वे समाज हित में इसी प्रकार से कार्य करते रहें।
स्वामी धर्मदास महाराज ने कहा कि जो लोग बल से या कपट से धर्मांतरण करते हैं वह सबसे बड़ा पाप है। उत्तराखंड सरकार ने यह कानून पास करके नया उदाहरण दिया है। इसके लिए मुख्यमंत्री धामी और मंत्री डॉ अग्रवाल को साधुवाद। कहा कि मुख्यमंत्री धामी के दूरदर्शी कदम की सराहना करता हूं।
इस मौके पर मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल को संत समाज ने आशीर्वाद देकर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर जिलाध्यक्ष रविन्द्र राणा, ब्रम्हपुरी आश्रम से प्रमोद दास, मण्डल अध्यक्ष ऋषिकेश भाजपा दिनेश सती, मंडल अध्यक्ष श्यामपुर भाजपा गणेश रावत आदि उपस्थित रहे।

धामी सरकार ने महिलाओं को सम्मान के साथ ही महत्वूपर्ण विधेयक सदन में पेश किये

उत्तराखंड विधानसभा शीतकालीन सत्र के पहले दिन धामी सरकार के द्वारा कई महत्वपूर्ण विधेयक सदन के पटल पर रखे गए जिनमें से कुछ विधेयक खासा महत्वपूर्ण। यूं तो धामी सरकार के द्वारा प्रदेश के विकास को लेकर अनुपूरक बजट भी सदन के पटल पर पेश कर दिया गया है। वही विधानसभा सत्र के शीतकालीन सत्र के पहले दिन तीन महत्वपूर्ण विधेयक सदन के पटल पर और सरकार के द्वारा पेश किए गए। जिनमें से महिला आरक्षण को लेकर भी विधेयक पेश किया गया है तो धर्मांतरण कानून में कड़े प्रावधानों के तहत भी बदलाव करते हुए सख्त बनाया गया है, उत्तर प्रदेश से सख्त धर्मांतरण कानून उत्तराखंड में सरकार के द्वारा बनाया गया है, जिसे सदन की पटल पर रखा गया है। वहीं राज्यपाल के द्वारा पूर्व में पारित किये गये विधेयक राज्य आंदोलनकारियों को 10 फ़ीसदी आरक्षण संबंधी विधेयक को भी फिर से सदन के पटल पर रखा गया है।

महिलाओं को मिलेगा हक-सीएम
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण संबंधी विधेयक सदन के पटल पर रखे जाने के बाद कहा कि उनकी सरकार मातृशक्ति के हितों के संरक्षण और संवर्धन के लिए प्रतिबद्ध राज्य दिन सरकारी सेवाओं में उनके 30ः आरक्षण को सुरक्षित करने के लिए उनकी सरकार ने महिलाओं के लिए आरक्षण विधेयक को पारित करने के लिए विधानसभा के समक्ष प्रस्तुत कर दिया ताकि उनके हितों को समुचित संरक्षण हो सके।

वही धर्मांतरण कानून में भी बदलाव किए गए हैं जिस के संबंध में सरकार ने धर्मांतरण संबंधी विधेयक को सदन के पटल पर रख दिया है उत्तराखंड में आप जबरन धर्मांतरण करने वालों की खैर नहीं होगी उत्तराखंड में धर्मांतरण को लेकर कड़ा कानून बनाया गया उत्तर प्रदेश से ज्यादा सख्त उत्तराखंड में धर्मांतरण कानून होगा जिसके तहत कई प्रावधान किए गए हैं। जबरन धर्म परिवर्तन पर 2 साल से लेकर 7 साल तक की जेल और 25000 के जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

-अवयस्क महिला एससी एसटी के धर्म परिवर्तन पर 2 साल से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया गया है।
-सामूहिक धर्म परिवर्तन पर 3 से 10 साल तक का जेल का प्रावधान और 50000 का जुर्माने का प्रावधान किया गया है
-धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज के मुताबिक देवभूमि के लिए धर्मांतरण कानून सख्त होना बेहद जरूरी है, ताकि चीन और नेपाल की सीमा से लगे उत्तराखंड में धर्म परिवर्तन खतरा ना बने। जिस तरीके से देश में धर्मांतरण एक बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है वहीं उत्तराखंड की धामी सरकार के द्वारा धर्मांतरण कानून को सख्त बनाए जाने से देश में उत्तराखंड का भी एक मैसेज गया है उत्तराखंड की धामी सरकार धर्मांतरण को लेकर गम्भीर है।

देखा जाये तो उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन जहां विपक्ष ने बेशक सरकार को घेरने की कोशिश की हो लेकिन इसके बीच उत्तराखंड की धामी सरकार ने कई बड़े फैसले उत्तराखंड के हित में भी लिए हैं। जिसके तहत कई महत्वपूर्ण विधेयकों को सरकार ने सदन के पटल पर रखा है जो सदन से पास भी हो जाएंगे और कानून भी उत्तराखंड में बन जाएंगे जिसका लाभ प्रदेश की जनता को मिलेगा तो वही धर्मांतरण कानून को सख्त बनाए जाने से उत्तराखंड में धर्मांतरण के मामलों में कमी आएगी यह भी उम्मीद जताई जा रही है।

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