प्रदेश में आज एक ही दिन में 91 कोरोना मरीज सामने आये है। अब राज्य में कुल मरीजों की संख्या 244 हो गई है। वहीं अब राज्य में कोई भी जिला कोरोना संक्रमण से अछूता नहीं रह गया है।
अपर सचिव स्वास्थ्य युगल किशोर पंत ने बताया कि प्रदेश में आज 91 नए कोरोना संक्रमित मरीज मिले हैं। एम्स ऋषिकेश में हुई एक कोरोना मरीज की मौत के बारे में स्वास्थ्य विभाग ने साफ किया है कि उसकी मौत कोरोना से नहीं हुई है। उसकी मौत एसोफैगस कैंसर से हुई है। शनिवार को चंपावत में सात, देहरादून में नौ, हरिद्वार में दो, नैनीताल में 57, अल्मोड़ा में तीन, पिथौराढ़ में दो, उत्तरकाशी में तीन, ऊधमसिंह नगर में तीन, रुद्रप्रयाग में तीन और पौड़ी जिले में दो नए मामले सामने आए हैं।
यह पहली बार है जब राज्य में एक साथ 91 केस सामने आए हैं। इन मामलों के आने के बाद अब राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 244 हो गई है। रुड़की के आदर्श नगर निवासी 54 वर्षीय व्यक्ति में आज कोरोना की पुष्टि हुई है। ये मुंबई से हरिद्वार में आए थे। अब हरिद्वार जनपद में अब एक्टिव केस छह हो गए हैं। ये सभी रुड़की क्षेत्र से आए हैं। सभी प्रवासी हैं। इससे पहले सात मामले आए थे जो कि सभी ठीक हो चुके थे। लेकिन नए मामले आने से लोगों की चिंता बढ़ने लगी है।
डीएम ने घर-घर जांच करने के निर्देश दिए
देहरादून जिले में कोरोना के मामले बढ़ने पर प्रशासन अन्य बीमारियों से जूझ रहे लोगों के स्वास्थ्य का पता लगाने के लिए घर-घर जाएगा। जिलाधिकारी डॉ. आशीष कुमार श्रीवास्तव ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि जिले में प्रवासियों के आने के बाद कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब ब्लड प्रेशर, शुगर, सांस, दिल की बीमारी से पीड़ित लोगों के साथ-साथ गर्भवती महिलाओं को बचाया जाएगा। ऐसे मरीजों का सर्वे कर डाटा तैयार किया जाएगा। जिससे उन्हें कोरोना संक्रमण से बचाया जा सके।
उन्होंने बताया कि आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर इनका डाटा एकत्र करेंगी। फोन के माध्यम से भी संपर्क कर उनकी तबीयत, डॉक्टर के पास कब गए? अब क्या स्थिति है? कोरोना संक्रमण के कोई लक्षण तो नहीं जैसे सवाल पूछकर रिपोर्ट तैयार करेंगी। डीएम ने बताया कि अभी तक क्वारंटीन लोगों की निगरानी की जा रही थी। लेकिन, अब ऐसे लोगों को भी निगरानी की जाएगी, जो बीमार चल रहे हैं।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने
ऋषिकेश में 13 मई को दिल्ली से लौटने वाली महिला बैंक कर्मी को क्वारंटाइन न करने के मामले में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आयी है। महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि होने के बाद प्रशासन सकते में आ गया है। जिसके बाद हीरालाल मार्ग स्थित यूको बैंक को प्रशासन ने 14 दिनों के लिए सील कर दिया है। साथ ही सभी कर्मचारियों को होम क्वारंटाइन किया गया है। प्रशासन ने पुलिस और मेडिकल टीम की सहायता से कोरोना संक्रमित पाये गए दोनों लोगों के निवास स्थान को हॉटस्पॉट घोषित कर सील कर दिया है। रेड जोन से ऋषिकेश लौटने के बाद भी महिला को क्वारंटाइन नहीं किया गया। वहीं, महिला बैंक कर्मी के दिल्ली से लौटने के बावजूद होम क्वारंटाइन न करने को लेकर स्थानीय लोग अब प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
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