कोरोनेशन-गांधी जिला अस्पताल व डेंगू कंट्रोल रूम का स्वास्थ्य सचिव ने किया औचक निरीक्षण, खामियों पर लगाई अधिकारियों को फटकार

देहरादून। डेंगू के बढ़ते मामलों के बीच शासन-प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है। स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार समीक्षा बैठकों के साथ ही ग्रांउड जीरो पर जाकर अस्पतालों में हालातों का जायजा ले रहे हैं। आज रविवार को छुट्टी के दिन भी स्वास्थ्य सचिव पूरी तरह से मुस्तैद नजर आये। उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ कोरोनेशन-गांधी जिला चिकित्सालय का औचक निरीक्षण किया। जिला अस्पताल में इमरजेंसी की व्यवस्थाओं पर उन्होंने नाराजगी जाहिर की। वहीं सेंट्रल पैथोलॉजी के बंद हाने पर उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए पैथोलॉजी को व्यवस्थित तरीके से प्रतिदिन खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने निर्देश दिये कि रात्रि 8 बजे तक मरीजों की ब्लड सैंपल रिपोर्ट ली जाये। वहीं उन्होंने अस्पताल में भर्ती मरीजों और उनके तीमारदारों से अस्पताल में मिल रहे इलाज और सुविधाओं को लेकर भी बात की। इलाज को लेकर मरीजों की विभिन्न शिकायत पर उन्होंने संबधित अधिकारियों को व्यवस्थाओं को जल्द सुचारू करने के निर्देश दिये। स्वास्थ्य सचिव में औचक निरीक्षण में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ संजय जैन, सहायक निदेशक स्वास्थ्य महानिदेशालय डॉ मंयक बडोला, दून मेडिकल कॉलेज से डॉ महेन्द्र पंत, डॉ अजय नागरकर, नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ अविनाश खन्ना मौजूद रहे।

गांधी अस्पताल में शुरू होगा 100 बैड का डेंगू वार्ड
इसके बाद स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार का काफिला गंाधी अस्पताल पहुंचा। जहां उन्होंने अस्पताल के निरीक्षण के पाया कि यहां लगभग 100 बैड का डेंगू वार्ड शुरू किया जा सकता है। जिसको लेकर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि अगले 24 घंटे में गांधी शताब्दी अस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए डेंगू वार्ड शुरू किया जाये। स्वास्थ्य सचिव ने गांधी अस्पताल में खुल ब्लड स्टोरेज सेंटर को पूर्णकालिक ब्लड बैंक में तब्दील करने के निर्देश अधिकारियों को दिये ताकि मरीजों को रक्त की कमी न हो।

कंट्रोल रूम का 104 के साथ होगा समन्वय
कोरोनेशन और गांधी अस्पताल के बाद स्वास्थ्य सचिव अपनी टीम के साथ सहस्रधारा आईटीडीए में स्थापित डेंगू कंट्रोल रूम पहुंचे। जहां उन्होंने तमाम व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। स्वास्थ्य सचिव ने कहा राज्य के सभी जिलों से सूचाओं को आदना प्रदान हो सके इसकेक लिए डेंगू कंट्रोल रूम और 104 सेवा का आपसी समन्वय होगा। जिसके बाद राज्य में डेंगू मरीजों के प्रतिदिन का आंकड़ा जारी किया जायेगा। हम सूचना तंत्र को मजबूत बनाकर जरूरतमंदों को समय पर इलाज मिले इस पर कार्य कर रहे हैं।

फागिंग को और अधिक प्रभावी बनाने के निर्दश
स्वास्थ्य सचिव ने नगर निगम अधिकारियों को निर्दश दिये कि फोगिंग को पहले की अपेक्षा और अधिक प्रभावी बनाया जाये। नोटिफिएड इलाकों में बार-बार फोगिंग की जाये। इसके साथ ही घरों में डेंगू का लार्वा जमा न हो इसको लेकर जन जागरूकता अभियान लगातार जारी रखा जाये।

अधिक पैसे वसूलने वालों पर होगी कार्रवाई
राज्य में डेंगू मरीजों को समुचित इलाज मिले इसको लेकर स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार के नेतृत्व में प्रशासन पूरी तरह से सक्रिय है। स्वास्थ्य सचिव राज्य के सभी अस्पतालों से लगातार फीड बैक ले रहे हैं। अस्पतालों में दवाईयों व अन्य किसी प्रकार के उपकरणों की कोई कमी न हो इसको लेकर अधिकारियों को दिशा निर्देश जारी किये गये हैं। स्वास्थ्य सचिव ने कहा सरकारी के साथ निजी अस्पतालों का भी निरीक्षण किया जा रहा है। जहां से भी शिकायतें आ रही हैं उन पर कार्रवाई की जा रही है। डेंगू मरीजों को आयुष्मान के तहत इलाज न देने वाले अस्पतालों पर कड़ी कार्रवाई की जायेगी।

ई-रक्तकोश पोर्टल को अपडेट रखने के निर्देश
स्वास्थ्य सचिव ने जानकारी देते हुए कहा हर दिन सुबह शाम ई-रक्तकोष पोर्टल में डेटा एकत्र किया जायेगा। इसके होने से अगले दिन हमें रक्त की पूरी जानकारी मिल जायेगी। कितनी कमी है किस ब्लड ग्रुप के रक्त की ज्यादा डिमांड है। उसके अनुरूम हमें व्यवस्थाओं को बनाने में मदद मिलेगी।

डेंगू पीड़ितों के लिए करें रक्तदान
स्वास्थ्य सचिव डॉ आर राजेश कुमार ने कहा डेंगू से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को प्लेटलेट चढ़ाने की जरूरत पड़ रही है। बीमारी के दौरान खून में प्लेटलेट की संख्या 50 हजार से कम होने लगे तो खतरा बढ़ जाता है और आम तौर पर डाक्टर अस्पताल में भर्ती होने का सुझाव देते हैं।ज्यादातर अस्पतालों में ब्लड प्लेटलेट की मांग बहुत बढ़ गई है और उसकी उपलब्धता बहुत कम है। इसकी आपूर्ति के लिए जरूरी है कि हम स्वैच्छिक रक्तदान करें जिससे कि गंभीर रूप से बीमार लोगों की जान बचाई जा सके। स्वास्थ्य सचिव ने कहा उन्होंने खुद एक मरीज की जान बचाने के लिए कुछ समय पूर्व रक्तदान किया था। आम जनता से अपील करते हुए कहा कि स्वैच्छिक रक्तदान को आगे आयें।

कोरोनेशन अस्पताल में मेडिट्रीना हार्ट सेंटर का विधिवत शुभारम्भ

जिला कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में पीपीपी मोड़ में संचालित मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के हार्ट सेंटर में अब बच्चों की हार्ट सर्जरी सहित अन्य सभी कार्डियेक डिजीज का बेहतर उपचार मिल सकेगा। यही नहीं इस सेंटर में सीजीएचएस लाभार्थियों, आयुष्मान कार्ड धारकों व आरबीएसके योजना के अंतर्गत विशेष छूट के साथ लोगों का इलाज किया जायेगा।

यह बात स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने कोरोनेशन अस्पताल देहरादून में मेडिट्रीना हार्ट सेंटर के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश के हृदय रोगियों को देहरादून में ही हार्ट सर्जरी एवं अन्य कार्डिक डिजीज का बेहतर एवं सस्ता इलाज मिल सकेगा। डॉ0 रावत ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के बीच स्वास्थ्य विभाग द्वारा अनुमन्य दरों पर हृदय संबंधी रोगों का बेहतर उपचार का अनुबंध किया गया है। जहां पर बीपीएल कार्ड धारकों तथा छोटे बच्चों का हृदय संबंधी उपचार आरबीएसके योजना के तहत निःशुल्क किया जायेगा। इससे पहले स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मेयर देहरादून सुनील उनियाल गामा व क्षेत्रीय विधायक खजान दास की मौजूदगी में मेडिट्रीना हार्ट सेंटर का रिबन काट कर विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने हाई सेंटर के ऑपरेशन थियेटर, आईसीयू व कैथ लैब सहित सभी इकाईयों का भ्रमण कर बारीकी से अवलोकन किया। डॉ0 रावत ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेशवासियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के लिये प्रतिबद्ध है। जिसके तहत प्रत्येक सरकारी अस्पतालों में 265 पैथौलॉजी जांचे निःशुल्क कराई जा रही है तथा 429 दवाएं मुफ्त दी जा रही है। प्रत्येक जिला अस्पताल में डायलिसिस की निःशुल्क सेवाएं उपलब्ध है तथा डायबिटीज के रोगियों के लिये अस्पतालों में इंसुलिन के इंजेक्शन मुफ्त दिये जा रहे हैं। इसके अलावा गर्भवती महिलाओं के लिये सभी जांचों एवं टीकाकरण के साथ जच्चा-बच्चा को खुशियों की सवारी योजना के तहत घर से अस्पताल व अस्पताल से घर पहुंचाने की व्यवस्था निःशुल्क दी जा रही है। दूर-दराज के क्षेत्रों के लिये आपातकालीन स्थिति में एयर एम्बुलेंस की सुविधा भी निःशुल्क उपलब्ध है। मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के बोर्ड एडवाइजर सिद्धार्थ ढौंडियाल ने बताया कि कोरोनेशन अस्पताल में स्थापित मेडिट्रीना हार्ट सेंटर दक्षिण भारत के कोलम स्थित मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल की एक इकाई है, जहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बच्चों से लेकर हर उम्र के लोगों की हार्ट सर्जरी तथा अन्य कार्डियेक डिजीज का बेहतर उपचार किया जाता है। उन्होंने कहा कि मेडिट्रीना ग्रुप देश के विभिन्न राज्यों सहित विदेशों में भी अपनी बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रहा है, जिसकी स्थापना विश्व विख्यात हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ0 एन0 प्रताप कुमार के द्वारा की गई है। हार्ट सेंटर पर वर्तमान में ओपीडी, ईसीजी, ईको, टीएमटी, एंजियोप्लास्टी, सर्जरी व आरबीएसके सर्जरी की सुविधाएं उपलब्ध है। जिनमें एएसडी क्लोजर, आईसीआर, बेंटल, कैबैग जैसी जटिल हार्ट सर्जरी की सुविधा भी शामिल हैं, जोकि राज्य के अन्य अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है। इन सुविधाओं का लाभ प्रदेश का कोई भी व्यक्ति आयुष्मान योजना के अंतर्गत ले सकता है। इस अवसर पर मेयर सुनील उनियाल गामा व क्षेत्रीय विधायक खजान दास ने स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जमकर प्रशंसा की।

कार्यक्रम में निगर निगम देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, विधायक राजपुर खजान दास, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेती, पीएमएस कोरोनेशन अस्पलात डॉ0 शिखा जंगपांगी, डॉ0 यू0एस0 कंडवाल, डॉ0 तुहीन कुमार, मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के बोर्ड एडवाइजर सिद्धार्थ ढ़ौडियाल, सी.ओ.ओ. प्रवीन तिवारी, यूनिट इंचार्ज भावेश मोगा, कार्डिक सर्जन डॉ0 विकास सिंह, कार्डियोलॉजिस्ट डा0 इरफान, डॉ0 संदीप मालवीय, मनोज मिश्रा, पंकज शर्मा, कोमल सहित अस्पताल स्टॉफ व विभिन्न कॉलेजों के नर्सिंग छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।

सीएम के निर्देश पर हेली एम्बुलेंस से चमोली के तीन मरीज देहरादून में हुए भर्ती

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिला अस्पताल गोपेश्वर में भर्ती जलने से घायल तीन लोगों को हेली एम्बुलेंस द्वारा देहरादून लाकर कोरोनेशन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।
आज मुख्यमंत्री आपदा ग्रस्त क्षेत्रों के निरीक्षण व आपदा से हुए नुकसान का जायजा लेने के लिए चमोली व पौङी जिलों के दौरे पर थे। मुख्यमंत्री शुक्रवार को चमोली में आपदा प्रभावित क्षेत्रों का जायजा लेने के बाद जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों का हाल जान रहे थे। अस्पताल में मैठाणा गांव के 6 मरीज भर्ती थे जो गैस सिलेण्डर फटने के कारण बुरी तरह झुलस गए थे। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए थे कि 30 प्रतिशत से अधिक बर्न मरीजों को तत्काल हेली एंबुलेंस से आज ही कोरोनेशन हॉस्पिटल देहरादून भेजा जाए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर जिला अस्पताल में भर्ती 6 मरीजों में से 3 मरीजों को रेफर कर हेली एंबुलेंस से देहरादून भेजा गया। कैलाश पुत्र कृपाल लाल उम्र 35 वर्ष तथा प्रिन्स कुमार पुत्र विजेन्द्र उम 29 वर्ष के घर पर गैस सिलेण्डर की आग में 30 प्रतिशत से अधिक बर्न हुए है। जबकि दृष्टि पुत्री विजेन्द्र कुमार उम्र 18 वर्ष जो की गर्भवती होने के साथ बर्न भी हुई है। उनकी गंभीर हालत को देखते हुए आज रेफर किया गया और हेली एम्बुलेंस द्वारा देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया।