सीएम ने अधिकारियों को दिये जलभराव वाले क्षेत्रों में नजर रखने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी में जनपद हरिद्वार में हुये जलभराव के सम्बन्ध में राहत एवं बचाव कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने उच्चाधिकारियों के साथ इस सम्बन्ध में विचार-विमर्श कर निरंतर स्थिति पर नजर रखने को कहा।
मुख्यमंत्री ने बैठक में पेयजल, स्वास्थ्य, संचार, विद्युत आदि व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी प्राप्त की तथा निर्देश दिये कि जल भराव वाले क्षेत्रों में सभी व्यवस्थायें सामान्य रूप से संचालित हो, यह सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने जलभराव की वजह से फसलों को हुये नुकसान का आकलन करने के भी निर्देश दिये। उन्होंने किसानों की समस्याओं का त्वरित समाधान किये जाने पर भी ध्यान देने को कहा। मुख्यमंत्री ने कहा कि जलभराव के कारण पशुओं के लिये चारा आदि की पर्याप्त व्यवस्था की जाय तथा चारे का पर्याप्त स्टॉक भी रखा जाये।
बैठक में अतिक्रमण की वजह से भी कई जगह हुये जलभराव के सम्बन्ध में विस्तृत विचार-विमर्श हुआ। इस पर मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि जहां पर भी अतिक्रमण की वजह से दिक्कतें सामने आ रही हैं, आपदा के अन्तर्गत उससे सख्ती से निपटा जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बैठक में जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल ने विगत दिनों जनपद के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कुल कितनी बरसात हुई, जिसके कारण जल भराव की स्थिति पैदा हुई, के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लक्सर, रूड़की आदि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव के कार्यों में एसडीआरएफ, जल पुलिस, राजस्व, फायर ब्रिगेट, पुलिस, विभागीय टीम तथा स्वैच्छिक संगठनों सहित 579 सदस्स्यों की कुल 34 टीमें निरन्तर कार्य कर रही हैं तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय निकाय, पंचायती राज विभाग द्वारा इन प्रभावित क्षेत्रों में महामारी फैलने से बचाव हेतु बड़े पैमाने पर कीट नाशक का छिड़काव किया जा रहा है, जो हमारे लिये चुनौती भी है। दवाओं का प्रोक्यूरमेंट हमने कर दिया है। उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित संवेदनशील क्षेत्रों में राहत किट, भोजन आदि वितरित किये जा रहे हैं।
जिलाधिकारी ने अवगत करया कि हरिद्वार, रूड़की, लक्सर तथा भगवानपुर के बाढ़ प्रभावित शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में प्रभावित परिवारों को गृह अनुदान, अनुग्रह अनुदान व अहेतुक मद से 860 लाभार्थियों को 36.27 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि जनपद में जल भराव से 15796 व्यक्ति प्रभावित हुये हैं, जिनमें से कई लोग तो रिश्तेदारों व किराये के मकान में शिफ्ट हुये हैं तथा 81 परिवारों को राहत केन्द्र में शिफ्ट किया गया है।
जिलाधिकारी ने बैठक में बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण विभाग की 52 सम्पत्तियों को हुआ है, जिनमें सभी जगह कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है तथा कार्यदायी सभी संस्थाओं को एडवांस में धनराशि उपलब्ध करा दी गयी है। इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री राहत कोष, स्वयंसेवी संस्थाओं आदि के माध्यम से जल भराव वाले प्रभावित लोगों की पूरी मदद की जा रही है।
बैठक में मुख्यमंत्री को रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, भगवानपुर विधायक ममता राकेश, लक्सर विधायक शहजाद, रानीपुर विधायक आदेश चौहान, पूर्व विधायक लक्सर संजय गुप्ता, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, भाजपा रूड़की जिला अध्यक्ष शोभाराम प्रजापति आदि ने अपने-अपने क्षेत्रों की स्थिति से अवगत कराया। इस अवसर पर हरिद्वार नगर विधायक मदन कौशिक, पूर्व कैबिनेट मंत्री यतीश्वरानन्द, भाजपा जिला अध्यक्ष हरिद्वार संदीप गोयल, पूर्व जिला अध्यक्ष डॉ0 जयपाल सिंह सहित सम्बन्धित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने संतों का आशीर्वाद लेकर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को कनखल स्थित जगतगुरू आश्रम में जगतगुरू स्वामी राजराजेश्वराश्रम से शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इसके बाद डामकोठी पहुंचे, जहां उन्होंने पंचायती निर्मल अखाड़ा के स्वामी ज्ञानदेव शास्त्री, बड़ा अखाड़ा के महन्त दुर्गादास, महन्त रूपेन्द्र सहित अन्य सन्त महात्माओं से भी शिष्टाचार भेंट की तथा उनका आशीर्वाद लिया।
इस अवसर पर हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल ’निशंक’, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानन्द, पूर्व लक्सर विधायक संजय गुप्ता, जिलाधिकारी धीराज सिंह गर्ब्याल, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह अधिकारीगण उपस्थित रहे।

सीएम ने अधिकारियों को दिये जन सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने के निर्देश

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को डामकोठी हरिद्वार में जनपद से संबंधित विकास कार्यों की अधिकारियों के साथ समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि चारधाम यात्रा के दृष्टिगत हरिद्वार में यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखा जाए। उन्होंने नगर निगम के अधिकारियों से कूड़ा निस्तारण, सफाई व्यवस्था आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी ली। नगर निगम के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि हरिद्वार नगर निगम क्षेत्र में 160 नाले हैं, उनकी सफाई का कार्य प्रारम्भ करा दिया गया है, जिसके लिये 124 सफाईकर्मियों लगाये गये हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने यह भी बताया कि शहर में एक दिन में तीन टाइम सफाई-व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर अधिकारियों ने अस्पतालों की व्यवस्थायें आदि के सम्बन्ध में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि अस्पतालों की सफाई व्यवस्था चाक-चौबन्द रहनी चाहिये। कभी भी अस्पतालों, नगर निगम की सफाई व्यवस्था तथा कार्यालयों में कार्मिकों की उपस्थिति आदि का औचक निरीक्षण किया जा सकता है। अगर औचक निरीक्षण के दौरान कहीं पर भी कोई कमी पाई जाती है, तो सम्बन्धित के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने अधिकारियों को कार्यालयों में बॉयोमैट्रिक उपस्थिति प्रणाली लागू करने के भी निर्देश दिये।
मुख्यमंत्री ने नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इण्डिया द्वारा हरिद्वार में किये जा रहे विभिन्न विकास कार्यों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से विस्तृत चर्चा की। एनएचएआई की समीक्षा के दौरान यह तथ्य सामने आया कि राष्ट्रीय राजमार्गों में कई जगह पानी रूका रहता है, जिसकी सही निकासी नहीं होने की वजह से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। इस पर अधिकारियों ने बताया कि हाईवे पर जो नालियां बनी हैं, वे केवल हाईवे के पानी की निकासी के लिये बनी हैं, जबकि इन नालियों में आसपास की बस्तियों व अन्य जगह का पानी भी आ जाता है, जिसकी वजह से जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है। इस पर मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि एनएचएआई तथा सिंचाई विभाग समन्वय स्थापित करते हुये एक समग्र योजना बनाकर इस समस्या का समाधान निकालना सुनिश्चित करें।
जल निगम तथा जल संस्थान के अधिकारियों द्वारा पानी की व्यवस्था के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से की जा रही है। जनपद में 12 हजार हैण्डपम्प लगे हैं तथा जो हैण्डपम्प किसी वजह से खराब हो जाते हैं, तो उनकी समय-समय पर मरम्मत कराई जा रही है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जनता को पेयजल की कहीं पर भी कोई दिक्कत नहीं आनी चाहिये।
मुख्यमंत्री ने बैठक में जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल से जल की प्रगति की भी समीक्षा की। अधिकारियों ने बताया कि योजना के अन्तर्गत ओवर हैड टैंक बन गये हैं तथा पाइप लाइन बिछा दी गयी है। मुख्यमंत्री द्वारा अधिकारियों को कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये गए।
विद्युत विभाग के अधिकारियों द्वारा बताया गया कि कि वर्तमान में उद्योगों को पूरी बिजली दी जा रही है तथा विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था में काफी सुधार है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि बिजली की चोरी की घटनाओं पर भी पूरी नजर रखी जाये तथा विजिलेंस की टीम को सक्रिय किया जाये एवं बिजली चोरी की घटनाओं में जो लिप्त पाये जाते हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सड़कों को गड्ढामुक्त करने के निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने आगामी जुलाई माह में होने वाली कांवड़ यात्रा की तैयारियों के सम्बन्ध में भी अधिकारियों से जायजा लिया, जिस पर अधिकारियों ने बताया कि कांवड़ मेले की तैयारियां प्रारम्भ कर दी गयी हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि कावड़ यात्रा से सम्बन्धित जो भी तैयारियां हैं, उनको समय से करना सुनिश्चित करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को शहर की यातायात व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित करने, अवैध अतिक्रमण को हटाये जाने, आपदा प्रबंधन तंत्र को सक्रिय किये जाने तथा स्वास्थ्य सुविधाओं के विकास पर ध्यान देने के भी निर्देश अधिकारियों को दिये।
इस अवसर पर रानीपुर विधायक आदेश चौहान, रूड़की विधायक प्रदीप बत्रा, पूर्व विधायक सुरेश राठौर, जिलाधिकारी विनय शंकर पाण्डेय, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ योगेन्द्र सिंह रावत, ए.डी.एम(प्रशासन) पी.एल.शाह, ए.डी.एम.(वित्त एवं राजस्व) वीर सिंह बुदियाल सहित जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित रहे।