90 करोड 24 लाख की किश्त का 20 फीसदी कोविड संक्रमण से बचाव में खर्च करेगी पंचायतें

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा कैंप कार्यालय में पीएफएमएस के माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों को राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष (2021-22) प्रथम त्रैमासिक किस्त (अप्रैल-मई-जून) का डिजिटल हस्तांतरण किया गया। इसके तहत प्रदेश के ग्राम पंचायतों हेतु 27 करोड़ 20 लाख प्रदेश के क्षेत्र पंचायतों हेतु 20 करोड़ 40 लाख जबकि जिला पंचायतों हेतु 42 करोड़ 64 लाख 84 हजार रुपए की धनराशि हस्तांतरित की गई। राज्य वित्त आयोग के अंतर्गत वर्ष 2021-22 की प्रथम त्रैमासिक किश्त के रूप में कुल 90 करोड़ 24 लाख 84 हजार रुपए है।

सीएम ने कहा कि उक्त अनुदान की धनराशि सभी पंचायतों को पीएएफएमएस द्वारा एकसाथ डिजिटल हस्तान्तरण के माध्यम से अनुदान की राशि हस्तान्तरित की जा रही है, ताकि यह धनराशि बिना विलम्ब के सम्बन्धित पंचायतों के खाते में हस्तांतरित हो सके तथा उन्हें अपनी विकासपरक योजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी संक्रमण से ग्रामवासियों के बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों के संस्थागत क्वारेंटीन सम्बन्धी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों ( विद्यालय, पंचायत भवन, अन्य सामुदायिक भवन आदि) की साफ-सफाई, विद्युत, पेयजल, शौचालय व्यवस्था, तथा सैनिटाईजेशन आदि कार्यो को पूर्ण करने में सहायता मिल सके। ग्राम पंचायतों को हस्तांतरण की जा रही धनराशि के सापेक्ष 20 प्रतिशत धनराशि कोरोना महामारी के संक्रमण से बचाव हेतु प्रचार-प्रसार, सेनेटाईजेशन व महामारी से सम्बन्धित अन्य कार्यों पर व्यय की जा सकेगी।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान कोरोनाकाल की परिस्थितियों में सभी सम्मानित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ ग्राम वासियों द्वारा सराहनीय प्रयासों से हम कोरोना संक्रमण को रोकने में अवश्य सफलता प्राप्त करेंगे। कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की योजना डिजिटल इंडिया का उद्देश्य सरकारी सेवाओं की जानकारी जन सामान्य को ऑनलाइन पहुँचाने, तथा ग्राम पंचायत स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देते हुए समस्त ग्राम पंचायतो को ब्रॉडबेंड इंटरनेट से जोडना है, इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु उत्तराखण्ड सरकार के दिशा-निर्देशानुसार में पंचायतीराज विभाग उत्तराखण्ड द्वारा समस्त ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायतों एवं जिला पंचायतों के बैंक खातों को भारत सरकार द्वारा लागू ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के माध्यम से पी.एफ.एम.एस.-प्रिआ सॉफ्ट इंटरफेस के साथ जोडा गया है।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के प्रमुख सलाहकार डॉ. आरबीएस रावत, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यअधिकारी जे सुंद्रयाल, सचिव एवं निदेशक पंचायतीराज हरिचन्द्र सेमवाल, जफर खान, दीपक पटवाल आदि उपस्थित रहे।

15वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रूपये की अनटाईड अनुदान धनराशि का सीएम ने किया हस्तांतरण

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को सचिवालय में डिजिटल माध्यम से त्रिस्तरीय पंचायतों (ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत एवं जिला पंचायत) को कुल 238.38 करोड़ रूपये की धनराशि का हस्तांतरण किया। जिसमें 15वें वित्त आयोग की प्रथम किश्त एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशि का एक साथ डिजिटल हस्तांतरण किया गया। जिसमें उत्तराखण्ड की 7791 ग्राम पंचायतों, 95 क्षेत्र पंचायतों एवं 13 जिला पंचायतों के लिए 15 वें वित्त आयोग की 143.50 करोड़ रूपये की अनटाईड अनुदान धनराशि एवं राज्य वित्त आयोग की 94.88 करोड़ की धनराशि शामिल है।

डिजिटल इंडिया प्रोग्राम के तहत 15 वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग द्वारा पंचायतों हेतु संस्तुत अनुदानों को ऑनलाईन एक साथ डिजिटल हस्तान्तरण के माध्यम से संबंधित पंचायतों को हस्तान्तरित करने की शुरूआत की गई। इस महत्वाकांक्षी योजना के प्रथम चरण में 09 फरवरी 2020 को हरिद्वार में आयोजित जिला पंचायत अध्यक्षों-उपाध्यक्षों एवं क्षेत्र पंचायत प्रमुखों के अभिमुखीकरण कार्यक्रम में केन्द्रीय पंचायतीराज मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर एवं मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा 14वें वित्त आयोग एवं राज्य वित्त आयोग की धनराशियों के एकमुश्त डिजिटल हस्तान्तरण की शुरूआत की गई।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि भारत सरकार द्वारा लागू मा. प्रधानमंत्री जी की महत्वाकांक्षी योजना डिजिटल इंडिया का प्रोग्राम का उद्देश्य सरकारी सेवाओं को उन्नत करना, सरकारी योजनाओं की जानकारी ऑनलाईन पंहुचाना एवं ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय पंचायत दिवस के अवसर पर 24 अप्रैल 2020 को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का शुभारम्भ किया गया। उन्होंने कहा कि इससे जहां एक ओर राजकीय कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी वहीं पोर्टल के माध्यम से पंचायत को केन्द्रीय वित्त एवं राज्य वित्त व अन्य स्त्रोतों से प्राप्त धनराशि एवं पंचायत में कराये जा रहे विकास कार्यों की प्रगति के साथ-साथ अन्य जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि पंचायतों को एक साथ धनराशि का डिजिटल हस्तान्तरण से पंचायतों को विकासपरक योजनाओं के साथ-साथ कोरोना वायरस महामारी से ग्रामवासियों केे बचाव हेतु आवश्यक उपायों और बाहर से आये नागरिकों को संस्थागत क्वारंटीन सबंधी व्यवस्था हेतु सामुदायिक भवनों की स्वच्छता, विद्युत व्यवस्था, पेयजल, सैनिटाइजेशन एवं अन्य आवश्यक कार्यों को पूर्ण करने में सहायता मिलेगी।

इस अवसर पर जानकारी दी गई कि वित्त विभाग के शासनादेश के अनुसार केन्द्रीय वित्त के संदर्भ में प्राथमिक अनुदान अनटाईड है, जिसका उपयोग स्थानीय निकायों द्वारा स्थान-विशिष्ट आवश्यकताओं के लिए किया जा सकता है। राज्य वित्त आयोग की अनुदान राशि से निर्वाचित जन प्रतिनिधियों का मानदेय पंचायतीराज विभाग द्वारा भुगतान किया जायेगा। अवशेष धनराशि में से 20 प्रतिशत धनराशि कोरोना महामारी के बचाव हेतु प्रचार-प्रसार, सेनेटाईजेशन व महामारी से सबंधित अन्य कार्यों पर व्यय की जायेगी। इसके अलावा जलापूर्ति व्यवस्था, सीवरेज ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल निकासी एवं स्वच्छता, सामुदायिक परिसम्पतियों के रख-रखाव, स्ट्रीट लाईट तथा आंगनबाड़ी भवनों का निर्माण-अतिरिक्त कक्षा कक्ष का निर्माण एवं सामुदायिक भवन निर्माण आदि विकास कार्य किये जायेंगे।