प्रशिक्षित शिक्षकों के जरिए स्कूलों के अध्यापकों को आपदा प्रबंधन की ट्रेनिंग दी जाएः त्रिवेन्द्र

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक ली। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपदा प्रबंधन की दृष्टिगत युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाय। ग्राम सभा में भी समय-समय पर लोगों को प्रशिक्षित किया जाए। स्कूलों में आपदा प्रबंधन से संबंधित सप्ताह में एक क्लास की व्यवस्था हो। उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियों के दृष्टिगत लोगों को आपदा प्रबंधन के लिए जागरूक करना जरूरी है। आगजनी घटनाओं एवं वर्षाकाल के लिए लोगों को प्रशिक्षित करना जरूरी है। आपदा की चुनौतियों का सामना करने के लिए समय-समय पर मॉक ड्रिल भी कराई जाए।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए जो भी प्रशिक्षण दिए जा रहे हैं उनको और प्रभावी बनाने के लिए विशेषज्ञों की राय ली जाए जिन शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है उनके माध्यम से सभी स्कूलों के अध्यापकों को भी ट्रेनिंग दी जाए आपदा प्रबंधन के दृष्टिगत संचार तंत्र को और अधिक मजबूत किया जाए।
मानसून के दृष्टिगत सभी तैयारियां पूरी कर ली जाय। आपदा की दृष्टि से संवेदनशील स्थानों का चिन्हीकरण किया जाय। आपदा रिस्पांस टाइम को कम से कम करने का प्रयास किया जाय। लोगों को कोविड 19 से बचाव के लिए विभिन्न माध्यमों से जागरूक किया जाय।

बैठक में उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया कि मौसम से संबंधित सटीक जानकारियों के लिए मुक्तेश्वर एवं सुरकंडा में डॉप्लर रडार लगाने का कार्य चल रहा है। इस वर्ष 12321 युवक मंगल दल एवं 10908 युवक-युवतियों को आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया। संचार तंत्र को सुदृढ़ करने के लिए तहसील स्तर पर 184 सेटेलाइट फोन उपलब्ध कराए गए हैं। 2012 से अब तक 27 आपदा से संवेदनशील ग्रामों के 699 परिवारों का पुनर्वास किया गया है। गढ़वाल मंडल में 84 एवं कुमाऊं मंडल में 100 भूकंप पूर्व चेतावनी तंत्र उपकरण स्थापित किए गए हैं। गंगा नदी पर कोटेश्वर से लेकर ऋषिकेश तक 8 संवेदनशील स्थानों पर बाढ़ चेतावनी तंत्र स्थापित किए गए हैं।

राज्य एवं जिला स्तर पर कार्मिकों को इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम का प्रशिक्षण दिया गया है। राज्य आपदा मोचन निधि के तहत प्रदेश के सभी जनपदों को कुल 98 करोड़ रुपए, चिकित्सा शिक्षा निदेशालय को 20 करोड़ रुपए, लोक निर्माण विभाग को 30 करोड़ रुपए, पेयजल संस्थान को 20 करोड़ रुपए एवं चिकित्सा स्वास्थ्य परिवार कल्याण विभाग को 16 करोड़ रुपए की धनराशि दी गई है।

अगले माह यात्रियों की संख्या में होगा इजाफा

केदारनाथ यात्रा के लिये आपदा के बाद अच्छी खबर है। बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने बाबा केदार के दर्शन कर दिये हैं। बाबा के दर्शन करने वाले तीर्थ यात्रियों का आकंडा चार लाख पार पहुंच चुका है।
16-17 जून 2013 को केदारनाथ में आई भीषण आपदा के बाद इस बार केदारनाथ आने वाले तीर्थ यात्रियों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। बरसात के मौसम में भी यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं, जिससे देश-विदेश में यात्रा को लेकर अच्छा संदेश गया है। मई माह में कपाट खुलने के बाद चार माह के समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों को पहुंचे हैं। आगामी दो महीने में भी केदारघाटी के सभी होटल-लॉलों में एडवांस बुकिंग आ चुकी है, जिससे उम्मीद जताई जा रही है कि इस बार पांच लाख से अधिक यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचेंगे।
इधर, पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने बताया कि यह यात्रा सीजन यात्रा के दृष्टिकोण से बहुत अच्छा गुजर रहा है। आपदा के बाद यात्रा पटरी पर लौट चुकी हैं बहुत कम समय में चार लाख से अधिक तीर्थ यात्री बाबा के दर्शनों के लिये पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि आगामी दो माह की यात्रा के लिये भी एडवांस बुकिंग आ चुकी हैं। मौसम भी खुल रहा है। बरसात का सीजन समाप्त होने वाला है। ऐसे में अधिक यात्रियों के आने की उम्मीदे हैं। उन्होंने कहा कि यात्रियों को किसी भी प्रकार की दिक्कतें नहीं होने दी जाएंगी। यात्रियों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

घनशाली-केदार राजमार्ग के बाजार में आया मलबा

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टिहरी।
बुधवार टिहरी घनशाली मुख्य बाजार बेरियर के पास भूस्खलन होने से राजमार्ग बंद हो गया है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश के चलते मुख्य बाजार में मलबा आने से स्थानीय लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। हालांकि जान माल के नुकसान की कोई खबर नही है।
घनशाली-केदारनाथ मोटर मार्ग पर बेरियर के पास अत्यधिक मात्रा में पहाडी से मलबा आने के कारण राजमार्ग बंद हो गया है। स्थानीय सूत्रों के अनुसार मालवाहक वाहन मलबे के नीचे दबे हो सकते है। जिला प्रशासन मौके पर पहुंचकर लोगों को सुरक्षित स्थानों में भेज रहा है।