प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम की पुण्यतिथि पर किया पौधरोपण

प्रसिद्ध समाज सेवी स्व. मांगेराम की 20वीं पुण्यतिथि पर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह, आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा कैलाशानंद गिरि महाराज, मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल, एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, अभिनेता कृष्ण कुमार द्वारा स्व. मांगेराम अग्रवाल के चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित कर संयुक्त रूप से किया गया।
इस मौके पर प्रसिद्ध समाजसेवी स्व. मांगेराम अग्रवाल को स्मरण कर उनकी याद में पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा के लिए बेजुबान जानवरों का उपचार करने पर अनुज कुमार धस्माना, स्वरोजगार कर कई महिलाओं को रोजगार देने के लिए ईशा चौहान कालूड़ा, गिनीज बुक में कम उम्र में चित्रकार के रूप में नाम कमाने पर राजेश चंद्रा, निशुल्क भोजन प्रदान करने पर संस्था जानकी रसोई, रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करने पर दिव्यांग कौशल्या, प्रत्येक वर्ष निर्धन कन्याओं का निशुल्क विवाह कराने पर अखिलेश अग्रवाल, हरज्ञान चंद सरस्वती शिशु विद्या मंदिर में हाई स्कूल में विद्यालय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल करने पर तान्या कश्यप, द्वितीय स्थान पर पूनम, इंटर मीडिएट में विद्यालय में प्रथम स्थान पाने पर तनुजा, द्वितीय स्थान पाने अदिति मित्तल, समाज सेवा के लिए भगत सिंह वर्मा, अध्यापन के क्षेत्र के लिए हरिहर लोहानी, उत्तराखंड हाई स्कूल बोर्ड परीक्षा में राज्य में दूसरा स्थान पाने पर ऋषिकेश के आयुष रावत, 128 बार रक्त देने के लिए योगेश अग्रवाल को राज्यपाल राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।
रविवार को डोईवाला के वेडिंग पॉइंट में स्व. हरज्ञान चंद अग्रवाल सरस्वती शिशु विद्या मंदिर डोईवाला की ओर से आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ कर राज्यपाल ले. जनरल सरदार गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगेराम अग्रवाल दिव्य विभूती राष्ट्रभक्त थे, जो भारत माता की साधना में अनवरत लगे रहे। शिक्षा में भारतीय संस्कृति और संस्कार भी मिलने चाहिए। इस हेतु डोईवाला में मांगेराम ने पिता स्व हरज्ञान चन्द अग्रवाल की स्मृति में आपने विद्यालय के लिए अपनी भूमि दान देकर उसपर कक्षो का निर्माण करवाया। केवल डोईवाला में ही नहीं अपितु भानियावाला, थानों, भोगपुर, बुल्लावाला व दूधली में भी सरस्वती शिशु मंदिरों की स्थापना करवाई। आज यही विद्यालय हाई स्कूल व इंटर कालेज के स्वरूप ले चुके हैं।
राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि जिन सिद्धान्तों को लेकर मांगेराम ने अपना जीवकोपार्जन किया, उसी सिद्धान्तों को उनके बच्चें आगे बढ़ा रहे है। तीनों ही सुपुत्र सामाजिके कार्याे में सदैव अग्रसर रहते है। उनके पुत्र आज डॉ प्रेमचंद अग्रवाल कैबिनेट मंत्री के रूप में आज प्रदेश हित में कई सराहनीय कदम उठा रहे हैं। राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि स्व. मांगे राम जी समरस्ता के प्रत्यक्ष ऐसे उदाहरण हैं जो कहते थे इस धरा पर कोई ऊंच-नहीं सब इंसान बराबर हैं। जाति के आधार पर कोई भेद-भाव या छुआछूत नहीं होनी चाहिए। वो हमेशा होली-दीवाली जैसे पर्व बस्ती में जाकर बस्ती के बन्धुओं के साथ मनाते थे। उन्होंने अपने रहते हुए सभी बच्चों को संघ का परिशिक्षण करवाया। वो हमेशा कहते थे शाखा हमारे जीवन का आधार है। यही जीवन का मूलमंत्र है। राज्यपाल गुरमीत सिंह जी ने कहा कि स्व. मांगेराम जी सच्चे निष्ठावान समर्पित स्वयंसेवक थे। संघ की इच्छा को हो आदेश स्वीकार कर जीवन में धारण किया। वो हर वर्ष संघ वर्ग के लिए एक माह का समय चाहे परिस्थिति अनुकूल हो या प्रतिकूल हो वर्ग की व्यावस्था रहते थे। शाखा है तो सब कुछ सम्भव है शाखा हमारी संस्कारों की निर्माण शाला है। जीवनपर्यन्त वो इसी पथ के अनुगामी रहे।
इस मौके पर आचार्य महामंडलेश्वर निरंजनी अखाड़ा पूज्य कैलाशानंद गिरि महाराज ने कहा कि स्वर्गीय मांगेराम विद्यालय के लिए जमीन ना देते तो आज निर्धन बच्चे शिक्षा ना ले पाते। कहा कि वास्तव में मांगे राम जी ने एक मंदिर की स्थापना की। ऐसे शिक्षा के मंदिर आज पूरे देश भर में खुलने चाहिए। उन्होंने अधिक से अधिक पौधारोपण करने का आवाहन किया। साथ ही विद्यालय के लिए हर संभव मदद का भरोसा दिया।
एम्स निदेशक प्रो. मीनू सिंह ने कहा कि हरियाणा के छोटे से गांव में स्व. मांगेराम का जन्म हुआ। यहीं से कार्य एवं पढ़ाई की दृष्टि से डोईवाला में आगमन हुआ। बाल्यकाल में ही संघ से जुड़ गए। यहीं से राष्ट्र निर्माण के पथ पर चल पड़े। कहा कि जीवन में साक्षात संघ को उतारने वाले स्व मांगेराम निरन्तर संघ कार्य के लिए डोईवाला के क्षेत्र के गांवों में शाखा लगाने लगे। पूरे क्षेत्र में संघ की पहचान मांगेराम बन गए। चाहे आपातकाल के काल हो, रामजन्म भूमि का आंदोलन हो, गो आंदोलन हो, सभी मे सक्रिय भाग ही नहीं लिया। अपितु समाज को जोड़ने का काम किया। उन्होंने आदर्श गांव बनाने के लिए प्रेरित किया कहा कि है कि ऐसा गांव स्थापित करें, जहां जैविक खेती, समरसता, जाती-पाती ना हो। जहां के बच्चे संस्कारित हो, उनमें देश प्रेम का भाव हो, पर्यावरण की समझ रखते हों, ऐसे गांव की आज जरूरत है।
वित्त व संसदीय कार्यमंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि वर्ष 1989 में सम्पूर्ण देश में संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार जी की जन्मशताब्दी का वर्ष था। संघ योजना के अंतर्गत अनेक सेवा कार्याे को प्रारंभ करने की योजना बनी। डोईवाला में भी ऐसी बस्ती बने जो भूमिहीन हों, वंचित समाज से हों आर्थिक स्तिथि दयनीय हों उनको इस बस्ती में बसाया जाए। स्व० मांगेराम के अथक प्रयास से डा. हेडगेवार के नाम से केशव बस्ती बसाई गई। जिसमें स्कूल, सड़क, खेड़ा, संस्कार केंद्र का निर्माण आपके द्वारा करवाया गया।
इस मौके पर डोईवाला के विधायक बृज भूषण गैरोला ने भी अपने विचार रखे। वहीं, कार्यक्रम से पहले मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने मन की बात कार्यक्रम को सुना।

20 सीटों पर उम्मीदवार बदलने के मूड में भाजपा

उत्तराखंड विधानसभा के लिए प्रत्याशियों के नाम तय करने में भाजपा नेतृत्व को तगड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है। हालांकि सूत्र बता रहे हैं कि चुनाव समिति की बैठक में 50 विधानसभा क्षेत्रों से आए नामों पर तकरीबन सहमति हो चुकी है। लेकिन 20 विधानसभा सीटों पर माथापच्ची के बाद असमंजस की स्थिति है। अब इसे केंद्रीय नेतृत्व और संसदीय बोर्ड पर छोड़ा गया है।
प्रदेश चुनाव समिति की बैठक में विधानसभा वार आए नामों पर विचार हुआ। मंत्रियों, वरिष्ठ विधायकों की सीटों पर एक-एक नाम, ऐसी सीटें जिसमें पार्टी के पास सकारात्मक फीड बैक है पर एक से दो नाम का पैनल बनाया गया है। जिन सीटों पर पार्टी की स्थिति कमजोर है या कांग्रेस के कब्जे वाली हैं, वहां तीन-तीन नामों के पैनल भेजे गए हैं। इन्हीं सीटों पर पार्टी सहमति के बिंदू नहीं पहुंच पाई है।

गढ़वाल मंडल विधानसभा सीट –
थराली- पूर्व विधायक स्व. मगन लाल शाह की पत्नी विधायक हैं और टिकट मांग रही हैं लेकिन पार्टी वहां ज्यादा मजबूत प्रत्याशी तलाश रही है।
पौड़ी-विधायक मुकेश कोली के खिलाफ पार्टी के खेमा लामबंद है। पार्टी सर्वे के नतीजे भी कोली के लिए सहज नहीं बताए जा रहे।
कोटद्वार-हरक सिंह रावत के कांग्रेस में लौटने के बाद स्थिति बदल गई है।
पुरोला-इस सीट पर कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल हो चुके हैं और भाजपा के पूर्व प्रत्याशी माल चंद कांग्रेस में चले गए हैं।
घनसाली-संगठन के सर्वे में विधायक शक्तिलाल शाह की स्थिति बहुत मजबूत नहीं बताई जा रही।
टिहरी-चर्चा है कि पार्टी इस सीट पर कांग्रेस से एक बड़े चेहरे को मैदान में उतार सकती है।
झबरेड़ा-पार्टी की सर्वे रिपोर्ट और कार्यकर्ताओं का फीड बैक विधायक देश राज कर्णवाल के अनुकूल नहीं माना जा रहा।
पिरान कलियर-यह सीट कांग्रेस के कब्जे वाली है और पार्टी अभी तय नहीं कर पा रही है कि किस चेहरे पर दांव लगाया जाए।
राजपुर रोड-इस सीट पर खजानदास विधायक हैं और इस बार पार्टी के भीतर सीट पर नए विकल्प की चर्चा हो रही है।
गंगोत्री-इस सीट पर पार्टी प्रत्याशी चयन को लेकर असमंजस में है। पूर्व विधायक की पत्नी टिकट मांग रही हैं।
भगवानपुर-इस सीट पर पार्टी ने पूर्व कैबिनेट मंत्री सुबोध राकेश को प्रत्याशी बनाया था। लेकिन वह पार्टी छोड़कर बसपा में चले गए। पार्टी यहां मजबूत प्रत्याशी की खोज में है।

’कुमाऊं मडंल में ये सीटें फंसी’
नैनीताल-इस सीट पर संजीव आर्य विधायक थे, लेकिन पार्टी छोड़ने के बाद अब भाजपा को इस सीट पर टक्कर के प्रत्याशी की तलाश है। पार्टी कांग्रेस नेत्री सरिता आर्य को साधने की कोशिश कर रही है।
जागेश्वर-कांग्रेस के कब्जे वाली सीट पर पार्टी को मजबूत प्रत्याशी चाहिए।
अल्मोड़ा-इस सीट पर रघुनाथ सिंह चौहान विधायक हैं। क्षेत्र में पार्टी उनका विकल्प तलाश रही है।
रानीखेत-यहां कांग्रेस के करन माहरा विधायक हैं। भाजपा इस सीट पर मजबूत चेहरे की तलाश में है।
गंगोलीहाट-भाजपा की मीना गंगोला विधायक हैं। यहां भी पार्टी ज्यादा मजबूत विकल्प खोज रही है।
काशीपुर-काशीपुर में भाजपा विधायक हरभजन सिंह चीमा अपने बेटे को प्रत्याशी बनाना चाहते हैं। लेकिन पार्टी के अन्य दावेदार भी टिकट मांग रहे हैं।
बाजपुर-विधायक यशपाल आर्य के भाजपा छोड़ देने के बाद परिस्थितियां बदली हैं और पार्टी मजबूत विकल्प खोज रही है।
रामनगर-रामनगर सीट पर भी पार्टी को मजबूत विकल्प की तलाश है।
हल्द्वानी-इस सीट पर भी भाजपा में टिकट को लेकर मारामारी है।

डोईवाला सीट पर त्रिवेंद्र का नाम टॉप पर
सूत्रों के मुताबिक, डोईवाला विधानसभा सीट पर नामों का जो पैनल बनाया गया है उसमें पहले स्थान पर पूर्व मुख्यमंत्री व सिटिंग विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम बताया जा रहा है। लेकिन उनके नाम पर अंतिम फैसला पार्टी की बैठक और संसदीय बोर्ड में ही होगा।

फौजदारी के 14 साल पुराने में आरोपित हुआ बरी

न्यायिक मजिस्ट्रेट डोईवाला की अदालत ने 14 साल पुराने मामले पर सुनवाई करते हुए आरोपी को दोषमुक्त किया है।
वरिष्ठ अधिवक्ता लाल सिंह मटेला ने बताया कि वर्ष सात अक्टूबर 2007 को सरिता राणा नामक महिला ने जौलीग्रांट पुलिस चौकी में तहरीर दी थी। बताया था कि उनके पति दिनेश कुमार राणा बाइक से देहरादून से ऋषिकेश की ओर आ रहे थे। तभी खुशाल सिंह सजवाण ने उनके पति की बाइक को जोरदार टक्कर मार दी थी। जिसके चलते अस्पताल में इलाज के दौरान उनके पति की मौत हो गई थी। उन्होंने खुशाल सिंह पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप लगाया था। इसी क्रम में पुलिस ने भी खुशाल सिंह सजवाण पर लापरवाही से वाहन चलाने के आरोप सहित विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था।
अधिवक्ता लाल सिंह मटेला ने बताया कि मामला देहरादून स्थित सीजेएम न्यायालय करीब 10 वर्ष तक चला। इसके बाद वर्ष 2018 में डोईवाला में न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में स्थानांतरित हुआ। अधिवक्ता लाल सिंह मटेला की मजबूत पैरवी की बदौलत न्यायाधीश मीनाक्षी दुबे ने आरोपित खुशाल सिंह सजवाण को दोषमुक्त किया है।