एआरटी बोर्ड को एआरटी क्लीनिक व सरोगेसी के प्राप्त हुये दो दर्जन आवेदन

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत की अध्यक्षता में राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी व सरोगेसी बोर्ड की पहली बैठक हुई। जिसमें सरोगेसी व एआरटी क्लीनिक से संबंधित कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर विस्तृत चर्चा हुई। स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने सरोगेसी व क्लीनिक से संबंधित प्रकरणों को समयबद्ध निस्तारण के निर्देश बोर्ड को दिये, साथ ही उन्होंने कहा कि बोर्ड की बैठके निश्चित समय पर आहूत की जानी जरूरी है ताकि बोर्ड को प्राप्त प्रस्तावों पर निर्णय लिया जा सके।

राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी व सरोगेसी बोर्ड के अध्यक्ष एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 रावत ने आज सचिवालय स्थित वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली सभागार में बोर्ड की पहली बैठक ली। जिसमें बोर्ड के दो दर्जन से अधिक सदस्यों ने प्रतिभाग किया। डॉ0 रावत ने बताया कि बोर्ड पहली बैठक में कई महत्पूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा हुई, जिसमें राज्य में सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी एवं सरोगेसी एक्ट से संबंधित प्रकरणों को एक्ट में निहित प्रावधानों के तहत समयबद्ध तरीके से निस्तारण करने का निर्णय लिया गया। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बोर्ड बैठक प्रत्येक तीन माह में आयोजित की जायेगी ताकि राज्यभर से प्राप्त आवेदनों का निस्तारण समय पर किया जा सके। बोर्ड की अगली बैठक दो माह बाद आयोजित होगी जिसमें राज्यभर से अभी तक बोर्ड को प्राप्त एआरटी क्लीनिक एवं सरोगेसी के दो दर्जन प्रस्तावों पर निर्णय लिया जायेगा। राज्य बोर्ड एवं समुचित प्राधिकारी एआरटी एवं सरोगेसी एक्ट एवं इसके अंतर्गत बनाये गये नियमों का राज्य में अनुपालन सुनिश्चित करेंगे। बोर्ड के प्राविधानों के तहत अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर को समुचित प्राधिकारी व अन्य दो सदस्य नामित किये गये हैं।

इससे पूर्व केन्द्र सरकार के स्तर पर राष्ट्रीय बोर्ड का गठन किया जा चुका है जिसमें स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत को बतौर सदस्य नामित किया गया है, जिसकी पहली बैठक गत 31 जनवरी को आहूत की गई थी।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य एवं उपाध्यक्ष डॉ. आर.राजेश कुमार, सचिव न्याय एवं सदस्य नरेन्द्र दत्त, अपर सचिव गृह अतर सिंह, अपर सचिव समाज कल्याण सुरेश जोशी, अपर सचिव स्वास्थ्य एवं बोर्ड की समुचित प्राधिकारी अमनदीप कौर, निदेशक स्वास्थ्य एवं सदस्य डॉ. भारती राणा, निदेशक एनएचएम डॉ. सरोज नैथानी, राज्य सहायक प्रजनन प्रौद्योगिकी एवं सरोगेसी बोर्ड की सदस्य डॉ. लतिका चावला, डॉ. भागीरथी जोशी, बिन्दुवासिनी, डा. अनीता रावत, रेनू सरन, हेमलता बहन, लारेंश सिंह, अरूणा नेगी चैहान सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

आईईसी-मीडिया कार्यशाला में एनएचएम कार्मिकों को मिले निर्देश

स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न स्वास्थ्य योजनाओं की जानकारी प्रदेश के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिये मीडिया और आइईसी टीम की भूमिका महत्वपूर्ण है। दोनों के मध्य समन्वय बनाने का जिम्मा राज्य व जिला स्तर पर तैनात आइईसी कोडिनेटर का है। कार्यशाला में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहत्तरी को लेकर मीडियाकर्मियों ने कई सवाल उठाये तथा दो दर्जन से अधिक सुझाव भी दिये, जिस पर विभागीय मंत्री ने प्राप्त सुझावों पर अमल करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित किया।

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन उत्तराखंड के तत्वाधान में देहरादून में आयोजित एक दिवसीय आइईसी-मीडिया कार्यशाला एवं स्वास्थ्य संवाद में स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया और आइईसी की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं की सही जानकारी सूबे के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने में दोनों का अहम योगदान है, बशर्ते कि राज्य व जिला स्तर पर आइईसी मीडिया के साथ तालमेल बना कर कार्य करे। डॉ0 रावत ने कहा कि कार्यशाला में मीडिया कर्मियों से प्राप्त सुझावों पर विभाग अमल करेगा। इसके लिये उन्होंने विभागीय अधिकारियों को मौके पर ही निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाओं से प्राप्त सुझाव स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिये मार्गदर्शन का कार्य कर सकते हैं। उन्होंने कहा शीघ्र ही प्रदेश के सभी जनपदों में इसी प्रकार की कार्यशालाओं का आयोजन किया जायेगा ताकि मीडिया व आइईसी के बीच बेहतर तालमेल व संवाद बना रहे। जिसका लाभ आम आदमी को भी मिल सकेगा।

कार्यशाला में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर0 राजेश, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 भारती राणा, सीएमओ देहरादून डॉ0 मनोज उप्रेती, कोरोनेशन जिला अस्पताल की पीएमएस डॉ0 शिखा जांगपांगी सहित सभी जनपदों से आये डीपीएम एवं आईईसी कोर्डिनेटस् एवं मेडिकल कॉलेजों के जनसम्पर्क अधिकारी उपस्थित रहे।

कार्य एवं दायित्वों को लेकर आइईसी और डीपीएम कसे पेंच
आइईसी-मीडिया कार्यशाला के उपरांत विभागीय मंत्री डॉ0 रावत ने सभी जनपदों एवं मेडिकल कॉलेजों से आये आइईसी एवं डीपीएम की बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम तथा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत संचालित सभी स्वास्थ्य योजनाओं के प्रचार-प्रसार, मीडिया के साथ कोडिनेशन, योजनाओं की मॉनिटिरिंग तथा उनकी रिपोर्टिंग एवं डॉक्यूमेंटेशन में धीमी प्रगति को लेकर नाराजगी व्यक्त करते हुये सभी को अपने कार्य एवं दायित्वों का निर्वहन सही से करने को कहा। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला अस्पताल एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों में स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं की जानकारी से संबंधित होर्डिंग्स, वॉल पेंटिंग व बैनर लगाने के भी निर्देश दिये। उन्होंने आइईसी कोर्डिनेटर्स को जनपद, तहसील एवं ब्लॉक स्तर पर चिकित्साधिक्षकों के साथ समन्वय स्थापित कर अस्पतालों में किये जा रहे बेहतर कार्यों को भी विभिन्न संचार माध्यमों से जनता के सामने लाने के निर्देश दिये साथ ही विभिन्न वेलनेस सेंटरों में तैनात सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएचओ) से समन्वय बनाते हुये उनके द्वारा किये जा रहे क्रियाकलापों का भी प्रचार-प्रसार करने को कहा।

पुलिस, समाज कल्याण, शिक्षा व स्वास्थ्य विभाग के साथ की मैराथन बैठक

उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने के उद्देश्य से प्रदेशभर में शीघ्र ही ‘ड्रग्स फ्री देवभूमि/2025 अभियान’ चलाया जायेगा। इस अभियान के तहत प्रत्येक माह शिक्षण संस्थानों, सार्वजनिक स्थानों, अनाथालयों, जिला कारागारों एवं सरकारी कार्यालयों में जन जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। सभी शिक्षण संस्थानों मेंएंटी ड्रग्स सेल का गठन अनिवार्य रूप से करना होगा। राज्य सरकार शीघ्र ही एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी लाने जा रही है। जिसका ड्राफ्ट स्वास्थ्य विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है, इसके लिये सभी संबंधित विभागों से दो सप्ताह के भीतर सुझाव देने को कहा गया है।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत की अध्यक्षता में आज सचिवालय स्थित एफआरडीसी सभागार में उत्तराखंड को ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने को लेकर मैराथन बैठक हुई। जिसमें डा. रावत ने कहा कि राज्य सरकार ने उत्तराखंड को वर्ष 2025 तक ड्रग्स फ्री स्टेट बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके शीघ्र ही एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी अस्तित्व में आ जायेगी। राज्य में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को इस अभियान का नोडल बनाया गया है। पुलिस, समाज कल्याण, श्रम, सेवा योजन एवं कौशल विकास, विद्यालयी शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, कृषि शिक्षा एवं आयुष शिक्षा आदि विभागों को भी अभियान में शामिल किया गया है।

डा. रावत ने बताया कि अभियान के अंतर्गत प्रत्येक माह राज्य से लेकर ब्लॉक स्तर तक राजकीय एवं निजी विद्यालयों, महाविद्यालयों, निजी उच्च शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सार्वजनिक स्थानों, जिला कारागारों, अनाथालयों एवं सरकारी कार्यालयों में ड्रग्स के दुष्प्रभावों को लेकर जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। अभियान में ग्राम पंचायतों, क्षेत्र पंचायतों, जिला पंचायतों, नगर निकायों को भी शामिल किया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि अभियान के साथ ही जो युवा ड्रग्स की चपेट में आ चुके हैं उनके पुनर्वास के लिये समुचित व्यवस्था की जायेगी जिसके तहत राज्य सरकार के मानसिक चिकित्सालयों को उच्चीकृत करने के साथ ही काउंसलर एवं मनोचिकित्सक की तैनाती की जायेगी। इसके साथ ही जो एनजीओ इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके माध्यम से भी पुनर्वास का कार्य कराया जायेगा। साथ ही ऐसे एनजीओ स्टेट मेंटल हेल्थ आथॉरिटी में पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा ताकि समय समय इनके द्वारा किये जा रहे कार्यों का निरीक्षण किया जा सके।

स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि ऐसे युवाओं के पुनर्वास एवं उपचार के निःशुल्क दवा, टेली मनस के माध्यम से काउंसिलिंग की व्यवस्था उपलब्ध है। पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा कि प्रत्येक जिले में रिहेबिलिटेशन सेंटर बनाया जाना चाहिये साथ ही जो लोग इस धंधे में लिप्त हैं उनके विरूद्ध दण्डात्मक कार्रवाई का प्रावधान भी किया जाना आवश्यक है। इसके साथ ही जो एनजीओ सरकार के सहयोग से इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं उनके लिये भी नियम बनाये जाने जरूरी हैं ताकि सरकारी सहयोग लेने के उपरांत सही ढंग से काम न करने वाले एनजीओ के विरूद्ध भी कार्रवाई की जा सके। बैठक में सचिव कृषि शिक्षा बीवीआरसी पुरूषोत्तम ने कहा कि उच्च शिक्षण संस्थानों में ड्रग्स को रोकने के लिये जो प्रावधान तैयार किये जायेंगे उनको सभी सरकारी शिक्षण संस्थानों के साथ ही निजी शिक्षण संस्थानों में भी लागू किया जाना चाहिये। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि एंटी ड्रग्स एंड रिहेबिलिटेशन पॉलिसी का प्रारूप लगभग तैयार कर दिया गया है। एक बार संबंधित विभागों को ड्राफ्ट का प्रारूप भेजकर सुझाव आमंत्रित किये जायेंगे, उसके पश्चात ड्राफ्ट को अंतिम रूप देकर स्वीकृति के लिये कैबिनेट में लाया जायेगा। इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की ओर डॉ0 मयंक बडोला ने ड्रग्स एवं उसके दुष्प्रभाव को लेकर एक पावर प्वाइंट के माध्यम से प्रस्तुतिकरण भी दिया।

बैठक में पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार, सचिव कृषि बीवीआरसी पुरूषोत्तम, एडीजी पुलिस बी मुरूगेशन, सचिव स्वास्थ्य आर राजेश कुमार, अपर सचिव कृषि रणवीर सिंह चौहान, अपर सचिव समाज कल्याण कर्मेन्द्र सिंह, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, संयुक्त निदेशक उच्च शिक्षा डा. एएस उनियाल, ड्रग कंट्रोलर ताजबर नेगी, नीरज कुमार सहित सहित श्रम एवं कौशल विकास, समाज कल्याण तथा तकनीकी शिक्षा के अधिकारी उपस्थित रहे।

विद्यालयों का निरीक्षण कर महानिदेशालय को सौंपेंगे रिपोर्ट

‘विद्या संवाद’ कार्यक्रम के अंतर्गत शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विभागीय कार्यों की समीक्षा के लिये विभिन्न जनपदों में जायेंगे। जहां वह शिक्षकों, अभिभावकों एवं छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करेंगे। विद्या संवाद कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी शिक्षा की गुणवत्ता सहित विभागीय कार्यों का अवलोकन करेंगे, साथ ही न्यायालय में योजित वादों की संख्या में कमी लाने के लिये संबंधित शिक्षकों से वार्ता करेंगे। इसके लिये शिक्षा महानिदेशालय द्वारा सभी जनपदों के लिये अधिकारी नामित कर दिये हैं।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि नवम्बर माह के प्रथम सप्ताह प्रदेशभर में विद्या संवाद कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे। जिसके तहत विभाग के वरिष्ठ अधिकारी विभिन्न जनपदों में जाकर शिक्षकों, अभिभावकों और छात्र-छात्राओं से संवाद स्थापित करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिये महानिदेशालय स्तर से जनपदवार अधिकारी नामित कर दिये गये है, जो शीघ्र ही संबंधित जनपदों में जाकर संवाद स्थापित करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा बंशीधर तिवारी को देहरादून जनपद आवंटित किया गया है, जबकि निदेशक माध्यमिक शिक्षा राकेश कुमार कुंवर को पिथौरागढ़, निदेशक अकादमी शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी को हरिद्वार, निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा वंदना गर्ब्याल को टिहरी, अपर निदेशक महानिदेशालय विद्यालयी शिक्षा राम कृष्ण उनियाल को उत्तरकाशी, अपर निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा एस0पी0 खाली को चमोली, अपर निदेशक एससीईआरटी डॉ0 आर0डी0 शर्मा को पौड़ी गढ़वाल, संयुक्त निदेशक डॉ0 एस0बी0 जोशी को चम्पावत, संयुक्त निदेशक एससीईआरटी आशा पैन्यूली को ऊधमसिंह नगर, प्रभारी अपर निदेशक सीमैट दिनेश चन्द्र गौड़ को रूद्रप्रयाग, संयुक्त निदेशक प्रारम्भिक शिक्षा रघुनाथ लाल आर्य को बागेश्वर, हरीश चन्द्र सिंह रावत को नैनीताल और संयुक्त निदेशक माध्यमिक शिक्षा कंचन देवराड़ी को अल्मोडा जनपद की जिम्मेदारी सौंपी गई है। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम के तहत नामित अधिकारी अपने-अपने जनपदों के प्रत्येक विकासखंड में कम से कम तीन विद्यालयों का समग्र अनुश्रवण करेंगे, जिसकी रिपोर्ट वह आगामी 15 नवम्बर तक महानिदेशालय को उपलब्ध करायेंगे। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम के दौरान विभागीय अधिकारी न्यायालयों में दायर विभिन्न वादों से संबंधित शिक्षकों के साथ वार्ता कर वादों की संख्या में कमी लाने का प्रयास भी करेंगे ताकि वादों से संबंधित विभिन्न लम्बित प्रकरणों पर विभाग अग्रिम कार्रवाही कर शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुचारू कर सकेगा। इसके अलावा कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों में अधूरे पड़े निर्माण कार्यों, परीक्षाफल सुधार, वर्चुअल कक्षाओं के संचालन, एनईपी के अंतर्गत बालवाटिका कार्यक्रम की स्थिति, मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता सहित छात्रों के पठन-पाठन आदि की स्थिति का जायजा लेने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये हैं। डॉ0 रावत ने बताया कि विद्या संवाद कार्यक्रम की सभी जनपदों से प्राप्त रिपोर्ट की समीक्षा की जायेगी और रिपोर्ट में सुझाये गये सुझावों को अमल में लाया जायेगा।

शिक्षा महानिदेशालय के अधिकारियों संग शिक्षा मंत्री ने की बैठक

विद्यालयी शिक्षा के वरिष्ठ अधिकारी प्रदेश के प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत शिक्षक संगठनों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं से वार्तालाप कर शिक्षा व्यवस्था में गुणात्मक सुधार के लिये सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट तैयार कर दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना एवं ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को समक्ष व्यक्तियों द्वारा गोद लेने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाये जायेंगे।

विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय में विभागीय अधिकारियों के साथ विभाग की समीक्षा बैठक की। जिसमें उन्होंने शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यालयों के बेहतर संचालन के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारियों को प्रत्येक जनपद में जाकर शिक्षा संवाद कार्यक्रम के तहत विभिन्न संगठनों से सुझाव प्राप्त करने के निर्देश दिये। जिसके अंतर्गत विभागीय अधिकारी जनपद स्तरीय भ्रमण कर संबंधित जनपदों के शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों, अभिभावक संघों एवं छात्र-छात्राओं के साथ संवाद स्थापित कर सुझाव प्राप्त करेंगे। जिसकी रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा को सौंपेंगे। इस कार्यक्रम के तहत प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिये प्रयास किये जायेंगे। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को अटल उत्कृष्ट विद्यालयों में रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की तैनाती, कलस्टर विद्यालय योजना, डायट नियमावली, समक्ष व्यक्तियों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों को गोद लेने, माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के लम्बे अवकाश, स्थानांतरण व सेवानिवृत्ती की स्थिति में कामचलाऊ शिक्षकों की व्यवस्था किये जाने सहित आधा दर्जन प्रस्ताव कैबिनेट में लाने को कहा। पात्र छा़त्र-छात्राओं को निःशुल्क पाठ्य पुस्तक, स्कूल बैग, जूते एवं यूनिर्फाम की धनराशि डीबीटी के माध्यम से शीघ्र उपलब्ध कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि विद्यालयी शिक्षा बोर्ड में अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को दो विषयों में अंक सुधार परीक्षा देने हेतु प्रस्ताव पर शीघ्र कार्यवाही अमल में लायी जाय। उन्होंने न्यायालय में चल रहे शिक्षकों की प्रोन्नति से संबंधित मामलों का शीघ्र निस्तारण के निर्देश भी अधिकारियों को दिये। शिक्षा मंत्री ने कहा कि आने वाले समय में प्रत्येक छात्र-छात्राओं को स्काउट गाइडए, एनएसएस तथा एनसीसी से जोड़ा जायेगा, इसके लिये विभागीय अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। डॉ0 रावत ने विभाग में अधिकारियों के प्रोन्नति संबंधी मामलों का निस्तारण एवं प्रत्येक विकासखंड में खंड शिक्षा अधिकारियों की तैनाती में हो रही लेटलतीफी पर नाराजगी व्यक्त करते हुये तत्काल कार्रवाई के निर्देश शासन के अधिकारियों को दिये।

बैठक में सचिव विद्यालयी शिक्षा रविनाथ रमन, अपर सचिव योगेन्द्र यादव, महानिदेशक शिक्षा बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर0के0 कुंवर, निदेशक वंदना गर्ब्याल सहित शासन एवं विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

नि-क्षय मित्र पंजीकरण में लगातार दूसरे पायदान पर उत्तराखंड

प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत नि-क्षय मित्र पंजीकरण में उत्तराखंड देशभर में दूसरे स्थान पर है। राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों द्वारा पंजीकरण किया गया है स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन सभी नि-क्षय मित्रों को स्थानीय स्तर पर तपेदिक रोगी उपलब्ध करा दिये गये हैं। सूबे में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। जिसके लिये विभिन्न संस्थाओं, विभागों के साथ-साथ सामुदायिक सहयोग लिया जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान जोर-शोर से चल रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के बाद उत्तराखंड देश का दूसरा राज्य हैं जहां टीबी रोगियों को गोद लेने के लिये सर्वाधिक नि-क्षय मित्रों का पंजीकरण किया गया है। डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में अबतक 5221 नि-क्षय मित्रों ने अपना पंजीकरण किया है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद में 428, बागेश्वर में 84, चमोली में 197, चम्पावत में 140, देहरादून में 458, पौड़ी में 356, हरिद्वार में 886, नैनीताल में 8843, पिथौरागढ़ में 242, रूद्रप्रयाग में 78, टिहरी गढ़वाल 261, ऊधम सिंह नगर में 1095 और उत्तरकाशी में 153 शामिल है। उन्होंने बताया कि ये सभी नि-क्षय मित्र गोद लिये गये टीबी रोगियों के उपचार एवं देखभाल में सहयोग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राज्य में 14536 टीबी रोगी पंजीकृत हैं जिसमें से 12766 रोगियों ने सामुदायिक सहायता प्राप्त करने के लिये अपनी सहमति प्रदान कर दी है। जिसमें अल्मोड़ा जनपद के 367, बागेश्वर के 159, चमोली के 316, चम्पावत के 175, देहरादून के 2398, पौड़ी के 460, हरिद्वार के 3330, नैनीताल के 1909, पिथौरागढ़ के 291, रूद्रप्रयाग के 213, टिहरी गढ़वाल के 426, ऊधम सिंह नगर के 2351 और उत्तरकाशी के 401 मरीज शामिल हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शत-प्रतिशत टीबी रोगियों को गोद लिया जायेगा। इसके लिये प्रदेशभर के निजी शिक्षण संस्थानों, विभिन्न विभागों के सचिवों एवं निदेशकों, समस्त जनपदों के मुख्य विकास अधिकारियों, विभिन्न संगठनों, व्यापारिक घरानों, एनजीओ सहित प्रतिष्ठित व्यक्तियों से नि-क्षय मित्र बनकर टीबी रोग उन्मूलन में सहयोग लिया जायेगा। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रत्येक नि-क्षय मित्र कम से कम एक और अधिकतम पांच टीबी मरीज गोद लेकर उनके उपचार में सहयोग प्रदान कर सकता है। गोद लिये गये टीबी रोगियों की नि-क्षय मित्र द्वारा समय-समय पर देखभाल की जायेगी साथ ही भारत सरकार द्वारा निर्धारित नियमों के तहत प्रत्येक माह अतिरिक्त पोषण हेतु फूड बास्केट भी उपलब्ध कराना होगा।

शिक्षा मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को लगाई जमकर फटकार

कैबिनेट मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने शिक्षा विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने को लेकर विभागीय अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति, बीआरसी-सीआरसी की तैनाती, स्कूल ड्रेस, जूते, बैग एवं पुस्तक वितरण में देरी, ब्लॉक से लेकर निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदों की डीपीसी ने किये जाने सहित कई प्रकरणों पर विभागीय अधिकारियों का जबाव तलब किया। विभागीय मंत्री ने नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत 6 विषयों में शिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु अधिकारियों को आगामी कैबिनेट में प्रस्ताव लाने के निर्देश दिये।

सूबे के विद्यालयी शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज शिक्षा महानिदेशालय ननूरखेड़ा में शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली। डॉ0 रावत ने विभाग में लम्बित प्रकरणों को समय पर पूरा न किये जाने पर विभागीय अधिकारियों से जबाव तलब कर जमकर लताड़ लगाई। उन्होंने विभागीय कार्यप्रणाली में तेजी लाने व लम्बित प्रकरणों को शीघ्र पूरा करने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। विद्या समीक्षा केन्द्र की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताते हुये डॉ0 रावत ने कहा कि विद्या समीक्षा केन्द्र का निर्माणकार्य छह महीने के भीतर पूरा कर लिया जाय। उन्होंने कहा कि समीक्षा केन्द्र के निर्माण कार्यों में कतई भी लापरवाही बर्दाष्त नहीं की जायेगी। विभागीय मंत्री ने ब्लॉक, जिला एवं निदेषालय स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पड़े प्रषासनिक संवर्ग के पदों पर डीपीसी करने तथा बीआरसी व सीआरसी की शीघ्र तैनाती करने के निर्देष भी अधिकारियों को दिये। इसके अलावा उन्होंने निःषुल्क स्कूल ड्रेस, जूते एवं बैग के लिये छात्र-छात्राओं के बैंक खातों में डीबीटी के माध्यम से शीघ्र धनराषि भेजने को भी कहा। डॉ0 रावत ने आगामी कैबिनेट बैठक में नितांत अस्थाई व्यवस्था के तहत दैनिक वेतनमान के आधार पर 6 विषयों में षिक्षकों के रिक्त पद भरे जाने हेतु प्रस्ताव लाने के निर्देष विभागीय अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि इस व्यवस्था के तहत स्थानीय स्तर पर षिक्षकों की तैनाती की जायेगी ताकि विज्ञान जैसे विषयों में शिक्षकों की कमी दूर की जा सकेगी।

बैठक में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी, निदेशक माध्यमिक शिक्षा आर के कुंवर, निदेशक प्राथमिक शिक्षा वंदना गर्व्याल, संयुक्त निदेशक बी एस नेगी सहित शासन के अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने नर्सिंग भर्ती के संबंध में दिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश

सूबे में स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को शीघ्र दूर कर दिया जायेगा। जिसके लिये विभागीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिये गये हैं। स्वास्थ्य निदेशालय एवं जिला स्तर पर लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों की डीपीसी कर शीघ्र भरने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये गये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के अंतर्गत प्रदेशभर में संचालित टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान को सफल बनाने के लिये अधिक से अधिक लोगों को नि-क्षय मित्र बनाने एवं ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के अंतर्गत लोगों का पंजीकरण कर स्वैच्छिक रक्तदान के लिये प्रेरित करने के लिये विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिये।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज शासकीय आवास में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने राजकीय चिकित्सालयों एवं मेडिकल कॉलेजों में स्टाफ नर्स के रिक्त 2800 सौ पदों पर शीघ्र भर्ती करने के लिये संशोधित नियमावली तैयार करने के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये। डॉ0 रावत ने बताया कि स्टाफ नर्स की वर्षवार भर्ती में आ रही अड़चनों को तत्काल दूर किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिये। विभागीय मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन में लम्बे समय से रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि लम्बे समय से खाद्य निरीक्षक, औषधि निरीक्षक व अन्य कार्मिकों के पद रिक्त होने से विभागीय कार्य प्रभावित होते हैं। इसी प्रकार डॉ0 रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशालय एवं जिला स्तर पर आईईसी के रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरे जाने के निर्देश दिये। प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत प्रदेशभर में चलाये जा रहे अभियान को सफल बनाने के लिये निरंतर निगरानी करने को कहा। इसके साथ ही टीबी रोगियों की देखभाल एवं उपचार के लिये अधिक से अधिक नि-क्षय मित्र बनाने पर भी जोर दिया। इसके अलावा प्रदेशभर में चलाये जा रहे ‘रक्तदान अमृत महोत्सव’ के लक्ष्य को पूरा करने के लिये राज्य व जिला स्तर के अधिकारियों को जन जागरूकता अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिये।

बैठक में सचिव स्वास्थ्य डॉ0 आर राजेश कुमार, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा गरिमा रौंकली, अपर सचिव न्याय, प्रभारी महानिदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य मंत्री ने दिए विश्वविद्यालय में रिक्त पदों को प्रतिनियुक्ति से भरने के निर्देश

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज हेमवती नंदन बहुगुणा चिकित्सा शिक्षा विश्वविद्यालय सेलाकुई देहरादून का निरीक्षण कर समीक्षा बैठक ली। इस दौरान उन्होंने माह नवम्बर तक विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह आयोजित करने, लम्बे समय से रिक्त चल रहे शिक्षणेत्तर कार्मिकों के पदों को स्थाई नियुक्ति होने तक प्रतिनियुक्ति/सेवास्थानांतरण के माध्यम से भरने तथा मेडिकल छात्रों को भविष्य में डिजी लॉकर के माध्यम से डिग्रियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिये।

मेडिकल यूनिवर्सिटी सेलाकुई के निरीक्षण के उपरांत विभागीय मंत्री ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में विश्वविद्यालय की बॉउंड्रीवॉल का कार्य शीघ्र पूर्ण कराने तथा कुलपति आवास सहित कुलसचिव एवं अन्य सभी अधिकारियों एवं कार्मिकों के लिये आवास निर्माण की डीपीआर तैयार कर शीघ्र शासन को प्रेषित करने के निर्देश दिये। उन्होंने विश्वविद्यालय में प्रशासनिक, लेखा एवं मिनिस्ट्रियल संवर्ग के वर्षों से रिक्त चल रहे सभी पदों पर स्थाई नियुक्ति होने तक सेवा स्थानांतरण/ प्रतिनियुक्ति के आधार पर भरने के निर्देश विश्वविद्यालय प्रशासन को दिये। डॉ0 रावत ने कहा कि विश्वविद्यालयों को प्रत्येक वर्ष दीक्षांत समारोह का आयोजन कर डिग्रियां प्रदान करने के निर्देश पूर्व से ही दिये गये हैं। इसी क्रम में मेडिकल विश्वविद्यालय को आगामी नवम्बर माह तक दीक्षांत समारोह आयेजित करने तथा मेडिकल छात्र-छात्राओं को भविष्य में डिजी लॉकर के माध्यम से अंक प्रमाण पत्र सहित अन्य शैक्षिक प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने को कहा गया है।

विश्वविद्यालय के नये परिसर में निर्माणाधीन बाउंड्रीवॉल सहित अन्य आवश्यक निर्माण कार्यों को शीघ्र पूर्ण करने निर्देश भी दिये। विश्वविद्यालय अधिकारियों ने विभागीय मंत्री के परिसर में आगमन पर पुष्पगुष्छ एवं स्मृतिचिह्न देकर जोरदार स्वागत किया। इससे पूर्व डॉ0 रावत ने विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 हेमवती नंदन बहुगुणा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया।

इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. हेमचंद्र पाण्डेय, कुलसचिव डॉ. एम0के0 पंत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. विजय जुयाल, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

स्वास्थ्य विभाग से खबर, राज्य में 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक चलेगा जन जागरूकता अभियान

आम लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। जिसके तहत कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्से गांव-गांव जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे। इसके अलावा टीबी एवं मोतिया बिंद मरीजों का चिन्हिकरण, आयुष्मान योजना की जानकारी देने के साथ ही तम्बाकू मुक्त अभियान के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के सभी तेरह जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को शीघ्र भरा जायेगा।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज स्वास्थ्य महानिदेशालय देहरादून में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) की समीक्षा बैठक ली। जिसमें उन्होंने एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न श्रेणी के 1071 पदों को न भरे जाने पर हैरानी जताई। उन्होंने एनएचएम के अधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को एक माह के भीतर सभी रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों में टेक्नीशियन एवं पैरा मेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिये एनएचएम के तहत स्वीकृत पदों को शीघ्र भरा जाना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि आम लोगों को सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से आगामी 6 सितम्बर से 2 अक्टूबर तक प्रदेशभर में स्वास्थ्य जन जागरूकता अभियान चलाया जायेगा। अभियान के तहत प्रदेशभर में तैनात एक हजार से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स (सीएचओएस) प्रत्येक माह 10-10 गांव में जाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगे, साथ ही टीबी एवं मोतिया बिंद के मरीजों का चिन्हिकरण भी करेंगे। इसके अलावा आम लोगों को आयुष्मान योजना, तम्बाकू मुक्त एवं टीबी मुक्त उत्तराखंड अभियान की भी जानकारी देंगे।

बैठक में विभागीय मंत्री ने कुमाऊं मण्डल के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं जिला परियोजना प्रबंधक एनएचएम के साथ विभिन्न योजनाओं की जनपदवार समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने सभी सीएमओ को निर्माण कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि जो कार्यदायी संस्थाएं डीपीआर के अनुरूप समय पर कार्य नहीं कर पा रही है उनको बदलने की कार्यवाही अमल में लाई जाय। उन्होंने निर्माण कार्यों की यूसी प्रत्येक माह महानिदेशालय एवं शासन को उपलब्ध कराने के निर्देश भी मुख्य चिकित्साधिकारियों को दिये।

बैठक में महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 शैलजा भट्ट, अपर सचिव अमनदीप कौर, निदेशक डॉ0 विनीता शाह, निदेशक कुमाऊं मंडल डॉ0 तारा आर्या, निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी, निदेशक चिकित्सा शिक्षा डॉ0 आशुतोष सयाना, वित्त नियंत्रक खजान चंद पाण्डेय, कुमाऊं मंडल के सीएमओ एवं डीपीएम सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

एक सप्ताह में तैनात करने होंगे प्रभारी एसीएमओ
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने स्वास्थ्य महानिदेशक को विभिन्न जनपदों में एसीएमओ के रिक्त पदों पर एक सप्ताह के भीतर प्रभारी एसीएमओ तैनात करने के निर्देश दिये है। उन्होंने कहा कि जनपद स्तर पर कार्यां की अधिकता एवं केन्द्र पोषित योजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन के लिये एसीएमओ की तैनाती की जानी अति आवश्यक है। उन्होंने महानिदेशक को विभाग में लम्बे समय से रिक्त पदोन्नति के पदों को भी शीघ्र डीपीसी करा कर भरने के निर्देश दिये।

एनएचएम के अंतर्गत विभिन्न जनपदों में रिक्त हैं ये पद
देहरादूनः राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत प्रदेश के 13 जनपदों में विभिन्न श्रेणी के 1071 रिक्त पदों को आउट सोर्स के माध्यम से भरा जायेगा। जिनमें सर्विस डिलीवरी के तहत एएनएम, स्टॉफ नर्स, लैब टेक्नीशियन, मेडिकल ऑफिसर, विशेषज्ञ चिकित्सक, सीएचओ, आयुष चिकित्सक, कॉउंसलर एवं अन्य सेवाओं के 960 तथा प्रोग्राम मैनेजमेंट के अंतर्गत एसपीएमयू, एसएचएसआरसी, डीपीएमयू तथा बीपीएमयू के 111 पद रिक्त हैं। निदेशक एनएचएम डॉ0 सरोज नैथानी ने बताया कि सभी रिक्त पदों को एनएचएम की आउट सोर्स एजेंसी टी एंड एम के माध्यम से जनपदवार भरा जायेगा। इसके लिये अभ्यर्थियों को संबंधित एजेंसी की अधिकृत बेवसाइट www.tnmhr.com पर आवेदन करना होगा। इसके उपरांत जनपद स्तरीय कमेटी द्वारा अर्हता पूर्ण करने वाले अभ्यर्थियों का चयन किया जायेगा।

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