मुख्य सचिव ने राज्य आपदा मोचन निधि और आपदा न्यूनीकरण निधि के तहत प्रस्तावों को दी स्वीकृति

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु की अध्यक्षता में आपदा प्रबंधन विभाग की राज्य कार्यकारिणी समिति की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राज्य आपदा मोचन निधि और राज्य आपदा न्यूनीकरण निधि के अंतर्गत विभिन्न प्रस्तावों को स्वीकृति प्रदान की गई।

बैठक में 208.12 करोड़ की लागत के बलियानाला ट्रीटमेंट कार्य को सहमति प्रदान की गई। मुख्य सचिव ने योजना पूर्ण होने की प्रस्तावित समय 4 साल को घटा कर 2 साल में पूर्ण किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य 2 अथवा 3 शिफ्ट में युद्ध स्तर पर किया जाए। जो कार्य समानांतर शुरू किए जा सकते हैं, किए जाएं, एवं टेंडर भी तुरंत जारी किए जाएं। मुख्य सचिव ने इस कार्य में पर्यटन को जोड़े जाने की बात कही। बैठक के दौरान 1020.09 लाख की लागत के नैनीताल में डीएसबी कॉलेज बालिका छात्रावास और ठंडी सड़क के भूस्खलन की रोकथाम कार्य को भी सहमति प्रदान की गई।

मुख्य सचिव ने आपदा प्रबंधन विभाग को प्रदेश में मानसून काल के दौरान विभिन्न जनपदों और रेखीय विभागों को दी जाने वाली राशि उपलब्ध कराने में उदारवादी होने की बात कही। साथ ही निर्देश दिए कि विभागों को टारगेट दिए जाएं ताकि तेजी से कार्य पूर्ण किए जा सकें, इससे आमजन की समस्याओं का तेजी से निस्तारण किया जा सकेगा। बैठक में 15.00 करोड़ की लागत से आपदा के त्वरित प्रतिवादन हेतु राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा आईआरएस सिस्टम और सॉफ्टवेयर विकास कार्य को भी स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने इसमें आईटीडीए को भी शामिल किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने 30.00 करोड़ की लागत के प्राकृतिक विपत्तियों के कारण क्षतिग्रस्त पेयजल योजनाओं की तात्कालिक मरम्मत और पुनर्निर्माण कार्यों को सहमति देते हुए उत्तराखण्ड जल संस्थान को प्रदेशभर के अधिक से अधिक कार्यों को शामिल करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक विपत्तियों के कारण पाइपलाइंस टूटने से बहुत से क्षेत्रों को पानी की समस्या से जूझना पड़ता है, इसके लिए शीघ्र बैठकें आयोजित कर सैचुरेशन प्लान तैयार किया जाए।

समिति की बैठक के दौरान 175.00 लाख की लागत के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रॉपिकल मेटियोरोलॉजी (आईआईटीएम) पुणे के माध्यम से देहरादून और श्रीनगर में वज्रपात की चेतावनी हेतु सेंसर लगाए जाने को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

इस अवसर पर सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, आर. राजेश कुमार, हरि चंद्र सेमवाल एवं वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कमिश्नर कुमाऊं दीपक रावत एवं अपर सचिव आपदा प्रबंधन सविन बंसल आदि उपस्थित रहे।

मुख्य सचिव ने की परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने परिवहन विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि जन सुविधा, परिवहन सेवाओं एवं सड़क सुरक्षा की दृष्टि से आधुनिकतम तकनीक का इस्तेमाल कर उत्तराखण्ड की भौगोलिक परिस्थितियों के हिसाब से कुछ बेस्ट प्रैक्टिस को राज्य में शुरू किया जाए। आउटकम बेस्ट अप्रोच पर विशेष ध्यान दिया जाए। परिवहन विभाग एवं परिवहन निगम में जो लोग कार्य कर रहे हैं, उन्हें पर्फाेमेंस बेस इन्सेंटिव की व्यवस्था की जाए। अच्छा कार्य करने वालों का मनोबल बढ़ाना जरूरी है। मुख्य सचिव ने कहा कि परिवहन विभाग को राजस्व वृद्धि की ओर भी ध्यान देना होगा। जनता को ऑनलाईन सुविधाएं सुलभता से मिले इस दिशा में अधिक प्रयास किये जाएं।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए विशेष प्रयासों की जरूरत है। जिन कारणों से सड़क दुर्घटनाएं अधिक हो रही हैं, उन्हें रोकने के लिए विभाग स्तर पर क्या कार्यवाही की जा रही है, इसकी पूरी रूपरेखा बनाई जाए। ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने से पहले सभी मानकों का भली भांति परीक्षण किया जाए। पर्वतीय क्षेत्रों के हिसाब से भी ड्राइविंग टेस्ट पैरामीटर में कोई व्यवस्था की जाए। कार्यों में बेहतर प्रगति के लिए सिर्फ पिछले एक साल से तुलना न की जाए बल्कि सुधार करने के लिए आदर्श क्या है, इस पर अधिक ध्यान दिया जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि परिवहन विभाग द्वारा जन सुविधा के दृष्टिगत जो भी कार्य किये जा रहे हैं, उनकी उच्चाधिकारियों द्वारा नियमित मॉनिटरिंग की जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम यात्रा मार्गों में आवश्यकतानुसार कुछ महत्वपूर्ण स्थान चिन्हित किये जाएं, जहां पर वाहन चालकों के लिए सोने, खाने एवं नहाने की उचित व्यवस्थाएं की जा सके। यह सुनिश्चित किया जाए कि श्रद्धालुओं एवं संवारियों की सुरक्षा के दृष्टिगत परिवहन विभाग की ओर से कोई कमी न रहे। वाहन चालकों को भी इसके लिए नियत स्थानों पर समुचित सुविधाएं मिलनी जरूरी हैं। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि वाहनों की फिटनेस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। जहां पर वाहनों के फिटनेस टेस्ट हो रही है, उन स्थानों पर सी.सी.टी.वी कैमरों की पूरी व्यवस्था हो।

बैठक में सचिव परिवहन अरविन्द सिंह ह्यांकी, एमडी परिवहन निगम रोहित मीणा, अपर सचिव परिवहन नरेन्द्र जोशी, संयुक्त परिवहन आयुक्त सनत कुमार सिंह एवं परिवहन विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

मुख्य सचिव ने सीएम हेल्पलाइन के तहत आने वाले शिकायतों को लेकर की बैठक

मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सीएम हेल्पलाइन के अंतर्गत शिकायतों के निस्तारण के सम्बन्ध में अधिकारियों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि सीएम हेल्पलाइन का उद्देश्य आमजन को समस्याओं को दूर करना है। यदि निर्धारित समय के अंदर आम नागरिकों की वास्तविक शिकायतों को दूर नहीं किया जा सके तो इतने बड़े सिस्टम का क्या फायदा। उन्होंने कहा कि जो इस सिस्टम से जुड़ा है प्रतिदिन पोर्टल या अन्य माध्यमों से प्राप्त शिकायतों के निस्तारण के लिए कार्य करेंगे तो सभी समस्याएं हल हो जाएंगी।

मुख्य सचिव ने कहा कि जब तक शिकायतकर्ता संतुष्ट नहीं हो जाता, शिकायत को निस्तारित नहीं माना जायेगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि एल3 लेवल में विभागाध्यक्ष को शामिल नहीं किया गया है, वे विभाग विभागाध्यक्ष को इसमें जरूर शामिल कर लें, साथ ही जहां एल1 से एल4 तक लेवल में कहीं भी कोई परिवर्तन करने की आवश्यकता है, तो अगले एक सप्ताह में कर लिया जाए। मुख्य सचिव ने शिकायतों के निस्तारण में स्पेशल क्लोज कैटेगरी का भी निरन्तर समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए, कहा कि वास्तविक शिकायतों को स्पेशल क्लोज न किया जाए।

मुख्य सचिव ने कहा कि अधिकारी यह भी देखना सुनिश्चित करें कि किस प्रकार की शिकायतें लगातार आ रही हैं, उनकी श्रेणी तय कर लें। यदि एक प्रकार की शिकायतें लगातार आ रही हैं तो इसका मतलब हमारे सिस्टम में कमी है, जिसके परिवर्तन की आवश्यकता है। ऐसे प्रकरण चिन्हित कर सिस्टम में सुधार लाया जाए। उन्होंने सीएम हेल्पलाइन के नोडल विभाग आईटीडीए को भी निर्देश दिए कि शिकायतों के निस्तारण में खराब प्रदर्शन कर रहे विभागों को सबसे ऊपर रखते हुए रैंकिंग लिस्ट विभागों को भेजी जाए। विभाग अभियान चलाकर इन शिकायतों का निस्तारण करे। साथ ही साप्ताहिक समीक्षा की जाए ताकि शिकायतों का निस्तारण त्वरित गति लाई जा सके।

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव एल फैनई, सचिव दिलीप जावलकर, अरविंद सिंह ह्यांकी, रविनाथ रमन, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य और बद्रीनाथ धाम के मास्टर प्लान की समीक्षा कर सीएस ने दिए आवश्यक निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने केदारनाथ में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने बैठक के दौरान केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के तहत कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु आवश्यक कदम उठाए जाने के निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देते हुए कार्य पूर्ण किए जाएं। उन्होंने नाइट शिफ्ट करते हुए प्रोडक्टिव आवर्स को बढ़ाए जाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने मजदूरों की संख्या भी बढ़ाए जाने की भी बात कही। मुख्य सचिव ने मजदूरों के रहने और खाने की उचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के भी निर्देश दिए।
मुख्य सचिव ने कहा कि मानसून सीजन समाप्त होते ही चारधाम यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ने की संभावना है, इसके चलते निर्माण सामग्री केदारनाथ पहुंचाने में थोड़ा दिक्कतें आ सकती हैं, इसको देखते हुए निर्माण सामग्री की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। उन्होंने फ्यूचर स्पेसिफिक निर्माण अथवा अन्य सभी प्रकार की सामग्री का स्टॉक पहले से तैयार कर लिया जाए, साथ ही, निर्माण सामग्री की उपलब्धता के लिए लोकल सिस्टम भी विकसित किया जाए, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वहां से निर्माण सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।
मुख्य सचिव ने बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान कार्यों पर भी निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कार्यों की गुणवत्ता बनाए रखने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटन और तीर्थाटन स्थलों के आसपास पार्किंग स्थलों की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि खूबसूरत पर्यटन स्थलों में बड़ी – बड़ी पार्किंग बना कर उस क्षेत्र की खूबसूरती को बर्बाद कर देते हैं। उन्होंने पार्किंग स्थलों के लिए अलग – अलग स्थानों पर सड़कों के किनारे छोटी – छोटी पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर सचिव श्री सचिन कुर्वे द्वारा केदारनाथ पुनर्निर्माण एवं बद्रीनाथ मास्टर प्लान के सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया गया।

औली मास्टर प्लान को लेकर सीएस ने की बैठक

मुख्य सचिव डॉ एसएस संधू ने औली पहुँचकर औली मास्टर प्लान को लेकर संबधित अधिकारियों के साथ बैठक की।

पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा कि औली को वर्ल्ड क्लास टूरिज्म डेस्टिनेशन के रूप में तैयार किया जा रहा है जिसके लिए मास्टर प्लान लगभग अंतिम चरणों में है। मास्टर प्लान पर प्रेजेंटेशन के माध्यम से चर्चा की गयी। उन्होंने कहा कि यहां जमीन को लेकर कुछ समस्याएं हैं जिनका आई. टी. वी. पी, आर्मी तथा पर्यटन विभाग के साथ समाधान ढूंढने की बात हुई, जिससे प्रोजेक्ट का जल्द से जल्द शुरू किया जा सके। साथ ही उन्होंने औली का स्थलीय तथा हवाई निरीक्षण किया।

यात्रा को लेकर खुशी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि इस रिकार्ड श्रद्धालु पहुँच रहे हैं जिससे हमारे स्थानीय व्यापारियों को अच्छी आय प्राप्त होगी।

इस दौरान जिला अधिकारी हिमांशु खुराना, एसडीएम कुम कुम जोशी सहित सभी संबधित अधिकारी मौजूद रहे।

मुख्य सचिव ने केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य व बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने बुधवार को सचिवालय में केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्यों एवं बद्रीनाथ धाम मास्टर प्लान की समीक्षा की। मुख्य सचिव ने केदारनाथ में चल रहे कार्यों को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करने हेतु कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण सामग्री और ट्रांसपोर्टेशन की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने कार्यों को निर्धारित समय सीमा पर पूर्ण करने हेतु श्रमिकों को बढ़ाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि लेबर को रहने खाने की समस्या न हो इसका विशेष ध्यान रखा जाए, साथ ही उनके बिलों का समय से भुगतान किया जाए। उन्होंने मैटेरियल की आपूर्ति एवं स्टोरेज की उचित व्यवस्था किए जाने के भी निर्देश दिए।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर. के. सुधांशु, सचिव दिलीप जावलकर एवं अरविंद सिंह ह्यांकी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

सभी अहम प्रोजेक्ट जल्द उन्नति पोर्टल पर आ जाए, ये सुनिश्चित करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने सचिवालय में उन्नति पोर्टल के प्रस्तुतीकरण के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि उन्नति पोर्टल के सही क्रियान्वयन के लिए सभी सचिव एवं विभागाध्यक्ष अपने विभागों की परियोजनाओं की नियमित समीक्षा करें। सभी महत्वपूर्ण प्रोजक्ट उन्नति पोर्टल में शामिल किये जाएं। परियोजनाओं को समय पर पूर्ण करने के लिए विभागीय सचिव पोर्टल की नियमित समीक्षा करेंगे।

मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी अंतर विभागीय परियोजनाओं को उन्नति पोर्टल में शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी महत्वपूर्ण प्रकृति के प्रोजक्ट जल्द उन्नति पोर्टल पर आ जाएं। इसके लिए इनबिल्ट मैकेनिज्म बनाएं। उन्होंने कहा कि परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने लिए सभी सचिव अपने विभागों की योजनाओं की निरंतर समीक्षा के साथ ही अंतरविभागीय समन्वय पर विशेष ध्यान दें।

निदेशक आईटीडीए अमित सिन्हा ने उन्नति पोर्टल के बारे में विस्तार से प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कहा कि उन्नति पोर्टल में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, विभागीय सचिव, आर.सी ऑफिस, जिलाधिकारीयों एवं विभागाध्यक्षों के डेशबोर्ड बनाये गये हैं। अभी तक पोर्टल में 34 विभागों के 120 प्रोजक्ट शामिल किये गये हैं। उन्नति पोर्टल को और प्रभावी बनाने के लिए जो सुझाव प्राप्त होंगे, उनको शामिल कर इसे और बेहतर बनाने के प्रयास किये जायेंगे।

इस अवसर पर प्रमुख सचिव आर के सुधांशु, एल फैनई, सचिव नितेश झा, आर मीनाक्षी सुदंरम, शैलेश बगोली, सौजन्या, डॉ. पंकज पाण्डेय, एच. सी सेमवाल, दीपेन्द्र चौधरी, विनोद कुमार सुमन उपस्थित थे।

जिलाधिकारियों को मिले प्रदेशभर में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के निर्देश

वाहनों की संख्या में लगातार हो रही वृद्धि को देखते हुए प्रदेश में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के प्रयास किए जाएं। उक्त निर्देश मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने उत्तराखण्ड में नए पार्किंग स्थल विकसित करने के सम्बन्ध में सभी जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के दौरान दिए। उन्होंने कहा कि वाहनों की संख्या निरंतर बढ़ रही है जिसे देखते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित किये जायें जिससे आने वाले वर्षों में पार्किंग की समस्या न हो।

उन्होंने निर्देश दिये कि जिलाधिकारी इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर लेते हुए अपने-अपने जनपदों में साइट आईडेंटिफाइड करते हुए प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें। उन्होंने कहा कि प्रत्येक कार्य के लिए टाइमलाइन निर्धारित करते हुए चयनित पार्किंग स्थलों का प्रस्ताव शासन को प्रेषित कर दें।

मुख्य सचिव ने कहा कि सर्फेस पार्किंग की बजाए टनल पार्किंग और कैविटी पार्किंग पर ज्यादा फोकस किया जाए। इस तरह की पार्किंग के लिए भूमि की कम आवश्यकता रहती है। उन्होने कहा कि रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) काफी अच्छी तरह से टनल पार्किंग निर्माण के क्षेत्र में कार्य कर रहा है। आरवीएनएल को इंपैनल करने का प्रस्ताव जल्द से जल्द प्राप्त करते हुए नए पार्किंग स्थल विकसित करने में उनका सहयोग लिया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्यों में पार्किंग एक बहुत बड़ी समस्या है। जिन जगहों पर पार्किंग की समस्या ज्यादा बड़ी है उन पर पहले फोकस किया जाय।

मुख्य सचिव ने कहा कि कुछ जनपदों में शासन से पार्किंग स्वीकृत होने के बावजूद भी उसमें कार्य प्रारंभ नहीं हुए है। उन्होंने समस्त जिलाधिकारियों को इस पर ध्यान देते हुए कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए साथ ही निर्माण कार्यों में गुणवत्ता के भी विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए। इस बैठक में सचिव शैलेश बगोली व सभी जनपदों से जिलाधिकारियों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

चारधाम यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय पर करेंः मुख्य सचिव

मुख्य सचिव डॉ. एसएस संधु ने चारधाम यात्रा 2022 की तैयारियों के सम्बन्ध में सभी सम्बन्धित विभागों के साथ बैठक की। मुख्य सचिव ने कहा कि कोविड के कारण पिछले दो वर्षों में यात्रियों की संख्या सीमित रही है, परन्तु इस वर्ष चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक बढ़ने की संभावना है। सुगम और सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए सभी विभागों को अपने अपने क्षेत्र में व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी होंगी।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा मार्गों के यात्रा शुरू होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यात्रा मार्गों में क्रैश बैरियर और साइनेज की व्यवस्था समय कर ली जाए। उन्होंने ट्रैफिक कंट्रोल और पार्किंग पर भी अधिक फोकस किए जाने के निर्देश दिए। कहा कि नए पार्किंग स्थल भी विकसित किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि चारधाम क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की उपयुक्त व्यवस्था करते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। कार्डियोलॉजिस्ट की कमी होने के कारण फर्स्ट एड के लिए फिजिशियन को ट्रेनिंग करवाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि यात्रा सीजन के दौरान एडल्ट्रेशन को रोकने हेतु स्पेशल ड्राइव चलाई जाए।

मुख्य सचिव ने चारधाम यात्रा हेतु रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए। इसके लिए वेबसाइट और ऐप सिस्टम विकसित किया जाए ताकि यात्रियों को रजिस्ट्रेशन में अधिक समय न लगे। उन्होंने सड़क चौड़ीकरण के कारण डिफंक्शनल हुए हैंड पंप को शीघ्र रिलोकेट करते हुए फंक्शनल किए जाने के भी निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि चारधाम यात्रा ऐप में चारधाम यात्रा के साथ ही मौसम एवं अन्य सम्बन्धित आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराई जाए, एवं इसका प्रचार प्रसार किया जाए।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्धन, डीजीपी अशोक कुमार, सचिव दिलीप जावलकर, पंकज कुमार पांडेय, रंजीत कुमार सिन्हा सहित वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सम्बन्धित जनपदों के जिलाधिकारी एवं अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।

सभी डीएम प्लास्टिक नुकसानदेह की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के जरिए उपलब्ध कराएंः मुख्य सचिव


मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सोमवार को सचिवालय में सिंगल यूज प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के हेतु गठित स्पेशल टास्क फोर्स के सम्बन्ध में बैठक की। बैठक के दौरान, मुख्य सचिव ने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग जहां एक तरफ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है वहीं दूसरी ओर पर्यटन राज्य में प्लास्टिक के प्रयोग को रोकना बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाता है। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं। उन्होंने इसके लिए आमजन में जागरूकता फैलाने के साथ ही कुछ विशेष कदम उठाए जाने की बात भी कही।

मुख्य सचिव ने प्लास्टिक बैन की शुरुवात अपने अपने कार्यालयों से शुरू करने के निर्देश देते हुए कहा कि इसकी शुरुवात सर्व प्रथम सचिवालय से ही शुरू की जाए। सभी जिलाधिकारी भी अपने अपने कार्यालयों ने इसे लागू करें।
मुख्य सचिव ने कहा सभी जिलाधिकारियों को प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए केंद्र और राज्य द्वारा लागू पॉलिसियों का 100 प्रतिशत अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक बैन पर जानकारी उपलब्ध कराने वाली छोटी-छोटी वीडियो क्लिप्स के माध्यम से जानकारी का संचार किया जाए। साथ ही, व्यापारियों एवं आमजन को फोटो और वीडियो के माध्यम से बैन और अधिक नुकसानदेह प्लास्टिक की जानकारी वेबसाइट और सोशल मीडिया के माध्यम से उपलब्ध कराई जाए। इससे होने वाले दुष्प्रभावों को भी फोटो-वीडियो के माध्यम से दिखाया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि प्लास्टिक के प्रयोग को रोकने के लिए प्लास्टिक के विकल्प को बढ़ावा दिए जाने के साथ ही, प्लास्टिक के बिजनेस को हतोत्साहित करने के लिए यदि पॉलिसीज में परिवर्तन किए जाने के आवश्यकता है तो किए जाएं। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को अपने अपने जनपदों को प्लास्टिक फ्री बनाने हेतु लगातार प्रयास किए जाएं।

मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को सड़कों के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक को हटाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एक पर्यटन प्रदेश में सड़कों, विशेषकर ऐसी सड़कें जहां दोनों और खूबसूरत जंगल हैं, के दोनों और वर्षों से जमा प्लास्टिक पर्यटकों के मन में बहुत ही बुरी छाप छोड़ते हैं। उन्होंने सड़कों के दोनों और जमा प्लास्टिक को अगले 10-15 दिन में साफ करने के निर्देश दिए।

मुख्य सचिव ने इसे प्राथमिकता पर लेटे हुए शीघ्र से शीघ्र शुरू किए जाने के निर्देश दिए
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव आनन्द वर्द्धन एवं सचिव दिलीप जावलकर सहित सम्बन्धित विभागों के उच्चाधिकारी उपस्थित थे।