विद्युत दरों के संबंध में जनसुनवाई की तिथियां जारी

प्रस्तावित विद्युत दरों के सम्बन्ध में विद्युत नियामक आयोग द्वारा जनसुनवाई आयोजित की जा रही है। आयोग के समक्ष उत्तराखण्ड पावर कॉरपोरेशन लि., पावर ट्रांसमिशन कॉरपोरेशन ऑफ उत्तराखण्ड लि०, यूजेवीएन लि० तथा एस०एल०डी०सी० द्वारा वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए दायर ए०आर०आर० एवं टैरिफ प्रस्ताव वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए सहीकरण तथा वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए वार्षिक निष्पादन समीक्षा पर उपभोक्ताओं व अन्य सम्बन्धित संस्थाओं, व्यक्तियों से सुझावों/मतों को जानने हेतु उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग द्वारा जन सुनवाई आयोजित की जा रही है।
सचिव विद्युत नियामक आयोग के अनुसार प्रदेश में जन सुनवाई के प्रस्तावित कार्यक्रम के अनुसार 22 फरवरी, 2023 को प्रातः 10ः30 बजे से 01 बजे तक सभागार, नगर निगम, रूद्रपुर (उधम सिंह नगर), 24 फरवरी को प्रातः 10ः30 बजे से 12ः30 बजे तक सभागार, जिला पंचायत कार्यालय पिथौरागढ़, दिनांक 27 फरवरी को प्रातः 11 बजे से दोपहर 01 बजे तक सभागार नगर पालिका परिसर श्रीनगर गढ़वाल तथा 01 मार्च में प्रातः 10ः30 बजे से 01 बजे तक (उद्योग/अघरेलू श्रेणी उपभोक्ता) एवं अपरान्ह 03 बजे से सांय 5 बजे तक (उघोग/अघरेलू श्रेणी को छोडकर अन्य शेष सभी श्रेणी के उपभोक्ता) देहरादून स्थित सुनवाई कक्ष उत्तराखण्ड विद्युत नियामक आयोग, विघुत नियामक भवन, माजरा देहरादून में आयोजित की गई है।
सचिव विद्युत नियामक आयोग ने बताया है कि टैरिफ दरों के प्रस्ताव के सम्बन्ध में यदि कोई भी व्यक्ति या संस्था अपना मत आयोग के समक्ष प्रस्तुत करना चाहते हैं तो वे जन सुनवाई में प्रतिभाग कर सकते हैं। टैरिफ याचिका प्रस्तावों का अवलोकन आयोग की वैबसाइट www.uerc.gov.in पर किया जा सकता है।

मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग की समीक्षा में दिये निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय स्थित अपने सभागार में विद्युत विभाग की समीक्षा की। बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने विद्युत विभाग को भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप योजनाएं तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आज जो भी कार्य किए जा रहे हैं, उन्हें अगले 10, 15 साल बाद की आवश्यकता के अनुरूप तैयार किया जाए।
मुख्य सचिव ने भावी योजनाओं की डीपीआर टाइमलाइन के साथ तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में भविष्य की मांग को देखते हुए सभी प्रोजेक्ट्स टाइमलाइन के साथ पूरे किए जाएं। साथ ही, विद्युत उत्पादन के अन्य स्रोतों के क्षेत्र में देश विदेश की बेस्ट प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर उत्तराखण्ड में भी अपनाए जाने की संभावनाओं को तलाशा जाए।
मुख्य सचिव ने पिटकुल को आने वाले 10, 15 सालों की आवश्यकता के अनुरूप सब स्टेशन और लाइन अलाइनमेंट आदि की प्लानिंग तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक लाइंस के माध्यम से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में भारत नेट और ब्रॉडबैंड लाइंस कनेक्टिविटी उपलब्ध कराए जाने की संभावनाओं पर विचार किया जाना चाहिए।
मुख्य सचिव ने मांग की दृष्टि से प्रदेश के पीक सीजन के अनुरूप विद्युत उत्पादन बढ़ाए जाने हेतु अन्य विकल्पों पर भी ध्यान देने की बात कही। कहा कि कैनाल बेस्ड सोलर प्रोजेक्ट्स, हाइड्रो काइनेटिक टर्बाइन की दिशा में भी कार्य किया जाए। उन्होंने कहा कि पुराने छोटे हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट्स का नवीनीकरण, आधुनिकीकरण और उन्नयन का कार्य शुरू किया जाए।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, निदेशक उरेडा रंजना राजगुरु एवं ऊर्जा निगमों के प्रबन्ध निदेशक सहित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित रहे।

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