चार धाम यात्रा में 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्सक तैनात

चार धाम यात्रा के दौरान आपात स्थिति में तीर्थ यात्रियों को एयर एम्बुलेंस की सहायता से एम्स ऋषिकेश के साथ ही राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर में एयर लिफ्ट किया जायेगा, ताकि किसी भी गंभीर परिस्थिति में उनको बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जा सके। इसके लिये सभी जनपदों के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं।

चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने बताया कि विगत दिनों यमुनोत्री में हृदय गति रूकने से दो तीर्थ यात्रियों की मृत्यु हो गई थी, जिसको देखते हुये उत्तरकाशी, रूद्रप्रयाग व चमोली के जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्साधिकारियों को अलर्ट कर दिया गया है। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि किसी भी प्रकार की आपात स्थिति में तीर्थयात्रियों को तत्काल एयर लिफ्ट कर एम्स ऋषिकेश तथा राजकीय मेडिकल कॉलेज देहरादून व श्रीनगर पहुंचाया जाय, ताकि समय रहते यात्रियों को गंभीर हालत में विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा बेहतर उपचार दिया जा सके। उन्होंने बताया कि चार धाम यात्रा मार्गों पर 48 स्थाई चिकित्सा इकाई तथा 23 अस्थाई चिकित्सा इकाई स्थापित की गई है, जहां पर 29 विशेषज्ञ चिकित्सक एवं 182 चिकित्साधिकारी तैनात किये गये हैं। 95 पीओसीटी डिवासेज उपलब्ध कराई गई हैं जोकि ईसीजी के साथ ही आक्सीजन लेवल की भी जांच कर सकेंगे। इसके अलावा 272 पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है जिनमें 182 स्टाफ नर्स व 90 फार्मासिस्ट शामिल है। चार धाम यात्रा में 96 विभागीय एम्बुलेंस व 77 आपातकालीन सेवा 108 एम्बुलेंस सहित 200 एम्बुलेंस की तैनाती की गई है। यात्रा मार्गों पर आपात स्थिति से निकालने के लिये 11 ब्ल्ड बैंक व 2 ब्ल्ड संग्रहण केन्द्र क्रियाशील हैं। श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में कार्डिक सेंटर की स्थापना की गई है जहां पर कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ तैनात रहेगा। इसी प्रकार एम्स ़ऋषिकेश से हेली एम्बुलेंस की सेवा शुरू की गई है। आपात स्थिति में उत्तरकाशी, चमोली, रूद्रप्रयाग सहित अन्य यात्रा मार्गों पर पड़ने वाले जिलों के डीएम एवं सीएमओ को हेली एम्बुलेंस सेवा के लिये अधिकृत किया गया।

’उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू, हृदय रोगियों को मिलेगी राहत’
जिला अस्पताल उत्तरकाशी में कार्डिक यूनिट शुरू कर दी गई है जहां पर एक कार्डियोलॉजिस्ट सहित अन्य स्टॉफ हर समय तैनात रहेगा। इसकी प्रकार जानकीचट्टी मेडिकल रिलीव प्वाइंट पर एक प्रशिक्षत फिजीशियन व अन्य स्टॉफ तैनात किया गया है, जबकि गंगोत्री, यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर कुल 20 हेल्थ फैसिलिटी सेंटर बनाये गये हैं जहां पर डॉक्टर, फार्मासिस्ट सहित पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। डा. रावत ने बताया कि आपात स्थित के लिये जानकीचट्टी में एक कार्डिक एम्बुलेंस भी तैनात की गई है, जबकि पूरे जनपद में 5 एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस तथा 9 बेसिक लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंस सहित 14 आपातकालीन एम्बुलेंस 108 तथा 6 विभागीय एम्बुलेंस विभिन्न स्थानों पर तैनात की गई है।

’केदारनाथ यात्रा मार्ग पर मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सेवा’
केदारनाथ यात्रा मार्ग पर 14 मेडिकल रिलीव प्वाइंट बनाये गये हैं, जहां पर प्रशिक्षित चिकित्सक के साथ ही फार्मासिस्ट व अन्य पैरामेडिकल स्टॉफ की तैनाती की गई है। बदरीनाथ धाम सहित पूरे मार्ग पर भी स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट मोड पर रखा गया है। यहां आने वाले यात्रियों के लिये आपात स्थिति में श्रीनगर मेडिकल कॉलेज को बेस कैम्प मानते हुये चिकित्सकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिये गये हैं। इसके साथ ही श्रीनगर मेडिकल कॉलेज में मेडिट्रीना ग्रुप ऑफ हास्पिटल के द्वारा सीएसआर के तहत कार्डिक यूनिट संचालित की जा रही है जहां पर विशेषज्ञ चिकित्सकों के साथ ही पैरामेडिकल स्टॉफ भी तैनात रहेगा।

कोविड 19 के नए वैरिएंट के मुकाबले को हम तैयारः स्वास्थ्य सचिव

कोविड 19 के नए वैरिएंट को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से मुस्तैद है यह बात स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा प्रदेश के सभी जनपदों के चिकित्सा इकाइयों में मॉकड्रिल के दौरान कही। मंगलवार को कोरोना के दृष्टिगत उत्तराखंड में स्वास्थ्य इकाइयों में आईसीयू वार्ड, इमरजेंसी, ऑक्सीजन प्लांट, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सीलेंडर, आइसोलेशन बेड, एम्बुलेंस, कोविड टेस्टिंग लैब, दवाईयों की उपलब्धता आदि की तैयारियां मॉकड्रिल में परखी गई।
मॉकड्रिल के मौके पर स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा देहरादून स्थित पंडित दीन दयाल उपाध्याय कोरोनेशन अस्पताल का जायजा लिया गया। उन्होंने सर्वप्रथम पीएसए ऑक्सीजन प्लांट का जायजा लिया जहां उन्होंने प्लांट में ऑक्सीजन प्रेशर, ऑक्सीजन प्यूरिटी का निरीक्षण किया साथ ही मेडिकल गैस मैनिफोल्ड रुम, गैस स्टोर का जायजा लिया।
स्वास्थ्य सचिव द्वारा इमरजेंसी वार्ड का मुआयना किया गया, उन्होंने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर व अन्य उपकरणों का जायजा लेते हुए संबंधित अधिकारियों को इलाज के दौरान गुणवत्ता बनाए रखने को लेकर निर्देशित किया।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार द्वारा बताया गया कि जनपदों में मौजूद स्वास्थ्य इकाइयों में तैनात चिकित्सकों व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सतर्क रहने के निर्देश दे दिए गए हैं और किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी। कोविड की स्थिति से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग समयबद्ध तरीके से तैयारी कर चुका है व आम जनमानस को स्वास्थ्य लाभ देने के लिए प्रतिबद्ध है।
स्वास्थ्य सचिव ने कहा, कि विभाग की अपील है कि कोविड को लेकर कोई भी अफवाह ना फैलाएं साथ ही घबराने की जरुरत नही है। हमारी आमजन से अपील है कि कोविड अनुकूल व्यवहार का पालन करें और सावधानी बरतें। स्वास्थ्य संबंधित किसी भी समस्या के लिए नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर अपना इलाज कराएं।

आपातकाल लगाकर लोकतंत्र का गला घोंटने वाली कांग्रेस अपनी अंतिम सांसें गिन रही

इंदिरा गांधी द्वारा 1975 में 25 जून को लगाये गए आपातकाल को काला अध्याय के रूप में याद किया जाता रहेगा। यह बात आपातकाल की 47वीं वर्षगांठ पर आयोजित विधानसभा स्तर के कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कही। इस मौके पर आंदोलन में जेल जाने वाले लोकतंत्र सेनानियों के आश्रितों को सम्मानित किया गया।
रविवार को देहरादून तिलक रोड स्थित आरएसएस कार्यालय में आपातकालीन की बरसी पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस मौके पर मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री स्व. इंदिरा गांधी के शासन के दौरान 1975 में लगा आपातकाल काले अध्याय से कम नहीं था। इस दौरान अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को कुचला गया। आपातकाल के दौरान पूरे देश में लोकतांत्रित तरीके से आंदोलन हुए।
डा. अग्रवाल ने कहा कि इस वक्त सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग भी किया गया। डा. अग्रवाल ने कहा कि उनके परिवार ने भी अनेक यातनाएं सही और जेल की हवा भी खाई। कहा कि जेल में आपातकाल के दौरान पकड़े गए लोगों को सामान्य कैदी की तरह ही रखा जाता था। उन्हें कीड़े लगे चावल और पानी वाली दाल मिलती थी।
डा. अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस ने उस समय अपनी सत्ता बचाने और राजनीति स्वार्थ पूरा करने के लिए लोकतंत्र की हत्या देश में आपातकाल लगाकर की थी। कहा कि आपातकाल की नींव 12 जून 1975 को ही रख दी गई थी। इस दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को रायबरेली के चुनाव अभियान में सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का दोषी पाया था और उनके चुनाव को खारिज कर दिया था। इतना ही नहीं, इंदिरा पर छह साल तक चुनाव लड़ने पर और किसी भी तरह के पद संभालने पर रोक भी लगा दी गई थी। जब 25 जून 1975 की आधी रात इमरजेंसी लागू की गई थी जनता के सारे अधिकार छिन गए थे।
डा. अग्रवाल ने बताया कि आपातकाल में जयप्रकाश नारायण की अगुवाई में पूरा विपक्ष एकजुट हो गया और देशभर में इंदिरा के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ। सरकारी मशीनरी विपक्ष के आंदोलन को कुचलने में लग गई थी। आंदोलनकारियों को जेल में डाला जाने लगा। 21 मार्च 1977 तक देश आपातकाल में पिसता रहा।
इस मौके पर प्रान्त प्रचारक युदवीर ने कहा कि आपातकाल के काले अध्याय को आने वाली को बताना होगा। इसके लिए सरकार से मांग की जाएगी कि इसको राजकीय पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। इससे हमारे युवाओं को उस कठिन दौर में हुई स्थिति का पता चल सकेगा।
इस मौके पर 40 लोकतंत्र सैनानियों व उनके आश्रितों को पुष्पमाला पहनाकर सम्मानित किया गया। आयोजन को राकेश ओबराय, प्रभाकर उनियाल, विनय गोयल, प्रेम बडाकोटी, दयाराम, राजकुमार टांक, रविदेव आनंद ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम का संचालन योगेश अग्रवाल ने किया।

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