सीएम के निर्देश पर सरकारी विभागों में पदों की तस्वीर जल्द आएगी सामने

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर शासन सभी विभागों में चल रही भर्ती प्रक्रियाओं को ब्योरा खंगालने में जुट गया है। इससे यह जानकारी हाथ लग जाएगी कि भविष्य में कितने और पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा सकती है।

प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों में पद रिक्त चल रहे हैं। इनकी कुल संख्या को लेकर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। शासन कई बार रिक्त पदों को लेकर विभागों से जानकारी लेता रहता है लेकिन शासन को आधी अधूरी ही जानकारी मिलती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समय-समय पर भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर जानकारी लेते रहे हैं। अभी तक लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पास भर्ती आवेदनों की जानकारी सरकार के पास है।

प्रदेश में इस समय तकरीबन 45 विभाग हैं। इन विभागों में रिक्त पदों के संबंध में विस्तृत जानकारी शासन को नहीं मिल पाई है। जिनकी जानकारी मिली है उनमें से राजस्व, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, न्याय, वन व राज्य कर विभागों में सबसे अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार इन्हें कई बार रिक्त पदों को भरने के निर्देश जारी कर चुकी है।

अब शासन सभी विभागों से रिक्त पदों को भरने के संबंध में अभी तक की गई कार्रवाई का ब्योरा तलब कर रहा है। विभागों से कहा गया है कि वे बताएं कि कितने पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन लोक सेवा अथवा अधीनस्थ चयन आयोग को भेजे गए हैं। इस पर क्या कार्रवाई हुई है। अभी तक विभाग में कितने पद रिक्त चल रहे हैं और इन्हें भरने के लिए विभाग की क्या योजना है। माना जा रहा है कि सारी जानकारी मिलने के बाद शासन को प्रदेश में रिक्त पदों को लेकर एक सही तस्वीर मिल जाएगी।

सीएम बोले, 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर देने का रखा लक्ष्य

सोलर स्वरोजगार योजना में 10 हजार युवाओं को स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। राज्य में ऊर्जा उत्पादन के नवाचारी व हरित तरीकों को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसी के तहत उत्तरकाशी निवासी युवा उद्यमी आमोद पंवार ने अपने गांव इंद्रा टिपरी में 200 किलोवाट क्षमता के सोलर प्लांट को स्थापित किया है, इस प्लांट से सालाना औसतन 3 लाख यूनिट बिजली का उत्पादन होगा, यह बिजली अगले 25 सालों तक यूपीसीएल खरीदेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों को जिला योजना धनराशि से 40 प्रतिशत धनराशि पशुपालन, कृषि, मत्स्य, मौन पालन आदि स्वरोजगार योजनाओं में खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। उद्यमियों को ऋण लेने में समस्या न आए इसके लिए बैंकों से लगातार समन्वय किया जा रहा है। ताकि स्वरोजगार की दिशा में अधिक से अधिक उद्यमी अपनी आजीविका को सुदृढ़ कर सकें। पर्यटन के क्षेत्र में दस हजार मोटर बाइक की स्वीकृति दी गई है जिस पर 2 साल तक का ब्याज राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहाड़ी व्यंजनों के उत्पाद हमारी विरासत हैं। इनके माध्यम से स्वरोजगार किया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, दूरसंचार, बिजली, पानी,आदि उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार निरंतर काम कर रही है। जल्द ही हिमालयन मीट (बकरे का मीट) की ब्रांडिंग करने वाले हैं। प्रकृति ने जो संसाधन हमें उपलब्ध कराए हैं उनका सही तरीके से उपयोग करें तो रोजगार के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कैम्पा के माध्यम से आग बुझाने, पेयजल स्त्रोतों को पुनर्जीवित करने आदि कामों में बड़े पैमाने पर रोजगार की व्यवस्था की गई है। स्वरोजगार की दिशा में ग्रीन एनर्जी क्षेत्र में निवेश कर उद्यम स्थापित करने के लिए राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत सहायता कर रही है। कोई भी व्यक्ति सोलर प्लांट, व पिरूल प्लांट की स्थापना कर सकता है।

युवाओं को कर्मवीर बनकर अपनी क्षमताओं को पहचानना होगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने थानों में जलागम प्रबंधन विभाग द्वारा संचालित ग्राम्या-2 परियोजना अन्तर्गत स्थापित एग्री बिजनेस ग्रोथ सेंटर का लोकार्पण किया। उन्होंने ग्रोथ सेंटर में बनाये जा रहे उत्पादों का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने ग्रोथ सेंटर के कैटलॉग का विमोचन किया एवं स्थानीय लोगों को मुख्यमंत्री राहत कोष के चेक भी वितरित किये। स्थानीय किसानों और युवाओं को विभिन्न कृषि एवं गैर कृषि आधारित उत्पादों के संग्रहण, प्रसंस्करण एवं विपणन केन्द्र के रूप में थानों में कृषि पर आधारित ‘‘ ग्राम्यनिधि’’ ग्रोथ सेंटर बनाया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि राज्य में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटरों को स्वीकृति दी जा चुकी है। सभी ग्रोथ सेंटर अलग-अलग कांसेप्ट पर तैयार किये जा रहे हैं। राज्य सरकार हर न्याय पंचायत पर एक ग्रोथ सेंटर बनाने की दिशा में कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि थानों क्षेत्र में कृषि योग्य भूमि काफी है। खेती का सदुपयोग करते हुए यहां कई ग्रोथ सेंटर बनाये जा सकते हैं। थानों में बनाये गये ग्रोथ सेंटर में पैकेजिंग और ब्रांडिग अच्छी की गई है। हमें स्थानीय उत्पादों को और अधिक प्रमोट करने की जरूरत है। स्थानीय उत्पादों की मार्केट में डिमांड भी बहुत अधिक है। उन्होंने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर को और अधिक विस्तार दिये जाने की जरूरत है। ग्रोथ सेंटर में हमेशा सामान इतना होना चाहिए कि लोगों को डिमांड पर शीघ्र उपलब्ध हो जाय।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि हमारे युवाओं को कर्मवीर बनना होगा। हमें अपनी क्षमताओं को पहचानना होगा। स्वरोजगार के क्षेत्र में उत्तराखण्ड में अनेक कार्य हो सकते हैं। इससे युवा दूसरों को भी अपने साथ रोजगार दे सकते हैं। युवाओं को ऐसे ग्रोथ सेंटरों में जरूर आना चाहिए। इससे उनके मन में स्वरोजगार की दिशा में कार्य करने के लिए नये विचार आयेंगे। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना एवं एमएसएमई के तहत अनेक क्षेत्रों में कार्य किये जा सकते हैं। इन योजनाओं का लाभ लेकर युवा काफी आमदनी अर्जित कर सकते हैं। आत्मनिर्भर भारत की दिशा में आगे बढ़ने एवं चाइनीज उत्पादों के बहिष्कार के लिए हमें स्थानीय स्तर पर हर प्रकार के उत्पाद तैयार करने होंगे। उन्होंने कहा कि थानों एवं कोटाबाग में ग्राम लाईट की जो शुरूआत हुई है। इस दिशा में तेजी से आगे बढ़ना होगा। हमारा प्रयास होना चाहिए कि आने वाले त्योहारों में हम सभी स्थानीय उत्पादों का प्रयोग करें। कुछ अच्छे डिजायनरों द्वारा विभिन्न उपकरणों के बनाने के लिए प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की जायेगी।

जलागम मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि इस ग्रोथ सेंटर की सबसे अच्छी विशेषता है कि इसे स्थानीय किसानों का संगठन ‘मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ संचालित करेगा। जिसमें 11 राजस्व ग्रामों के 17 कृषक समूहों के 257 कृषक जुड़े हैं। यह खुशी की बात है कि ‘ मालकोटी स्वायत्त सहकारिता’ कृषक संघ द्वारा एक साल में 13.27 लाख का व्यवसाय किया गया जिसमें 6.83 लाख का शुद्ध लाभ प्राप्त किया। संघ के जुड़े किसानों ने प्रसंस्कृत और बेकरी उत्पादों के साथ-साथ संरक्षित नर्सरी में पौधे उगाकर उनका विक्रय भी किया है। इस ग्रोथ सेंटर के बनने से आस-पास के किसानों को भी फायदा मिलेगा। यह प्रसन्नता का विषय है कि ग्रोथ सेंटर में 35 से अधिक कृषि एवं गैर कृषि उत्पाद तैयार किये जा रहे हैं।

पौड़ी में युवाओं के सामूहिक प्रयासों की सीएम त्रिवेंद्र ने की तारीफ, कहा लोगों को प्रेरणा लेने की जरूरत

सीएम त्रिवेंद्र रावत ने घंडियाल में टीएनवीएसई ग्रुप द्वारा उत्पादित पहाड़ी उत्पादों के प्लांटेशन एवं पायलेट प्रोजेक्ट का निरीक्षण किया। निशुल्क स्वास्थ्य शिविरों को लेकर समाजसेवी राकेश बिजल्वाण की सराहना की।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड में अनेक नौजवान कठिन परिस्थितियों के कारण घर की ओर वापस लौटे हैं। युवाओं को स्वरोजगार के लिए पर्याप्त अवसर मिले, इसके लिए राज्य में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना में लगभग सभी प्रकार के कार्यों को शामिल किया गया है। पौड़ी में युवाओं द्वारा सामूहिक प्रयासों से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। अन्य लोगों को भी इससे प्रेरणा लेकर कार्य करने होंगे।

स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है। देवभूमि उत्तराखंड में स्वरोजगार की अपार संभावनाएं भी हैं। उत्तराखंड विभिन्न प्रकार की जैव विविधता वाला राज्य है। हिमालय की जड़ी बूटियों के उत्पादों से हम हिमालयी ब्रांडो की मार्केटिंग कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में ग्रोथ सेंटर की शुरुआत की है, प्रदेश में 100 से अधिक ग्रोथ सेंटर प्रारंभ हो चुके हैं। सभी न्याय पंचायतों में एक-एक ग्रोथ सेंटर बनाए जा रहे हैं। सभी ग्रोथ सेंटरों का कॉन्सेप्ट अलग होगा।

फ्रीजर वैन को सीएम ने दिखाई हरी झंडी, रवाना

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कल्जीखाल विख के घण्डियाल में टीएनवी एस ई ग्रुप के द्वारा की जा रही खेती का स्थलीय निरीक्षण किया, उन्होंने काश्तकारों की मेहनत की सराहना की। इस मौके पर मुख्यमंत्री द्वारा क्षेत्र के उत्पादों को बाजार तक पंहुचाने हेतु एक फ्रीजर वैन को भी हरी झंडी दिखाई। रतनपुर घण्डियाल में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने टीएनवी ग्रुप के दिनेश रावत, धीरेंद्र रावत, परम जय, मानंजय व सहयोगियों के प्रयासों की सराहना की। इससे पूर्व सीएम ने यहां पर हो रही खेती व बागवानी का निरीक्षण भी किया।

समाजसेवी राकेश बिजल्वाण की सीएम ने की सराहना

मुख्यमंत्री ने विचार एक नई सोच के सम्पादक व चैखम्बा ग्रुप के राकेश बिजल्वाण की सराहना की। कहा कि पलायन एक चिंतन समूह के रतन सिंह असवाल, राकेश बिजल्वाण, गणेश काला के अतिरिक्त राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अतर सिंह असवाल, वेद प्रकाश वर्मा, जिलाधिकारी धीरज गब्र्याल, एसपी कोटद्वार पीके रॉय, सीओ कोटद्वार अनिल जोशी आदि मौजूद रहे। कार्यकम का संचालन राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जयदीप रावत द्वारा किया गया।

पलायन रोकने और रोजगार को बढ़ाने में सीएम त्रिवेन्द्र की भूमिका…

राजेन्द्र जोशी (स्वतंत्र पत्रकार)। पलायन रोकने और रोजगार को बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में राज्य सरकार ने कई महत्वपूर्ण फैसले लिए है। मुख्यमंत्री जानते है कि उत्तराखंड में कृषि, बागवानी और पर्यटन की अपार संभावनाएं है। आज हम किसानों के संदर्भ में सरकार के द्वारा लिये गये निर्णयों की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है।

क्या आप जानते है… उत्तराखंड में किसानों को समाज कल्याण विभाग की ओर से पेंशन दी जाती है। यह सौगात और किसी ने नहीं बल्कि मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सत्ता संभलाने के बाद प्रदेश के किसानों को दी। उन्होंने किसानों के पलायन को रोकने के लिए किसान पेंशन योजना की शुरूआत की। इस योजना में 60 साल से अधिक उम्र के किसानों को उत्तराखंड सरकार की तरफ से 1000 रुपये महीने का पेंशन दिया जाता है। यह योजना उत्तराखंड के छोटी जोत के किसानों के लिए वरदान है। राज्य के नौ जिले पर्वतीय है और यहां लोगों के पास छोटी-छोटी जोते है। मुख्यमंत्री ने इस योजना के माध्यम से उन्हें बड़ी राहत दी है। अगर आपके आस-पास भी ऐसे किसान है तो उन्हें इस योजना का लाभ दिलाना सुनिश्चित करे।

प्रवासी और पलायन रोकने के लिए उत्तराखंड में खेती को मनरेगा से जोड़ा गया है। कृषि वैज्ञानिक इसे ऐतिहासिक कदम मान रहे है। मनरेगा के तहत जहां एक ओर प्रवासियो के साथ ही यहां रहे रहे लोगों को मजदूरी मिलेगी। वहीं, सामूहिक खेती को बढ़ावा मिलेगा। इससे रोजगार का सृजन तो होगा ही। साथ ही सीमांत क्षेत्रों में आबादी की बसावट होने से घुसपैठ रोकने में मदद भी मिलेगी।

वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देश पर एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना को मंजूरी दी गई है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत योजना में प्रत्येक ब्लाक में एक-एक गांव चयनित कर, वहां क्लस्टर आधार पर खेती होगी। इसमें गांव में रहने वाले और प्रवासी, सभी की भूमि में खेती होगी। क्लस्टर कम से कम 10 हेक्टेयर का होगा और इसमें सौ किसान खेती करेंगे। योजना संचालन को प्रति गांव 15 लाख रुपये मिलेंगे।

आपको बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने इस वर्ष गैरसैंण में बजट प्रस्तुत करते हुए किसानों के बंपर घोषणाएं की है। केंद्र सरकार की राष्ट्रीय कृषि विकास योजना की तर्ज पर ही मुख्यमंत्री ने राज्य में कृषि विकास योजना लागू करने के साथ ही बजट में ही 18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव किया। वहीं मत्स्य पालकों की आय दोगुनी करने और पशुचारा परिवहन योजना शुरू करने की घोषणा की थी। सरकार ने गेहूं और धान की खरीद के लिए 2300 करोड़ रुपये की व्यवस्था की। तो वहीं जैविक खेती पर भरोसा जताते हुए जैविक कृषि विधेयक लागू किया है।

मुख्यमंत्री ने किसानों को बड़ी राहत देते हुए 800 कस्टम हायरिंग सेंटर और 500 फार्म मशीनरी बैंक स्थापित करने के निर्देश दिये गये है। जहां से किसान अपने जरूरत के हिसाब से मशीन किराए पर ले सकते हैं। किसानों को अपने नजदीकी बाजार में उत्पादों को बेचने के लिए कई प्रकार की रियायतें दी जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के द्वारा किसानों के हित में लगातार कई ऐसे कार्य किये जा रहे है। जिनसे उनकी आर्थिकी संवरे और वह आत्मनिर्भर बन सके। बात चाहें गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की हो या संकट में चीनी मिलों को उबारने की, मुख्यमंत्री ने इस बार के बजट में कई घोषणायें की है।

जब सरकार उत्तराखंड में कृषि को संवारने और आर्थिकी का मुख्य जरिया बनाने के लिए प्रयासरत हो तो हमें भी कुछ जिम्मेदारी निभानी होगी। युवाओं को पांच से दस हजार रुपये की नौकरी के लिए शहरों में भटकने से बेहतर है कि हम इन योजनाओं का लाभ उठाये। अब समय आ गया है कि अपनी आर्थिकी के साथ ही राज्य की आर्थिकी संवारने में योगदान दे।

उत्तराखंड के विकास में एमएसएमई सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिकाः त्रिवेन्द्र

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों में निवेश की सीमा में वृद्धि की गई है। अब संयंत्र व मशीनरी में एक करोड़ रूपए तक निवेश और पांच करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, सूक्ष्म उद्योग की श्रेणी में आएंगे। इसी प्रकार 10 करोड़ रूपए तक निवेश और 50 करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, लघु उद्यम की श्रेणी में आएंगे। जबकि 50 करोड़ रूपए तक निवेश और 250 करोड़ रूपए तक टर्नओवर वाले उद्यम, मध्यम उद्यम की श्रेणी में आएंगे। गौरतलब है कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत एमएसएमई सेक्टर के लिए केन्द्र सरकार द्वारा अनेक प्रावधान किए गए हैं। भारतीय उद्योग जगत अपना विस्तार कर सकें और आवश्यक सुविधाएं प्राप्त कर सकें, इसके लिए एमएसएमई सेक्टर का नया वर्गीकरण किया गया। इसमें निवेश की सीमा को बढ़ाया गया और टर्नओवर को भी इसके मानक के रूप में लिया गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के विकास में एमएसएमई सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका है। रोजगार सृजन का प्रमुख स्त्रोत है। केन्द्र सरकार द्वारा एमएसएमई को नए तरीके से परिभाषित करने से राज्य के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को लाभ होगा जिसका सकारात्मक प्रभाव राज्य के विकास पर पड़ेगा।

ऑनलाइन समूह ग भर्ती परीक्षा कराने को अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने की तैयारी

प्रदेश में समूह ग के पदों पर भर्ती के लिए ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एमओयू की तैयारी कर ली है। आयोग को सरकार से ऑनलाइन परीक्षा कराने वाली कंपनी की फाइनेंशियल बिड को मंजूरी मिल गई है।

खाली पदों की भर्ती प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए आयोग पहली बार प्रदेश में ऑनलाइन परीक्षा आयोजित करेगा। इससे कम समय में भर्ती परीक्षा हो सकेगी। वहीं, प्रश्न पुस्तिका में त्रुटियां, उत्तर कुंजी में छेड़छाड़ और पेपर लीक होने जैसी समस्या भी नहीं रहेगी। इससे भर्ती परीक्षा में पारदर्शिता भी आएगी।

बता दें कि ऑनलाइन परीक्षा के लिए छह कंपनियों ने टेंडर में भाग लिया था। लेकिन फाइनेंशियल बिड के लिए तीन कंपनियों का चयन किया था। इसमें एक कंपनी ने फाइनेंशियल बिड में भाग नहीं लिया।

जबकि दूसरी कंपनी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला। फाइनेंशियल बिड में मात्र एक कंपनी होने के चलते आयोग ने फाइनेंशियल बिड को मंजूरी के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा था। कैबिनेट ने निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को अधिकृत किया था।

चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी का कहना है कि ऑनलाइन परीक्षा कराने के लिए सरकार ने फाइनेंशियल बिड की मंजूरी दे दी है। ऑनलाइन परीक्षा करवाने वाली कंपनी को आयोग की ओर से अनुबंध करने के लिए पत्र भी भेजा गया है। लॉकडाउन समाप्त होने के बाद आयोग और कंपनी के बीच एमओयू होगा।

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