प्रदेश में अवैध अतिक्रमण का हटाने का अभियान जारी रहेगाः धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सचिवालय में मीडिया से अनौपचारिक वार्ता करते हुए कहा कि प्रदेश में जो भी अवैध अतिक्रमण है उसे हर कीमत पर हटाया जायेगा। इसके लिये अभियान जारी है और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक पूरा अतिक्रमण हट नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी अपेक्षा है कि सरकारी भूमि पर जिन लोगों ने अवैध अतिक्रमण किया है वे स्वयं उस अतिक्रमण को हटा लें, उन्होंने कहा कि कई लोगों ने स्वयं अतिक्रमण हटाने की बात उनसे कही भी है।
बनभूलपुरा हल्द्वानी में सरकारी भूमि के अतिक्रमण के सम्बंध में पूछे गये प्रश्न के उत्तर में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस संबंध में भी जो भी विधि सम्मत होगा वह किया जायेगा। इस मामले में मा. न्यायालय के जो भी निर्देश, निर्णय होगा उस पर कार्यवाही की जायेगी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रस्तावित उत्तराखण्ड भ्रमण के संबंध में मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी स्वयं भी इच्छा है कि वे उत्तराखण्ड आयें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखण्ड की भूमि से विशेष लगाव है। सभी प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री के उत्तराखण्ड दौरे की उत्सुकता रहती है। उनके नेतृत्व में राज्य को अनेक योजनायें स्वीकृत हुई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद लगभग डेढ़ लाख करोड़ की योजनायें स्वीकृत हुई जो उत्तराखण्ड से उनके लगाव को दर्शाता है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में चार धामों में तीनों धाम यमुनोत्री, गंगोत्री और बद्रीनाथ में यात्रा सुचारू रूप से चल रही है। बाबा केदारनाथ में बार बार मौसम खराब होने तथा ग्लेशियर से मार्ग बाधित होने की वजह से यात्रियों को असुविधा परेशानी से बचाने के लिये रजिस्ट्रेशन रोके जाते हैं मौसम के ठीक होने के पश्चात यात्रा सुचारू रूप से चलती है, सभी यात्रियों को बाबा केदार के दर्शन हों इसकी व्यवस्था की जायेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने समूचे देशवासियों से अपनी धार्मिक यात्रा का 5 प्रतिशत धनराशि स्थानीय उत्पादों पर व्यय करने की अपील की थी। उनकी अपील के पश्चात स्थानीय महिला समूहों, छोटे स्वयं सहायता समूहों द्वारा बनाये जाने वाले उत्पादों को खरीदना शुरू किया है, इससे स्थानीय लोगों को स्वरोजगार की दिशा में प्रोत्साहन मिल रहा है और प्रदेश में रोजगार भी बढ़ रहा है।

हरिद्वार जिले में धर्मस्थल हटाने की कार्रवाई ने लिया राजनीतिक रंग

हरिद्वार जिले में सरकारी भूमि पर बनाए गए धर्मस्थलों को कोर्ट के आदेश पर हटाने के अभियान का विरोध दिल्ली और लखनऊ तक पहुंच गया है। मंगलवार शाम यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री एवं बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती की ओर से इस मुद्दे पर ट्वीट किए जाने के बाद मामला और गरमा गया। दूसरी ओर, झबरेड़ा से भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल भी इस मुद्दे को लेकर दिल्ली पहुंच गए हैं। उनका कहना है कि एक भी मंदिर को तोड़ने नहीं दिया जाएगा।
जिला प्रशासन ने हाईकोर्ट के आदेश पर सोमवार को जिलेभर में सरकारी जमीन पर बनाए गए धर्मस्थलों को हटवाने की मुहिम चलाई थी। इस दौरान लक्सर, लंढौरा, खानपुर और पथरी क्षेत्र सहित कई स्थानों से धर्मस्थल हटाए गए थे, लेकिन कई स्थानों पर विधायकों के नेतृत्व में जनता की ओर से विरोध किए जाने पर प्रशासन को बैरंग लौटना पड़ा था। ऐसे कई मामलों को लेकर गतिरोध बरकरार है।
मंगलवार दोपहर यह मामला उस समय राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा का विषय बन गया जब बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ट्वीट कर हरिद्वार के बादशाहपुर क्षेत्र स्थित संत रविदास मंदिर हटाने के फैसले गलत बताया। उन्होंने कहा कि बसपा ऐसे निर्णय की निंदा करती है। सरकार को इसका समाधान निकालना चाहिए। मायावती के ट्वीट के बाद बसपा के स्थानीय नेता भी सक्रिय हो गए।
प्रदेश अध्यक्ष नरेश गौतम ने कहा कि प्रशासन का रवैया दुर्भाग्यपूर्ण है। आस्था के केंद्रों को तोड़ने नहीं दिया जाएगा। इस बारे में बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिलेगा। प्रशासन के सामने कोर्ट के आदेशों का पालन कराने की बाध्यता है तो कोई बीच का रास्ता निकाला जाना चाहिए। प्रदेश उपाध्यक्ष मो. शहजाद ने कहा कि कोई भी धर्मस्थल तोड़ा जाना उचित नहीं है। आपसी विचार विमर्श के आधार पर समस्या का कोई समाधान निकाला जाना चाहिए।
दूसरी ओर, भाजपा विधायक देशराज कर्णवाल भी इस मुद्दे को लेकर दिल्ली कूच कर गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू, राष्ट्रीय सह महामंत्री शिव प्रकाश सहित कई नेताओं को पत्र लिखकर धर्मस्थल तोड़े जाने के निर्णय पर सवाल उठाया है।

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