उत्तराखंडः चार गरम पानी के प्याऊ को वित्त मंत्री ने किया रवाना

वित्त मंत्री डॉ प्रेमचंद अग्रवाल ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा देवभूमि उत्तरांचल विकास समिति की ओर से चार गरम पानी के प्याऊ को रवाना किया।

विधानसभा स्थित कार्यालय से रवाना करते हुए मंत्री डॉ अग्रवाल ने कहा कि सुगम्य चार धाम मिशन के तहत यूनियन बैंक ऑफ इंडिया तथा देवभूमि उत्तरांचल विकास समिति का संयुक्त प्रयास सराहनीय है। कहा कि यह चार गर्म पानी के प्याऊ उत्तराखंड में आने वाले देव तुल्य श्रद्धालुओ खासकर ज्यादा उम्र के एवं बच्चों के लिए मददगार होगा।

डॉ अग्रवाल ने बताया कि माँ पूर्णागिरी मंदिर चंपावत, माँ दुनागिरी मंदिर द्वाराहाट, भगवान बद्रीनाथ धाम चमोली और माता गंगोत्री धाम उत्तरकाशी में यह गर्म पानी के प्याऊ लगाए जाएंगे। बताया कि इन सभी स्थानों पर ज्यादा ऊंचाई होने से मौसम साल के अधिक समय अत्यंत ठंडा रहता है।

बताया कि यहाँ श्रद्धालुओं को ऊंचाई के चलते सांस लेने में मुश्किल आती है। यह गर्म पानी के प्याऊ मददगार बनेंगे। इससे श्रद्धालुओं को अत्यंत आराम मिलेगा।

इस मौके पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के डीजीएम लोक नाथ साहू, देव भूमि उत्तरांचल विकास समिति के अध्यक्ष आशीष गिरी, विपिन यादव तथा अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे।

वित्त मंत्री अग्रवाल ने पीएनबी बैंक की देहरादून मंडल की 100वीं ब्रांच का किया उद्धाटन

देश के दूसरे सबसे बड़े राष्ट्रीय बैंक पंजाब नेशनल बैंक ने देहरादून मंडल के छिद्दरवाला में अपनी 100वीं ब्रांच खोली। जिसका उद्धाटन वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने आज रिबन काटकर किया।
शुक्रवार को बैंक की 100वीं शाखा का उद्धाटन कर मंत्री डा. अग्रवाल ने कहा कि देश का अग्रणी बैंक पंजाब नैशनल बैंक अपने सामाजिक दायित्वों का भली-भांति निर्वहन कर रहा है, बैंक ग्राहकों को सुविधा प्रदान करने के लिए निरंतर प्रगतिशील है और अधिक से अधिक बैंक की शाखाओं का विस्तार कर रहा है। जिससे लोग लाभान्वित हो रहे हैं, जो कि एक सराहनीय कार्य है। उन्होंने कहा कि पंजाब नेशनल बैंक सीमांत क्षेत्रों में भी अपनी सेवाएं दे रहे है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से बैंक लोगो को लाभान्वित कर रहे है। कहा कि आज का समय डिजिटल ट्रांजैक्शन का है और भारत वर्तमान में तेजी से डिजिटलाइजेशन की ओर बढ़ रहा है, आज भारत में लगभग 40 प्रतिशत ट्रांजैक्शन डिजीटली हो रहा है।
वित्त मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि आने वाले समय में ग्राहकों को और बेहतर बैंकिंग सेवा मिलेगी। कहा कि आज सरकार डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों के खाते में धनराशि जमा कर रही है जिससे बिचौलिए खत्म होते जा रहे है। उन्होने कहा कि सरकार प्रत्येक क्षेत्र में विकास कार्य कर रही है और दूरस्थ क्षेत्र में पंक्ति पर खड़े अंतिम व्यक्ति तक योजनाओं को पहुंचा रही है।
बैंक के अचल प्रबंधक संजय कांडपाल ने बताया कि बैंक की 100वीं शाखा के छिद्दरवाला में खुलने से सभी गांवों को बेंकिंग सेवाएं प्राप्त होंगी। बचत व जमा राशि से जुड़े विभिन्न उत्पादों से लेकर कृषि ऋण, खुदरा लोन, स्वयं सेवा समूह स्थापना व उनको दिये जाने वाले लोन, ट्रैक्टर, जेसीबी के लोन आदि को यह शाखा जन साधारण करवाएगी। इससे क्षेत्र का असीमित विकास हो सकेगा।
इस मौके पर बैंक के देहरादून मंडल के प्रमुख यशपाल सिंह राजपूत, उप अचल प्रबंधक सुनील सखूजा, उप महाप्रबंधक सिद्धार्थ अधिकारी, सहायक महाप्रबंधक प्रिय रंजन, छिद्दरवाला शाखा प्रबंधक गोपाल पोखरियाल, लीड बैंक अधिकारी देहरादून कुलवीर सिंह पांगती, जिला पंचायत सदस्य रीना रांगड़, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, व्यापार सभा छिद्दरवाला के अध्यक्ष धनराज रावत, पूर्व जिपंस रमन रांगड़, पूर्व जिपंस देवेंद्र नेगी, छिद्दरवाला इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रमोद कुमार थपलियाल, समा पंवार, सचिन पोखरियाल, विमला नैथानी, बगीचा सिंह सहित सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणजन मौजूद रहे।

लोनिवि के अधिकारियों को निर्माण की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश

कैबिनेट मंत्री व क्षेत्रीय विधायक डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने ग्रामसभा खैरीकलां के आठ आंतरिक मार्गों का भूमिपूजन कर निर्माण कार्य प्रारंभ कराया। इस मौके पर डा. अग्रवाल ने कार्यदायी संस्था लोनिवि अधिकारियों को मार्गों निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
शुक्रवार को खैरीकलां में विधिविधान से भूमि पूजन कर मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि विधानसभा के प्रत्येक गांव में सड़कों का जाल बिछाया जा रहा है, विकास कार्य मेरी प्राथमिकता है, पिछले तीन वर्षों के कार्यकाल में सदैव विकास कार्यों को प्राथमिकता के साथ किया है, यही वजह है कि जनता ने विकास कार्यों को मोहर लगाते हुए उन्हें लगातार चौथी बार विधायक बनाया।
डा. अग्रवाल ने कहा कि जनता की हर कसौटी पर खरे उतरेंगे। खैरीकलां में आंतरिक मार्गों के निर्माण के बाद यहां अंतिम छोर तक के लोगों को आवागमन में सहूलियत होगी। मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने बताया कि करीब 91.99 लाख रूपये की लागत से 1.350 किलो मीटर लंबे आंतरिक मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हो गया है।
डा. अग्रवाल ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मौके पर निर्देशित भी किया। कहा कि आंतरिक मार्ग के निर्माण में गुणवत्ता को लेकर किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं आनी चाहिए। उन्होंने गुणवत्ता के साथ समझौता न करने के निर्देश दिए। क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाए।
ग्राम प्रधान खैरीकलां चंद्रमोहन पोखरियाल ने बताया कि मंत्री डा. प्रेमचंद अग्रवाल ने भूमि पूजन कर आठ आंतरिक मार्गों का निर्माण शुरू कराया है। यह निर्माण कार्य राज्य योजना के अंतर्गत किया जा रहा है, इसमें वार्ड नंबर नौ खैरीकलां में साईं मंदिर से जयवीर नेगी के घर तक, सुमेर सिंह के घर से सक्सेना के घर तक, रोहित शर्मा के घर से दिन्याली देवी मंदिर तक, मंगल सिंह कैंतुरा के घर से शिव मंदिर कैलाश आश्रम तक, जसपाल सिंह कंडारी के घर से जयराम के घर तक, सरिता देवी के घर से उर्मिला देवी के घर तक, महिमानंद भट्ट के घर से जयराम चौधरी के घर तक और राजेंद्र सिंह रावत के घर से मिथलेश जुयाल के घर तक आंतरिक मार्ग का निर्माण शुरू किया गया है।
इस मौके पर प्रधान खैरीकलां चंद्रमोहन पोखरियाल, ब्लॉक प्रमुख भगवान सिंह पोखरियाल, प्रधान जोगीवाला माफी सोबन सिंह कैंतुरा, महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष श्यामपुर समा पंवार, पूर्व जिपंस देवेंद्र नेगी, पूर्व जिपंस अनिता राणा, वार्ड सदस्य नेहा नेगी, वार्ड सदस्य शांति नौटियाल, वार्ड सदस्य कृष्णा राणा, कमलेश राणा, विजेंद्र राणा, प्रशांत चमोली, मंगल सिंह, कुंदन सिंह रावत, जगदंबा पंवार सहित ग्रामीणजन और कार्यदायी संस्था लोनिवि के अधिकारीगण मौजूद रहे।

जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाने का अनुरोध

केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में 47वीं जीएसटी कॉउंसिल की दो दिवसीय बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में उत्तराखंड के वित्त मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल शामिल हुए। बैठक के बीच डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री से मुलाकात की। उन्होंने जीएसटी परिषद को जीएसटी लागू होने के बाद उत्तराखंड की आर्थिक स्थिति की जानकारी दी और जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि को आगे बढ़ाने पर जोर दिया। इस सन्दर्भ में डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को ज्ञापन भी दिया।
बुधवार को बैठक के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री से हुई मुलाकात में वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि राज्य के गठन के समय वर्ष 2000-2001 में प्राप्त संग्रह 233 करोड़ था, नया राज्य गठन होने के बावजूद उत्तराखंड लगातार इस ओर वृद्धि प्राप्त कर रहा था। वर्ष 2016-17 में प्राप्त संग्रह राज्य गठन के समय से लगभग 31 गुना बढ़कर रू0 7,143 करोड़ हो गया था। इस अवधि राजस्व प्राप्ति के दृष्टिगत राज्य लगभग 19 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर रहा था और वृद्धि दर के आधार पर देश के अग्रणी राज्यों में शामिल था। जबकि जीएसटी लागू होने के उपरान्त राज्य के राजस्व में अपेक्षित वृद्धि दर्ज नहीं की जा सकी है।
वित्त मंत्री ने इसके प्रमुख कारण भी गिनाये। उन्होंने कहा कि संरचनात्मक परिवर्तन, न्यून उपभोग आधार, एसजीएसटी के रूप में भुगतान किए गए करों का आईजीएसटी के माध्यम से बहिर्गमन, वस्तुओं पर वैट की तुलना में कर की प्रभावी दर कम होना, राज्य में सेवा का अपर्याप्त आधार तथा जीएसटी के अन्तर्गत वस्तुओं तथा सेवाओं पर कर दर में निरन्तर कमी होना हैं।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि राज्य द्वारा प्राप्त वास्तविक राजस्व के कम रहने के कारण राज्य की जीएसटी प्रतिपूर्ति की आवश्यकता में निरंतर वृद्धि हुयी है। यह सम्भावित है कि क्षतिपूर्ति अवधि की समाप्ति के उपरान्त वर्ष 2022-23 में ही राज्य को लगभग सीधे तौर पर रू 5000 करोड़ की हानि होने की संभावना है। जो उत्तराखंड के भौगोलिक और आर्थिक दृष्टि से सही नही है।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने बताया कि उत्तराखण्ड राज्य की चीन और नेपाल के साथ एक लम्बी अन्तर्राष्ट्रीय सीमा है, जिसके कारण राज्य का अत्यधिक सामरिक महत्व है। सीमांत पर्वतीय राज्य होने के कारण सुविधाओं के अभाव में पलायन राज्य की एक मुख्य समस्या रहा है। सीमांत क्षेत्रों से पलायन राष्ट्रीय सुरक्षा के परिप्रेक्ष्य में अत्यन्त संवेदनशील है इसीलिए राज्य में आधार संरचना का विकास किया जाना अत्यधिक आवश्यक है। इस प्रकार राज्य में आधार संरचना विकसित किये जाने तथा अन्य विकास कार्यों के लिए अतिरिक्त राजस्व संसाधनों की आवश्यकता है।
वित्त मंत्री डॉ. अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी क्षतिपूर्ति पर राज्य की अत्यधिक निर्भरता होने के कारण क्षतिपूर्ति व्यवस्था के अभाव में राज्य के विकास एवं जन कल्याणकारी कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित होंगे।
वित्त मंत्री डॉ. अगवाल ने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी क्षतिपूर्ति की अवधि जून, 2022 के पश्चात भी अग्रेत्तर वर्षों के लिये बढ़ाया जाना राज्य के हित में आवश्यक है। इस संदर्भ में डॉ अग्रवाल ने ज्ञापन भी दिया।
इस मौके पर केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने सकारात्मक कार्यवाही का भरोसा दिया। वहीं, डॉ अग्रवाल ने केंद्रीय मंत्री को वर्षाकाल के बाद चारधाम यात्रा पर आने का निमंत्रण भी दिया, जिसे केंद्रीय मंत्री ने स्वीकार भी किया।

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