जन्मदिन पर नरेन्द्र सिंह नेगी को सीएम ने सम्मानित कर ‘हमारा लोकनायक’ पुस्तक का किया विमोचन

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री कैम्प कार्यालय स्थित सभागार में प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के 75वें जन्म दिवस के अवसर पर उनका सम्मान कर शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने हमारा लोकनायक पुस्तक का विमोचन भी किया। पुस्तक में मातृभाषा में 13वीं शताब्दी से लेकर 1962 तक के वीर भड़ों और सेना के जवानों सहित 12 लोकनायकों के दस्तावेज सामिल हैं।
मुख्यमंत्री ने नरेन्द्र सिंह नेगी को विश्व को अलोकित करने वाली पहाड़ की आवाज बताते हुये उनके दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि हमारी देवभूमि वीर भूमि भी है। हमारा इतिहास वीरों की वीरता से भरा है। हमारे वीरों की वीरता का वर्णन लिखित रूप में कम तथा श्रुति परम्परा में ज्यादा रहा है। हमारा लोकनायक पुस्तक के प्रकाशन को शानदार प्रयास बताते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे सदप्रयास हमारी भावी पीढी को राज्य की वीरता एवं साहस की विरासत से परिचित कराने में मददगार होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समृद्ध लोक संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों को अपने गीतों एवं संगीत के माध्यम से देश व दुनिया तक पहुंचाने का कार्य नेगी ने किया है। वे वास्तव में समाज के सफल नायक के रूप में रहे हैं। उनके गीत राज्य वासियों को अपनी परम्पराओं से जोड़ने में मददगार रहे हैं। नेगी जी ने गढ़वाल कुमाऊं, जौनसार क्षेत्र ही नहीं पूरे उत्तराखण्ड की लोक संस्कृति को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उत्तराखण्ड की पहचान बनायी है। मुख्यमंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि नेगी जी अपनी विशिष्ट रचना धर्मिता से समाज को और बेहतर दिशा देने का कार्य करेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नई शिक्षा नीति में मातृभाषा को बढावा देने की व्यवस्था है। अपनी भाषा में ऐसे प्रकाशन निश्चित रूप से युवा पीढी को भी लाभान्वित करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान इतिहास में अनाम रहने वाले वीर महापुरूषों, जिन्हें सम्मान नहीं मिल पाया उन्हें सम्मानित करने के साथ पहचान दिलाने का भी कार्य किया गया। उन्होंने कहा कि समाज को कुछ देने वालों को ही सदैव याद किया जाता है। हमारे पूर्वजों द्वारा लगाये गये पेड़ों के फल हमें प्राप्त हो रहे है। हम आज पेड़ लगायेंगे तो उनके फलों का उपयोग भावी पीढी करेगी। भावी पीढी को हम क्या दे सकते हैं यह हमारा भाव होना चाहिए।
लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस पुस्तक में कुछ ही लोकनायकों का उल्लेख हो पाया है। हमारा प्रयास हो कि प्रदेश के जितने भी लोकनायक हुए हैं उनकी वीरता का समावेश इसी प्रकार पुस्तक के रूप में किया जाय ताकि युवा पीढी इसमें अपने को जोड सके तथा उन्हें अपनी समृद्ध परम्पराओं की भी जानकारी हो सके। नरेन्द्र सिंह नेगी ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा प्रकाशित पुस्तकों का सैट भी भेंट किया।
पुस्तक के सम्पादक गणेश खुगसाल गणी ने बताया कि हमारा लोकनायक पुस्तिका मातृभाषा गढ़वाली में प्रकाशित है।उत्तराखण्ड का गौरवशाली इतिहास जो लोक गाथाओं में मिलता है। देश, काल और परिस्थिति के अनुसार समाज में समय- समय पर अलग-अलग तरह के नायकों का उदय हुआ है। इन लोक नायकों ने अपने समय में अपनी वीरता/शौर्य से ऐसे उदाहरण पेश किये जो इतिहास का हिस्सा बन गये। पुस्तक में उल्लिखित लोकनायकों गढ़ु सुम्याल, कफ्फू चौहान, माधोसिंह भण्डारी, लोदी रिखोला, तीलू रौतेली, जीतू बगड्वाल, जीतू बगड्वाल, पंथ्या दादा, प्रथम विक्टोरिया क्रॉस दरवान सिंह नेगी, सबसे युवा विक्टोरिया क्रॉस विजेता गबर सिंह, पेशावर काण्ड के नायक वीर चन्द्र सिंह गढ़वाली, 84 दिन का अनशन करने वाले शहीद श्रीदेव सुमन, 1962 के युद्ध में नूरानांग का हीरो राइफलमैन जसवन्त सिंह रावत पर केन्द्रित सामग्री एक साथ पुस्तक के रूप में प्रकाशित है। लोकनायकों पर केन्द्रित विशेष सामग्री के साथ ही लोकगायक नरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा लिखित ऐतिहासिक बावन गढ़ू को देश गीत भी इस पुस्तक की अमानत है। उन्होंने कहा कि पुस्तक के प्रकाशन में विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक श्री बंशीधर तिवारी का भी सराहनीय योगदान रहा है।
इस अवसर पर नन्द किशोर हटवाल, विश्वजीत नेगी, देवेश जोशी, बीना बेंजवाल, दिनेश शास्त्री, विपिन बलूनी, ओ.पी बेंजवाल, मनोज इष्टवाल, कीर्ति नवानी के साथ ही बड़ी संख्या में संस्कृति व सामाजिक सरोकारों से जुड़े लोग उपस्थित थे।

नरेंद्र सिंह और दीवान सिंह को मिला संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार

मुख्यमंत्री ने लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी व दीवान सिंह बजेली को संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार मिलने पर बधाई दी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश के प्रसिद्ध लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी तथा अभिनय कला के क्षेत्र में योगदान के लिये दीवान सिंह बजेली को राष्ट्रीय स्तर पर प्रतिष्ठित संगीत नाट्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किये जाने पर बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पारम्परिक लोक गीत के क्षेत्र में नरेन्द्र सिंह नेगी तथा अदाकारी के क्षेत्र में दीवान सिंह बजेली को दिया गया सम्मान प्रदेश का भी सम्मान है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे राष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश के लोक गीत संगीत एवं अभिनय कला को भी पहचान मिली है।

ज्ञातव्य है कि लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी को पारंपरिक लोक गीत व संगीत के क्षेत्र में तथा दीवान सिंह बजेली को अभिनय कला में योगदान/छात्रवृति के क्षेत्र में यह पुरस्कार दिया गया है। नरेन्द्र सिंह नेगी पौड़ी गढ़वाल तथा दीवान सिंह बजेली सोमेश्वर अल्मोड़ा के मूल निवासी है।

केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार से नवाजे गए लोक गायक नरेंद्र सिंह नेगी


मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने नरेन्द्र सिंह नेगी को केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार प्रदान किया। सी.पी. भट्ट पर्यावरण एवं विकास केन्द्र द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में नरेन्द्र सिंह नेगी को गायन के माध्यम से पर्यावरण एवं वन संरक्षण के प्रति लोक चेतना विकसित करने के लिए यह पुरस्कार दिया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेन्द्र सिंह नेगी अपने गीतों के माध्यम से उत्तराखण्ड की ऐतिहासिकता, पौराणिकता, पर्यावरण संरक्षण को लेकर उत्तराखण्ड को विशेष पहचान दिलाई है। यह सबके लिए गर्व की बात है कि उन्हें केदार सिंह रावत पर्यावरण पुरस्कार दिया जा रहा है। अपने गीतों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की उन्होंने अलख जगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यावरण चेतना के प्रति लोगों में जागरूकता है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण के लिए हमें और प्रयास करने होंगे। जल संरक्षण की दिशा में भी अनेक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड जैव विविधताओं वाला प्रदेश है। जैव विविधता की वजह से उत्तराखण्ड की एक अलग पहचान है।

पर्यावरण संरक्षण के केदार सिंह रावत, चण्डी प्रसाद भट्ट और राज्य के अनेक लोगों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा कि अपने गीतों के माध्यम से मैंने पर्यावरण चेतना से जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। गीतों के माध्यम से उत्तराखण्ड की संस्कृति, लोक पंरपराओं एवं ऐतिहासिकता को उजागर करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता के साथ इस दिशा में और प्रयास होने चाहिए।

इस अवसर पर बी.डी. सिंह, ओम प्रकाश भट्ट, गणेश खुगशाल, रमेश थपलियाल आदि उपस्थित थे।

नेगी दा ने कहा, हिलटाॅप से किसानों को मिलेगा रोजगार

सरकार के लिए राहत की खबर है। हिलटाॅप शराब पर राज्य सरकार को अब लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी का साथ मिल गया है। नरेन्द्र सिंह नेगी ने कहा है कि जब राज्य में शराब की बिक्री और खपत बहुत ज्यादा है तो शराब की फैक्ट्री पर बैन क्यों लगना चाहिए? इस बयान के बाद राजनीतिक अर्थ निकाले जाने लगे है। सरकार के समर्थन में बयान देने के बाद सरकार के फैसले और बुलंद होने का अनुमान लगाए जाने लगे है।
दरअसल, आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी के आवास पर पहंुचे। उन्होंने श्री नेगी को साहित्य अकादमी के द्वारा सर्वोच्च सम्मान दिये जाने के लिए नामित होने पर बधाई दी। इसके बाद कुछ पत्रकारों ने श्री नेगी से सवाल किए। जिसमें उन्होंने हिलटाॅप शराब की फैक्ट्री पर उनकी राय जानी। जिस पर लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने खुलकर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि क्या आपको पता है कि हमारे यहां शराब की खपत और बिक्री कितनी बढ़ गई है। ऐसे में हम बाहरी राज्यों से शराब मगांकर पी रहे है। या तो सरकार शराब पर पूर्ण पांबदी लगा दे। नही तो शराब फैक्ट्री लगाने का विरोध नही होना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में शराब बनेगी तो किसानों और काश्तकारों को भी फायदा पहुंचेगा। माल्टा और अन्य पहाड़ी उत्पादों को अच्छा दाम मिलेगा। सरकार राजस्व भी कमायेगी और राज्य की शराब राज्य में ही बिकेगी। उन्होंने अप्रत्यक्ष कहा कि ऐसे में शराब का गुण कम से कम रोजगार देने के काम तो आयेगा। वरना सभी जानते है कि शराब स्वास्थ के लिए हानिकारक है।
इस बयान के बाद नेगी दा के लिए आम लोगों की सोच कितनी बदलती है। यह तो समय ही बतायेगा। लेकिन अपनी स्पष्ट बात रखकर श्री नेगी ने सरकार को अप्रत्यक्ष रुप से बड़ी राहत दे दी है। कुछ लोग श्री नेगी के बयान को सही भी ठहरा रहे है। लोगों का कहना है कि उत्तराखंड केवल शराब का कंज्यूमर ही बन गया है। ऐसे में शराब से रोजगार और राजस्व बढ़ता है तो दिक्कत कहां है। या तो सरकार शराब राज्य में शराब पर प्रतिबंध लगा दे। नही तो शराब पर राजनीति नही होनी चाहिए।

आप भी सुनिए श्री नरेन्द्र सिंह नेगी ने क्या कहा…

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