चिकित्सा शिक्षा सहित पशुपालन में नौकरी पाए युवाओं को सीएम ने दिए नियुक्ति पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत टैक्निकल संवर्ग में चयनित अभ्यर्थियों एवं पशुपालन विभाग के अन्तर्गत चयनित सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये। 85 चयनित टेक्नीशियनों को राज्य के मेडिकल कॉलेजों में नियुक्ति प्रदान की गई है। पशुपालन विभाग के अन्तर्गत 19 सहायक लेखाकारों को नियुक्ति पत्र प्रदान किये गये। मुख्यमंत्री ने नियुक्ति प्राप्त करने वाले सभी अभ्यर्थियों को शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा, स्वास्थ्य एवं पशुपालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

जयेन्द्र रमोला ने सरकार पर बेरोजगारों को ठगने के आरोप लगाये

कैम्पा व नमामी गंगे के तहत वन विभाग में रखे गये वन सुरक्षा श्रमिक अपनी नौकरी को ठेकेदारी में समाहित किये जाने व मासिक आय में कमी किये जाने की समस्याओं को लेकर एआईसीसी के सदस्य जयेन्द्र रमोला से मिले।
इस अवसर पर जयेन्द्र रमोला ने कहा कि वन सुरक्षा श्रमिकों द्वारा पता चला कि वन श्रमिक जो कि कैम्पा व नमामी गंगे योजना के अन्तर्गत वन विभाग में कार्य कर रहे हैं उनके हितों पर वन विभाग द्वारा कुठाराघात किया जा रहा है। जहां सरकार रोज़गार देने की बात करती हैं, वहीं सरकार वर्षों से कार्यरत वन श्रमिकों को ठेकेदार के हवाले कर व उनकी मासिक आय में कटौती कर उनके अधिकारों का हनन कर रहे हैं जो कि न्यायोचित नहीं है। कहीं ना कहीं वन विभाग द्वारा वन सुरक्षा श्रमिकों का उत्पीडन कर उनको नौकरी से हटाने की संभावना है। विभाग में राज्य सेक्टर, केन्द्र पोषित के अन्तर्गत दैनिक वेतन श्रमिक व न्यायालयों के आदेशों के आच्छादित श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। पारिश्रमिक के अन्तर्गत विभिन्न आउटसोर्स संस्थाओं जैसे उपनल, ग्लोबल, उज्जवल आदि के माध्यम से रखे गए आउसोर्स श्रमिकों की पारिश्रमिकी का भुगतान किया जाता है। वन सुरक्षा श्रमिक की पहले न्यूनतम आय 8200 प्रति माह हुआ करती थी जिसमे 4 दिन का अवकास हुआ करता था। लेकिन भाजपा सरकार द्वारा जो वन विभाग की बागडोर निजी कंपनी को सौप दिए जाने से बहुत भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इस बदलाव की वजह से इन कर्मियों की मासिक आय 8000 से भी और कम हो गयी है। सभी प्रभावित वन विभाग के सुरक्षा श्रमिक बहुत मुश्किल से कार्य करते है, अपनी जान को जोखिम में डालकर जैसे ज़हरीले सांपो को पकड़ना, बाघ, हाथी एवं अन्य जंगली जानवरों को खदेड़ना का कार्य करते हैं, उन वन विभाग के कर्मचारियों के साथ पूर्ण रूप से अन्याय किया जा रहा है।
रमोला ने कहा कि हम इस दुर्व्यवहार का विरोध करते है और कांग्रेस पार्टी इससे प्रभावित कर्मियों के साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस मामले में अपने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से मिलकर इस समस्या को प्रदेश स्तर पर उठायेंगे और वन सुरक्षा श्रमिकों के अधिकारों की लड़ाई लड़ेंगे।
मौक़े पर भगवती प्रसाद चमोली, रवि थापा, हरकेश सिंह, देवेंद्र, करन, संतराम, सुरेंद्र, लवीश, हरिराम, भोपाल, रमेश, उत्तम सिंह, बलवीर, तारा चंद, धर्म सिंह, प्रेम, पिंकी, खेमचंद, रोहित, पंकज, प्रमोद, सुनील, प्रीति नेगी व अवशेष नेगी मौजूद थे।

सीएम के निर्देश पर सरकारी विभागों में पदों की तस्वीर जल्द आएगी सामने

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देश पर शासन सभी विभागों में चल रही भर्ती प्रक्रियाओं को ब्योरा खंगालने में जुट गया है। इससे यह जानकारी हाथ लग जाएगी कि भविष्य में कितने और पदों पर भर्ती प्रक्रिया आयोजित की जा सकती है।

प्रदेश में इस समय विभिन्न विभागों में पद रिक्त चल रहे हैं। इनकी कुल संख्या को लेकर अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। शासन कई बार रिक्त पदों को लेकर विभागों से जानकारी लेता रहता है लेकिन शासन को आधी अधूरी ही जानकारी मिलती है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत समय-समय पर भर्ती प्रक्रियाओं को लेकर जानकारी लेते रहे हैं। अभी तक लोक सेवा आयोग और अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के पास भर्ती आवेदनों की जानकारी सरकार के पास है।

प्रदेश में इस समय तकरीबन 45 विभाग हैं। इन विभागों में रिक्त पदों के संबंध में विस्तृत जानकारी शासन को नहीं मिल पाई है। जिनकी जानकारी मिली है उनमें से राजस्व, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास, उच्च शिक्षा, न्याय, वन व राज्य कर विभागों में सबसे अधिक पद रिक्त चल रहे हैं। सरकार इन्हें कई बार रिक्त पदों को भरने के निर्देश जारी कर चुकी है।

अब शासन सभी विभागों से रिक्त पदों को भरने के संबंध में अभी तक की गई कार्रवाई का ब्योरा तलब कर रहा है। विभागों से कहा गया है कि वे बताएं कि कितने पदों पर भर्ती के लिए अधियाचन लोक सेवा अथवा अधीनस्थ चयन आयोग को भेजे गए हैं। इस पर क्या कार्रवाई हुई है। अभी तक विभाग में कितने पद रिक्त चल रहे हैं और इन्हें भरने के लिए विभाग की क्या योजना है। माना जा रहा है कि सारी जानकारी मिलने के बाद शासन को प्रदेश में रिक्त पदों को लेकर एक सही तस्वीर मिल जाएगी।