ऑनलाइन टैक्सी सर्विस के संचालन को लाइसेंस दिए जाने का विरोध जताया

टैक्सी चालकों एवं मालिकों ने सोमवार को प्रदेश सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। टैक्सी संचालकों ने उत्तराखंड में ऑनलाइन टैक्सी सर्विस के संचालन को लाइसेंस दिए जाने पर आक्रोश जताया है। उन्होंने प्रदेश सरकार से इसे जल्द निरस्त करने की मांग की है।
सोमवार को गढ़वाल मंडल टैक्सी चालक एवं मालिक एसोसिएशन ने ऋषिकेश में हरिद्वार मार्ग स्थित कार्यालय के समक्ष प्रदर्शन किया। एसोसिएशन के अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड प्रदेश में रोजगार के सीमित संसाधन होने के कारण टैक्सी व्यवसाय ही एकमात्र रोजगार का माध्यम है। ऐसे में धामी सरकार ऑनलाइन टैक्सी सर्विस को उत्तराखंड में संचालित कर स्थानीय टैक्सी संचालकों के हितों पर कुठाराघात करने का काम कर रही है। इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा। कहा कि प्रदेश सरकार को उक्त तुगलकी फरमान तुरंत वापस लेना चाहिए। एसोसिएशन सदस्यों ने एआरटीओ अरविंद पांडेय के जरिए सीएम को ज्ञापन भी भेजा। मौके पर एसोसिएशन सचिव विजेंद्र कंडारी, सह सचिव रमेश सिंह रावत, कोषाध्यक्ष उमेश चौहान, कार्यकारिणी सदस्य अनुपम भाटिया, अमर सिंह, वीरेंद्र कुमार मिश्रा, छोटेलाल दीक्षित, गोपाल दत्त, महावीर सिंह, राधेश्याम, पूरण सिंह रावत, टीकम सिंह रावत, नरेंद्र सिंह चौहान, राम कुमार चौहान, राजीव शर्मा आदि उपस्थित रहे।

100 दिन राज्य सरकार के पूरे, सीएम ने ऐतिहासिक निर्णयों को गिनाया


मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सरकार के 100 दिन पूर्ण होने पर मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में ग्राम्य विकास विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत देहरादून जनपद के 51 लाभार्थियों को चेक एवं चाबी सौंपी। इस योजना के तहत प्रदेश में कुल 05 हजार लाभार्थियों को आवासों का आवंटन किया गया। मुख्यमंत्री ने अतरराष्ट्रीय कृषि विकास निधि (आईफैड) द्वारा सहायतित 771 करोड़ की रूरल इंटरप्राइज एक्सलरेशन प्रोग्राम (रीप)का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि-औद्यानिक दृष्टि पत्र-2027 एवं रेशम विभाग उत्तराखण्ड का आगामी पांच वर्षों के लिए दृष्टि पत्र का विमोचन भी किया। दीनदयाल उपाध्याय कौशल विकास योजना (ग्रामीण) के माध्यम से प्रशिक्षित 50 लाभाथिर्यों को मुख्यमंत्री ने नियुक्ति पत्र भी प्रदान किये।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस अवसर पर घोषणा की कि मधुग्राम योजना के अंतर्गत जनपद चंपावत में सिप्टी न्याय पंचायत एवं जनपद देहरादून में चामासारी (रायपुर) का चयन कर क्रियान्वयन किया जायेगा। सगंध पादपों के अन्तर्गत तेजपत्ता उत्पादन के सर्वांगीण विकास हेतु राजकीय उद्यान खतेड़ा चम्पावत में उत्कृष्टता केन्द्र की स्थापना की जायेगी। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर टनकपुर एवं गोपेश्वर में सैनिक विश्राम गृहों का शिलान्यास भी किया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आज राज्य सरकार ने विकास, समर्पण एवं प्रयास के 100 दिन पूर्ण कर लिये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें प्रदेश की देवतुल्य जनता की सेवा करने के लिए मुख्य सेवक के रूप में जो जिम्मेदारी मिली है, जन अपेक्षाओं को पूरा करने के हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। राज्य सरकार विकल्प रहित संकल्प के साथ आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड धर्म एवं आध्यात्म के केन्द्र के साथ ही सैनिक बहुल प्रदेश भी है। सैन्य क्षेत्र में उत्तराखण्ड का हमेशा से बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने कहा कि टनकपुर एवं गोपेश्वर में सैनिक विश्राम गृह बनने से यहां ठहरने के लिए सैनिकों को काफी सुविधा होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि जो भी निर्माण कार्य हों, उच्च गुणवतायुक्त हों। विभागों को निर्देश दिये गये हैं कि कार्यों की गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होगा।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमने जनता से जो वायदे किये हैं, उन्हें पूरा किया जायेगा। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद पहली ही कैबिनेट में समान नागरिक संहिता के लिए ड्राफ्ट बनाने के लिए कमेटी बनाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए 05 सदस्यीय कमेटी का गठन किया जा चुका है। राज्य में 01 लाख 85 हजार अंत्योदय कार्ड धारकों को साल में 03 सिलेण्डर मुफ्त दिये जाने का शासनादेश हो चुका है और इसके लिए बजट का प्राविधान भी किया जा चुका है। रूरल इंटरप्राइज एक्सलरेशन प्रोग्राम का लक्ष्य महिलाओं की आय में दोगुनी वृद्धि कर महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना है। यह परियोजना प्रदेश के सभी विकासखण्डों में लागू होगी। प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत राज्य सरकार द्वारा लाभार्थियों को उनके आवास में आवश्यक सामग्री हेतु 05 हजार रूपये की धनराशि प्रदान की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि 09 नवम्बर 2025 को उत्तराखण्ड राज्य स्थापना दिवस की रजत जयंती मनायेगा। 2025 तक राज्य हर क्षेत्र में अग्रणी राज्यों में शामिल हो इसके लिए पूरा रोडमैप तैयार किया जा रहा है। प्रदेश के समग्र विकास के दृष्टिगत आगे की योजनाओं के लिए बोधिसत्व की श्रृंखला आयोजित की गई। जिसमें हर क्षेत्र के विषय विशेषज्ञों के सुझाव लिये गये हैं। सभी सुझावों के आधार पर आगे की कार्ययोजना बनाई जा रही है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश में नया वर्क कल्चर आया है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास एवं सबका प्रयास के मूल मंत्र पर देश आगे बढ़ रहा है। कोविड की वैश्विक महामारी के दौरान देश में विश्व का सबसे बड़ा कोविड टीकाकरण अभियान चलाया गया। देशवासियों को एक साल में 05 लाख रूपये तक का स्वास्थ्य कवच दिया गया है। समाज के हर वर्ग को ध्यान में रखते हुए योजनाएं चलाई जा रही है।

कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य सरकार तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर है। युवाओं, महिलाओं एवं समाज के सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए कार्य किये जा रहे हैं। देहरादून में भव्य सैन्य धाम बनाया जा रहा है। एग्रीकल्चर एवं हॉर्टीकल्चर के क्षेत्र में अनेक कार्य किये जा रहे हैं।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री डॉ. धन सिंह रावत, रेखा आर्या, विधायक विनोद चमोली, उमेश शर्मा काऊ, सविता कपूर, भोपाल राम टम्टा, पूर्व विधायक राजेश शुक्ला, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, सचिव शैलेश बगोली, सचिन कुर्वे, दीपेन्द्र चौधरी, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर.राजेश कुमार, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय अधिकारी एवं वर्चुअल माध्यम से सभी जनपदों के जिलाधिकारी, जनपद स्तरीय अधिकारी व प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के लाभार्थी मौजूद थे।

पात्र लोगों को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश

मुख्य सचिव डॉ. एस. एस. संधु ने सचिवालय में बैठक लेते हुए शासन के अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों द्वारा जनपदों से संबंधित जिन समस्याओं से अवगत कराया जा रहा है, उनका प्राथमिकता के आधार पर समाधान किया जाए। मुख्य सचिव ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों से प्राप्त समस्याओं के समाधान के लिए विभिन्न विभागों की समीक्षा की। इस अवसर पर उन्होंने स्वास्थ्य, पर्यटन, कृषि, उद्यान, सहकारिता, पशुपालन सिंचाई, समाज कल्याण, महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास, खाद्य एवं अन्य विभागों की समीक्षा की।
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि जिलाधिकारियों से विभिन्न विभागों से संबंधित जो भी समस्याएं आ रही है, उनके समाधान में समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। विभागीय सचिवों द्वारा नियमित इनकी समीक्षा की जाए। विभागों द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ सभी पात्र लोगों को मिले। जिलाधिकारियों द्वारा जनपदों से संबधित जो भी समस्याएं बताई जा रही हैं, उनका समयबद्धता के साथ निस्तारण के लिए कलैण्डर बनाया जाए।
बैठक में सचिव राधिका झा, सौजन्या, अरविन्द सिंह ह्यांकी, बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, एच.सी सेमवाल, विनोद कुमार सुमन आदि उपस्थित रहे।

नमामि गंगे के कार्यो को गुणवत्ता के साथ समय से पूरा करने के निर्देश

शहरी विकास मंत्री व स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने नमामि गंगे के अधिकारियों की आज बैराज रोड स्थित कैम्प कार्यालय में बैठक ली। इस मौके पर ऋषिकेश में सीवरेज प्रणाली के कार्यों में तीव्रता लाने और गुणवत्ता का विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए।
बैठक में नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर संजीव वर्मा ने बताया कि 462 करोड़ रुपए की धनराशि से जर्मन कंपनी केएफडब्लयू द्वारा ऋषिकेश में सीवरेज प्रणाली का कार्य चल रहा है। इसमें शहरीय क्षेत्रो के मुख्य मार्गों में सीवरेज लाइन पूर्व में डाली जा चुकी है, जिसका 26 एमएलडी का एसटीपी लक्कडघाट में है। बताया कि यह लाइन वर्तमान में संचालित हो रही है।
परियोजना अभियंता रविन्द्र गंगाड़ी ने बताया कि वर्तमान में 180 किमी की सीवर लाइन बिछाने का काम नगर निगम के कुछ क्षेत्रों, श्यामपुर, गुमानीवाला, खदरी खडकमाफ में चल रहा है। बताया कि इसमें पांच एमएलडी का एसटीपी प्लांट श्यामपुर खदरी में बनाया जाना है। इसमें तीन जगहों पर (गुमानीवाला, आवास विकास, आस्था पथ) में पम्पिंग स्टेशन बनाये जाने है।
इस पर शहरी विकास मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पम्पिंग स्टेशन बनाने को जमीन के स्थलीय निरीक्षण के लिए किए जा रहे जियोटेक सर्वे को जल्द पूरा किया जाए। कहा कि सम्पूर्ण सीवरेज प्रणाली कार्य को पूर्ण गुणवत्ता के साथ तय समयावधि के भीतर करें।
अग्रवाल ने कहा कि सीवर लाइन बिछाने के दौरान लोगों को आवागमन में दिक्कतें न आये, इसका भी ध्यान रखा जाये।
इस मौके पर प्रोजेक्ट मैनेजर संजीव वर्मा, परियोजना अभियंता नमामि गंगे रविंद्र सिंह गंगाड़ी, अपर सहायक अभियंता ललित सिंह सतवाल उपस्थित रहे।

यूक्रेन से वापस लौटे उत्तराखंडवासियों को घर तक लाने का खर्च उठाएगी सरकार

यूक्रेन से भारत वापस लौटे उत्तराखण्ड राज्य के भारतीय नागरिकों की सूचना प्रतिदिन उपलब्ध कराये जाने तथा वापस लौटे राज्य के नागरिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचने हेतु ट्रेन, बस एवं टैक्सी के माध्यम से निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराये जाने के सम्बन्ध में।

यूक्रेन से भारत वापस लौटे उत्तराखण्ड राज्य के भारतीय नागरिकों की सूचना प्रतिदिन गृह अनुभाग-8, उत्तराखण्ड शासन की ई–मेल आई०डी०–ukhomesection8@gmail.com के साथ-साथ आधिकारिक रूप से सृजित किये गये व्हाट्सअप ग्रुपों पर प्रेषित किये जाने तथा भारत वापस लौटे राज्य के नागरिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचने के सम्बन्ध में ट्रेन, बस एवं टैक्सी में से जिस माध्यम से भी उनके द्वारा जाने की इच्छा प्रकट की जाय, की निःशुल्क व्यवस्था आपके कार्यालय द्वारा की जायेगी और इस सम्बन्ध में होने वाला व्यय उत्तराखण्ड राज्य द्वारा वहन किया जायेगा।

समाज की निस्वार्थ सेवा है सिख समाज की पहचान-धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को देर सायं रायपुर स्थित प्रसिद्ध गुरुद्वारे नानक सर में मत्था टेककर गुरु का आशीर्वाद लिया तथा प्रदेश की खुशहाली की कामना की। गुरुद्वारे पहुंचने पर मुख्य सेवादार सरदार सतनाम सिंह व राकेश चुंग ने संयुक्त रूप से मुख्यमंत्री को शॉल भेंट कर सम्मानित किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सिख समाज हमेशा से अपनी निस्वार्थ सेवा के लिए जाना जाता है। सिख समाज के गुरुओं ने जिस प्रकार धर्म की रक्षा के लिए अपने व अपने परिवारों का बलिदान दिया उसे भुलाया नहीं जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा की राज्य सरकार सिख समाज के सहयोग के लिये निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा की गुरुद्वारों में सेवा करने का अवसर मिलने से वे स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। आशीर्वाद लेने के पश्चात मुख्यमंत्री ने संगत के साथ बैठकर लंगर भी ग्रहण किया।
मुख्यमंत्री के साथ विधायक रायपुर उमेश शर्मा काऊ, भाजपा नेता बलजीत सोनी, नानकसर के मुख्य सेवादार सरदार सतनाम सिंह, गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा के अध्यक्ष गुरबक्श सिंह, रेसकोर्स गुरुद्वारा के अध्यक्ष बलबीर सिंह आदि उपस्थित थे।

वर्ष 2020 उत्तराखंड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिए जाना जाएगाः त्रिवेंद्र सिंह रावत

नववर्ष 2021 की पूर्व संध्या पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं दी है। कहा कि निश्चित तौर पर आने वाला वर्ष हम सभी के जीवन में नई आशा और ऊर्जा का संचार करेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 में पूरी मानव सभ्यता कोरोना से संघर्ष करने में लगी रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हम सभी देशवासियों ने भी कोरोना से जंग लड़ी है। यह लड़ाई अभी भी जारी है। प्रधानमंत्री जी के सही समय पर लिए गए सही निर्णयों से देश सम्भली हुई स्थिति में है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2020 को उत्तराखण्ड के इतिहास में बड़े फैसलों के लिये जाना जाएगा। राज्य के लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए हमने गैरसैण को न केवल ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया बल्कि राजधानी परिक्षेत्र में राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक विकास करने की योजना पर भी काम शुरू कर दिया गया है। अगले दस वर्षों में वहां 25 हजार करोड़ रूपए खर्च किए जाएंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष चारधाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन किया गया। यह हमारी सरकार का बहुत बड़ा निर्णय है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना प्रदेश के युवाओं को स्वावलम्बी बनाने में मददगार हो रही है। तीन लाख रूपये तक ब्याजमुक्त ऋण, किसानों के जीवन में खुशहाली लाएगा। इस वर्ष वैश्विक महामारी कोरोना से हम जंग लड़ रहे हैं। हमने हेल्थ सिस्टम को मजबूत किया है। अब हर जिले में आईसीयू स्थापित है। हम राज्य में आने के इच्छुक उत्तराखंड के प्रवासी भाईयों को लाए और उनके रोजगार की भी चिंता की है। पर्यटन, उद्योग, कृषि आदि सभी क्षेत्रों को राहत दी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गुड गर्वनेंस के लिए ई-गर्वनेंस को बढ़ावा दिया है। ई-कैबिनेट और ई-आफिस का अमल में लाया गया है। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़े जाने की शुरूआत की है। ग्रामीण घरों को केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराया जा रहा है।

पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इस वर्ष न्यू-ऋषिकेश रेलवे स्टेशन, डोबरा चांठी पुल, जानकी सेतु, सूर्याधार झील का उद्घाटन किया गया। पिरूल से एनर्जी के काम को आगे बढ़ाया गया है। मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना भी महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अभी तक 106 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 06 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों के हुआ है। महिलाओं को भूमिधरी हक, राज्य में महिला सशक्तिकरण एवं स्वावलम्बन की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हमने हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। अगले वर्ष हरिद्वार में कुम्भ मेले का आयोजन होने जा रहा है। हमने इसकी पूरी तैयारियां की हैं। संत महात्माओं के आशीर्वाद से दिव्य और भव्य कुम्भ का आयोजन किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वोकल फॉर लोकल को अपने जीवन का मंत्र बनाएं। देश को सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्त करने और स्थानीय उत्पादों के प्रयोग का संकल्प लें। प्रदेश को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जाने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।

वर्ष 2020 की राज्य सरकार की उपलब्धियाँ

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में साल 2020 में उत्तराखंड में कई ऐतिहासिक निर्णय लिए गए। बातें कम, काम ज्यादा की तर्ज पर इस वर्ष राज्य में तेजी से विकास कार्य हुए। एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ाई लड़ी गई, वहीं राज्य को नई दिशा देने वाले फैसले लिए गए। इस वर्ष जनभावनाओं का सम्मान देखा गया तो वर्षों से लम्बित परियेजनाओं को पूरा होते हुए भी देखा गया। यदि इस वर्ष की महत्वपूर्ण घटनाओं पर नजर डालें तो उत्तराखंड में वर्ष 2020 में विकास ने निश्चित रूप से गति पकड़ी है। आइये जानते हैं सरकार की इस साल की उपलब्धियों के बारे में।

गैरसैंण बनी ग्रीष्मकालीन राजधानी
गैरसैंण राज्य आंदोलन की मूल भावना थी। गैरसैंण प्रतीक है, समूचे पर्वतीय क्षेत्रों के विकास का। इसी भावना और सोच के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण को उत्तराखण्ड की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाया। इस वर्ष 4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण-भराड़ीसैंण में आयेजित बजट सत्र के दौरान उत्तराखण्डवासियों की भावनाओं का सम्मान करते हुए गैरसैण-भराड़ीसैंण को प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गैरसैंण को विश्व की सबसे सुन्दर राजधानी के रूप में विकसित किया जाएगा। गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाए जाने के प्रति मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र की गम्भीरता इसी बात से पता चलती है कि 4 मार्च को घोषणा की गई और 8 जून को बाकायदा अधिसूचना जारी कर दी गई। स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राज्य की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में नया इतिहास रचा गया। उत्तराखंड के इतिहास में यह पहली बार हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस पर किसी मुख्यमंत्री द्वारा गैरसैंण-भराड़ीसैंण में ध्वजारोहण किया गया।
राज्य स्थापना दिवस पर 9 नवम्बर को गैरसैंण में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र में प्रदेश की राजधानी के अनुरूप अवसंरचनात्मक सुविधाओं के विकास के लिए अगले 10 वर्षों में 25 हजार करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की। साथ ही गैरसैंण राजधानी परिक्षेत्र की कार्ययोजना के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाईपावर कमेटी का गठन किया गया। राज्य स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 240 करोड़ की महत्वपूर्ण योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। यहां सचिवालय का शिलान्यास किया जा चुका है। पेयजल योजना पर काम चल रहा है। गैरसैण में फाईलों को बड़े पैमाने पर ले जाने की आवश्यकता न पड़े, इसके लिए आईटी का उपयोग करते हुए ई-विधानसभा पर काम किया जा रहा है। बेनीताल में एस्ट्रोविलेज बनाया जाएगा। सेंटर आफ एक्सीलेंस की स्थापना की जाएगी। सड़कों का चैड़ीकरण किया जा रहा है। हैलीपेड बनाया जा रहा है। चाय विकास बोर्ड का मुख्यालय गैरसैंण में बनाया जाएगा।

चार धाम देवस्थानम बोर्ड का विधिवत गठन
राज्य गठन के बाद किया गया सबसे बड़ा साहसिक और ऐतिहासिक फैसला है, देवस्थानम बोर्ड बनाना। 15 जनवरी 2020 को विधिवत रूप से ‘उत्तराखण्ड चार धाम देवस्थानम बोर्ड’ का गठन किया गया। भविष्य की आवश्यकताओं, श्रद्धालुओं की सुविधाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास की दृष्टि से चारधाम देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। इसमें तीर्थ पुरोहित और पण्डा समाज के लोगों के हक हकूक और हितों को सुरक्षित रखा गया है। केदारनाथ जी सहित चारधाम की व्यवस्थाओं में जो सुधार किया उसका परिणाम है कि पिछले वर्ष 2019 में श्रद्धालुओं की संख्या में 36 प्रतिशत की वृद्धि हुई। ऑल वेदर रोड़ और ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना बनने के बाद 2025 तक चारधाम यात्रा पर 1 करोड़ के करीब श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रबंध और व्यवस्थाएं भी उतने ही बड़े स्तर पर करनी होंगी और व्यवस्थाओं की जिम्मेवारी राज्य सरकार की है। बड़े विचार विमर्श के बाद तीर्थ पुरोहितों के हितों को सुरक्षित रखते हुए देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया है। बजट में देवस्थानम बोर्ड के लिए मद भी खोल दी गई है। देवस्थानम बोर्ड का गठन भविष्य की जरूरतों को देखते हुए किया गया है। चार धाम देवस्थानम बोर्ड केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के साथ ही अन्य प्रमुख मंदिरों को भी विकसित करेगा जिससे श्रद्धालु इन मंदिरों के पौराणिक और धार्मिक महत्व से अवगत होंगे और वहां भी दर्शनों के लिए आएंगे।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत की एक बड़ी देन है ‘मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना’। 28 मई को प्रारम्भ की गई यह योजना कोराना काल में वापस आए प्रवासियों और राज्य के युवाओं को सम्मानजनक तरीके से आजीविका प्रदान करने का बड़ा माध्यम बन रही है। एम.एस.एम.ई. के तहत ऋण और अनुदान की व्यवस्था है। इसमें विनिर्माण में 25 लाख रूपये और सेवा क्षेत्र में 10 लाख रूपये तक की परियोजनाओं पर ऋण की व्यवस्था है। मार्जिन मनी, अनुदान के रूप में समायोजित की जाती है। इससे कुशल और अकुशल दस्तकार, हस्तशिल्पि और बेरोजगार युवा खुद के व्यवसाय के लिए प्रोत्साहित होंगे। राष्ट्रीयकृत बैंकों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों और सहकारी बैंकों के माध्यम से ऋण सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। राज्य सरकार द्वारा रिवर्स पलायन के लिए किए जा रहे प्रयासों में यह योजना महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में आनलाईन आवेदन भी किए जा सकते हैं।
विभिन्न विभागों की स्वरोजगार योजनाओं को एक प्लेटफार्म पर लाकर युवाओं को अपनी पसंद, दक्षता और उपयोगिता के अनुसार स्वरोजगार प्रारंभ करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 150 से अधिक प्रकार के काम शामिल हैं। मुख्यमंत्री द्वारा जिलों में जिला योजना का 40 प्रतिशत स्वरोजगार पर खर्च करने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक इस योजना के तहत 7029 लोगों के लोन प्रस्ताव को कमेटी द्वारा अनुमोदित किया जा चुका है। अल्मोड़ा से 474, बागेश्वर से 369, चंपावत से 424, चमोली से 395, देहरादून से 482, हरिद्वार से 466, नैनीताल से 570, पौड़ी से 665, पिथौरागढ़ से 501, रूद्रप्रयाग से 330, टिहरी से 610, उधमसिंहनगर से 525 तो उत्तरकाशी से 1218 लोगों के प्रस्तावों को कमेटी अनुमोदित कर चुकी है। कुल 1134 लोगों को अब तक इस योजना में ऋण वितरित किया जा चुका है। शेष आवेदन प्रक्रिया में हैं।

मुख्यमंत्री सौर ऊर्जा स्वरोजगार योजना
अब प्रदेश में सोलर फार्मिंग से भी स्वरोजगार मिलेगा। 8 अक्टूबर को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा प्रारम्भ की गई। मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के एक अंग के रूप में संचलित इस योजना में 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश के युवाओं और वापिस लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के साथ ही हरित ऊर्जा के उत्पादन को बढ़ावा देना योजना का लक्ष्य है। राज्य के स्थाई निवासी अपनी निजी भूमि या लीज पर भूमि लेकर सोलर पावर प्लांट की स्थापना कर सकते हैं। इंटीग्रेटेड फार्मिंग की इस योजना में सोलर पैनल लगाने के साथ उसी भूमि पर मौन पालन, फल, सब्जी और जड़ीबूटी आदि का उत्पादन भी किया जा सकता है। संयंत्र स्थापित की जाने वाली भूमि पर जलवायु आधारित औषधीय और स्कन्ध पादपों के बीज निशुल्क उपलब्ध कराए जाएंगे। एमएसएमई के आनलाईन पोर्टल के माध्यम से इच्छुक पात्र व्यक्ति आवेदन कर सकते हैं। इसमें शैक्षिक योग्यता की कोई बाध्यता नहीं होगी। योजना का क्रियान्वयन उरेडा द्वारा किया जा रहा है। योजना के अंतर्गत आवंटित परियेजना से उत्पादित बिजली को यूपीसीएल द्वारा निर्धारित दरों पर 25 वर्षों तक खरीदी जाएगी। चयनित लाभार्थी को अपनी भूमि के भूपरिवर्तन के बाद मोर्टगेज करने के लिए लगने वाली स्टाम्प ड्यूटी पर 100 प्रतिशत छूट दी जाएगी। तकनीकी समिति द्वारा उपयुक्त पाए गए आवेदकों को परियोजना का आवंटन जिला स्तर पर करने के लिए जिलाधिकरी की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है। पूरी प्रक्रिया में समय सीमा का विशेष ध्यान रखा गया है।

किसानों की खुशहाली
इस वर्ष राज्य सरकार ने किसानों के हित में अनेक महत्वपूर्ण निर्णय लिए। पं.दीनदयाल उपाध्याय सहकारिता किसान कल्याण योजना में बिना ब्याज के किसानों को उपलब्ध कराए जा रहे ऋण की सीमा को बढ़ाकर तीन लाख रूपए कर दिया गया है। अब राज्य के किसान और काश्तकार अपनी जरूरतों के लिए तीन लाख रूपए तक का ऋण बिना ब्याज के ले सकते हैं। इसी प्रकार स्वयं सहायता समूह पांच रूपए तक का ब्याज मुक्त ऋण का लाभ ले सकते हैं। पहले यह ऋण की सीमा कम थी। योजना प्रारम्भ होने से अभी तक 4 लाख से अधिक किसानों और 1330 समूहों को 2062 करोड़ रूपए का ऋण वितरित किया जा चुका है। प्रदेश में पहली बार गन्ना किसानों का 100 प्रतिशत भुगतान, किया गया है। वन्यजीवों से फसलों की सुरक्षा के लिए व्यापक कार्ययोजना पर काम शुरू किया गया है। इसमें 4 वानर रेस्क्यू सेंटरों की स्थापना, 125 किमी जंगली सूअर रोधी दीवार, 50 किमी सोलर फेंसिंग, 13 किमी हाथी रोधी दीवार, 250 किमी हाथी रोधी खाईयों का निर्माण शामिल है। जंगली जानवरों से खेती की सुरक्षा के लिए 94 गांवों में 101 किलोमीटर घेरबाड़ की गयी है। इस काम को और बढ़ाया जा रहा है। कैम्पा के तहत लगभग 10 हजार वनरक्षक तैनात किए जाएंगे।

केवल 1 रूपए में ग्रामीण घरों में पानी का कनेक्शन
वर्ष 2020 में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने एक और बड़ा जनहितकारी फैसला लिया। ग्रामीण घरों को पीने के पानी का कनेक्शन केवल 1 रूपए में दिया जा रहा है जो कि पहले 1360 रूपए था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हर घर को नल से जल के मिशन को प्रदेश में तेजी से आगे बढ़ाने के लिए यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जल जीवन मिशन के काम को प्राथमिकता से लिया गया है। स्वयं प्रधानमंत्री जी उत्तराखण्ड में ग्रामीण घरों में केवल 1 रूपए में पानी का कनेक्शन देने और कोरोना काल में भी हजारों परिवारों को पानी का कनेक्शन देने पर इसकी सराहना की है। इसी प्रकार मुख्यमंत्री ने शहरी क्षेत्रों में भी गरीब परिवारों को केवल 100 रुपये में पानी का कनेक्शन देने का निर्णय लिया है जो कि पहले 6000 रुपये था।

गुड गर्वनेंस के लिए ई गर्वनेंस
वर्ष 2020 की शुरूआत एक बड़ी पहल के साथ हुई। आठ जनवरी को प्रदेश मंत्रीमण्डल की पहली ई-केबिनेट बैठक हुई। राज्य में ई-आफिस की प्रक्रिया में भी तेजी लाई गई। सचिवालय के लगभग सभी अनुभागों में ई-आफिस शुरू किया जा चुका है। 3773 फाईलें ई-आफिस के माध्यम से बना दी गई हैं। सचिवालय के साथ ही 27 विभाग ई-आफिस प्रणाली के अन्तर्गत आ चुके हैं। देहरादून, नैनीताल, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर व ऊधमसिंह नगर के जिलाधिकारी कार्यालयों में ई-आफिस प्रणाली शुरू। राज्य के हर न्याय पंचायत से ई-पंचायत सेवा उपलब्ध कराने वाला उत्तराखण्ड देश का तीसरा राज्य बन गया है। इसी प्रकार सी.एम.डैशबोर्ड ‘उत्कर्ष’ः 205 की-परफोरमेंस इंडिकेटर के आधार पर लगभग सभी विभागों की महत्वपूर्ण योजनाओं की मुख्यमंत्री जी द्वारा रीयल टाईम मॉनिटरिंग की जा रही है। सी.एम. हैल्पलाईन ‘1905’ में अभी तक 35 हजार से अधिक शिकायतकर्ताओं की समस्याओं का 24 घण्टे से लेकर एक सप्ताह के भीतर समाधान किया जा चुका है। सेवा का अधिकार के तहत वर्ष 2017 तक केवल 10 विभागों की 94 सेवाएं आती थी, जिन्हे कि वर्तमान सरकार ने बढ़ाकर 27 विभागों की 243 सेवाएं किया है।

हेल्थ सिस्टम को मजबूती और कोरोना से जंग

कोराना काल में राज्य में हेल्थ सिस्टम को काफी मजबूत किया गया है। राज्य में पर्याप्त संख्या में कोविड अस्पताल, आइसोलेशन बेड, आईसीयू बेड, आक्सीजन सपोर्ट बेड और वेंटिलेटर उपलब्ध हैं। वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में केवल 3 जनपदों में आई0सी0यू0 थे वहीं अब राज्य के सभी जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित किए जा चुके हैं। अब अन्य उप जिला और बेस अस्पतालों में भी आई.सी.यू बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य के जिला अस्पतालों में आक्सीजन पाईपलाईन की व्यवस्था की जा रही है। अप्रैल माह में ई-संजीवनी ओपीडी की शुरूआत की गई। 03 राजकीय मेडिकल कालेज (देहरादून, श्रीनगर तथा हल्द्वानी) संचालित हैं और 04 (अल्मोड़ा, रुद्रपुर, हरिद्वार तथा पिथौरागढ़) का कार्य गतिमान है। अटल आयुष्मान योजना में लगभग 40 लाख लोगों के गोल्डन कार्ड और 2 लाख 12 हजार मरीजों को निःशुल्क उपचार, जिन पर 203 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया गया है।

राज्य और जिला स्तर पर कोविड-19 वैक्सीन वितरण और भण्डारण के लिये टास्क फोर्स गठित की गई है। इसका आवश्यक डाटा संकलित किया जा चुका है, अन्य तैयारियां गतिमान हैं। 15 मार्च को राजधानी देहरादून में जब कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया तो सूबे में सीमित स्वास्थ्य सुविधाएं थी। लेकिन जैसे-जैसे कोरोना का दौर आगे बढ़ा अडिग इरादों के साथ मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के नेतृत्व में सरकार ने राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की मजबूती की दिशा में कदम आगे बढ़ाने प्रारंभ किए। नतीजा, आज राज्य का स्वास्थ्य विभाग किसी भी तरह की स्थितियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। मार्च 2020 में जहां राज्य भर में कुल आईसोलेशन बेड्स की संख्या 1200 ही थी तो वह कई गुना बढ़कर 31505 तक पहुंच गई। जब कोरोना आया तो केवल हल्द्वानी की लैब में ही इसकी जांच की सुविधा थी, लेकिन समय बढ़ने के साथ आज राज्य की 13 सरकारी जबकि 15 प्राइवेट लैबों में कोरोना संक्रमण की जांच का कार्य किया जा रहा है। प्राइवेट लैब में जांच के शुल्क को निर्धारित किया गया है। दिसंबर 2020 में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में कुल 710 वेंटिलेटर स्थापित किए जा चुके हैं जबकि मार्च में इनकी संख्या महज 116 थी। इसी तरह आईसीयू बेड से लेकर आक्सीजन सपोर्ट बेडों की संख्या आज कई गुना बढ़ चुकी है। कोविड संक्रमण से निपटने के लिए राज्य सरकार ने 11 डेडिकेटेड कोविड अस्पताल, 27 कोविड हेल्थ सेंटर व 422 कोविड केयर सेंटरों का निर्माण किया है। कोविड काल में 476 डाक्टरों को तैनात किया गया। जांचों की संख्या में काफी बढ़ोतरी की गई है। प्रति मिलियन सेम्पल की संख्या 143852 है जबकि भारत में यह संख्या 120368 है। उत्तराखण्ड में पॉजिटीवीटी प्रतिशत 5.34 जबकि भारत में 6.25 है।
कोरोना काल में राज्य सरकार ने प्रवासियों सहित प्रदेशवासियों को राहत पहुंचाने का हर सम्भव प्रयास किया। 61.94 लाख लाभार्थियों को पांच किलो चावल और एक किलो दाल का निःशुल्क वितरण किया गया। प्रवासियों को निःशुल्क राशन दिया गया। बिना राशन कार्ड वालों को भी राशन उपलब्घ कराया गया। लॉकडाउन में प्रवासियों को निःशुल्क वापस लाया गया। 50 हजार से अधिक आंगनबाड़ी और आशा कार्यकत्रियों को कोरोना वारियर्स के रूप में बेतहर कार्य करने हेतु 02-02 हजार रुपये की सम्मान राशि दी गई। मनरेगा में 7 लाख 66 हजार से अधिक श्रमिकों को रोजगार दिया गया इनमें 01 लाख से अधिक नये पंजीकृत श्रमिक हैं। पर्यटन, उद्योग, परिवहन, कृषि सहित तमाम क्षेत्रों को रियायतें दी गईं। पर्यटन व्यवसाय में पंजीकृत सवा 2 लाख गाइड, राफ्टर, पोर्टर और परिवहन विभाग में पंजीकृत 25 हजार आटो ई-रिक्शा संचालकों को सहायता राशि प्रदान की गई।

धरातल पर उतरीं महत्वपूर्ण परियोजनाएं
राजनीतिक नेतृत्व की दृढता व इच्छा शक्ति से किस तरह से सालों से अधर में लटके काम समय बद्धता से पूरे किए जा सकते हैं, डोबरा चांठी पुल इसका बड़ा प्रमाण है। आज डोबरा चांठी पुल का निर्माण कार्य पूरा होने से 3 लाख से ज्यादा की आबादी लाभान्वित हो रही है। इसी प्रकार मुनि की रेती, ऋषिकेश में 48 करोड़ की लागत से बने 346 मीटर लम्बे जानकी सेतु को भी लोकार्पित किया जा चुका है।
पौड़ी जिले के जयहरीखाल ब्लॉक में भैरवगढ़ी ग्राम समूह पम्पिंग पेयजल योजना से इलाके के 75 गांवों और तोक को पानी मिलने लगा है। देहरादून में सूर्यधार झील लोकार्पित की जा चुकी है। सौंग बांध परियोजना को पर्यावरणीय स्वीकृति मिल चुकी है। इससे देहरादून शहर व आसपास के क्षेत्रों की वर्ष 2050 तक की अनुमानित आबादी को ग्रेविटी आधारित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित होगी।
इस वर्ष ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना में भी तेजी आई है। न्यू ऋषिकेश रेलवे स्टेशन का उद्घाटन किया गया है। उत्तराखण्ड के पिथौरागढ़ में बी.आर.ओ द्वारा निर्मित 08 पुलों का लोकार्पण किया गया। इन सभी पुलों का सामरिक दृष्टि से तो महत्व है ही, स्थानीय लोगों को भी इसका बहुत लाभ मिलेगा। पिथौरागढ़ में इन पुलों की लम्बे समय से मांग थी। है। प्रधानमंत्री जी ने नमामि गंगे के अंतर्गत उत्तराखण्ड में 521 करोड़ रूपये की परियोजनाओं का वर्चुअल लोकार्पण किया। इन परियोजनाओं के शुरू होने से उत्तराखण्ड से अब प्रतिदिन 15.2 करोड़ लीटर दूषित पानी गंगा नदी में नहीं बहेगा। उत्तराखण्ड में नमामि गंगे के अंतर्गत लगभग सभी प्रोजेक्ट पूरे हो गए हैं।

वोकल फॉर लोकल का पर्याय बनते रूरल ग्रोथ सेंटर

कोरोना काल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत और वोकल फॉर लोकल का आह्वान किया। राज्य में रूरल ग्रोथ सेंटर इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रूरल ग्रोथ सेंटर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का ड्रीम प्रोजेक्ट है। इस वर्ष इसमें और तेजी से काम किया गया है। अभी तक 106 ग्रोथ सेंटरों को मंजूरी दी जा चुकी है। लगभग 75 ग्रोथ सेंटरों में काम भी शुरू किया जा चुका है। लगभग 30 हजार लोग इनसे लाभान्वित हो चुके हैं जबकि 06 करोड़ से अधिक की बिक्री और 60 लाख से अधिक का शुद्ध मुनाफा ग्रोथ सेंटरों के हुआ है। इन ग्रोथ सेंटरों का संचालन स्थानीय स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जा रहा है। सरकार द्वारा इन्हें जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर, प्रशिक्षण, फारवर्ड व बैकवर्ड लिंकेज आदि सुविधाएं मुहैया कराई जा रही है। यूएनडीपी के माध्यम से फार्म और नान-फार्म एग्री बिजनेस की 12 वैल्यू चैन तैयार की गई हैं। इनकी आनलाईन मार्केटिंग के लिए वेबसाईट बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री ने एक अम्ब्रेला ब्रांड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। लगभग 500 सर्वाधिक पलायन वाले गांवों के स्वयं सहायता समूहों को ब्याज मुक्त ऋण देने का फैसला किया गया है।

महिलाओं को भूमिधरी का हक
राज्य में पति की सम्पति में महिलाओं का सह-अधिकार देने का निर्णय लिया गया ताकि उन्हें लोन लेने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। महिलाएं अपने नाम पर दर्ज संपत्ति पर स्वरोजगार के लिए बैंकों से ऋण ले सकेंगी, वे आर्थिक रूप से मजबूत होंगी। पर्वतीय क्षेत्रों में खेती का अधिकांश कार्य महिलाएं करती हैं। महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलंबी बनाने के लिए राज्य सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया है।

ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा
चीड़ को राज्य में वनाग्नि का प्रमुख कारण माना जाता रहा है। हरित ऊर्जा में नवाचारी पहल करते हुए इस वर्ष सौर ऊर्जा और पाईन निडिल से बिजली उत्पादन में उल्लेखनीय काम किया गया। सौर ऊर्जा नीति के तहत स्वीकृत परियोजनाओं को धरातल पर उतारा जा रहा है। अभी तक कुल 276 मेगावाट की परियोजनाएं स्थापित की जा चुकी हैं। जबकि अन्य आवंटित 203 मेगवाट क्षमता की परियोजनाओं में कार्य प्रगति पर है। मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना शुरू की गई है जिसमें 10 हजार युवाओं व उद्यमियों को 25-25 किलोवाट की सोलर परियोजनाएं आवंटित की जाएंगी। प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत द्वारा ऐसी अनूठी पहल की गई जिससे पिरूल अब अभिशाप नहीं, वरदान बन जाएगा। पाईन निडिल एवं अन्य बायोमास आधारित ऊर्जा उत्पादन नीति-2018 के अंतर्गत वर्तमान में 06 परियोजनाओं में विद्युत उत्पादन गतिमान है। उत्तरकाशी में 25 लाख लागत की पिरूल से विद्युत उत्पादन की 25 केवी क्षमता की परियोजना प्रारंभ की। इस योजना से जंगल में लगने वाली आग से होने वाले नुकसान पर भी काफी हद तक नियंत्रण हो गया है। वन महकमा वन पंचायत, स्वयं सहायता समूह व मान्यता प्राप्त संस्था, व्यक्ति विशेष आदि के माध्यम से वन क्षेत्र में पिरूल एकत्र करने पर दो रुपये प्रति किलो भुगतान करेगा। प्रदेश के सभी जनपदों में 1-1 ग्राम को ऊर्जा दक्ष ग्राम के रूप में विकसित किया जा रहा है। देहरादून में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन किया गया।

क्वालिटी एजुकेशन
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को वाई-फाई से जोड़ने की शुरूआत की गई। राज्य के सभी 106 महाविद्यालयों एवं 05 विश्वविद्यालयों को इंटरनेट कनेक्टिविटी का लाभ दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने प्रत्येक ब्लॉक में 2-2 अटल उत्कृष्ट विद्यालय खोलने का निर्णय लिया है। इन विद्यालयों में आधुनिक विज्ञान की प्रयोगशालाओं एवं सभी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था की जा रही है। सभी अटल उत्कष्ट विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध होगी। इस वर्ष मुख्यमंत्री मेधावी छात्र पुरस्कार योजना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उत्तराखंड में विश्वविद्यालयों के यूजी (ग्रेजुएशन) और पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन ) के टॉपर को प्रदेश सरकार की ओर से पुरस्कृत किया जाएगा। अब तक छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय स्तर पर मेडल देकर पुरस्कृत किया जाता रहा है। लेकिन अब प्रदेश सरकार की ओर से मेधावी छात्र-छात्राओं को हर साल पुरस्कृत किया जाएगा।

धार्मिक आस्था का सम्मान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जनता की धार्मिक आस्था का सम्मान करते हुए हरिद्वार में गंगा नदी की धारा को ‘एस्केप चैनल’ घोषित किए जाने के 2016 के आदेश को वापस लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर की पैड़ी पर अविरल गंगा का दर्जा बनाए रखा जाएगा। इस निर्णय की सभी ने प्रशंसा की

एक्शन में मुख्यमंत्री, ई-गवर्नेंस को लेकर अब होगी कार्रवाई

उत्तराखंड सरकार ने 2017 के बाद भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस के साथ सुशासन को अपने शीर्ष एजेंडे में रखा है। इसके लिए सरकारी कामकाज और सेवाओं को सुधारने को प्राथमिकता दी गई है। उत्तराखंड के जिलों में ई-गवर्नेंस का क्रियान्वयन प्रारंभ किया जा चुका है। राज्य स्तर पर प्रारंभ की गई सुशासन की योजनाओं की अब मुख्यमंत्री खुद मॉनीटरिंग करेंगे। इसके लिए सीएम डैश बोर्ड को ज्यादा दुरुस्त किया जा रहा है। यह पहली बार होगा कि डैश बोर्ड पर विभागों के कामकाज को लेकर जनता की शिकायतों और सुझावों को दोनों को शामिल किया जा रहा है। इसकी बड़ी वजह विभागों में जन समस्याओं के समाधान को लेकर की जा रही कार्यवाही का सच मुख्यमंत्री के सामने रहे। इसमें पहली बार जवाबदेही भी तय की जा रही है।
इसी वजह से सीएम डैश बोर्ड और सीएम हेल्पलाइन को जोड़ने का निर्णय लिया गया है। इस हेल्पलाइन में आम आदमी जन सेवाओं से जुड़े विभागों से संबंधित शिकायतों को दर्ज कराता है। हेल्पलाइन में शिकायतों के निवारण के लिए समयबद्ध व्यवस्था की गई है। डैश बोर्ड से जुड़ने के बाद हेल्पलाइन में दर्ज होने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर विभागों के स्तर पर की जाने वाली तैयारी और सतत रणनीति भी सामने आएगी।
सचिव मुख्यमंत्री राधिका झा ने बताया कि सीएम डैश बोर्ड से जुड़े विभागों ने जन सुझावों पर अमल और शिकायतों का त्वरित निराकरण नहीं किया तो उनकी वार्षिक प्रविष्टियों में रेड एंट्री होगी। ऐसे में संबंधित अधिकारियों को जन शिकायतों में देरी या ढिलाई बरतने का दोषी पाया गया तो उस पर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही डैश बोर्ड पर 50 फीसद से कम प्रगति वाले विभागों को डैश बोर्ड से स्वतः पत्र जारी किए जाएंगे।

ग्रामीण के बाद अब शहरी क्षेत्रों में सस्ती दरों पर पानी का कनेक्शन दिया जाएगाः त्रिवेंद्र

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने यूएनडीपी तथा सेंटर फॉर पब्लिक पॉलिसी एण्ड गुड गवर्नेंस, नियोजन विभाग के सहयोग से तैयार सस्टनेबल डेवलपमेंट गोल (एस.डी.जी) मोनिटरिंग हेतु तैयार डैश बोर्ड का विमोचन किया।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 2030 तक सतत विकास का जो लक्ष्य रखा गया है, इसके लिए और तेजी से प्रयासों की आवश्यकता है। इस दिशा में कुछ क्षेत्रों में अच्छा कार्य हुआ है। राज्य में कुपोषण से मुक्ति के लिए चलाये गये अभियान, अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना, जल संचय, संरक्षण तथा नदियों के पुनर्जीवीकरण की दिशा में भी अनेक प्रयास किये गये हैं। लोगों को स्वच्छ एवं उच्च गुणवत्तायुक्त पेयजल उपलब्ध कराने के लिए अनेक प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में मात्र एक रूपये में पानी का कनेक्शन दिया जा रहा है। शहरी क्षेत्रों में भी जल्द ही पानी का कनेक्शन सस्ती दरों पर दिया जायेगा। इन सभी प्रयासों के आने वाले समय में बहुत अच्छे परिणाम मिलेंगे। जिला योजना का 40 प्रतिशत बजट स्वरोजगार के लिए खर्च किया जा रहा है। उत्तराखण्ड के स्थानीय उत्पादों की ब्रांडिंग करने की दिशा में कार्य किये जा रहे हैं। भारत नेट 2 से नेटवर्किंग और कनेक्टिविटी बढ़ेगी, इसका भी लोगों की आजीविका पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि लक्ष्यों के आधार पर जो भी योजनाएं बनाई गई हैं, उनको पूरा करने के लिए नियमित मॉनिटरिंग भी की जाय। विजन 2030 राज्य के भविष्य व आर्थिक विकास की रूपरेखा है। उन्होंने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये कि सतत विकास लक्ष्य के लिए जो 17 क्षेत्र चुने गये हैं, उनमें दिये गये सभी इन्डीकेटर पर किये जा रहे कार्यों की समय-समय पर समीक्षा की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि डैशबोर्ड में सभी जनपद समय-समय पर अपनी उपलबिधयां अपलोड करेंगे तथा रैंकिंग के आधार पर जिन योजनाओंध् इंडीकेटरों में कमी प्रदर्शित होती है उनको प्राथमिकता में लेते हुए सतत विकास का लक्ष्य कार्यान्वयन में सुधार करने के हर संभव प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने सतत विकास लक्ष्य के विभिन्न आयामों गरीबी समाप्त करने, कुपोषण को कम करने, स्वस्थ जीवन, गुणवत्तापरक शिक्षा, लैंगिक समानता, शुद्ध पेयजल तथा स्वच्छता, स्वच्छ ऊर्जा, आर्थिकी में वृद्धि, राज्य में असमानताओं को कम करने, शहरों के विकास, जलवायु परिवर्तन, वनों का प्रबंधन तथा जैव विविधता की रक्षा करने तथा त्वरित न्याय के साथ सुशासन हेतु संस्थानों को मजबूत बनाने पर बल दिया।

इस अवसर पर सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम, डॉ. पंकज पाण्डेय, सुशील कुमार, यूएनडीपी की स्टेट हैड रश्मि बजाज, वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से सभी जिलाधिकारी तथा सीडीओ उपस्थित थे।

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