हनुमान जंयती पर निकाली शोभायात्रा

ऋषिकेश।
मंगलवार को सुबह 10 बजे आश्रम से विभिन्न झांकियों से सजी वीर हनुमान की भव्य शोभायात्रा नगर भ्रमण के बाद वापस आश्रम में पहुंचकर संपन्न हुई। यात्रा में साधना में लीन हनुमान, राम दरबार, अशोक वाटिका, संजीवनी बुटी लाते हनुमान, विराट हनुमंत की झांकियां सबके आकर्षण का केंद्र रही। यात्रा का नगर के मार्गों पर श्रद्धालुओं ने पुष्पवर्षा के साथ स्वागत किया। साथ ही दर्शनों का लाभ उठाया। इसके बाद अन्नक्षेत्र परिसर में श्रद्धालुओं ने संकट मोचक हनुमान को सवामणी भोग लगाया।
इस अवसर पर जयराम आश्रम के पीठाधीश्वर ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि वीर हनुमान सेवा, समर्पण, बुद्धिमता एवं मर्यादा के देवता माने हैं। उधार चरित्र, सहज सेवाभाव, निष्ठा के कारण ही उन्हें महावीर की संज्ञा दी गई। उन्हें कलयुग में लोकमंगल का देवता भी कहा जाता है। वीर हनुमान का जीवन चरित्र मानव समाज के लिए अनुकरणीय है। ब्रह्मचारी ने अनुयायियों को माता, पिता और गुरू की सेवा का महत्व भी बताया।
हनुमान जयंती उत्सव में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल, महामंडलेश्वर हरिचेतनानंद महाराज, ऋषेश्वरानंद महाराज, संजय शास्त्री, सतपाल ब्रह्मचारी, बचन पोखरियाल, विनोद अग्रवाल, गौरी शंकर पोद्दार, अशोक रस्तोगी, अनीता ममगाईं, शिव सहगल, कर्मवीर शर्मा, प्रदीप शर्मा, खैराती लाल सिंघला, गौरीशंकर शर्मा, लाला हेमराज, पंकज शर्मा, अशोक शर्मा, राहुल शर्मा, पीडी शर्मा आदि मौजूद थे।

जयराम आश्रम में हनुमान जयंती उत्सव शुरू

ऋषिकेश।
हरिद्वार मार्ग स्थित आश्रम परिसर में रविवार को महंत ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने पूजा अर्चना के हनुमान जयंती उत्सव का शुभारंभ किया। इसके बाद यज्ञ में 101 ब्राह्मणों व सस्कृति विद्यार्थियों ने हनुमंत महामंत्र, हनुमान चालीसा, बजरंग बाण का पाठ किया। ब्रह्मचारी ने बताया कि उत्तराखंड राज्य की खुशहाली और चार धाम यात्रा के निर्विघ्न आयोजन की कामना की है। बताया कि सोमवार को दो दिनी अखंड रामायण और सुंदरकांड का पाठ शुरू होगा। मंगलवार को यज्ञ में पूर्णाहुति डाली जाएगी। साथ ही नगर में वीर हनुमान और देवी देवताओं की झांकियों से सजी भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी।
मंगलवार दोपहर में श्रद्धालुओं की ओर से वीर हनुमान को सवामणी भोग अर्पित कर उसे प्रसाद स्वरूप वितरित किया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भगवान श्रीराम और हनुमान की अर्चना से मानव जीवन के सभी मंगल कार्य संपन्न होते हैं। उत्सव में ट्रस्टी अशोक शर्मा, विनोद कुमार अग्रवाल, संजीव शर्मा, विनोद शर्मा, बृजमोहन बडोनी, प्रदीप शर्मा, सूर्यप्रकाश, वेदाचार्य मायाराम रतूड़ी, पंडित हंसराज, प्रवीण, सतेंद्र भट्ट, राजेश, राधे कृष्ण आदि शामिल थे।