कांवड़ मेले में सभी व्यवस्थाएं दुरस्त होः मुख्यमंत्री

कांवड़ शुरू होने से पूर्व सभी व्यवस्थाएं पूर्ण कर ली जाय। सफल कांवड़ मेला सम्पन्न कराने के लिए पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों से भी निरंतर समन्वय बनाये रखें। कांवड़ के दौरान भीड़ प्रबंधन के लिए सुनियोजित प्लानिंग की जाय। कावंड़ के दौरान सुरक्षा की चाक -चैबंद व्यवस्था की जाय। स्वास्थ्य, सफाई, पेयजल, टॉयलेट व अन्य आवश्यक सामग्रियों की समुचित व्यवस्था की जाय। यह निर्देश मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में कांवड़ मेले की व्यवस्थाओं की बैठक लेते हुए अधिकारियों को दिये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 17 से 30 जुलाई 2019 तक होने वाले कांवड़ मेले को सकुशल सम्पन्न कराने के लिए सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें। देहरादून, मसूरी व चारधाम यात्रा के लिए आने वाले यात्रियों को रूड़की, हरिद्वार और ऋषिकेश शहरों के बीच से न जाने के बजाय बाईपास से जाने के प्रेरित किया जाय। रूट चार्ट का व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार भी किया जाय। कांवड़ यात्रा मार्गों पर सड़क, मेडिकल, पेयजल आदि की सुदृढ़ व्यवस्था की जाय। डाक कांवड़ के दौरान सुरक्षा व्यवस्था व भीड़ प्रबंधन के लिए पूरी योजना बनाई जाय। व्यापार मंडल व संत समाज के साथ बैठक कर उनसे भी सकुशल कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए सहयोग लिया जाय। यह सुनिश्चित किया जाय कि कांवड़ यात्रा मार्गों पर दिशा सूचक, रूट डायवर्जन साइनेज की समुचित व्यवस्था हो। कांवड़ के दौरान विभिन्न क्षेत्रों से आने वाले वाहनों के लिए पार्किंग की उचित व्यवस्था हो। कांवड़ यात्रा वाले मार्गों पर कहीं भी झूलते हुए बिजली के नंगे तार न हों।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ से पूर्व घाटों की सफाई की समुचित व्यवस्था की जाय। घाटों पर सुरक्षा के दृष्टिगत चैन व जल पुलिस की व्यवस्था की जाय। मुख्यमंत्री ने कहा कि कांवड़ के दौरान स्पेशल ट्रेन की मांग रेलवे से की जाय। इस तरह से योजना बनाई जाय कि कांवड़ के दौरान निर्माण से संबंधित कार्य अवरूद्ध न हों। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी हरिद्वार से कांवड़ की तैयारियों की विस्तार से जानकारी ली।
पुलिस महानिदेशक अनिल कुमार रतूड़ी ने कहा कि कांवड़ के दौरान लगभग 3 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की सम्भावना है। शान्तिपूर्ण व सौहार्दपूर्ण कांवड़ सम्पन्न कराने के लिए 10 हजार सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जायेगी। सीमावर्ती प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों के साथ कांवड़ के सम्बन्ध में कोर्डिनेशन मीटिंग की जा चुकी है। कांवड़ के लिए सीमावर्ती राज्यों के साथ 6 ज्वाइंट पुलिस चैकपोस्ट बनाये गयो हैं।
बैठक में बताया गया कि कांवड़ मेला क्षेत्र चार जनपदों हरिद्वार, देहरादून, पौड़ी व टिहरी में है। कावंड़ मेला क्षेत्र में कुल 36 जोन व 149 सेक्टर बनाये गये हैं। जिसमें से जनपद हरिद्वार में 04 सुपर जोन, 26 जोन व 100 सेक्टर बनाये गये हैं।
बैठक में मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह, सचिव नितेश झा, शैलेश बगोली, दिलीप जावलकर, अरविन्द सिंह ह्यांकी, डीजीपी कानून व व्यवस्था अशोक कुमार, मेलाधिकारी हरिद्वार दीपक रावत, जिलाधिकारी हरिद्वार दीपेन्द्र कुमार, जिलाधिकारी देहरादून सी. रविशंकर व सबंधित अधिकारी उपस्थित थे।

हार के बाद कौन सा दांव खेल रहे हरीश रावत

देहरादून।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को विधानसभा चुनाव ने भले ही मायूस किया हो, लेकिन उनके हौसले अभी पस्त नहीं हुए हैं। दावतों का सिलसिला जारी रख वह खुद को सूबे की सियासत के केंद्र में बनाए रखने का कोई मौका चूकने को तैयार नहीं हैं। लेकिन, दो माह के भीतर उनकी दावतों का अंदाज कुछ अलहदा ही है।
विधानसभा चुनाव में हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर की जिन दो सीटों पर मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने जो दांव खेला था, उसमें उन्हें कामयाबी नहीं मिली। इसके बाद उन्होंने दून शहर से दूरी बनाकर पहाड़ की तलहटी को अपने आशियाने के लिए चुना। इसके बाद पहाड़ को केंद्र में रखकर उनकी दावतों का जो सिलसिला शुरू हुआ, उससे पार्टी के बाहर और भीतर उनके प्रतिद्वंद्वी भी खासे सकते में हैं। हरदा सुर्खिया बटोरने में उनसे कहीं आगे हैं।
पहाड़ के उत्पादों को उनकी दावतों में मिल रही तरजीह को उनके पहाड़ को केंद्र में रखकर बुने जा रहे सियासी एजेंडे से जोड़कर देखा जा रहा है। इस एजेंडे के निशाने पर वर्ष 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव भी हैं। विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा जा चुका है, लिहाजा हरीश रावत यह जानते हैं कि लोकसभा चुनाव में उनकी सियासी हैसियत उनकी सक्रियता से ही साबित होनी है। ऐसे में हरदा अभी से फूंक-फूंककर कदम बढ़ाते दिख रहे हैं। पहाड़ की सियासत में रिवर्स पलायन को उनकी रणनीति का ही हिस्सा माना जा रहा है। इसके बूते ही पलायन से शहरों में उभर गए मतदाताओं के पहाड़ों पर भी उनकी नजरें टिकी हैं।

विदेशियों की बंद कार से बैग चोरी

मोबाइल, आईडी व पासपोर्ट चोरी करने का लगाया आरोप
हरिद्वार।
दिल्ली से हरिद्वार घुमने आये आधा दर्जन विदेशी नागरिकों की बंद कार से एक बैग चोरी हो जाने से पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। पुलिस मामले की जांच में जुट गयी है। प्राप्त जानकारी के अनुसार बीते दिन दिल्ली से इनोवा कार में आधा दर्जन विदेशी नागरिक हरिद्वार घुमने के लिए आये थे। जिनके कार चालक रणवीर पुत्र सुभाष निवासी झुझनू राजस्थान ने कार को धोबी पार्किग में खड़ी कर दी। जहां से विदेशी पैदल ही घुमने के लिए हरकी पौड़ी सहित अन्य स्थलों पर निकल पडे। बताया जा रहा हैं कि जब वह शाम को कार पर पहुंचे, तो उन्होंने कार में रखे दो बैगांे से एक बैग चोरी होने आरोप लगा दिया।
कार चालक ने विदेश नागरिकों को काफी समझाने का प्रयास किया कि वह केवल दस मिनट के लिए चाय पीने के लिए गया था। कार को लॉक करके गया था और लौट कर आया तो कार लॉक थी। जिस पर विदेशी नागरिकों ने चालक की एक नहीं सुनी और मामले की शिकायत पुलिस से की। विदेशी नागरिकों को संदिग्ध हालत में कार से बैग चोरी होने की सूचना पर पुलिस महकमे में हड़कम्प मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर घटना की जानकारी ली। पुलिस विदेशी नागरिकों सहित चालक से भी जानकारी ली। रोचक बात यह हैं कि विदेशी नागरिक कार में दो बैग छोड कर जाने की बात कह रहे थे। कार में केवल एक बैग ही मौजूद मिला, जिसमें दो लाख की कीमत का कैमरा व डॉलर सहित अन्य समान मौजूद था। जबकि गायब बैग में तीन मोबाइल, आईडी, पासपोर्ट सहित अन्य समान होने की बात कही जा रही है। यहां पर गौर करने वाली बात हैं कि बिना कार का लॉक व शीशा टूटे आखिर कार से बैग कैसे चोरी हो सकता है। पुलिस ने कार चालक को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ कर रही है।

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